गीता अध्याय 17 श्लोक 5 - 6 में इस प्रकार कहा है:- जो मनुष्य शास्त्रविधि रहित यानि शास्त्रविधि को त्यागकर केवल मन कल्पित घोर तप को तपते हैं, वे शरीर में प्राणियों व कमल चक्रों में विराजमान शक्तियों को तथा हृदय में स्थित मुझको भी कृश करने वाले हैं। उन अज्ञानियों को तू आसुर स्वभाव के जान।
यदि पवित्र हिन्दू धर्म की पूजाओं पर दृष्टि दौड़ाई जाए तो पता चलता है कि लगभग पूरा हिन्दू समाज पित्तर पूजा, भूत पूजा, देवी-देवताओं की पूजा करता है जो शास्त्रविधि त्यागकर मनमाना आचरण होने से गीता अध्याय 16 श्लोक 23 के अनुसार व्यर्थ प्रयत्न है।
धर्म ग्रंथों से हमें जानकारी मिलती है कि पुण्यों से सुख और पापों से दुःख प्राप्त होता है। और यजुर्वेद अध्याय 8 मंत्र 13, अध्याय 5 मंत्र 32 में लिखा है कि कबीर परमेश्वर सर्व पापों का नाश कर देता है। वहीं वर्तमान समय में संत रामपाल जी महाराज जी से नाम लेकर कबीर परमेश्वर की भक्ति करने से लोगों के सर्व पाप समाप्त हो रहें हैं जिससे लोगों का जीवन सुखी हो रहा है। कबीर, जब ही सत्यनाम हृदय धरो, भयो पाप को नाश । मानो चिंगारी अग्नि की, पड़े पुरानी घास ।।
Hindustan ke andar Jisne Bhi Apne Mata Pita ko vriddh aashram bhej Rakha Hai Unse Ham Prathna karte hain jao aur jaldi se pahle unhen Ghar Wapas Lekar aao
Jay shree Krishna radhe2 ❤❤❤🙏🙏🙏
गीता अध्याय 17 श्लोक 5 - 6 में इस प्रकार कहा है:- जो मनुष्य शास्त्रविधि रहित यानि शास्त्रविधि को त्यागकर केवल मन कल्पित घोर तप को तपते हैं, वे शरीर में प्राणियों व कमल चक्रों में विराजमान शक्तियों को तथा हृदय में स्थित मुझको भी कृश करने वाले हैं। उन अज्ञानियों को तू आसुर स्वभाव के जान।
यदि पवित्र हिन्दू धर्म की पूजाओं पर दृष्टि दौड़ाई जाए तो पता चलता है कि लगभग पूरा हिन्दू समाज पित्तर पूजा, भूत पूजा, देवी-देवताओं की पूजा करता है जो शास्त्रविधि त्यागकर मनमाना आचरण होने से गीता अध्याय 16 श्लोक 23 के अनुसार व्यर्थ प्रयत्न है।
धर्म ग्रंथों से हमें जानकारी मिलती है कि पुण्यों से सुख और पापों से दुःख प्राप्त होता है। और यजुर्वेद अध्याय 8 मंत्र 13, अध्याय 5 मंत्र 32 में लिखा है कि कबीर परमेश्वर सर्व पापों का नाश कर देता है। वहीं वर्तमान समय में संत रामपाल जी महाराज जी से नाम लेकर कबीर परमेश्वर की भक्ति करने से लोगों के सर्व पाप समाप्त हो रहें हैं जिससे लोगों का जीवन सुखी हो रहा है।
कबीर, जब ही सत्यनाम हृदय धरो, भयो पाप को नाश । मानो चिंगारी अग्नि की, पड़े पुरानी घास ।।
Ram pal tho jail m h
mene to bahut jyada paap kar diya hu ek ladki ke sathusko rula diya hu 😢
Hindustan ke andar Jisne Bhi Apne Mata Pita ko vriddh aashram bhej Rakha Hai Unse Ham Prathna karte hain jao aur jaldi se pahle unhen Ghar Wapas Lekar aao