जिस संविधान की बदौलत संसद में गए हैं उसी को साक्षी मानकर shapath लेनी चाहिए आप ईश्वर को मानो या ना मानो ये आपका व्यक्तिगत मामला है . संसद संविधान से चलती है ना कि ईश्वर के कारण...
Voh Samvidhan ke Karan nhi gya .... Voh mere vote se gya he or hmne hmare gam or samaj k sath jab vote mangne aaya tha tb Bhagwan k samne unko vote dekr jitaneka vada kiya tha or voh hmare liye hi kam krega unka usne hme bharosha bhi usi time diya tha. Tumhare liye Bhagwan nhi honge pr hmare liye he.🙏🏼🙏🏼🙏🏼
भारत एक पंथ निरपेक्ष, लोकतंत्रात्मक देश है यहां भारतीय संविधान ही सबसे बड़ा पवित्र ग्रंथ है इसलिए किसी भी सांसद के लिय संविधान ही सर्वोच्च होता है पर यदि कोई सांसद ईश्वर के नाम पर शपथ लेता है तो वो मनमानी है ।
Agar ye 57 Islamist country me bole toh Sharia k hisaab se sir kalam kar dene ka aadesh hai, bharat me afganistan pakistan Bangladesh and Kashmir me khatam ho gye secular ko bhokne ki azaadi hai, UPSC optional k liye famous geography book me savinder Singh ne karmkaand k shlok ko mentioned Kiya hai jisme earth ki satiik age btaayi gyi hai!
Samvidhan ko jab tum open krte ho to first me Bhagwan Shri Ramji ki foto dekhne ko milegi. Jb Samvidhan bna tb bnane wale ko nhi pta tha ki Samvidhan me Bhagwan ki foto laga....e🎊😎
अनुच्छेद 99 जिन्होंने इश्वर को कभी देखा नहीं उसके नाम पर शपथ लेना उचित नहीं है, संवैधानिक तो कतई है ही नहीं, अब प्रश्न है उठना है कि इतने सारे सांसद ईश्वर की शपथ ले रहे हैं, यही वजह है कि अधिकांश सांसद संविधान को फॉलो नहीं कर पाते हैं, यही कारण है कि वह संवैधानिक नहीं हो पाते हैं, तो संवैधानिक व्यवस्था को देश में लागू कैसे कर पाएंगे । यही कारण है कि देश अंधविश्वास और पाखंड में डूबता जा रहा है, इस पर पूर्ण रूप से रोक लगनी चाहिए सभी भारत तर्कशील और वैज्ञानिक सोच से विकसित हो पाएगा।
@@rrverma3108 यहां संसद की बात चल रही है, अपने आप में किसी देश की संसद का होना एक देश के वह कानून एवं नियम होते है जिससे देश चलाया जाता है, यहां बुद्ध की बात नहीं हो रही।
मुझे तो बिल्कुल अच्छा नहीं लगा और ऐसाहोना भी नहीं ईश्वर के नाम पर शपथ लेना क्योंकि ईश्वर से यह अपने पद पर नहीं है और ना ही ईश्वर की कृपा से असिस्टेंट चलती है ए डॉक्टर भीमराव अंबेडकर का संविधान है जो की अंबेडकर जी द्वारा लिखा गयाहै और इसी संविधान से यह भारत देश चलता है और यह यहां का जो कानून प्रशासन है उनके लेखक द्वारा बनाया हुआ सिस्टम से चलता है तो समाधान के सिवा किसी और चीज पर शपथ लेना सही नहीं है
Kyon Prabhu Jee Ko Badnaam Kar Rahe Ho. Kya Aap Ne Unko Kabhee Dekha Hai Ya Nahi Yadi Nahi To Apna Mobile No. Dena Hoga Unse Mulakaat Bhee Karwa Doonga. Pratinidhi.
प्रशन सरल है क्या शपथ ईश्वर या अल्लाह के नाम से लेने की जरूरत है ? उत्तर नहीं , संविधान ईश्वर या खुदा का बनाया हुआ नहीं है इसलिए केवल और केवल संविधान के प्रति ही वफ़दारी का शपथ लेना काफी है l
ईश्वर के नाम पे शपथ लेना ऐ गैर कानून आहे जिन्होने इस तरीके की शपथ लिया उन्ह पे मुकदमा चला ना चाहिये और इन पर कारवाई होना चाहिए संसद में शपथ लेना है तो संविधान की शपथ लेना यही एक निष्ठा सही है
किसी भी धर्म में लोकतंत्र होता ही नही है, वहाँ केवल राजतंत्र होता है, जहाँ आम जनता के विचारों, तर्को और प्रश्नों का कोई महत्व नही होता है, वहाँ ईश्वर के नाम से राजादेश जारी किया जाता है, जो शोषक वर्ग के द्वारा जारी किया जाता है । आस्था और धर्म को एक साथ जोड़ दिया गया । आस्था लोगों की व्यक्तिगत मामला होता है जबकि धर्म एक सामाजिक व्यवस्था है, जो किसी एक व्यक्ति, परिवार, कुल, समाज या वर्ग को विशेष अधिकार देता है । इसलिये लोकतंत्र हर व्यक्ति के लिये बहुत जरूरी है, किसी पत्थर या कल्पना की भक्ति नहीं । कोई व्यक्ति अपने धर्म का प्रचार बिना काल्पनिक ईश्वर के नही कर सकता ।
ईश्वर के नाम शपथविधी लेना असंविधानशील है संविधान से चुनकर आए संविधान सेही शपथ लेना जरुर है नहीलिया ओ संविधान से बेईमान है ऐसे बेईमान को सांसद सदस्यका दर्जा छीन लेना चाहिए और पांच साल के लिए खाली करे जयभीम जयभारत जय संविधान धनेवाद
ये संसद अब वैयक्तीक स्टेज बन गया है. ये संसद नही रही है. प्राइवेट क्षेत्रं बन गया है. आगे संसदमे कूचभी हो सकता है.कीसिको कोई नहीं रोक पायेगा ऐसा संसद के अंदर हो रहा है.
जो सांसद ईश्वर की शपथ लेता है वह संविधान के प्रती गैर जिम्मेदार रहता है | लोकतांत्रिक कोई भी देश संविधान को सर्वतोपरी रखता है | भारत एक लोकतांत्रिक देश है |
सबसे उत्तम येहि होगा कि हमने चुनाव लडने के लिए देश की सेवा करना है,किस माध्यम को चुना है और वो माध्यम होता है कि जिस संविधान को हमने अंगीकार किया है उस में लिखी बातों को लागू करने तथा उन पर स्वयं को आत्मसात करने,की ही शपथ ग्रहण करेंगे। ऐसा ही सर्वोपरि होगा। जय संविधान जय भारत।
प्राचीन मिश्रा जी को हमारे तरफ से बहुत बहुत धन्यवाद है पढ़ाई है दिल की गहराई से ईश्वर के नाम लेकर के शपथ लेना गलत फिर लोक सभा का महत्व क्याहै बिहार कैमूर से जितेंद्र कुमारभास्कर
Eishwar ke naam par shapath Lena samvidhan ka apmaan hai aisi koi bhi shapath Lena vyarth hai ye samvidhan ko na manne wali shapath hai Jai bhim Jai bharat Jai Samvidhan Namo buddhay Jai moolnivasi Jai ambedkarwaad Jai ambedkarwaadi Jai vigyan 💙💙💙💙🙏🙏🙏🙏🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳
संवैधानिक है क्योंकि ईश्वर शब्द लोगों के मुख्य आत्मा से निकलता है लोग जब उसे शब्द को लोग अंतर करते हैं और शब्दों में सच्चाई पाई जाती है तो वही सही माना जाता है इसीलिए संवैधानिक माना गया है ईश्वर शब्द को
हमने ईश्वर को बाजार में तब्दील कर दिया है इस बाजार में जो ज्यादा से ज्यादा धन लगाकर उसे आसानी से खरीदना चाहते हैं और यही बात सांसद और विधायक चुनने में साफ दिखाई पड़ता है और यही ईश्वर रुपी समर्थवान लोग आज की हकीकत है।
भारत का संविधान को भारत का लोगों ने भारत का लोगों केलिए बनाया है।ईश्वर के नाम पर सपथ लेने बाला नेता लोगों, भारत का लोगों का वोट से जीत कर संसद भवन में पहुंचे है।नहीं की इश्वर का।
सांसद तथा राज्य विधान मंडल के सदस्यों को भारत की अखंडता बनाए रखने के तथा प्रभुत्व संपन्न की रक्षा की शपथ ग्रहण करनी होगी ... ना की देवी देवताओं की ➡️ जब देवी देवताओं की शपथ का प्रयोग होने लगेगी तब #लोकतांत्रिक की जगह पर धर्म तांत्रिक हो जाएगा
विधायक या सांसद या संवैधानिक पदों के ग्रहण करते समय शपथ में ** ईमानदारी , सच्चाई और श्रृद्धा के साथ पूर्णतः संविधान लागू करुंगा ** केवल केवल **संविधान** को साक्षी मानकर शपथ लेना अनिवार्य है । चूंकि संविधान में देश धर्म निरपेक्षता का आदेश है , इसलिए किसी भी धार्मिक या ईश्वर को साक्षी मानकर शपथ लेना पूरी तरह असंवैधानिक है । इस पर तुरंत रोक लगनी चाहिए ।
ना भगवान ना अल्लाह केवल सविधान हि है जो लोक सभा और राज्य सभा का मान रखता है मेम 😊,,,इसमें कोई जाती या धरम नहीं जब राजनीति मे आए है तो सविधान से लिलितेद् बात हि होता है ,,,,जय भीम ,जय सविधान 🎉🎉😊
प्रत्येक धर्म में कई पंथ है जैसे -हिंदू धर्म में -कबीर पंथ, नानक पंथ, नयनार पंथ, अलवर पंथ मुस्लिम में - चिस्ती पंथ, फिरदौसी संप्रदाय या पंथ आदि जबकि धर्म जानते ही है।
ईश्वर के नाम से शपथ लेनाअसंवैधानिक है प्रजातंत्र में संविधान के नाम पर शपथ ग्रहण लेना वैज्ञानिकता की अग्रसर होने का मार्गदर्शन करता है और धर्मनिरपेक्षता को दर्शाता है
ईश्वर की शपथ लेने वाले सांसद, विधायक तो संविधान के माध्यम से बनने के लिए जी जान लगा देते हैं। और जब संविधान के माध्यम से सांसद विधायक बन जाते हैं। तो संविधान को भूलकर ईश्वर याद आने लगते हैं। ऐसा ही नवयुवक भी जब गुरुओं के माध्यम से शिक्षित हो जाने के बाद संविधान के माध्यम से सरकारी सेवा में नियुक्त हो जाते हैं तो वे सब भुला कर मंदिर में जाकर ईश्वर को अपनी सफलता का माध्यम ईश्वर को मानकर पूजा अर्चना कर अपने को संतुष्ट होते हैं। नवयुवक की जब शुरुआत से ही इस प्रकार की है तो आगे चलकर उसमें ऐसी छवि दिखाई देना आंमवात है। जय मूलनिवासी जय संविधान।
ईश्वर की शपथ लेने वाले सांसद, विधायक तो संविधान के माध्यम से बनने के लिए जी जान लगा देते हैं। और जब संविधान के माध्यम से सांसद विधायक बन जाते हैं। तो संविधान को भूलकर ईश्वर याद आने लगते हैं। ऐसा ही नवयुवक भी जब गुरुओं के माध्यम से शिक्षित हो जाने के बाद संविधान के माध्यम से सरकारी सेवा में नियुक्त हो जाते हैं तो वे सब भुला कर मंदिर में जाकर ईश्वर को अपनी सफलता का माध्यम ईश्वर को मानकर पूजा अर्चना कर अपने को संतुष्ट होते हैं। नवयुवक की जब शुरुआत से ही इस प्रकार की है तो आगे चलकर उसमें ऐसी छवि दिखाई देना आंमवात है। जय मूलनिवासी जय संविधान।
जेलोग ईश्वर की शपथ लेते है ओ लोग संविधान को नहीं मानते ये शीद्ध होता है जीस संविधान से ओ लोग मंत्री संसद बने है जीस संविधान से भारत देश सुरक्षित है, जयसंविधान
संविधान में संविधान की शपथ लेना चाहिए इसमें कोड तो जनता देता इस वक्त देते नहीं है संविधान सदस्य चलता है तो संविधान की शपथ लेनी चाहिए ना इसके द्वारा प्रदत्त है उसका नाम लेना चाहिए जिसकी वजह से पार्लियामेंट में जाने का मौका मिलता है
ईश्वर की शपथ लेने वाले कभी सविधान का पालन नहीं करेंगे देश वासियों के साथ और गद्दारी करेंगे चाहे वो किसी पार्टी का हो
Right 👍
Na bhagwan na allah kewal savidhan hi hai jo lok sabha or rajya sabha ka man rakhta hai mem 😊
👍💯✅️
Ryt
जिस संविधान की बदौलत संसद में गए है। उसी को साक्षी मानकर शपथ लेनी चाहिए
👍
सबिधान जो बास्तव मानते है वो ईश्वर के नाम से शपथ नहीं लेंगे, जो ईश्वर का नाम लेते है वो ढोंग है,
जिस संविधान की बदौलत संसद में गए हैं उसी को साक्षी मानकर shapath लेनी चाहिए
आप ईश्वर को मानो या ना मानो ये आपका व्यक्तिगत मामला है .
संसद संविधान से चलती है ना कि ईश्वर के कारण...
Sanvidhaan ki Shapath hona chahiye..... kyon ki loktantra sanvidhaan se chalta hai.... Jai bhim jai sanvidhaan 😊😊😊😊
Voh Samvidhan ke Karan nhi gya ....
Voh mere vote se gya he or hmne hmare gam or samaj k sath jab vote mangne aaya tha tb Bhagwan k samne unko vote dekr jitaneka vada kiya tha or voh hmare liye hi kam krega unka usne hme bharosha bhi usi time diya tha.
Tumhare liye Bhagwan nhi honge pr hmare liye he.🙏🏼🙏🏼🙏🏼
ईश्वर को मानना या न मानना व्यक्तिगत मामला है इसलिए ईश्वर के नाम शपथ लेना गलत है। संविधान की शपथ लेना है
Right
संविधान कि नाम
👍
भारत एक पंथ निरपेक्ष, लोकतंत्रात्मक देश है यहां भारतीय संविधान ही सबसे बड़ा पवित्र ग्रंथ है इसलिए किसी भी सांसद के लिय संविधान ही सर्वोच्च होता है पर यदि कोई सांसद ईश्वर के नाम पर शपथ लेता है तो वो मनमानी है ।
ईश्वर होते ही नही है,भगवान होते ही नही है,जो लेते है वह पाखंडी है
Ishwar The, Ishwar Hain .Aur Aage Bhee Hamesha rahenge.
@@veerbhansingh9774Ishwar naam ki is duniya mai koi cheez nhi hoti is ka koi astitva nhi hai sab farzi fake hai
Agar ye 57 Islamist country me bole toh Sharia k hisaab se sir kalam kar dene ka aadesh hai, bharat me afganistan pakistan Bangladesh and Kashmir me khatam ho gye secular ko bhokne ki azaadi hai, UPSC optional k liye famous geography book me savinder Singh ne karmkaand k shlok ko mentioned Kiya hai jisme earth ki satiik age btaayi gyi hai!
सिर्फ भारत में ही ईश्वर रहते है और देश में जाने से डर लगता है
@@mulayamrao3474 इस्लामिक देश किसका sapath लेता है जरा बताना तो अगर वहा रहने वाले लोग बोलेंगे क्या अल्लाह नही है
भारत में नेता नहीं धर्म गुरु चुनते है शपथ में ईस्वर का क्या काम????
Write❤❤
😂
Samvidhan ko jab tum open krte ho to first me Bhagwan Shri Ramji ki foto dekhne ko milegi.
Jb Samvidhan bna tb bnane wale ko nhi pta tha ki Samvidhan me Bhagwan ki foto laga....e🎊😎
अनुच्छेद 99 जिन्होंने इश्वर को कभी देखा नहीं उसके नाम पर शपथ लेना उचित नहीं है, संवैधानिक तो कतई है ही नहीं, अब प्रश्न है उठना है कि इतने सारे सांसद ईश्वर की शपथ ले रहे हैं, यही वजह है कि अधिकांश सांसद संविधान को फॉलो नहीं कर पाते हैं, यही कारण है कि वह संवैधानिक नहीं हो पाते हैं, तो संवैधानिक व्यवस्था को देश में लागू कैसे कर पाएंगे । यही कारण है कि देश अंधविश्वास और पाखंड में डूबता जा रहा है, इस पर पूर्ण रूप से रोक लगनी चाहिए सभी भारत तर्कशील और वैज्ञानिक सोच से विकसित हो पाएगा।
फिर तो बुद्ध को भी नहीं मानना चाहिए
@@rrverma3108 यहां संसद की बात चल रही है, अपने आप में किसी देश की संसद का होना एक देश के वह कानून एवं नियम होते है जिससे देश चलाया जाता है, यहां बुद्ध की बात नहीं हो रही।
भारत के संविधान के अनुसार ही शपथ ग्रहण करते हैं
सांसदों को सपथ लेते समय धार्मिक नारा नहीं लगाना चाहिए, सांसदों को संविधान के नाम पर सपथ लेना चाहिए। Article 99. Oath ke bare me bataya gya hai.
कई लोगों ने संविधान की सपथ ली है अब देखना वे कैसे ईमानदारी से काम करेंगे ?😂
मुझे तो बिल्कुल अच्छा नहीं लगा और ऐसाहोना भी नहीं ईश्वर के नाम पर शपथ लेना क्योंकि ईश्वर से यह अपने पद पर नहीं है और ना ही ईश्वर की कृपा से असिस्टेंट चलती है
ए डॉक्टर भीमराव अंबेडकर का संविधान है जो की अंबेडकर जी द्वारा लिखा गयाहै और इसी संविधान से यह भारत देश चलता है और यह यहां का जो कानून प्रशासन है उनके लेखक द्वारा बनाया हुआ सिस्टम से चलता है
तो समाधान के सिवा किसी और चीज पर शपथ लेना सही नहीं है
संविधान की शपथ लेनी चाहिए।
संसद और देश जब संविधान से चलता हैं.. ये कौन होते हैं...ईश्वर का नाम लेने वाले... अपने अपने ईश्वर अपने घर तक सिमीत रखो...लोकशाही जिंदाबाद...
लड़कियों का कपड़ा चुराने वाले वह कहा से सच्चा आदमी हो गया😂😂
Kyon Prabhu Jee Ko Badnaam Kar Rahe Ho. Kya Aap Ne Unko Kabhee Dekha Hai Ya Nahi Yadi Nahi To Apna Mobile No. Dena Hoga Unse Mulakaat Bhee Karwa Doonga. Pratinidhi.
Ek number bhai
सही बोला 😝 😝 😝 😝 कृष्ण कुमार वही जो नहाती हुई महिलाओं के कपड़े छुपाकर,,, छुप छुप कर देखता था छेड़ता😂
@@veerbhansingh9774😂😂😂
😮
Jai savidhan!.. 🙇♂️💐🙏
My dear madam ji,
झूठ बोलने के लिए ही ईश्वर की शपथ लेते हैं,नहीं तो सबको संविधान की शपथ लेनी चाहिए और संविधान को पूर्ण रूप से लागू कर देना चाहिए।
प्रशन सरल है क्या शपथ ईश्वर या अल्लाह के नाम से लेने की जरूरत है ? उत्तर नहीं , संविधान ईश्वर या खुदा का बनाया हुआ नहीं है इसलिए केवल और केवल संविधान के प्रति ही वफ़दारी का शपथ लेना काफी है l
Allah ki hagistan toilet 😂
Hindu rastra Bharat moon me
Namo. Buddhay
Jay. Bhim. The
Best
Information. Mem
Jay. Hind 👍🇮🇳🇮🇳🇮🇳🍓🙏🏾
जो ईश्वर के नाम से शपथ लेते है वो मूर्ख है. इनको संसद में नहीं. मंदिरमे भेजो.संसद के.बाहर करो.
@Usergkirdhk तुम सबिधान को नही मानते हो देश को नही मानते हो तो भारत छोड़ो
❤@@HsrReollers❤
@@HsrReollers हा भाई 😊 जो भारत का नहीं वाह किसी का नहीं 😊
जब sapath लेता है तो ईश्वर और सविधान दोनो का sapath लेता है कई सांसद
@@sunilpurigoswami4217 जब संसार में कोई ईश्वर अल्लाह है ही नहीं तो कौन से ईश्वर अल्लाह की सपथ लेते हैं
लोगो को बेवकुफ़ बनाना है जैसे हिंदुस्तान भी सविधन मे कुछ नहीं है फिर भी PM भी हिंदुस्तान कहते हैं और विपक्ष के नेता भी हिन्दूस्तान का उल्लेख करते है ❤
ईश्वर को केवल अपने घर और मन्दिरों में है ही सपथ लेना और वही पूजा करना
चाहिए धन्यवाद साहब ।
बहुत महत्वपूर्ण जानकारी से भरा शानदार वीडियो है
संसद सिर्फ संविधान से चलती है। और लोकतन्त्र में सभी को संविधान पर विश्वास करना चाहिए। इसलिए सभी को संविधान की ही शपथ लेनी चाहिए। जय भीम जय संविधान
अनु- 99 के तहत संविधान के प्रति निष्ठा और आस्था रखूंगा।
ईश्वर के नाम पर शपथ लेना एक ढोंग है देश संविधान से चलता है 🎉🎉🎉
मोदी जी ईश्वर वादी है यह संविधान की शपथ क्यों लेंगे जो काल्पनिक व्यवस्था है उसी में अव तक गुमराह किया जय भीम हम काल्पनिक व्यवस्था को नही मानते
जो जाति वाद में विश्वास करते हैं वो तो असमानता और पाखण्ड फैलागा।❤
ईश्वर के नाम शपथ असंवैधानिक है शपथ संविधान को साक्षी मानकर ही लेना चाहिए संसद में देश के लोग यही चाहते हैं जयभीम जय संविधान जय भारत
ईश्वर के नाम पे शपथ लेना ऐ गैर कानून आहे जिन्होने इस तरीके की शपथ लिया उन्ह पे मुकदमा चला ना चाहिये और इन पर कारवाई होना चाहिए संसद में शपथ लेना है तो संविधान की शपथ लेना यही एक निष्ठा सही है
संविधान की शपथ लेनी चाहिए सत्य निष्ठा के शब्द लेनी।
किसी भी धर्म में लोकतंत्र होता ही नही है, वहाँ केवल राजतंत्र होता है, जहाँ आम जनता के विचारों, तर्को और प्रश्नों का कोई महत्व नही होता है, वहाँ ईश्वर के नाम से राजादेश जारी किया जाता है, जो शोषक वर्ग के द्वारा जारी किया जाता है । आस्था और धर्म को एक साथ जोड़ दिया गया । आस्था लोगों की व्यक्तिगत मामला होता है जबकि धर्म एक सामाजिक व्यवस्था है, जो किसी एक व्यक्ति, परिवार, कुल, समाज या वर्ग को विशेष अधिकार देता है । इसलिये लोकतंत्र हर व्यक्ति के लिये बहुत जरूरी है, किसी पत्थर या कल्पना की भक्ति नहीं । कोई व्यक्ति अपने धर्म का प्रचार बिना काल्पनिक ईश्वर के नही कर सकता ।
ईश्वर के नाम शपथविधी लेना असंविधानशील है संविधान से चुनकर आए संविधान सेही शपथ लेना जरुर है नहीलिया ओ संविधान से बेईमान है
ऐसे बेईमान को सांसद सदस्यका दर्जा छीन लेना चाहिए और पांच साल के लिए खाली करे
जयभीम जयभारत जय संविधान धनेवाद
ये संसद अब वैयक्तीक स्टेज बन गया है. ये संसद नही रही है. प्राइवेट क्षेत्रं बन गया है. आगे संसदमे कूचभी हो सकता है.कीसिको कोई नहीं रोक पायेगा ऐसा संसद के अंदर हो रहा है.
BAP❤ सांसद महोदय राजकुमार जी रोत साहब ने संविधान और प्रकृति पूर्वज की शपथ ली South राजस्थान से बाँसवाड़ा डूंगरपुर लोकसभा क्षेत्र ,राजकुमार जी रोत साहब❤
मैडम देश संविधान से चलता है न कि ईश्वर से ईश्वर एक काल्पनिक व्यवस्था है यहीं पन्द्रह पच्चासी का खेल है जय भीम
ईश्वर के नाम परशपथलेनासंबैधानिकनहीहै, ईश्वर के बारे में संविधान में उल्लेख नहीं हैं
शपथ के बारे मे बहोत महत्वपूर्ण संविधानिक जानकारी मिली बहोत बहोत धन्यवाद
जो सांसद ईश्वर की शपथ लेता है वह संविधान के प्रती गैर जिम्मेदार रहता है | लोकतांत्रिक कोई भी देश संविधान को सर्वतोपरी रखता है | भारत एक लोकतांत्रिक देश है |
Parachi mishra mam bahut detel se samjhate hai 🌹🌹🌹🌹 Dil se dhanyawad mam
जिस दिन पूरे बहुजन के लोग सांसद और विधायक बनेंगे उसे दिन संविधान लागू हो जाएगा जब तक कांग्रेस बीजेपी को लोग रहेंगे संविधान लागू नहीं होगा
सबसे उत्तम येहि होगा कि हमने चुनाव लडने के लिए देश की सेवा करना है,किस माध्यम को चुना है और वो माध्यम होता है कि जिस संविधान को हमने अंगीकार किया है उस में लिखी बातों को लागू करने तथा उन पर स्वयं को आत्मसात करने,की ही शपथ ग्रहण करेंगे। ऐसा ही सर्वोपरि होगा। जय संविधान जय भारत।
संविधान मनुष्य के द्वारा बनाया गया एक नियम है ।
ईश्वर के द्वाराबनाया गया मानव आत्मा मानवसंरचना परमसत्य इस इस ईश्वरपरमेश्वर सबका मालिक परमेश्वरहै
भगवान ने कोई कानून नहीं बनाया फिर भगवान की शपथ क्यों,,,हमारा संविधान निर्माता तोह सिर्फ बाबा साहब जी ही है ❤❤❤,,,,
शपथ तो संविधान की लेनी चाहिए,,,
ईश्वरके,नंमप।र ग।ल।त,हैं❤❤जयभीम ❤संविधान ❤से❤स।पंत❤लेनच।ही,ऐ ❤जयभीम जय भारत जय संविधान जय भारत जय संविधान
Very good topic as well good chanal.
ईश्वर होता तो भारत 800 वर्ष मुगलो का गुलाम न हुआ होता जब ईश्वर होता तो 200 वर्ष अंग्रेज का गुलाम न होता । जयभीम जय संविधान सत्य मेव जयते।
Bilkul sahi kaha jai savidhan
प्राचीन मिश्रा जी को हमारे तरफ से बहुत बहुत धन्यवाद है पढ़ाई है दिल की गहराई से ईश्वर के नाम लेकर के शपथ लेना गलत फिर लोक सभा का महत्व क्याहै बिहार कैमूर से जितेंद्र कुमारभास्कर
सासद विधायकों को सविधान के प्रति कृतज्ञ होकर शपथ प्राप्त करना चाहिए चाहे वे किसी भी धर्म वर्ष समप्रदाय के हो।
Sab Kuchh Diya sanvidhan Ne Ishwar ne kya Diya Jay Bheem Namo buddhay❤❤❤
संवैधानिक पद पर आसीन होने और जिम्मेदारी संभालने के लिए संविधान की ही सपथ लेना चाहिए न कि किसी भगवान या देवी देवता की।
संवैधानिक जिम्मेदारी हमारी संविधान और लोकतंत्र के प्रति है,न कि किसी देवी -देवताओ के प्रति।
संविधान को साक्षी मानकर ही शपथ लेनी चाहिए ईश्वर को साक्षी ईश्वर को साक्षी मानकर शपथ लेना संवैधानिक है
ईश्वर के नाम शपथ लेना असंवैधानिक है।
क्योंकि देश हमारा पंथनिरपेक्ष है।
Eishwar ke naam par shapath Lena samvidhan ka apmaan hai aisi koi bhi shapath Lena vyarth hai ye samvidhan ko na manne wali shapath hai
Jai bhim Jai bharat Jai Samvidhan Namo buddhay Jai moolnivasi Jai ambedkarwaad Jai ambedkarwaadi Jai vigyan 💙💙💙💙🙏🙏🙏🙏🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳
ईश्वर झुठी है और जब यही झुठी है तो इसके सपथ लेने वाले सच्चे हो ही नहीं सकता है। बस एक जुमलेबाज है।
संवैधानिक है क्योंकि ईश्वर शब्द लोगों के मुख्य आत्मा से निकलता है लोग जब उसे शब्द को लोग अंतर करते हैं और शब्दों में सच्चाई पाई जाती है तो वही सही माना जाता है इसीलिए संवैधानिक माना गया है ईश्वर शब्द को
❤पहली बार संसद मे कुछ सांसदों ने सत्य निषठा से शपथ ग्रहण की है | उनको बहुत बहुत धन्यवाद |
मैडम देश भी ईश्वर के द्वारा चलवा कर देख लें पता चल जाएगा कि ईश्वर की शफत लेने वालो को 😂
ईश्वर का नाम लेकर शपथ लेना असंविधानीक हे जयभीम जय संविधान नाम लेकर शपथ लेना संविधानिक है नमो बुद्धाय 💙💙🙏🙏
Bhut Badhiya madam apne etna badhiya bataya hamko to pata hi nhi tha very good
Beautiful
Thank you so much ma'am and sanskriti team ❤️✨
Nice information ma'am Thanks
संविधान की शपथ दिलाई जानी चाहिए और चुने हुए सांसद को संविधान की शपथ लेना चाहिए
हमने ईश्वर को बाजार में तब्दील कर दिया है इस बाजार में जो ज्यादा से ज्यादा धन लगाकर उसे आसानी से खरीदना चाहते हैं और यही बात सांसद और विधायक चुनने में साफ दिखाई पड़ता है और यही ईश्वर रुपी समर्थवान लोग आज की हकीकत है।
अन्य कौनसे भी ईश्वर की शपथ लेने के साथ साथ संविधान की शपथ लेनीही चाहिए.
भारत का संविधान को भारत का लोगों ने भारत का लोगों केलिए बनाया है।ईश्वर के नाम पर सपथ लेने बाला नेता लोगों, भारत का लोगों का वोट से जीत कर संसद भवन में पहुंचे है।नहीं की इश्वर का।
Thanks for the greatest information madam ji 🙏🙏
ईश्वर का मतलब यहां अपने सांस अर्थात आते जाते स्वर से है। न की किसी अज्ञात शक्ति से।
You are right works best for like it true savidhaan
सांसद तथा राज्य विधान मंडल के सदस्यों को भारत की अखंडता बनाए रखने के तथा प्रभुत्व संपन्न की रक्षा की शपथ ग्रहण करनी होगी ... ना की देवी देवताओं की
➡️ जब देवी देवताओं की शपथ का प्रयोग होने लगेगी तब #लोकतांत्रिक की जगह पर धर्म तांत्रिक हो जाएगा
Please continue Send u r Vdo regarding Constitution we Support you
शपथ किसी भी नाम से लें याद किसी को नहीं रहता है।याद रहता है सत्ता सुख भोगना।बहुत ही कम लोग याद रखते हैं।कुछ केवल धन कमाने के लिए संसद में जाते हैं।
Wa great Mam
जिन्हें देश के संविधान से और लोकतंत्र से नफरत है वही ईश्वर के नाम से शपथ लेते हैं यह कौन लोग है सारा देश जानता है
ईश्वर का सपथ लेने वाला वो अपने आप को साबित कर देता है कि मै देश द्रोही हूँ ।
Your teaching skill is so beautiful mam
भारत के सबसे पहले भारत के संबिधान का शपथ ग्रहण करना चाहिए भारत देश संबिधान से चलता है
Madam 2014 और 2019 का sapath का jikra kiye the
विधायक या सांसद या संवैधानिक पदों के ग्रहण करते समय शपथ में ** ईमानदारी , सच्चाई और श्रृद्धा के साथ पूर्णतः संविधान लागू करुंगा ** केवल केवल **संविधान** को साक्षी मानकर शपथ लेना अनिवार्य है । चूंकि संविधान में देश धर्म निरपेक्षता का आदेश है , इसलिए किसी भी धार्मिक या ईश्वर को साक्षी मानकर शपथ लेना पूरी तरह असंवैधानिक है । इस पर तुरंत रोक लगनी चाहिए ।
ना भगवान ना अल्लाह केवल सविधान हि है जो लोक सभा और राज्य सभा का मान रखता है मेम 😊,,,इसमें कोई जाती या धरम नहीं जब राजनीति मे आए है तो सविधान से लिलितेद् बात हि होता है ,,,,जय भीम ,जय सविधान 🎉🎉😊
दोनों सदनों में से किसी एक सदन का सदस्य होना चाहिए न कि दोनों सदनों का।
Anuchchhed 99 , Shapath ka jikr hai❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤
Panthnirpeksh and dharmnirpeksh mein kya difference h????
प्रत्येक धर्म में कई पंथ है
जैसे -हिंदू धर्म में -कबीर पंथ, नानक पंथ, नयनार पंथ, अलवर पंथ
मुस्लिम में -
चिस्ती पंथ, फिरदौसी संप्रदाय या पंथ आदि
जबकि धर्म जानते ही है।
ईश्वर के नाम लेकर सपथ लेना असंवैधानिक है संविधान का नाम लेकर सपथ लेना चाहिए
Thankyou madem sach bolne ke liye
आज 18 लोकसभा होकार गई शपतका प्रश्न नाही छुटा, जय संविधान जय भारत
ईश्वर के नाम से शपथ लेनाअसंवैधानिक है प्रजातंत्र में संविधान के नाम पर शपथ ग्रहण लेना वैज्ञानिकता की अग्रसर होने का मार्गदर्शन करता है और धर्मनिरपेक्षता को दर्शाता है
ईश्वर की शपथ लेने वाले सांसद, विधायक तो संविधान के माध्यम से बनने के लिए जी जान लगा देते हैं। और जब संविधान के माध्यम से सांसद विधायक बन जाते हैं। तो संविधान को भूलकर ईश्वर याद आने लगते हैं। ऐसा ही नवयुवक भी जब गुरुओं के माध्यम से शिक्षित हो जाने के बाद संविधान के माध्यम से सरकारी सेवा में नियुक्त हो जाते हैं तो वे सब भुला कर मंदिर में जाकर ईश्वर को अपनी सफलता का माध्यम ईश्वर को मानकर पूजा अर्चना कर अपने को संतुष्ट होते हैं। नवयुवक की जब शुरुआत से ही इस प्रकार की है तो आगे चलकर उसमें ऐसी छवि दिखाई देना आंमवात है। जय मूलनिवासी जय संविधान।
ईश्वर की शपथ लेने वाले सांसद, विधायक तो संविधान के माध्यम से बनने के लिए जी जान लगा देते हैं। और जब संविधान के माध्यम से सांसद विधायक बन जाते हैं। तो संविधान को भूलकर ईश्वर याद आने लगते हैं। ऐसा ही नवयुवक भी जब गुरुओं के माध्यम से शिक्षित हो जाने के बाद संविधान के माध्यम से सरकारी सेवा में नियुक्त हो जाते हैं तो वे सब भुला कर मंदिर में जाकर ईश्वर को अपनी सफलता का माध्यम ईश्वर को मानकर पूजा अर्चना कर अपने को संतुष्ट होते हैं। नवयुवक की जब शुरुआत से ही इस प्रकार की है तो आगे चलकर उसमें ऐसी छवि दिखाई देना आंमवात है। जय मूलनिवासी जय संविधान।
जेलोग ईश्वर की शपथ लेते है ओ लोग संविधान को नहीं मानते ये शीद्ध होता है जीस संविधान से ओ लोग मंत्री संसद बने है जीस संविधान से भारत देश सुरक्षित है, जयसंविधान
Eshwar ki SHAPTH HI GALAT AUR SAVIDHAN KE VIRODH ME HAI.
JAI SAVIDHAN
शपथ किसी के नाम पर लेलो, राजनीति बिना पक्षपात व झूट के नहीं चलती।
संविधान में संविधान की शपथ लेना चाहिए इसमें कोड तो जनता देता इस वक्त देते नहीं है संविधान सदस्य चलता है तो संविधान की शपथ लेनी चाहिए ना इसके द्वारा प्रदत्त है उसका नाम लेना चाहिए जिसकी वजह से पार्लियामेंट में जाने का मौका मिलता है
Madam ji mera aapse ek sawal hai ki desh ka koisa bhi court ho usme Geeta ki kasam ka kya aashay hai batane ka shram karen
Bahut sahi madam
Very good topic 😊
संविधान की शपथ संसद में दिलाई जानी चाहिए और सभी सांसद को केवल संविधान की शपथ लेना चाहिए
Madam. Gi. nice lecture aap ko mera. Jay bhim🎉
संविधान की भारतरत्न डॉक्टर बाबासाहेब आंबेडकर भारताचे संविधान लिहिणारे सविधान के ऊपर चलना पडेगा सबको
संसद संविधान से चलता है ,न कि ईश्वर से ।