मेरे भाई यह अशोक मौर्य का खंबा नहीं है सुखी सेवनिया के आगे सांची के स्तूप बने हैं वो मौर्य काल के हे वह पास मे ही सुखी सिवानिया मे पत्थरों की खदानो मे तैयार किए जाते हैं नवाबी दौर में उनही खदान से कई पत्थर भोपाल मंगाए गए जो आज भी आप को खोजने पर सांची के आसपास गांव जंगलों में मिल जाएंगे भाई समझे यहां खम्बे के आसपास बावड़ीया थी कुछ अभी है भी यहां खेती होती थी ओर पुरानी बस्ती भी हुआ करती थी नवाब बेगम के आने जाने का का रास्ता था भोपाल रियासत का हिस्सा है यह खंबा
Really informative video 👍
बहुत अच्छी जानकारी प्राप्त हुए शहर में रह कर भी ये जानकारी से अनजान थे
Thanks bhai Prem💐
बहुत बढ़िया
👍👍👍👌👌👌
So Informative 🤟🤟
Thank you
बहुत सुंदर मित्र
Thanks avdhesh bhai
🤘
Thanks manju
मेरे भाई यह अशोक मौर्य का खंबा नहीं है सुखी सेवनिया के आगे सांची के स्तूप बने हैं वो मौर्य काल के हे वह पास मे ही सुखी सिवानिया मे पत्थरों की खदानो मे तैयार किए जाते हैं नवाबी दौर में उनही खदान से कई पत्थर भोपाल मंगाए गए जो आज भी आप को खोजने पर सांची के आसपास गांव जंगलों में मिल जाएंगे भाई समझे यहां खम्बे के आसपास बावड़ीया थी कुछ अभी है भी यहां खेती होती थी ओर पुरानी बस्ती भी हुआ करती थी नवाब बेगम के आने जाने का का रास्ता था भोपाल रियासत का हिस्सा है यह खंबा