वर वरण(वरिक्षा)माँगलिक आयोजन!!प्रधान मैरिज़ लॉन लखनऊ!!
ฝัง
- เผยแพร่เมื่อ 21 ส.ค. 2024
- प्यारी भांजी प्रियांशी संग प्रियाशूँ को इस मंगल आयोजन की अनन्त बधाई🌹🙏🌞🌻🌼🌸🌟⭐️
पूर्ण जीवन परिचय👉मैं आचार्य श्याम जी मिश्र..!
प्रपौत्र👉🏻पूज्य प्रपितामह स्व.श्रीआसाराम जी मिश्र
पौत्र👉🏻पूज्य पितामह स्व.श्रीगोमतीप्रसाद मिश्र
पुत्र👉पूज्य माता श्रीमती सोमवती मिश्रा…!
अंश👉पूज्य पिताश्री रामसहाय मिश्र..!
स्थाई-निवास👉विकल्प खण्ड गोमतीनगर लखनऊ..!
पैत्रिक-निवास👉अटसलिया संडीला हरदोई…!
शिक्षा-स्थान👉”गुरुकुल-पद्धति”श्रीस्वामीनारदानन्दसंस्कृतविद्यापीठ ब्रह्मचर्य-आश्रम नैमिषारण्य में (1997 से 2003 सात वर्षों में)प्रथमा से उत्तर मध्यमा द्वितीय वर्ष (इण्टर) तक पढ़ाई पूर्ण हुई!!
(इण्टर)उत्तर मध्यमा के पश्चात् अनन्तश्रीवासुदेव संस्कृत महाविद्यालय-नैमिषारण्य में शास्त्री एवम् आचार्य की पढ़ाई पूर्ण हुई!!😊
योग्यता👉2004 से 2006 तक शास्त्री किया!!
उसके पश्चात्””दो विषयों में”आचार्य की परिक्षा में उत्तीर्ण होकर ”आचार्य पद की उपाधी प्राप्त किया!!
👉2007 एवं 2008 (विषय-नव्यव्याकरण)
तथा 2009 और 2010(विषय-पुराणेतिहास)में पुनः”आचार्य”की परीक्षा में उत्तीर्ण हुआ!!
नाम के पूर्व आचार्य लिखने का गौरव मिला!!धन्यवाद मेरे सभी गुरुजनों का जिनका सानिध्य मिला!!🙏!!
🌞🙏!!जयतु संस्कृतम्!!🌞🙏
शुभ पाणिग्रहण👉🏻27 फरवरी 2008 को माता पिता ने ज़िम्मेदारी बढ़ा दी मेरा विवाह श्रीमती गीता शुक्ला धर्मपत्नी श्रीराजेन्द्र शुक्ल जी की लाड़ली पुत्री शिवानी मेरी अर्द्धांगिनी बनकर मेरे जीवन में आयीं!!❤️❤️!! 06 जून 2009 को मेरी प्रथम सन्तान मेरी प्यारी बेटी नन्दिनी ने मुझे अत्यन्त आनन्दित प्रमुदित प्रफुल्लित कर दिया जो मैं शब्दों में बखान नहीं कर सकता!!
प्रभू की अनन्त कृपा हुई 29 सितम्बर 2011 को मेरे घर बालक का जन्म हुआ,इसे पाकर मेरा परिवार पूर्ण हुआ”जिसका नाम मैंने ध्रुव रखा!!
तीन भाई तीन बहनें बच्चों सभी को मिलाकर टोटल चौदह लोगों का मेरा पूर्ण परिवार है!!
🙏🌞धन्योगृहस्थआश्रम:🌞🙏
कार्यक्षेत्र👉विवाहोपरांत नवम्बर 2008 से लखनऊ शहर में प्रवास”सनैः सनैः कर्मकांड क्षेत्र में आगे बढ़ते हुए अब विभिन्न नगरों में-शहरों में-राज्यों में जाकर वैदिक आचार्यों के सहयोग से पूर्ण प्रतिभा के साथ एवम् अद्भुत वेदी रचना से एवम् वर्तमान की स्थित देखकर लोगों की पूजा पाठ में रुचि कम हो रही है!!
लोग ज़्यादा देर पूजा में बैठना नहीं चाहते इसलिए वेदमंत्रों के साथ कुछ गायन करके सभी को मन्त्रमुग्ध करने का प्रयास रहता है.!!कुछ आचार्य महानुभावों को संगीत विधा से पूजन व्यवस्था रास नहीं आ रही है”क्योंकि वो ख़ुद संगीत से परे हैं इसलिए विरोध करते हैं,लेकिन उनके विरोध से मुझे कोई आपत्ति नहीं है,आपत्ति क्यों नहीं है क्योंकि इस संगीत विधा से मैंने अनेक नास्तिकों को आस्तिक बना दिया,वो कहते हैं मेरी पूजन पाठ में रुचि नहीं थी लेकिन आपकी पूजन शैली में तीन घण्टे भी बैठ जाता हूँ तो पता भी नहीं चलता है!
कब तीन घंटे बीत गये इतना खो जाता हूँ
इसलिए समय के अनुसार आचरण करना अत्यंत आवश्यक है!!
🌞🙏जयतु भारतम् 🙏🌞
विशेषतायें👉🏻श्रीमदभागवत् कथा,रामकथा ,संगीतमय विवाह,सुंदरकांड,शतचंडी,गृहप्रवेश,श्रीमहामृत्युंजय,भूमिपूजन,भजनसंध्या आदि विभिन्न अनुष्ठानों के लिए आप सम्पर्क कर सकते हैं!!
मेरा चलभाष नम्बर👉8382 99 8888,
9919 53 19 63 पर प्रातः 10 बजे से रात्रि 10 बजे के मध्य सम्पर्क कर सकते हैं!!!
आप हमारे फ़ेसबुक से भी जुड़ सकते हैं वहाँ अधिकतम पाँच हज़ार मित्रों की संख्या पूरी हो चुकी है इसलिए friend request न भेजें अतः मुझे फ़ॉलो अवश्य करें”वहाँ भी बहुत सारी वीडियोज़ फोटोज़ मैं अपलोड करता रहता हूँ!! मेरा फ़ेसबुक लिंक है👉🏻www.facebook.c...
आभार👉🏻मेरे द्वारा कराये गये सभी अनुष्ठानों में गुरुकुल पद्धति से पढ़े मेरे सभी आचार्यगणों का बहुत अधिक सहयोग रहता है इसलिए उन सभी मित्रों का हार्दिक आभार धन्यवाद🙏🙏
और आप सभी प्रेमी मेरे अनुष्ठानों को बहुत पसन्द करते हैं सराहना करते हैं इस प्रेम के लिये आपका सादर अभिवादन!!!!🙏🙏!!
🙏✍️आचार्य श्याम जी मिश्र✍️🙏
वाह बहुत सुन्दर 👌👌
आनन्द आ गया🙏🙏🌹
🎉❤🎉❤
Sadar pranam aacharya ji 🙏🙏
आचार्य जी बहुत ही सुंदर प्रस्तुति,
महाराज जी जो गणपति जी का ध्यान आप बोलो हैं वो कहा है?
Bilkul sahi tarika aur sadgi sarahniy
धन्यवाद पाण्डेय जी
Gurudev mujhe bhi apna sath digiye kuch ashirwad mil jayega mujhe
ये बताइए कि आप पवित्री किस अंगुली में धारण करवाते हैं
मध्यमा में या अनामिका में
अनामिका
@@acharyashyamji5147 तो आप मध्यमा अंगुली क्यों स्पर्श कराते हैं
@@hridaynarayanpandey6565मैं क्या कहूँ आपकी ना समझी को या तो आपको ठीक से दिखाई नहीं देता या फिर मध्यमा और अनामिका उँगली का ज्ञान नहीं है आपको
फिर से वीडियो देखें शायद अनामिका दिख जाए
@@acharyashyamji5147 ठीक है महराज जी देख रहे हैं लेकिन वीडियो में मध्यका स्पर्श के लिए बोल रहे हैं यही बोल रहे हैं
@@acharyashyamji5147 ठीक है महराज जी देख रहे हैं लेकिन वीडियो में मध्यका स्पर्श के लिए बोल रहे हैं यही बोल रहे हैं
What pooja is this for??explain
When a father selects a boy for his daughter's marriage, first Ganesh puja is performed, that is the puja that is happening sir
I don’t understand what Gotra means? Please explain what actually it means
Gotra means we are identified by the name of the sage whose descendant we are, so we say our Gotra before our name.
Nice
thanks🙏