मै पत्थर पूजा न करू.. मेरा ईश्वर में विश्वास मै आर्यों की लाड़ली BY Ramnivas Arya Ji / Vaidik Prachar

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  • เผยแพร่เมื่อ 12 ธ.ค. 2024

ความคิดเห็น • 62

  • @ruhanigamingteachingpiano5336
    @ruhanigamingteachingpiano5336 10 หลายเดือนก่อน +3

    आर्य बनो वैदिक धर्म की जय 🙏🙏🌹🌹🙏🙏

  • @rajeshtyagi8321
    @rajeshtyagi8321 ปีที่แล้ว +4

    बहुत सुंदर चित्रण एवम शिक्षा दायक भजन।

  • @kapildevdahiyarohat9803
    @kapildevdahiyarohat9803 ปีที่แล้ว +5

    बहुत ही सुंदर भजन 👍। बहुत ही अच्छा लगा। जय हो आर्यों की 🙏

  • @myCountryShoot-rd6xi
    @myCountryShoot-rd6xi ปีที่แล้ว +3

    जब यह ईश्वर का भजन कर रहे थे जब तिजारा के विधायक इनका सम्मान करने आए थे और 24 पूलिस भी सुरक्षा के लिए आए थे।

  • @dharshandahiya862
    @dharshandahiya862 5 หลายเดือนก่อน

    Sabhi Arya samaj ko parnam

  • @jagpalsingh927
    @jagpalsingh927 ปีที่แล้ว +3

    Om namaste ji good

  • @shresthakarma5095
    @shresthakarma5095 ปีที่แล้ว +2

    Bahut hi sundar 🙏🙏

  • @vikasdhariwal7508
    @vikasdhariwal7508 ปีที่แล้ว +1

    🙏🙏

  • @adityachaudhary6921
    @adityachaudhary6921 11 หลายเดือนก่อน

    Proud to be aryasamaji ❤

  • @Yashvir.norangpur
    @Yashvir.norangpur 2 หลายเดือนก่อน

    🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🍕🍕🍕🍕🍕🍕🍕 you warm wishes for a birthday overflowing with love, laughter, and happiness! ❤️

  • @umashanker8
    @umashanker8 ปีที่แล้ว +1

    Sunder

  • @ramparsadjangra5839
    @ramparsadjangra5839 ปีที่แล้ว +1

    कोर्ट के अन्दर जज जो है पब्लिक के लिए होता है फैसला सुनाने के लिए लेकिन एक परिवार में तीन या चार भाई हो तो जज साहब अपने घर का फैसला नही कर सकता

  • @panditHDbarabanki
    @panditHDbarabanki ปีที่แล้ว +1

    बहुत अच्छा भजन

  • @adityaaryasaini2476
    @adityaaryasaini2476 ปีที่แล้ว +1

    Bahut Sundar

  • @bhagvatsingh4875
    @bhagvatsingh4875 ปีที่แล้ว +1

    Om.namstey.aarya.samaj.ki.jay

  • @ramjilalduddi7624
    @ramjilalduddi7624 ปีที่แล้ว

    मूर्ति पूजा जड़ पूजा है उस चेतन प्र भु की भक्ति नहीं है जैसे तुलसी दास जी ने रामचरित मानस में कहा है। ईश्वर अंश जीव अविनाशी चेतन विमल सहज सुख राशि। ।

  • @ramparsadjangra5839
    @ramparsadjangra5839 ปีที่แล้ว +1

    आर्य समाज जो में दुसरे आदमी को ज्ञान बांटने के लिए तत्पर रहते हैं लेकिन अपने घर में पता नहीं होता की माता पिता ने खाना खाया यि नही कयो कि दुसरो को ज्ञान बांटने में अपना पता नहीं चलता कक घर पर कया हच रहा

    • @myCountryShoot-rd6xi
      @myCountryShoot-rd6xi ปีที่แล้ว

      उसकी उपवासा मत करो जिन को हमने बनाया उस ईश्वर की उपवासना करो जिसने हमें बनाया है। क्युकी अंधभक्त तो मूर्ति की पूजा करेगा निराकर ईश्वर में ध्यान करने के लिए विद्या, ज्ञान, बुद्धि, की जरूरत होती है।
      सब सत्य विद्या और जो पदार्थ विद्या से जाने जाते हैं, उन सबका आदि मूल परमेश्वर है।
      २. ईश्वर सच्चिदानन्दस्वरूप, निराकार, सर्वशक्तिमान्, न्यायकारी, दयालु, अजन्मा, अनन्त, निर्विकार, अनादि, अनुपम, सर्वाधार, सर्वेश्वर सर्वव्यापक, सर्वान्तर्यामी, अजर, अमर, अभय, नित्य, पवित्र और सृष्टिकर्ता है, उसी की उपासना करनी योग्य है।

    • @myCountryShoot-rd6xi
      @myCountryShoot-rd6xi ปีที่แล้ว

      😡😡😡 जितने भी क्रांति कारी थे भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद सुभाषचन्द्र बोस आदि सब महर्षि दयानंद सरस्वती से प्रेरित थे जिन्होंने आर्य समाज की स्थापना की। आर्य समाज ना होता तो यह देश आजाद नही होता। पर आर्य समाज की मान्यताओं के अनुसार फलित ज्योतिष, जादू-टोना, जन्मपत्री, श्राद्ध, तर्पण, व्रत, भूत-प्रेत, देवी जागरण, मूर्ति पूजा और तीर्थ यात्रा मनगढ़ंत हैं, वेद विरुद्ध हैं। आर्य समाज में पत्थर को ईश्वर नही माना जाता। उस ईश्वर का ध्यान किया जाता है जिसने सूर्य चंद्र आदि रचाया है ईश्वर का कोई आकार नही होता। सब सत्य विद्या और जो पदार्थ विद्या से जाने जाते हैं, उन सबका आदि मूल परमेश्वर है। आर्य समाज में मुख्य उदेस्य यह की कोई भी आदमी नशा नहीं करे, अच्छा भोजन करे, सबसे अच्छी वाणी बोले, अंधविश्व में ना पड़े, हर घर में हवन हो , ईश्वर की भक्ती करे ,

  • @p.k.65
    @p.k.65 ปีที่แล้ว

    Parallel ha

  • @saint442
    @saint442 ปีที่แล้ว

    गुरुजी आप दिवाली पर Luxmi पूजा करते hai... 🧐🧐🧐🤔🤔🤔❤🙏❤

  • @PRartist44
    @PRartist44 ปีที่แล้ว +1

    में तुम्हारे भजन या कथा से इम्प्रेश नही हुआ कोई मजेदार बात हो तो बताना

    • @myCountryShoot-rd6xi
      @myCountryShoot-rd6xi ปีที่แล้ว +1

      उसकी उपवासा मत करो जिन को हमने बनाया उस ईश्वर की उपवासना करो जिसने हमें बनाया है। क्युकी अंधभक्त तो मूर्ति की पूजा करेगा निराकर ईश्वर में ध्यान करने के लिए विद्या, ज्ञान, बुद्धि, की जरूरत होती है।
      सब सत्य विद्या और जो पदार्थ विद्या से जाने जाते हैं, उन सबका आदि मूल परमेश्वर है।
      २. ईश्वर सच्चिदानन्दस्वरूप, निराकार, सर्वशक्तिमान्, न्यायकारी, दयालु, अजन्मा, अनन्त, निर्विकार, अनादि, अनुपम, सर्वाधार, सर्वेश्वर सर्वव्यापक, सर्वान्तर्यामी, अजर, अमर, अभय, नित्य, पवित्र और सृष्टिकर्ता है, उसी की उपासना करनी योग्य है।

    • @myCountryShoot-rd6xi
      @myCountryShoot-rd6xi ปีที่แล้ว +1

      जब यह ईश्वर का भजन कर रहे थे जब तिजारा के विधायक इनका सम्मान करने आए थे और 24 पूलिस भी सुरक्षा के लिए आए थे।

  • @parbhakarprasad153
    @parbhakarprasad153 ปีที่แล้ว +1

    तुम भी जड हो

    • @myCountryShoot-rd6xi
      @myCountryShoot-rd6xi ปีที่แล้ว

      उसकी उपवासा मत करो जिन को हमने बनाया उस ईश्वर की उपवासना करो जिसने हमें बनाया है। क्युकी अंधभक्त तो मूर्ति की पूजा करेगा निराकर ईश्वर में ध्यान करने के लिए विद्या, ज्ञान, बुद्धि, की जरूरत होती है।
      सब सत्य विद्या और जो पदार्थ विद्या से जाने जाते हैं, उन सबका आदि मूल परमेश्वर है।
      २. ईश्वर सच्चिदानन्दस्वरूप, निराकार, सर्वशक्तिमान्, न्यायकारी, दयालु, अजन्मा, अनन्त, निर्विकार, अनादि, अनुपम, सर्वाधार, सर्वेश्वर सर्वव्यापक, सर्वान्तर्यामी, अजर, अमर, अभय, नित्य, पवित्र और सृष्टिकर्ता है, उसी की उपासना करनी योग्य है।

    • @myCountryShoot-rd6xi
      @myCountryShoot-rd6xi ปีที่แล้ว

      😡😡😡 जितने भी क्रांति कारी थे भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद सुभाषचन्द्र बोस आदि सब महर्षि दयानंद सरस्वती से प्रेरित थे जिन्होंने आर्य समाज की स्थापना की। आर्य समाज ना होता तो यह देश आजाद नही होता। पर आर्य समाज की मान्यताओं के अनुसार फलित ज्योतिष, जादू-टोना, जन्मपत्री, श्राद्ध, तर्पण, व्रत, भूत-प्रेत, देवी जागरण, मूर्ति पूजा और तीर्थ यात्रा मनगढ़ंत हैं, वेद विरुद्ध हैं। आर्य समाज में पत्थर को ईश्वर नही माना जाता। उस ईश्वर का ध्यान किया जाता है जिसने सूर्य चंद्र आदि रचाया है ईश्वर का कोई आकार नही होता। सब सत्य विद्या और जो पदार्थ विद्या से जाने जाते हैं, उन सबका आदि मूल परमेश्वर है। आर्य समाज में मुख्य उदेस्य यह की कोई भी आदमी नशा नहीं करे, अच्छा भोजन करे, सबसे अच्छी वाणी बोले, अंधविश्व में ना पड़े, हर घर में हवन हो , ईश्वर की भक्ती करे ,

  • @parbhakarprasad153
    @parbhakarprasad153 ปีที่แล้ว

    इस अतार्किक 1008 श्रीजगद्खुरुशङ्कराचार्य द्वारा निन्दित अनार्य भत को छोडोरु

  • @pramodesharma3880
    @pramodesharma3880 ปีที่แล้ว +6

    यदि मूर्ति पूजा से ईश्वर में विश्वास बढ़ता है तो मूर्ति पूजा करने में क्या बुराई नजर आती है ?

    • @sarvandhull3114
      @sarvandhull3114 ปีที่แล้ว +8

      अपने प्रश्न के उत्तर के लिए आप कृपया सत्यार्थ प्रकाश पढ़िए

    • @pramodesharma3880
      @pramodesharma3880 ปีที่แล้ว +1

      @@sarvandhull3114
      आपने पढ़ा है, अतः कृपया आप ही बताने का कष्ट करें ।

    • @gajanandsharma6247
      @gajanandsharma6247 ปีที่แล้ว +2

      ​​@@sarvandhull3114 सत्यार्थ प्रकाश में शास्त्रोक्त प्रतिमा का खंडन तो नहीं है ! फिर ये दयानंदी मूर्ति पूजा का खंडन क्यों करते,है? वर्णशंकर मूर्ख दयानंदी?

    • @sarvandhull3114
      @sarvandhull3114 ปีที่แล้ว +1

      @@gajanandsharma6247 शास्त्रोक्त प्रतिमा कौन सी है

    • @sarvandhull3114
      @sarvandhull3114 ปีที่แล้ว +1

      @@gajanandsharma6247 जी
      और गालियाँ हो तो वह भी निकाल लीजिए क्योंकि जिसके पास जो होता है वही तो देता है हमारे पास तो है नहीं जो आपको गालियां दे

  • @parbhakarprasad153
    @parbhakarprasad153 ปีที่แล้ว

    कुसंस्कार नष्ट करने हेतु मन्दिर मे रोज शिवलिङ्ग के ऊपर एक एक लीटर दूध चडाना चाहिए

    • @myCountryShoot-rd6xi
      @myCountryShoot-rd6xi ปีที่แล้ว +1

      उसकी उपवासा मत करो जिन को हमने बनाया उस ईश्वर की उपवासना करो जिसने हमें बनाया है। क्युकी अंधभक्त तो मूर्ति की पूजा करेगा निराकर ईश्वर में ध्यान करने के लिए विद्या, ज्ञान, बुद्धि, की जरूरत होती है।
      सब सत्य विद्या और जो पदार्थ विद्या से जाने जाते हैं, उन सबका आदि मूल परमेश्वर है।
      २. ईश्वर सच्चिदानन्दस्वरूप, निराकार, सर्वशक्तिमान्, न्यायकारी, दयालु, अजन्मा, अनन्त, निर्विकार, अनादि, अनुपम, सर्वाधार, सर्वेश्वर सर्वव्यापक, सर्वान्तर्यामी, अजर, अमर, अभय, नित्य, पवित्र और सृष्टिकर्ता है, उसी की उपासना करनी योग्य है।

    • @parbhakarprasad153
      @parbhakarprasad153 ปีที่แล้ว

      @@myCountryShoot-rd6xi कटमुल्ले पाकिस्तानी लोग आप को मूर्ती पूजा खण्डन केलिए कितने करोड देते है?

    • @myCountryShoot-rd6xi
      @myCountryShoot-rd6xi ปีที่แล้ว

      एक लिटर गरीबों में देना चाइए। बांटे पर क्यू डालते हो। किसी गौ माता को एक लिटर दूध पिला दो ईश्वर खुश हो जायेगा।

  • @sunilkumarpareek5633
    @sunilkumarpareek5633 ปีที่แล้ว +1

    Tum jaise insan hai isliye to kaluyug hai kyu ki tum bolte kuchh ho karte usse ulta jayada syana mat ban jis din raid padegi us din tu memne ki tarh gidgidayega

    • @myCountryShoot-rd6xi
      @myCountryShoot-rd6xi ปีที่แล้ว +1

      उसकी उपवासा मत करो जिन को हमने बनाया उस ईश्वर की उपवासना करो जिसने हमें बनाया है। क्युकी अंधभक्त तो मूर्ति की पूजा करेगा निराकर ईश्वर में ध्यान करने के लिए विद्या, ज्ञान, बुद्धि, की जरूरत होती है।
      सब सत्य विद्या और जो पदार्थ विद्या से जाने जाते हैं, उन सबका आदि मूल परमेश्वर है।
      २. ईश्वर सच्चिदानन्दस्वरूप, निराकार, सर्वशक्तिमान्, न्यायकारी, दयालु, अजन्मा, अनन्त, निर्विकार, अनादि, अनुपम, सर्वाधार, सर्वेश्वर सर्वव्यापक, सर्वान्तर्यामी, अजर, अमर, अभय, नित्य, पवित्र और सृष्टिकर्ता है, उसी की उपासना करनी योग्य है।

    • @myCountryShoot-rd6xi
      @myCountryShoot-rd6xi ปีที่แล้ว +1

      पुलिस और फौजी मूर्ति पूजा नही करते। जिस महर्षि दयानंद सरस्वती ने गौ रक्षा के लिए 20 बार जहर पी गया उसी के स्थापित आर्य समाज में रेड क्यू पड़ेगा। पाखंड वाद नही करना चाहिए। भारत के जितने भी क्रांति कारी भागत्सिंग, चंद्रशेखर आजाद आदि सब महर्षि दयानंद से प्रेरित है। भगत सिंह ने सारी सत्यार्थ प्रकाश पढ़ी नही तो भगत सिंह मूर्तियो के चक्कर में देश लूटा देता। Jai Hind 🇮🇳🧡🤍💚

    • @myCountryShoot-rd6xi
      @myCountryShoot-rd6xi ปีที่แล้ว +1

      मेने तिजारा आर्य समाज में इनको दिखा था वहां पुलिस भी बेटी थी मंच के साइड में अच्छा चरित्र, अच्छा मित्र, मन वाले इंसान का होना चाहिए। और पढ़ें लिखे विद्वान पुरुष किसी से नही डरते

    • @myCountryShoot-rd6xi
      @myCountryShoot-rd6xi ปีที่แล้ว +1

      जब यह ईश्वर का भजन कर रहे थे जब तिजारा के विधायक इनका सम्मान करने आए थे और 24 पूलिस भी सुरक्षा के लिए आए थे। 🧘🌍🌎

    • @myCountryShoot-rd6xi
      @myCountryShoot-rd6xi ปีที่แล้ว +1

      😡😡😡 जितने भी क्रांति कारी थे भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद सुभाषचन्द्र बोस आदि सब महर्षि दयानंद सरस्वती से प्रेरित थे जिन्होंने आर्य समाज की स्थापना की। आर्य समाज ना होता तो यह देश आजाद नही होता। पर आर्य समाज की मान्यताओं के अनुसार फलित ज्योतिष, जादू-टोना, जन्मपत्री, श्राद्ध, तर्पण, व्रत, भूत-प्रेत, देवी जागरण, मूर्ति पूजा और तीर्थ यात्रा मनगढ़ंत हैं, वेद विरुद्ध हैं। आर्य समाज में पत्थर को ईश्वर नही माना जाता। उस ईश्वर का ध्यान किया जाता है जिसने सूर्य चंद्र आदि रचाया है ईश्वर का कोई आकार नही होता। सब सत्य विद्या और जो पदार्थ विद्या से जाने जाते हैं, उन सबका आदि मूल परमेश्वर है। आर्य समाज में मुख्य उदेस्य यह की कोई भी आदमी नशा नहीं करे, अच्छा भोजन करे, सबसे अच्छी वाणी बोले, अंधविश्व में ना पड़े, हर घर में हवन हो , ईश्वर की भक्ती करे ,