॥ जय जय शंकर, हर हर शङ्कर ॥ ॥ जय जय शंकर, हरिहर शंकर ॥ ॥ जय जय शंकर, हर हर शङ्करः ॥ ॥ जय जय शंकर, हर हर शङ्कर ॥ ॥ जय जय शंकर, हरिहर शंकर ॥ ॥ जय जय शंकर, हर हर शङ्करः ॥ ॥ जय जय शंकर, हर हर शङ्करः ॥
।। वंदे महापुरुष ते चरणार विंदम्म।। Shri pujaniya Gurudev Shri Anant vibhushith purvanamay rigvediya Goverdhan math Puri pithadhishwar Shrimad Jagadguru Shankaracharya ji Mahabhag ke Shri Kamal caharon mein dandwat vandan. Hindu Nagar Shivganj, Rajasthan, Bharat. माघ शुक्ल 13, सम्वत 2080..… तद्नुसार गुरुवार। 22.02.2024 ।। जय श्री गौ माता।। ।।जय श्री सनातन धर्म।। ।।जय श्री सनातन संस्कृति।। ।।जय श्री सनातन धरा।। ।।वंदे मातरम्।। ।। जय श्री मां भारती।। ।। ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ।।
DHARMA KI JAYA HO ADHARMA KA NAASH HO PRANIYO MEIN SADHBHAVNA HO VISHVA KA KALYAN HO GAUMATA KI JAYA HO GAU HATYA BANDH HO BHARAT AKHANDA HO HAR HINDU SENA HO HAR HINDU SANATANI HO PUJYAPAD DHARMA SAMRAT SHREE SWAMI KARPATRIJI MAHARAJ KI JAYA SHREE MAJJAGATGURU SHANKARACHARYA PURI PITHADHISHVAR BHAGVAN KI JAYA HO NAMAHA PARVATI PATAYE HARA HARA MAHADEVA
***Ponga pandit se nahi sacche atmgyani mahapurusho se Sanatan dhaaja laharayegi jinke hriday me Brahm Satya jaganmithya ka sthiti hay ...kora shabd gyan khonkhala hay jese Paani Jal kahene matra se trushnabhuja nahi sakti nahi kisi professor se jo Water par lecture de ......Ek Hitkari jo sidha paani pilane us Trishna ko mita ke hriday alhad deve voh hay saccha sanatani singh !***
Jagat mithya nahi he maharaj sab kuch Jagat se hi he ye shareer, mind, gyaan, sab kuch samjho thoda plz kisi ne kah diya usako bina jaane fellow karna sirf murkhta he aur kuch nahi.
“ब्रह्मसत्यं जगन्मिथ्या” इस महावाक्यमें मिथ्या शब्दका अर्थ वन्ध्यापुत्र-सदृश अलीक या अभाव नहीं होता, प्रत्युत यहाँ प्रसंगानुसार परिवर्तनशील कार्य प्रपञ्चके अनिर्वचनीयत्वका वाचक ही यह शब्द है - जैसा कि “वाचारम्भण” श्रुति (छान्दोग्य) से स्पष्ट है। श्रीगुरुदेव - परमपूज्य श्रीमज्जगद्गुरु शंकराचार्यजीने - सिद्धांत भली प्रकार श्रुति, युक्ति और अनुभूतिके आधारपर बार बार स्पष्ट कर दिया है। श्रीमात्रे नमः। हर हर शंकर। जय जय शंकर॥ श्रीराम जय राम जय जय राम॥
@@Surendrakumarswami1, आपको कुछ अस्पष्ट प्रतीत होता हो, तो यह आपके मतिविभ्रमके कारण है। शास्त्रसिद्धान्त तो महापुरुषोंने कृपापूर्वक अपने अधिकारी शिष्योंको परम्परासे समझा दिया है। अनन्त ईश्वर (देशकृत, कालकृत वस्तुकृत परिच्छेदशून्य) द्वैतमें कभी सिद्ध ही नहीं होता। ऐसेमें ब्रह्मशक्ति अनिर्वचनीया कार्यानुमेया प्रकृति (जो न सर्वथा सत्, न सर्वथा असत्, ना सदसत् अतः अनिर्वचनीया है) का ही परिणाम यह जगत् है, और अद्वितीय ब्रह्मसत्ताका विवर्तमात्र है। अद्वितीय सत्य-ज्ञान-अनन्त कूटस्थ ब्रह्म ही परमार्थतः सत्य है। व्यवहारमें उस अद्वैत सत्तामें ही द्वैत अर्थात् परिवर्तनशील संसार (जीव और माया) का भ्रम (विवर्त) ब्रह्म शक्ति मायाके प्रभावसे होता है - यह भेद (शक्ति-शक्तिमानका भेद अथवा कार्य-कारणका भेद) व्यावहारिक ही है पारमार्थिक नहीं। राधे राधे। श्रीमात्रे नमः। हर हर शंकर। जय जय शंकर॥ श्रीराम जय राम जय जय राम॥
नारायणाखिलगुराेभगवन्नमस्ते🚩🚩🚩🔱🔱🔱
।। वंदे महापुरुष ते चरणार विंदम्म।।
Shri pujaniya Gurudev Shri Anant vibhushith purvanamay rigvediya Goverdhan math Puri pithadhishwar Shrimad Jagadguru Shankaracharya ji Mahabhag ke Shri Kamal caharon mein dandwat vandan.
Hindu Nagar Shivganj, Rajasthan
।। फाल्गुन शुक्ल,5, सम्वत 2080.।।
तद्नुसार गुरुवार,14.03.2024
8.20ए एम।
।। जय श्री गौ माता।।
।।जय श्री सनातन धर्म।।
।।जय श्री सनातन राष्ट्र।।
।।जय श्री सनातन संस्कृति।।
।।जय श्री सनातन धरा।।
।। वंदे मातरम्।।
।।जय श्री मां भारती।।
।। ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ।।
॥ जय जय शंकर, हर हर शङ्कर ॥
॥ जय जय शंकर, हरिहर शंकर ॥
॥ जय जय शंकर, हर हर शङ्करः ॥
॥ जय जय शंकर, हर हर शङ्कर ॥
॥ जय जय शंकर, हरिहर शंकर ॥
॥ जय जय शंकर, हर हर शङ्करः ॥
॥ जय जय शंकर, हर हर शङ्करः ॥
पूज्य गुरुदेव के चरणों में कोटि कोटि प्रणाम 🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼
हर हर महादेव
गुरुदेव भगवान शंकराचार्य भगवान स्वामी श्री को नमन
कोटी कोटी प्रणाम् गुरुदेव 🙏🙏
Jai Gurudev
Koti Koti Naman
।। वंदे महापुरुष ते चरणार विंदम्म।।
Shri pujaniya Gurudev Shri Anant vibhushith purvanamay rigvediya Goverdhan math Puri pithadhishwar Shrimad Jagadguru Shankaracharya ji Mahabhag ke Shri Kamal caharon mein dandwat vandan.
Hindu Nagar Shivganj, Rajasthan, Bharat.
माघ शुक्ल 13, सम्वत 2080..…
तद्नुसार गुरुवार।
22.02.2024
।। जय श्री गौ माता।।
।।जय श्री सनातन धर्म।।
।।जय श्री सनातन संस्कृति।।
।।जय श्री सनातन धरा।।
।।वंदे मातरम्।।
।। जय श्री मां भारती।।
।। ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ।।
जय गुरुदेव 🙏💐
जगद्गुरू शंकराचार्य भगवान की जय हो।
श्री श्री गुरु देब भगवान जी कि जय हो,
🙏🏻जय जगन्नाथ ।जय गुरुदेव ।
जय हो परम पूज्य महाभाग शंकराचार्य स्वामी श्री निश्चलानंद जी महाराज की
Kotishah naman gurudev 🙏🏼🙏🏼🙇♀️
❤️ वन्दे मातरम् जय श्री जगन्नाथ हर हर महादेव 🚩❤️
Guruji koti koti naman
हर हर महादेव।
परम् पूज्य श्रद्धेय स्वामी जी के चरण में कोटि कोटि कोटि प्रणाम।
Pujya gurudev bhagwaan ke charno me anginat pranam
Jai Ho 🙏
ॐ नमो नारायण 🙏🌞
राम राम
Gurudev ki jay ho
Sadgurudeway namah namonarayanay
🙏🏼🙏🏼🙏🏼
जय गुरुदेव 🌸🙏🏻
Jay GuruDev 🙏🌹
Jai Shree ram har har mahadev jai Shree Krishna guru dev ji aap k charano me koti koti pranam maharaj ji 🚩🚩🚩🚩🚩🙏🙏🙏
गुरु देव भगवान के चरणों में कोटि-कोटि प्रणाम 🙏🚩🙏
हर हर महादेव स्वामी जी 👏👏👏👏👏🌸💮🌺🏵️🌹
Har Har Mahadav ❤❤❤
Shankaracharya bhagwan ki Jai
Jai guru dev Jay ho 🙏
Jagatguru Shankaracharya Bagwaan ki Jai
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
DHARMA KI JAYA HO ADHARMA KA NAASH HO PRANIYO MEIN SADHBHAVNA HO VISHVA KA KALYAN HO GAUMATA KI JAYA HO GAU HATYA BANDH HO BHARAT AKHANDA HO HAR HINDU SENA HO HAR HINDU SANATANI HO PUJYAPAD DHARMA SAMRAT SHREE SWAMI KARPATRIJI MAHARAJ KI JAYA SHREE MAJJAGATGURU SHANKARACHARYA PURI PITHADHISHVAR BHAGVAN KI JAYA HO NAMAHA PARVATI PATAYE HARA HARA MAHADEVA
🙏🙏🙏🙏🙏🙏
হরে কৃষ্ণ🙏🙏🙏
हे महात्मन, हे महाज्ञानी आपके चरणों में मेरी निष्ठा सदैव बनी रहे यही प्रार्थना है।
इस अधम जीव को अपना लो नाथ
Please repeat it ;the backround voice makes it quiet difficult to listen even.
Guru ji aur sabhi Ko pranam. Kirpya sound ki quality sahi kejiye.
😊
🪔🙏
***Ponga pandit se nahi sacche atmgyani mahapurusho se Sanatan dhaaja laharayegi jinke hriday me Brahm Satya jaganmithya ka sthiti hay ...kora shabd gyan khonkhala hay jese Paani Jal kahene matra se trushnabhuja nahi sakti nahi kisi professor se jo Water par lecture de ......Ek Hitkari jo sidha paani pilane us Trishna ko mita ke hriday alhad deve voh hay saccha sanatani singh !***
Jagat mithya nahi he maharaj sab kuch Jagat se hi he ye shareer, mind, gyaan, sab kuch samjho thoda plz kisi ne kah diya usako bina jaane fellow karna sirf murkhta he aur kuch nahi.
“ब्रह्मसत्यं जगन्मिथ्या” इस महावाक्यमें मिथ्या शब्दका अर्थ वन्ध्यापुत्र-सदृश अलीक या अभाव नहीं होता, प्रत्युत यहाँ प्रसंगानुसार परिवर्तनशील कार्य प्रपञ्चके अनिर्वचनीयत्वका वाचक ही यह शब्द है - जैसा कि “वाचारम्भण” श्रुति (छान्दोग्य) से स्पष्ट है। श्रीगुरुदेव - परमपूज्य श्रीमज्जगद्गुरु शंकराचार्यजीने - सिद्धांत भली प्रकार श्रुति, युक्ति और अनुभूतिके आधारपर बार बार स्पष्ट कर दिया है।
श्रीमात्रे नमः।
हर हर शंकर। जय जय शंकर॥
श्रीराम जय राम जय जय राम॥
@@MishraPranav Aapne jo likha he wohi aspashth aur mithya he thoda adhyaan keejiye aise hi kuch bhi na likhiye...kutark kabhi satya nahi ho sakte.
@@Surendrakumarswami1, आपको कुछ अस्पष्ट प्रतीत होता हो, तो यह आपके मतिविभ्रमके कारण है। शास्त्रसिद्धान्त तो महापुरुषोंने कृपापूर्वक अपने अधिकारी शिष्योंको परम्परासे समझा दिया है।
अनन्त ईश्वर (देशकृत, कालकृत वस्तुकृत परिच्छेदशून्य) द्वैतमें कभी सिद्ध ही नहीं होता। ऐसेमें ब्रह्मशक्ति अनिर्वचनीया कार्यानुमेया प्रकृति (जो न सर्वथा सत्, न सर्वथा असत्, ना सदसत् अतः अनिर्वचनीया है) का ही परिणाम यह जगत् है, और अद्वितीय ब्रह्मसत्ताका विवर्तमात्र है। अद्वितीय सत्य-ज्ञान-अनन्त कूटस्थ ब्रह्म ही परमार्थतः सत्य है। व्यवहारमें उस अद्वैत सत्तामें ही द्वैत अर्थात् परिवर्तनशील संसार (जीव और माया) का भ्रम (विवर्त) ब्रह्म शक्ति मायाके प्रभावसे होता है - यह भेद (शक्ति-शक्तिमानका भेद अथवा कार्य-कारणका भेद) व्यावहारिक ही है पारमार्थिक नहीं।
राधे राधे।
श्रीमात्रे नमः।
हर हर शंकर। जय जय शंकर॥
श्रीराम जय राम जय जय राम॥
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🔥🪔🚩🙏