#श्रीसूक्त_स्तोत्रम् (ऋग्वेद से) ( Ver: 2024 ) #Shri_Suktam, #shrI_sUkta #Rigveda, My Simp[lified PDF-File Link: drive.google.com/file/d/1BBx3qUUVOh6PeZ1ndZGZDwz3h_Hb_RNn/view?usp=sharing श्री सूक्त 'पञ्च सूक्तों' में से एक है, ( पंच सूक्त - पुरुष सूक्तम, विष्णु सूक्तम, श्री सूक्तम, भू सूक्तम, नील सूक्तम ) । देवी महालक्ष्मी को समर्पित यह स्तोत्र ऋग्वेद से लिया गया है । देवी की कृपा से सुख प्राप्ति के लिए इस स्तोत्र का पाठ किया जाता है । यहाँ यह भी जान लेना आवश्यक है कि श्री सूक्त तीन प्रकार से मिलते हैं जिनमे कुछ श्लोकों का और इनकी रचना के समय का अंतर है । प्रमुख रूप से इस स्तोत्र के तीन प्रकार हैं - 1. पहले प्रकार में श्लोक १-१५ तक है, यह प्राचीन और मूल स्तोत्र है । 2. दूसरे प्रकार में 1-29 श्लोक हैं । 3. तीसरा प्रकार श्री सूक्त का नवीनतम रूप है जिसमे लगभग 37 श्लोक हैं । य: शुचि: प्रयतो भूत्वा जुहुयादाज्यमन्वहम् । सूक्तं पंचदशर्चं च श्रीकाम: सततं जपेत् ।।१६ ।। जिसे लक्ष्मी की कामना हो, वह प्रतिदिन पवित्र और संयमशील होकर अग्नि में घी की आहुतियां दे तथा इन पंद्रह ऋचाओं वाले ‘श्री-सूक्त’ का निरन्तर पाठ करे । श्री-सूक्त में पन्द्रह ऋचाएं हैं । माहात्म्य सहित सोलह ऋचाएं मानी गयी हैं क्योंकि किसी भी स्तोत्र का बिना माहात्म्य के पाठ करने से फल प्राप्ति नहीं होती । अत: सोलह ऋचाओं का पाठ करना चाहिए । ऋग्वेद में वर्णित श्री-सूक्त के द्वारा जो भी श्रद्धापूर्वक लक्ष्मी का पूजन करता है, वह सात जन्मों तक निर्धन नहीं होता । ‘श्री-सूक्त’: ऐश्वर्य और समृद्धिदायक हे अग्निदेव! कभी नष्ट न होने वाली उन स्थिर लक्ष्मी का मेरे लिए आवाहन करें जो मुझे छोड़कर अन्यत्र नहीं जाने वाली हों, जिनके आगमन से बहुत-सा धन, उत्तम ऐश्वर्य, गौएं, दासियां, अश्व और पुत्रादि को हम प्राप्त करें । ऐश्वर्य और समृद्धि की कामना से इस 'श्री-सूक्त' के मन्त्रों का जप तथा इन मन्त्रों से हवन, पूजन अमोघ फलदायक है । पद्मानने पद्मविपद्मपत्रे पद्मप्रिये पद्मदलायताक्षि । विश्वप्रिये विष्णुमनोऽनुकूले त्वत्पादपद्मं मयि सं निधत्स्व ।। कमल के समान मुख वाली! कमलदल पर अपने चरणकमल रखने वाली! कमल में प्रीती रखने वाली ! कमलदल के समान विशाल नेत्रों वाली! सारे संसार के लिए प्रिय! भगवान विष्णु के मन के अनुकूल आचरण करने वाली! आप अपने चरणकमल को मेरे हृदय में स्थापित करें । देवी लक्ष्मी विष्णुपत्नी हैं, सुवर्णवर्णा, चतुर्भुजा और अनिन्द्य सौन्दर्य से सम्पन्न हैं । दिव्य आभूषणों से भूषित व कमल के आसन पर विराजमान हो अपने कृपाकटाक्ष से भक्तों की समस्त कामनाओं की पूर्ति करती हैं । लक्ष्मीजी की दृष्टिमात्र से निर्गुण मनुष्य में भी शील, विद्या, विनय, औदार्य, गाम्भीर्य, कान्ति आदि समस्त गुण आ जाते हैं । Shri-Sukta-Lakshmi-Shri-Kamala-Kalpa-Taru-Shri Sukta-Book-Part.pdf Link: drive.google.com/open?id=1_TqVuZrXc-XtfpmGl7T0XHQsOIQp9qsB Shri-Sukta-(Rigveda) Hindi Meanings (2024) See : drive.google.com/file/d/1syYxuqdjTZDGBE7nxoh141O24I2ZwooZ/view?usp=sharing Shri-Sukta-(Rigveda) In English and Hindi Meanings Word By Word (2024) Link: drive.google.com/file/d/1DFe3Q7ouHPyXqhhJX3zNtcXXIZTCVIqe/view?usp=sharing Various Suktas with Meanings: (old Edition) By Krishnanand, My Link: drive.google.com/file/d/1u9mkWHISQp73ALeiubb7ddPIvmo0QXDo/view?usp=sharing Various Suktas with Meanings: (New Edition) By Krishnanand, See Parent Website, Link: www.swami-krishnananda.org/invoc/Daily_Invocations.pdf Three Suktams and Many Versions Articles: See Parent Website, www.mantravijaya.com/uploads/1/0/9/0/10908678/three_suktams_many_versions.pdf Samputita Shree Sooktam v1 On: BhartiWeb drive.google.com/file/d/1aWO4abS-fdYQZpLkZ9EANSfesflngNhY/view?usp=sharing #श्रीसूक्त_स्तोत्रम् (ऋग्वेद से) ( Ver: 2024 ) #Shri_Suktam #shrI_sUkta #Rigveda New Video: 2024. th-cam.com/video/12x89fbgeEk/w-d-xo.html #e2Learn_By_VRakesh, #e2Learn_By_Rakesh,, #e2Learn, #VRakesh, श्री श्रीसूक्त स्तोत्रम् (ऋग्वेद से) , #ShrI_sUkta (Rigveda), #Shree_Suktam, #Lakshmi_Stotra, #Siddha_Lakshmi_Stotra, #Lakshmi_Suktam, #Lakshmi_Mantra, #Devi_Suktam, #Shri_MahaLakshmi_Suktam, Thanks Please Share
🙏।। दंडवत् प्रणाम महात्मा।। 🙏 🌹।। ॐ श्री महालक्ष्मीयै नमो नमः।। 🌹 आप साक्षात श्रीलक्षमी माता का आशीर्वाद पा कर, सनातन धर्म के प्रचार -प्रसार के लिए जन्म लिए है। आप का बहुत बहुत धन्यवाद। 🙏🌹🙏
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श्री सूक्त 'पञ्च सूक्तों' में से एक है,
( पंच सूक्त - पुरुष सूक्तम, विष्णु सूक्तम, श्री सूक्तम, भू सूक्तम, नील सूक्तम ) ।
देवी महालक्ष्मी को समर्पित यह स्तोत्र ऋग्वेद से लिया गया है ।
देवी की कृपा से सुख प्राप्ति के लिए इस स्तोत्र का पाठ किया जाता है ।
यहाँ यह भी जान लेना आवश्यक है कि श्री सूक्त तीन प्रकार से मिलते हैं
जिनमे कुछ श्लोकों का और इनकी रचना के समय का अंतर है ।
प्रमुख रूप से इस स्तोत्र के तीन प्रकार हैं -
1. पहले प्रकार में श्लोक १-१५ तक है, यह प्राचीन और मूल स्तोत्र है ।
2. दूसरे प्रकार में 1-29 श्लोक हैं ।
3. तीसरा प्रकार श्री सूक्त का नवीनतम रूप है जिसमे लगभग 37 श्लोक हैं ।
य: शुचि: प्रयतो भूत्वा जुहुयादाज्यमन्वहम् ।
सूक्तं पंचदशर्चं च श्रीकाम: सततं जपेत् ।।१६ ।।
जिसे लक्ष्मी की कामना हो, वह प्रतिदिन पवित्र और संयमशील होकर अग्नि में घी की आहुतियां दे
तथा इन पंद्रह ऋचाओं वाले ‘श्री-सूक्त’ का निरन्तर पाठ करे ।
श्री-सूक्त में पन्द्रह ऋचाएं हैं । माहात्म्य सहित सोलह ऋचाएं मानी गयी हैं
क्योंकि किसी भी स्तोत्र का बिना माहात्म्य के पाठ करने से फल प्राप्ति नहीं होती ।
अत: सोलह ऋचाओं का पाठ करना चाहिए । ऋग्वेद में वर्णित श्री-सूक्त के द्वारा
जो भी श्रद्धापूर्वक लक्ष्मी का पूजन करता है, वह सात जन्मों तक निर्धन नहीं होता ।
‘श्री-सूक्त’: ऐश्वर्य और समृद्धिदायक
हे अग्निदेव! कभी नष्ट न होने वाली उन स्थिर लक्ष्मी का मेरे लिए आवाहन करें जो मुझे छोड़कर अन्यत्र नहीं जाने वाली हों,
जिनके आगमन से बहुत-सा धन, उत्तम ऐश्वर्य, गौएं, दासियां, अश्व और पुत्रादि को हम प्राप्त करें ।
ऐश्वर्य और समृद्धि की कामना से इस 'श्री-सूक्त' के मन्त्रों का जप तथा इन मन्त्रों से हवन, पूजन अमोघ फलदायक है ।
पद्मानने पद्मविपद्मपत्रे पद्मप्रिये पद्मदलायताक्षि ।
विश्वप्रिये विष्णुमनोऽनुकूले त्वत्पादपद्मं मयि सं निधत्स्व ।।
कमल के समान मुख वाली! कमलदल पर अपने चरणकमल रखने वाली! कमल में प्रीती रखने वाली !
कमलदल के समान विशाल नेत्रों वाली! सारे संसार के लिए प्रिय! भगवान विष्णु के मन के अनुकूल आचरण करने वाली!
आप अपने चरणकमल को मेरे हृदय में स्थापित करें ।
देवी लक्ष्मी विष्णुपत्नी हैं, सुवर्णवर्णा, चतुर्भुजा और अनिन्द्य सौन्दर्य से सम्पन्न हैं ।
दिव्य आभूषणों से भूषित व कमल के आसन पर विराजमान हो अपने कृपाकटाक्ष से भक्तों की समस्त कामनाओं की पूर्ति करती हैं ।
लक्ष्मीजी की दृष्टिमात्र से निर्गुण मनुष्य में भी शील, विद्या, विनय, औदार्य, गाम्भीर्य, कान्ति आदि समस्त गुण आ जाते हैं ।
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Samputita Shree Sooktam v1
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🙏।। दंडवत् प्रणाम महात्मा।। 🙏
🌹।। ॐ श्री महालक्ष्मीयै नमो नमः।। 🌹
आप साक्षात श्रीलक्षमी माता का आशीर्वाद पा कर, सनातन धर्म के प्रचार -प्रसार के लिए जन्म लिए है। आप का बहुत बहुत धन्यवाद। 🙏🌹🙏
Jai mahalakshmi 🪷🪷🙏🙏🪷🪷
Shri Laxmi suprabhatam aur shri rajarajeshwari stotra upload kare please 🙏🙏🙏🙏🙏
बिना गुरु दीक्षा के सामपुटिक श्री सूक्तम का जाप कर सकते हैं कृपया मार्गदर्शन कीजिए ❤❤