,,, आक्रोश,,,,ट्रैन नही तो वोट नही यह नारा है धौर्रा एवं वहाँ के आसपास के गांव बासियो ,

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  • เผยแพร่เมื่อ 15 ต.ค. 2024
  • धौर्रा,,ललितपुर
    रिपोर्टर विनय तिवारी
    ट्रैन नही तो वोट नही यह नारा है धौर्रा एवं वहाँ के आसपास के गांव बासियो का
    ललितपुर के ग्राम धोर्रा रेलवे स्टेशन पर ट्रेनों का ठहराव न होने की वजह से वहां के लोगों में आक्रोश
    सैकड़ो छात्र-छात्राओं की शिक्षा हो रही है प्रभावित
    कई बार रेल विभाग के आला अधिकारियों को दे चुके हैं शिकायती पत्र
    ग्रामीणों ने चलाई एक नई पहल देश के प्रधानमंत्री को भेजे जा रहे हैं हजारों पत्र उन पत्रों के माध्यम से की जा रही है धौर्रा रेलवे स्टेशन पर जल्द से जल्द ट्रेन ठहराव की मांग
    हम आपको बताते चलें कि ललितपुर रेलवे स्टेशन और बीना रेलवे स्टेशन के बीच पड़ने वाला धौर्रा रेलवे स्टेशन इस समय चर्चाओं में बना हुआ है क्योंकि यहां के ग्रामीण लगातार रेलवे स्टेशन पर ट्रेनों के ठहराव की मांग कर रहे हैं करोना कल से पहले धौर्रा रेलवे स्टेशन पर झांसी इटारसी पैसेंजर ,साबरमती एक्सप्रेस, झांसी बीना शटल, छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस ,झेलम एक्सप्रेस, ट्रेनों का संचालन होता था इन ट्रेनों से द्वारा रेलवे स्टेशन के आसपास बसे लगभग 50 गांव के यात्री अपना सफर करते थे तो वही लगभग 500 छात्र छात्राएं प्रतिदिन ललितपुर एवं अन्य शहरों के लिए अपनी पढ़ाई करने के लिए आते जाते थे वहीं ट्रेनों के ठहराव न होने की वजह से अब इन सभी छात्र-छात्राओं की पढ़ाई बाधित हो रही है सूत्रों की माने तो यह आक्रोश इतना बढ़ चुका है कि आने वाले लोकसभा चुनाव में वोट न डालने का भी निर्णय ग्राम वासियों के द्वारा लिया जा रहा है जिसमें सबसे अधिक संख्या नए वोटरों की है जिनकी पढ़ाई बाधित हो रही है धौर्रा ग्राम वासी एवं आसपास के गांव के लोगों ने एक मुहीम चालू की है जिसमें डाक के द्वारा लगभग 10 हजार पत्र देश के प्रधानमंत्री को भेजे जा रहे हैं जिनमें मांग की जा रही है कि धौर्रा रेलवे स्टेशन पर जल्द से जल्द ट्रेनों का ठहराव किया जाए जिससे यहां के ग्रामीणों को हो रही परेसानी से निजात मिल सके एवं जो बच्चे पढ़ाई करने के लिए गांव से निकलकर शहरों की ओर जाना चाहते हैं उनकी पढ़ाई पूरी हो सके

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