"आचार्य प्रशांत संग लाइव ऑनलाइन सत्रों से जुड़ें, फ्री ईबुक पढ़ें: acharyaprashant.org/grace?cmId=m00022 'Acharya Prashant' app डाउनलोड करें: acharyaprashant.org/app?cmId=m00022 उपनिषद, गीता व सभी प्रमुख ग्रंथों पर ऑनलाइन वीडियो श्रृंखलाएँ: acharyaprashant.org/hi/courses?cmId=m00022 संस्था की वेबसाइट पर जाएँ: acharyaprashant.org/hi/home"
Arey!!! Yeh kya ho gya???.......Pardharm toh jan liye lekin Swadharm ke waqt to video hee khatam ho gya........ab pta kaise chalega ki Swadharm kya hai????😰😰😰😰😰
Bhai aacharya ji ko sun k agar tumhe nind aa jati hai to iska matlab ye hai k tumhe karna kuch nahi hai bas sun k hi sukun pao... Yahi soch bana liya aapne.... Aapko inki baato ko implement karna chahiye apne life... Aacharya ji ko sun k unki baato ka aise so kar istemaal mat karo dost.... Agar implement kar rahe hoge aap to mujhe khushi hogi... Aap tarakki karo kush raho bas👍🏻 Meri baat ko anyatha, mat lena samjhna jarur...!!
धर्म क्या है इसका वास्तविक अर्थ तब मालूम हुआ जबसे मैंने आचार्य जी को सुनना शुरू किया, और इसका परिणाम ये हुआ कि जीवन में हर एक पहलुओं को देखने का तरीका ही बदल गया। जीवन में स्पष्टता, बोध, निडरता, आत्मज्ञान , करूणा, प्रेम, और इसके साथ ही और भी बहुत कुछ बातें जो जीवन को आनंदमय बनाती है सबकुछ समझ में आने लगा।
पड़े ना गर्ज गैरों की सहारा हो तो ऐसा हो सत सत नमन आचार्य जी 😊😊😊💗💗💗💗💗🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼
परधर्म माने शरीरधर्म, समाजधर्म को और संयोगधर्म, इनपर कभी नहीं चलना है। जो इनसे बच जाता है वो इस सवाल से मुक्ति पा जाता है कि करूं क्या? स्वधर्मे निधनं श्रेयः।
श्रेयान्स्वधर्मो विगुणः परधर्मात्स्वनुष्ठितात्। स्वधर्मे निधनं श्रेयः परधर्मो भयावहः।। अच्छी प्रकार आचरण में लाये हुए दूसरे के धर्म से गुणरहित भी अपना धर्म अति उत्तम है। अपने धर्म में तो मरना भी कल्याणकारक है और दूसरे का धर्म भय को देने वाला है ।। तीन परधर्म जिनपर नही चलना है। १- शरीर धर्म २- समाज धर्म ३- संयोग धर्म 27/11/2023 Monday 06:58AM
शरीर, समाज और संयोग पर आधारित धर्म का संयुक्त नाम है- परधर्म। उसी प्रकार शरीर, समाज और संयोग के लिए एक नाम है प्रकृति। प्रकृति पर ही चलना परधर्म है। -आचार्य प्रशांत
जिसके जीवन में आचार्य जी जैसा गुरु है उसको बाहर कोई गुरु ढूंढने की जरूरत नहीं है और गुरु भगवान से कम नहीं होता मेरे आचार्य जी मेरे लिए श्री कृष्णा से कम नहीं है | प्रेम प्रणाम आचार्य जी love you 😍😍😍😊😊😊😊😊💗💗💗💗💗💗💗🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼
यह शरीर क्षण भंगुर है इसमें जो मन है वह बहुत चंचल है अपनी सुरक्षा के लिए आदमी मन से स्थायी काम कर रहा है और बड़े गर्व से बेधड़क होकर घुम रहा है लेकिन काल उसकी इस गलतफहमी में हस रहा है । मृत्यु के समय काल उसको नहीं छोडगा।
🪔 दीप जले और अंधेरा मिटे ना.. ऐसा कभी नहीं हो सकता... ज्ञान सुने और विवेक ना जागे.. ऐसा कभी नहीं हो सकता...।। ... गुरु पूर्णिमा की हार्दिक शुभकामनाएं एवं चरण वंदन प्रिय ✨🌿आचार्य जी....।🙏🏻🙇🏻♂️
मैंने कई आध्यात्मिक गुरुओं को सुना ,लेकिन मेरी खोज आचार्य प्रशांत पर आकर पूरी हुई l सत्य का इतना गहरा ज्ञान और उस सत्य को बताने में बेफिक्री, निडरता कबीर साहब के बाद आचार्य प्रशांत में ही देखने को मिली है 🙏 कोटि कोटि नमन गुरुवर प्रशांत को 🙏 धन्य हो गए हम तो आपको पाकर 🙏❤️
आचार्य जी 🙏🙏 ये वीडियो तो सर्वोच्च ज्ञान वर्धक है।। आप ने इतनी आसानी से बात को अंदर तक पहुंचा दी।। संस्था से अनुरोध है इस वीडियो का आगे का पार्ट प्लीज पब्लिश करे ।। बेसब्री से इंतजार रहेगा ।।
आपने आज मेरे दिमाग़ में एक बहुत नई बात डाल दी कि जिंदगी में भी परीक्षा के जैसे ही अच्छे उत्तर लिखो अगर अच्छे से अच्छे अंक लेने हैं! 🎉😊❤ वो अच्छे अंक जिंदगी बेहतरीन बनाते जायेंगे! 😊❤💯
समाज धर्म है- जो कुछ चला आ रहा है, न कोई अपनी सोच होनी चाहिए, न अपनी कोई मौलिक चेतना होनी चाहिए, तुम कुछ हो ही नहीं, तुम्हारी कुछ निजी दृष्टि है ही नहीं, तुम्हें देखने सोचने समझने का अधिकार ही नहीं है ये समाज धर्म है। समाज धर्म कहता है कोई भी चीज़ ठीक इसलिए है क्योंकि वो हमेशा ठीक मानी गयी। ऐसे समाज धर्म पर नहीं चलना है। -आचार्य प्रशांत
आचार्य जी इस युग के संत हैं। सभी लोग केवल सुने नहीं,जीवन में भी उतारें,तभी फ़ायदा होगा। यथा संभव दान💸 करें।🫵कौन-कौन चाहता है आचार्य जी का चैनल 100✓Milion का हो।🥰
आचार्य जी के अनुयायियों की संख्या तेजी से बढ़ते देख कर बहुत अच्छा लगता है l सत्य के प्रति और सत्य से अवगत कराने वाले आचार्य जी के प्रति लोगों का रुझान बढ़ते देख कर बहुत अच्छा लगता है l आचार्य जी को कोटि कोटि नमन 🙏🙏❤️
१. ज्यादातर लोगों का मूल प्रश्न- "क्या करूं?" २. मेने आज तक जो निर्णय लिए है, तीन ताकतों के प्रभाव में लिए है- शरीर, समाज और संयोग। ३. जो चीज जितनी प्यारी होती है, उसके लिए उतना, खतरा उठाना पड़ता है। सबसे प्यारी चीज, निजता होती है। ४. परधर्म= प्रकृति= शहर, जंगल, देह, मन। ५. मर भी जाओ, तो भी इन तीन धर्मो(परधर्म) पर, मत चलना। 🙏🏻🪔
दुनिया में ऐसा कोई भी सवाल नहीं जिसका जवाब आचार्य जी ना दे सके हर सवाल का जवाब होता हैं आचार्य जी के पास , आचार्य जी के मार्ग दर्शन से जाने कितनों जा जीवन संवर गया आचार्य जी को कोटि कोटि प्रणाम 🌸🙏🌸🙏🌸🙏🌸🙏🌸🙏🌸
शरीर और समाज धर्म के बाद तीसरा है संयोग धर्म। संयोग धर्म है- अवसरवाद। वहाँ तो कोई सिद्धांत भी नहीं होता। वहाँ बस ये होता है कि जो राह खुली देखो, उधर को चल दो। जो द्वार खुला देखो, उसी में घुस जाओ, जिसको ताकतवर देखो, उसी के पांव पकड़ लो, जिस विचारधारा को छाता देखो, उसी विचारधारा को स्वीकार कर लो, जो चलन देखो उसी चलन के हो जाओ। ये संयोगधर्म है। 'समाजधर्म' कहता है जो पीछे रहा है उसका अनुसरण कर लो और 'संयोगधर्म' कहता है जो अभी चारों तरफ चल रहा है बस उसी धारा में बह लो। -आचार्य प्रशांत
Thank you so much. You are helping in very noble cause. May God bless you.🙏😇 I hope more people will get inspired from you and will donate atleast 50-100 rupees. Our smallest contribution can make a big difference.🙌
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Sir hume apse milna hai ek bar...
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स्वधर्मे निधनं श्रेयः परधर्मो भयावहः।।3.35।।
शरीर धर्म, समाज धर्म और संयोग धर्म → ये तीनों परधर्म हैं।
रात को आचार्य जी का वीडियो देखने के बाद ही नींद आती है आचार्य जी को सुनना एक तरफ और दुनिया के सारे सुख एक तरफ 🙏🙏🙏❤️❤️❤️
bilkul sahi 🙏
100%true❤❤bhai
Arey!!! Yeh kya ho gya???.......Pardharm toh jan liye lekin Swadharm ke waqt to video hee khatam ho gya........ab pta kaise chalega ki Swadharm kya hai????😰😰😰😰😰
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India' s most knowledgeable person
प्रकृति धर्म पर नहीं चलना है माने दुनिया के इशारों पर नहीं चलना है और देह के इशारों पर नहीं चलना है।
न अच्छा न बुरा है संसार,
समझ गए तो रास्ता,
न समझे तो दीवार
आचार्य प्रशांत❤
Wow kya seeye baat kaahe hai apna
💗💗💗
रास्ता मुक्ति का
लिखकर दे रहा हु... आचार्य प्रशांत जी को आने वाले समय मे भारत रत्न से सम्मानित किया जायेगा। 🙏
धर्म क्या है इसका वास्तविक अर्थ तब मालूम हुआ जबसे मैंने आचार्य जी को सुनना शुरू किया, और इसका परिणाम ये हुआ कि जीवन में हर एक पहलुओं को देखने का तरीका ही बदल गया। जीवन में स्पष्टता, बोध, निडरता, आत्मज्ञान , करूणा, प्रेम, और इसके साथ ही और भी बहुत कुछ बातें जो जीवन को आनंदमय बनाती है सबकुछ समझ में आने लगा।
Great 👌
Very good fact
Pr
देह, शारीर धर्म , समाज धर्म ,और संयोग धर्म
इनकी आवाज आए तो सावधान ,खतरा है ।
🌱🙏🌱
पड़े ना गर्ज गैरों की
सहारा हो तो ऐसा हो
सत सत नमन आचार्य जी 😊😊😊💗💗💗💗💗🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼
परधर्म माने शरीरधर्म, समाजधर्म को और संयोगधर्म, इनपर कभी नहीं चलना है।
जो इनसे बच जाता है वो इस सवाल से मुक्ति पा जाता है कि करूं क्या?
स्वधर्मे निधनं श्रेयः।
श्रेयान्स्वधर्मो विगुणः परधर्मात्स्वनुष्ठितात्।
स्वधर्मे निधनं श्रेयः परधर्मो भयावहः।।
अच्छी प्रकार आचरण में लाये हुए दूसरे के धर्म से गुणरहित भी अपना धर्म अति उत्तम है। अपने धर्म में तो मरना भी कल्याणकारक है और दूसरे का धर्म भय को देने वाला है ।।
तीन परधर्म जिनपर नही चलना है।
१- शरीर धर्म
२- समाज धर्म
३- संयोग धर्म
27/11/2023 Monday 06:58AM
😊😊🙏🏼🙏🏼🙏🏼
जो चलता है उसे ही करना संयोग धर्म है, और जो संयोग धर्म का पालन करता है वह हमेशा दर्द और दुःख में रहता हैं
यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत । अभ्युत्थानमधर्मस्य तदात्मानं सृजाम्यहम् ।। परित्राणाय साधूनाम् विनाशाय च दुष्कृताम् । धर्मसंस्थापनार्थाय सम्भवामि युगे युगे ।।🎉🎉 🙏🕉️
जो चीज़ जितनी प्यारी होती है उसके लिए उतने खतरे उठाने पड़ते हैं - सबसे प्यारी चीज़ होती है अपनी निजता।
👍💯
गुरु नानक देव जी की जयंती की लख लख बधाइयां आप सभी को 🙏🙏🙏
शरीर, समाज और संयोग पर आधारित धर्म का संयुक्त नाम है- परधर्म।
उसी प्रकार शरीर, समाज और संयोग के लिए एक नाम है प्रकृति।
प्रकृति पर ही चलना परधर्म है।
-आचार्य प्रशांत
जिसके जीवन में आचार्य जी जैसा गुरु है उसको बाहर कोई गुरु ढूंढने की जरूरत नहीं है और गुरु भगवान से कम नहीं होता
मेरे आचार्य जी मेरे लिए श्री कृष्णा से कम नहीं है |
प्रेम प्रणाम आचार्य जी love you 😍😍😍😊😊😊😊😊💗💗💗💗💗💗💗🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼
👍🏻🙏🏻🙏🏻
सभी दर्शक को विनंती है आचार्य प्रशांत जी के विङीयो मे जो सिध्दांतीक वाक्य और सुञ गुढ बाते कमेंट मे लिखा करे धन्यवाद
काची माया मन अथिर, थिर थिर करम करन्त।
ज्यौ ज्यौ नर निधड़क फिरै, त्यौं त्यौं काल हसन्त।।
please Explain 🙏🏼🙏🏼
यह शरीर क्षण भंगुर है इसमें जो मन है वह बहुत चंचल है अपनी सुरक्षा के लिए आदमी मन से स्थायी काम कर रहा है और बड़े गर्व से बेधड़क होकर घुम रहा है लेकिन काल उसकी इस गलतफहमी में हस रहा है । मृत्यु के समय काल उसको नहीं छोडगा।
🪔 दीप जले और अंधेरा मिटे ना..
ऐसा कभी नहीं हो सकता...
ज्ञान सुने और विवेक ना जागे..
ऐसा कभी नहीं हो सकता...।।
...
गुरु पूर्णिमा की हार्दिक शुभकामनाएं एवं चरण वंदन प्रिय ✨🌿आचार्य जी....।🙏🏻🙇🏻♂️
❤❤ मौत चुन लूंगा इन तीन को नहीं सुनूंगा।।
जब तक तुम्हारे पुराने ढर्रे चलते रहेंगे, जीवन में कुछ नहीं बदलेगा।
-आचार्य प्रशांत
कृपया संस्था को आर्थिक सहायता अवस्य करे 🙏🏼🙏🏼
मैंने कई आध्यात्मिक गुरुओं को सुना ,लेकिन मेरी खोज आचार्य प्रशांत पर आकर पूरी हुई l सत्य का इतना गहरा ज्ञान और उस सत्य को बताने में बेफिक्री, निडरता कबीर साहब के बाद आचार्य प्रशांत में ही देखने को मिली है 🙏 कोटि कोटि नमन गुरुवर प्रशांत को 🙏 धन्य हो गए हम तो आपको पाकर 🙏❤️
आचार्य जी 🙏🙏 ये वीडियो तो सर्वोच्च ज्ञान वर्धक है।।
आप ने इतनी आसानी से बात को अंदर तक पहुंचा दी।।
संस्था से अनुरोध है इस वीडियो का आगे का पार्ट प्लीज पब्लिश करे ।।
बेसब्री से इंतजार रहेगा ।।
सुकून मिलता है आपको सुनने के बाद
जाना कुछ नहीं, पर करा खूब है,
बेख़बर है पर चला खूब है,
कमाना आता है पर क्यों, पता नहीं,
निभाया कुछ नहीं, पर जताया खूब है!
आपने आज मेरे दिमाग़ में एक बहुत नई बात डाल दी कि जिंदगी में भी परीक्षा के जैसे ही अच्छे उत्तर लिखो अगर अच्छे से अच्छे अंक लेने हैं! 🎉😊❤ वो अच्छे अंक जिंदगी बेहतरीन बनाते जायेंगे! 😊❤💯
समाज धर्म है- जो कुछ चला आ रहा है,
न कोई अपनी सोच होनी चाहिए,
न अपनी कोई मौलिक चेतना होनी चाहिए,
तुम कुछ हो ही नहीं, तुम्हारी कुछ निजी दृष्टि है ही नहीं,
तुम्हें देखने सोचने समझने का अधिकार ही नहीं है
ये समाज धर्म है।
समाज धर्म कहता है कोई भी चीज़ ठीक इसलिए है क्योंकि वो हमेशा ठीक मानी गयी।
ऐसे समाज धर्म पर नहीं चलना है।
-आचार्य प्रशांत
❤❤Parnam 🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️
परधर्म भयावह: ।
प्रणाम आचार्य जी 🌹🌹🙏🙏
स्वधर्मे निधनं श्रेयः परधर्मो भयवाह 🙏❤️😘🔥🌹🌹🌹🌹🌹🌹
जो चीज़ जितनी प्यारी होती है न उसके लिए उतने ख़तरे उठाने पड़ते हैं।
सबसे प्यारी चीज़ होती है अपनी निजता
और वो तो ख़तरे उठाकर ही मिलती है।
-आचार्य प्रशांत
मनवा तू क्यों बवरा, तेरी सूध कयो खोय।
मौत आय सिर पर खड़ी, ढलते बेर न होय।।
23 million subscribers indicate that youth of India on right track...happy to see
आचार्य जी इस युग के संत हैं। सभी लोग केवल सुने नहीं,जीवन में भी उतारें,तभी फ़ायदा होगा।
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Ryt Bhai 😅
आपको सुनने से बहुत मन की शांति मिलती है, ❤❤❤❤
मर जाओ तो भी परधर्म का पालन मत करना।
मौत चुन लेना इन तीन को मत चुनना।
Thank you acharya ji
परधर्म का पालन नहीं करना चाहे जो भी कीमत कीमत चुकानी पड़े ।🙏☀️❤️🌍
वंदन सतगुरु संत जन पद रज धर मम् शीस |
मात पिता को नमन कर जगतारण जगदीश |||
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मुरख शब्द न मानई , धर्म न सूनै विचार।
सत्य शब्द नहिं खोजई, जावै यम के द्वार।।
आचार्य जी के अनुयायियों की संख्या तेजी से बढ़ते देख कर बहुत अच्छा लगता है l सत्य के प्रति और सत्य से अवगत कराने वाले आचार्य जी के प्रति लोगों का रुझान बढ़ते देख कर बहुत अच्छा लगता है l
आचार्य जी को कोटि कोटि नमन 🙏🙏❤️
परम सुख-शांति-आनंद-तृप्ति-संतुष्टि सम्पन्न सनातन जीवन, स्व धर्म आचरण तन्त्र (विधान-व्यवस्था-न्याय-नियम) की, यथा-अर्थ पहचान-प्रमाण-परिणाम है.....
Sir please iska part 2 release karen 🙏
जो चीज़ जितनी प्यारी होती है उसके लिए उतने ही खतरे उठाने पड़ते हैं। सबसे प्यारी चीज़ होती है अपनी निजता। 🙏🙏🙏
Acharya ji 🙏🙏
Apko sunne se bhaut shanti milti h
Meri life me b bahut kuch ghat raha Acharya ji
भीड़ का चयन करने का मतलब ही है अपनी निजता का सौदा कर लेना। 🙏🙏🙏
yodhha maanga jaa rha h , yuddh jaari h❤
गुरु हो तो आचार्य जी जैसा जो जीवन ही बदल दे 🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼
चार पहर धंधा गया तीन पहर रहा सोय| एक पहर भजन बिन मुक्ति कैसे होय ...शत शत नमन मेरे सबसे प्रिय आचार्य जी ... ❤❤
गीता समागम से जुड़िए ❤❤
11:01 तुमने शरीर की आवेगों को ही अपना धर्म बना लिया।
My guruji ❤❤
जीवन हमसे सही उत्तर मांगता है, पुराने उत्तर नहीं। अपनी निजता तो खतरों पर चल के ही मिलती है। भीड़ का चयन करने का मतलब है अपनी निजता का सौदा करना। 🙏 🙏
सुबह सुबह आपको सुनना बहुत कुछ बदल देता है
श्रेयान्स्वधर्मो विगुणः परधर्मात्स्वनुष्ठितात्।
स्वधर्मे निधनं श्रेयः परधर्मो भयावहः ॥
श्रीमद्भगवद्गीता (अध्याय 3 श्लोक 35 ) 😢
Prashant sir ji ko koti koti prnaam ❤❤🎉🎉
Nijta chahiye to sangharsh to karna hi prega
🙏👍🏿
परधर्म का त्याग व स्वधर्म का स्वीकार ही क्या करु? प्रश्न का उत्तर है।आचार्य जी🙏🙏
१. ज्यादातर लोगों का मूल प्रश्न- "क्या करूं?"
२. मेने आज तक जो निर्णय लिए है, तीन ताकतों के प्रभाव में लिए है- शरीर, समाज और संयोग।
३. जो चीज जितनी प्यारी होती है, उसके लिए उतना, खतरा उठाना पड़ता है। सबसे प्यारी चीज, निजता होती है।
४. परधर्म= प्रकृति= शहर, जंगल, देह, मन।
५. मर भी जाओ, तो भी इन तीन धर्मो(परधर्म) पर, मत चलना। 🙏🏻🪔
अपनी निजता अकेले चलने से hi मिलती है
Dhanyawad Acharya ji....🙏🙏
शुभ प्रभात आचार्य
प्रणाम आचार्य जी 🙏🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🙏
Koti koti naman acharya ji koti koti dhanyawad 🙏🏻🙏🏻😌
❤ We need 50 Million Subscriber To this channel please❤
इतिहास गवाह बनेगा कि आचार्य प्रशांत प्राचीन ऋषि है ✓🙏💯🚩
भीड़ का चयन मतलब स्वयं की निजता का सौदा🙏
दुनिया में ऐसा कोई भी सवाल नहीं
जिसका जवाब आचार्य जी ना दे सके
हर सवाल का जवाब होता हैं आचार्य जी
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आचार्य जी को कोटि कोटि प्रणाम 🌸🙏🌸🙏🌸🙏🌸🙏🌸🙏🌸
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Har din jab video dekhta hu to aaisa lagta hai mere savalo ka jawab mil raha hai
Mera pujya Gurudev ke Amrit charano main mera koti koti pranam naman 🙏🙏🙏💐 💐💐
My life is changing listening of acharya ji vedios thank you 🙏🏻🙏🏻
नमन...
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शरीर और समाज धर्म के बाद तीसरा है संयोग धर्म।
संयोग धर्म है- अवसरवाद।
वहाँ तो कोई सिद्धांत भी नहीं होता।
वहाँ बस ये होता है कि जो राह खुली देखो, उधर को चल दो।
जो द्वार खुला देखो, उसी में घुस जाओ,
जिसको ताकतवर देखो, उसी के पांव पकड़ लो,
जिस विचारधारा को छाता देखो, उसी विचारधारा को स्वीकार कर लो, जो चलन देखो उसी चलन के हो जाओ।
ये संयोगधर्म है।
'समाजधर्म' कहता है जो पीछे रहा है उसका अनुसरण कर लो और 'संयोगधर्म' कहता है जो अभी चारों तरफ चल रहा है बस उसी धारा में बह लो।
-आचार्य प्रशांत
आचार्य जी द्वारा बताया गया काव्यात्मक अर्थ-
आत्मा अपनी प्रकृति पराई
ध्यान दें और जान लें।
आत्मा से प्रेम ही धर्म है
प्रेम भले ही प्राण ले।। 3.35
Satnam Waheguru Ji 🙏
Dhan GuruNanak 🙏
Sab Nu GurPurab Di Lakh Lakh Wadhaiyaan 🙏
magnificent
अब जीवन कोई भी समस्या आती है आचार्य जी का विडियो सुनकर सारी समस्याओं का समाधान मिल जाता है ।
बहुत बहुत धन्यवाद आचार्य जी ❤🙏🏼🙏🏼🙏🏼🌹
Maine sahi time pr class join kr Li 😊
Great work guru dhanyvad 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
प्यारे गुरु , आप जैसा कोई नहीं , ऋषि सही मायने में ऋषि ।
प्रणाम आचार्य जी 🎉🎉
नमन आचार्य जी 🙏🏻🙏🏻♥️💐
प्रणाम आचार्य जी
पर धर्म क्या है बहुत अच्छे से समझ में आया नमन आचार्य जी🙏
आचार्य जी की हर एक बात से ह्रदय को सुकून मिलता है❤🙏🙏🙏🙏🙏
धन्यवाद आचार्य जी ❤❤हमारे जीवन में आने के लिए ❤🙏🙏
Thanks!
Thank you so much. You are helping in very noble cause. May God bless you.🙏😇
I hope more people will get inspired from you and will donate atleast 50-100 rupees. Our smallest contribution can make a big difference.🙌
Acharya ji ko sune Bina na din ghujarta hai naa raat
Pranam aacharya ji 🙏🌻🌻🌻🌻🌻🙏
अपने धर्ममें तो मरना भी कल्याणकारक है और दूसरेका धर्म भयको देनेवाला है।
अपनी ही आंखों की बात मान लेना परधर्म है।
🙏🙏
Best guidelines to follow in the present world...specially for those who do not want to be part of today's mindless society.
Thanks .
🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉
Key points:-
1) Body
2) Society
3) Coincidence