संकुल स्तरीय खेलकूद एवं सांस्कृतिक स्पर्धा

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  • เผยแพร่เมื่อ 8 ต.ค. 2024
  • खेलने-कूदने से बच्चे मजबूत बनते हैं और उनमें शारीरिक श्रम की क्षमता भी बढ़ती है। इस तरह सक्रिय रहने से बच्चे किसी भी काम के लिए मना नहीं करते। साथ ही साथ गिरने या चोट लगने से उनकी दर्द सहने की क्षमता बढ़ती है। इसका बच्चों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता हैं और बच्चे स्वस्थ रहते हैं।
    इसके साथ बड़े और बच्चों का आपसी सामंजस्य, प्रेम बढ़ता है। बच्चे अपने आपको मानसिक रूप से ज्यादा मजबूत और आत्मविश्वासी महसूस करते हैं इसलिए बच्चों के साथ खेलना उनपर बहुत सकारात्मक प्रभाव डालता है I

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