चादर हो गई बहुत पुरानी, अब तो सोच समझ अभिमानी।। अजब जुलाहा चादर बीनी, सूत करम की तानी सुरत निरति का भरना दीनीे, तब सबके मन मानी।। मैले दाग पड़े पापन के, विषयन में लपटानी ज्ञान का साबुन लाय न धोया, सत्संगति का पानी।। भई खराब गई अब सारी, लोभ मोह में सानी सारी उमर ओढ़ते बीती, भली बुरी नहीं जानी।। शंका मानी जान जिय अपने, है यह वस्तु बिरानी कहैं कबीर यहि राखू यतन से, ये फिर हाथ ना आनी।। वाह जी वाह क्या बात है।
गुरुजी राजू राणा जी एवम उस्ताद जी को शत शत नमन करते हैं
Kya bat h wah ji wah kya kehne ❤️❤️❤️
वाह जी वाह अति सुंदर
Bahut acha bajarahe he ustad ji thankyu
वा ustad kya bat है
Mast mama ji❤
चादर हो गई बहुत पुरानी,
अब तो सोच समझ अभिमानी।।
अजब जुलाहा चादर बीनी, सूत करम की तानी
सुरत निरति का भरना दीनीे, तब सबके मन मानी।।
मैले दाग पड़े पापन के, विषयन में लपटानी
ज्ञान का साबुन लाय न धोया, सत्संगति का पानी।।
भई खराब गई अब सारी, लोभ मोह में सानी
सारी उमर ओढ़ते बीती, भली बुरी नहीं जानी।।
शंका मानी जान जिय अपने, है यह वस्तु बिरानी
कहैं कबीर यहि राखू यतन से, ये फिर हाथ ना आनी।।
वाह जी वाह क्या बात है।
Bhagvati dono guru jano ko salamat rakhe kya bat he
क्या बात है
Very nice nana ji
Ustad kaha rahte he
Indore ke pas depalpur mp
बालक को सीखना है हारमोनियम