Devbhumi Devdarshan || Haridwar ki Katha ||
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- เผยแพร่เมื่อ 3 ม.ค. 2025
- Puranic stories related to Haridwar #devbhoomi #haridwar #haribol #hargange
हरिद्वार को 'देवताओं का प्रवेश द्वार' कहा जाता है.
इसे मायापुरी, कपिला, और गंगाद्वार के नाम से भी जाना जाता है.
भगवान शिव के अनुयायी इसे हरिद्वार और भगवान विष्णु के अनुयायी इसे हरद्वार कहते हैं.
भक्तों का मानना है कि हरिद्वार में गंगा में डुबकी लगाने से स्वर्ग की प्राप्ति होती है.
हरिद्वार में गंगा नदी के किनारे हर की पौड़ी घाट बहुत लोकप्रिय है.
हरिद्वार में चंडी देवी मंदिर बहुत प्रसिद्ध है.
चंडी देवी मंदिर, गंगा नदी के पूर्वी किनारे पर शिवालिक श्रेणी के 'नील पर्वत' पर बना है.
स्कंद पुराण के मुताबिक, स्थानीय राक्षस राजाओं शुम्भ-निशुम्भ के सेनानायक चंड-मुंड को देवी चंडी ने यहीं मारा था.
चंडी देवी मंदिर में मुख्य प्रतिमा की स्थापना आठवीं सदी में आदि शंकराचार्य ने की थी.
हरिद्वार में हरे भरे जंगल और छोटे तालाब हैं.
यहां पानी साफ़ और शांत है. हरिद्वार को 'देवताओं का प्रवेश द्वार' कहा जाता है.
इसे मायापुरी, कपिला, और गंगाद्वार के नाम से भी जाना जाता है.
भगवान शिव के अनुयायी इसे हरिद्वार और भगवान विष्णु के अनुयायी इसे हरद्वार कहते हैं.
भक्तों का मानना है कि हरिद्वार में गंगा में डुबकी लगाने से स्वर्ग की प्राप्ति होती है.
हरिद्वार में गंगा नदी के किनारे हर की पौड़ी घाट बहुत लोकप्रिय है.
हरिद्वार में चंडी देवी मंदिर बहुत प्रसिद्ध है.
चंडी देवी मंदिर, गंगा नदी के पूर्वी किनारे पर शिवालिक श्रेणी के 'नील पर्वत' पर बना है.
स्कंद पुराण के मुताबिक, स्थानीय राक्षस राजाओं शुम्भ-निशुम्भ के सेनानायक चंड-मुंड को देवी चंडी ने यहीं मारा था.
चंडी देवी मंदिर में मुख्य प्रतिमा की स्थापना आठवीं सदी में आदि शंकराचार्य ने की थी.
हरिद्वार में हरे भरे जंगल और छोटे तालाब हैं.
यहां पानी साफ़ और शांत है.