औलाद से इन दो चीज़ों की उम्मीद कभी मत करना - वरना पछताओगे | पारिवारिक सत्य प्रवचन | Pulak Sagar ji |

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  • เผยแพร่เมื่อ 12 ก.ย. 2024
  • औलाद से इन दो चीज़ों की उम्मीद कभी मत करना - वरना पछताओगे | पारिवारिक सत्य प्रवचन | Pulak Sagar ji |
    औलाद से इन दो चीज़ों की उम्मीद कभी मत करना - वरना पछताओगे | पारिवारिक सत्य प्रवचन | Pulak Sagar ji |
    नमस्कार दोस्तों आपका हमारे जैन चैनल पर स्वागत है इस चैनल पर हम आपके लिए लेकर आते जैन प्रवचन , कवि सम्मलेन और कडवे प्रवचन और मुनि पुलक सागर जी के लेटेस्ट प्रवचन , तरुण सागर जी के कडवे परवचन, Motivational video जिन्हें देखकर आप आपने जीवन को खुसीयों भर सकते है और जीवन में सफल हो सकते है /
    औलाद से इन दो चीज़ों की उम्मीद कभी मत करना - वरना पछताओगे | पारिवारिक सत्य प्रवचन | Pulak Sagar ji |
    aise aulad hmesha dukh deti hai
    koi apna nahi hota sab matlabi hai
    by - pulak sagar ji
    Pulak sagar ji maharaj parvchan latest, parvchan , parvachan in hindi,

ความคิดเห็น • 10

  • @Bhajanjikadicompetition
    @Bhajanjikadicompetition 20 วันที่ผ่านมา +14

    में जैनी नहीं सैनी हु फिर भी मुझे भारत गौरव आचार्य श्री पुलक सागर गुरु देव के प्रवचन सुनने को मिल रहें हैं और जीवन में उतार रहा हु ॥ मेरे जीवन में इतना बदलाव आ गया कि मैं बता नहीं सकता ॥ * जय जिनेन्द्र * !! # जय श्री राम #

    • @sudhirchawde
      @sudhirchawde 18 วันที่ผ่านมา

      11:11 11:43 11:49

  • @nandinigautam8359
    @nandinigautam8359 18 วันที่ผ่านมา

    Bahut achha laga guru ji ka prwachan sunkar 🙏🏻🙏🏻❤

  • @sanjayjain5540
    @sanjayjain5540 20 วันที่ผ่านมา +3

    Namostu bhagwan ji

  • @nareshgoel1316
    @nareshgoel1316 20 วันที่ผ่านมา +2

    Mai Aggarwal hu fir bhi shri shri pulak Sagar ji Maharaj ji ke pravachan sunnta hu Puri duniya me aise sant nahi hai jo dill ko chhu lene wale aur aanshu nikalne wale hai okay Maharaj ji ko hath jod ke koti koti pranam ❤ se naresh goel sector 3 Rohini Delhi

  • @dheerajgaikwad5837
    @dheerajgaikwad5837 18 วันที่ผ่านมา

    ❤❤❤❤

  • @user-uj1ig9ef6l
    @user-uj1ig9ef6l 18 วันที่ผ่านมา

    Muniraaj ko kotisah namostu 🙏🙏 vandan abhinandan. BP singh sapariwaar kannauj UP

  • @uumeshmehta8316
    @uumeshmehta8316 17 วันที่ผ่านมา

    Namaste.guruji

  • @RajkumarYadav-gf2by
    @RajkumarYadav-gf2by 20 วันที่ผ่านมา

    Namaste Guru Ji

  • @PrakashSharma-i4w
    @PrakashSharma-i4w 18 วันที่ผ่านมา

    ❤N। **वेद में विभिन्न मंत्रो में आया है। सब कुछ बनाने वाला सिर्फ एक अजन्मा परम तत्त्व परमेश्वर है। कुरान में भी आया है सबकुछ बनाने वाला अल्लाह है*
    *अगर हम वेदों के ईश्वर को अल्लाह कहते तो भी गुण एक समान है और दोनो किताबो में भी लिखा है सब कुछ बनाने वाला एक सर्वव्यापी हर प्रकार से शुद्ध चैतन्य है उसकी सीमा अनंत और अनादि है ।*
    *अल्लाह शब्द अरब देश में कुरान के आने से पहले भी बोला जाता था। इतिहास में इसका वर्णन मिलता ।*
    *अल्लाह नाम के अर्थ का मतलब = अल+ इलाह से बना है । इलाह का मतलब = सब कुछ बनाने वाला , उसका सुरक्षा करने वाला, और पालन- पोषण करने और न्याय करने वाला इत्यादि।*
    *कुरान में उस सर्वशक्तिमान परमेश्वर का नाम उसके गुणों के आधार पर है। कुरान का ज्ञान अरब देश में आया । और हम उसका अनुवाद पढ़ते है हर व्यक्ति अपने जमाने की हिसाब से कुरान का अनुवाद किया है ।*
    *ये बिल्कुल सच बात है की कुरान की एक एक बात सत्य है ।। वेद और कुरान ये दोनो किताब उसी एक सर्वव्यापी परमेश्वर का वचन है ।। इसलिए बोला जाता है वेद और कुरान की रचना किसी मनुष्य ने नही की है । ये तो साक्षात परमेश्वर का कथन वाक्य है। अतः हमें उसका प्रतिदिन ध्यान करना चाहिए जिसने हम सभी मनुष्यों को बनाया।*
    *( वेद के कुछ मंत्र )*
    *ईशावास्यमिदं सर्वं यत्किंच जगत्याञ्जगत् । (यजुर्वेद अध्याय ४० मंत्र २ )*
    *अर्थात् जो कुछ इस संसार में और सभी लोक में है,उस सब में व्याप्त होकर जो सृष्टि से परे है वह परमेश्वर कहलाता है ।*
    *हिरण्यगर्भ: समवर्त्तताग्रे भूतस्य जात: पतिरेक आसीत् । स दाधार पृथिवीं द्यामुतेमाम् कस्मै देवाय हविषा विधेम ।। ( यजुर्वेद १३/४ )*
    *अर्थात् सृष्टि से पूर्व जो सूर्य आदि तेजवाले लोकों का निर्माण किया , और जो कुछ उसने उत्पन्न किया , है और जो करेगा ,उसका स्वामी वही है और आगे भी रहेगा , वही पृथ्वी से लेकर सूर्य तथा सभी लोक तक सभी सृष्टि को बना के धारण कर रहा है ,उस सुखस्वरूप परमेश्वर ही का ध्यान हम सब लोग किया करें ।*
    *पर्यगाच्छुक्रमकायमव्रणमस्नाविरंशुद्धमपापविद्धं। कवीर्मनीषी परिभू: स्वयम्भूर्याथातथ्यतोऽर्थान् व्यदधाच्छाश्वतीभ्य: समाभ्य: । ( यजुर्वेद ४०/८ )*
    *अर्थात् वह ईश्वर ,सर्व शक्तिमान , न्यायकारी और शरीर से रहित,छिद्र रहित, नस - नाड़ियों के बंधन से रहित , अविद्या आदि दोषों से रहित । वह सर्वज्ञ, सभी जीवों का उत्पत्तिकर्ता और उनके मनों की वृत्तियों को जानने वाला , सभी लोक एवं संसार के निर्माणकर्ता अनादि , उत्पत्ति और विनाश रहित , वहीं परमेश्वर उपासना करने योग्य है ।*