52 ईश्वर-साक्षात्कार के समय अंदर क्या होता है? संसार के द्रव्यों में ऊर्जा ईश्वर देता है? (समाप्त)
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- เผยแพร่เมื่อ 26 ก.ย. 2024
- ईश्वर विषयक प्रवचन श्रृंखला का यह अंतिम प्रवचन है।
अब यह श्रृंखला पूरी हुई, कल से आयुर्वेद विषय के प्रवचन प्रकाशित होंगे।
Aarsh Nyas - is organization driven by vedic scholars, which has sole purpose of making ved , upanishad and darshan understanding in easy and scientific way.
विश्व के सभी मनुष्य दुःख को दूर कर सुख को प्राप्त करना चाहते हैं, दुःख का कारण अज्ञान है, सभी ज्ञान का मुख्य स्रोत वेद है. महर्षि मनु ने "सर्वज्ञानमयो हि स:" कह कर वेद को ही समस्त ज्ञान का मूल माना है, "वेदोsखिलो धर्ममूलम्" मनुस्मृति २-६ में वेद को धर्म का मूल उलेखित किया है, "धर्मं जिज्ञासमानानाम् प्रमाणम् परमं श्रुति: " अर्थात् जो धर्म का ज्ञान प्राप्त करना चाहते हैं उनके लिए परम प्रमाण वेद है.
इन आर्ष ग्रंथों के सरलतम रूप में प्रचार प्रसार एवं इससे सम्बंधित कार्य में कार्यरत ब्रह्मचारी, संन्यासी आर्यवीरों के सहयोग हेतु आर्ष न्यास का गठन दिनांक 16 अगस्त 2011 को स्वामी Vishvang जी, आचार्य सत्यजित् जी, श्री सुभाष स्वामी, श्री आदित्य स्वामी एवं श्री रामगोपाल गर्ग के द्वारा अजमेर में किया गया.
आर्ष न्यास आध्यात्मिक एवं व्यावहारिक विषयों को जिज्ञासा समाधान, उपनिषद् भाष्य, पुस्तक एवं कथा के माध्यम से प्रस्तुत करने में अग्रणी है।
Bahut gyanvardhk hrridaya se kotish Naman vandan dhanyawad
🍁🌱🌸🙏🙏🙏
Om Namaste muniji
Guruji namaste
सत्यजीत सर ईश्वर का ध्यान करना और चिंतन करना क्या दोनों एक है की अलग है
Muniji samadhi avastha me jo uurja bahmrandhra me hoti h vah parmatma ki hoti h ya prikrati ki, kripa kar ke batave, Sadar namaste ji , dhanyawad
Guruji sir nahi hai ji