Jeevan Prabhat 1832 | July 19, 2024 | चांद्रायण तप गुरु के निर्देशन में करें।| Sudhanshu ji Maharaj

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  • เผยแพร่เมื่อ 16 ต.ค. 2024
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    Title:- स्वयं को तपस्वी बनाकर सेवा में लगायें।
    Description :- हमारे अंदर के कौशल का विकास गुरु के निर्देशन में होता है या स्वयं की अभ्यास से होता है। अभ्यास करते रहने से हमारे अंदर की विद्याएं जागृत होती रहती है ।और हमारे अंदर के टैलेंट को हमारे पूर्व जन्म के संस्कार के अनुसार हमारे गुरु ढूंढते हैं या फिर हमारे माता-पिता ढूंढ कर उसे विकसित करने के लिए जोर लगाते हैं । तभी हम समाज में एक विशेष व्यक्ति बनते हैं। अभ्यास और तप प्रत्येक व्यक्ति को करना चाहिए। हम अपने शरीर को तपस्वी बनाकर सेवा में लगायें ।भगवान कहते हैं कि यही तप है और इसे सभी को करना चाहिए। हमारी संस्कृति में जप तप को बहुत बड़ा स्थान दिया गया है। 12 तरह के तप होते हैं जिसमें एक तप चंद्रयान तप होता है। यह वर्ष में एक बार 30 दिन के लिए पूर्णिमा से पूर्णिमा तक का होता है। यह तप गुरु के निर्देशन में सभी को करना चाहिए.
    His Holiness Sudhanshu Ji Maharaj is a global spiritual leader and motivational guru from India. He is also the founding member of Vishwa Jagriti Mission also known as VJM. VJM is an initiative which works towards religious awakening and better overall health of all living creatures.
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