देह, विचार और भावना। ध्यान और आत्मसाक्षात्कार। श्री अभिमन्यु
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- เผยแพร่เมื่อ 31 ม.ค. 2025
- तुम जिस आह्लाद को पाना चाहते हो उसके तीन सोपान हैं, देह के प्रति साक्षी हो जाना। विचार के प्रति साक्षी हो जाना और भावना के प्रति साक्षी हो जाना।
जब तुम ये तीन पड़ाव पार कर लेते हो तो चौथा अपने आप प्राप्त हो जाता है जो कि तूरीय हो जाना है, अर्थात अति प्रसन्नता की वो अनुभूति जो आपके भीतर से प्रवाह कर रही है।