राक्षसों के 5 अद्भुत वरदान: ऐसे वरदान जो लगभग अमर होने के समान थे
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- เผยแพร่เมื่อ 18 ก.ย. 2024
- नारायण से चतुराई नहीं !राक्षसों के 5 अद्भुत वरदान: ऐसे वरदान जो लगभग अमर होने के समान थे
राक्षसों के द्वारा मांगे गए सबसे शक्तिशाली वरदान
हिंदू धर्म में जब-जब राक्षसों की बात होती है तो हम अक्सर सुनते हैं कि राक्षसों ने कोई बहुत शक्तिशाली वरदान प्राप्त कर लिया जिसके चलते वह संपूर्ण पृथ्वी पर अत्याचार करने लगे और इतने शक्तिशाली हो जाते थे कि इंद्र समेत सभी देवता भी उन के आगे नहीं टिक पाते थे इन राक्षसों की पहली इच्छा तो यही होती थी कि इनको अमरता का वरदान मिल जाए, यह अमर हो जाए तो जैसे ही ब्रह्मा जी या शिवजी प्रकट होते थे तो पहले तो अमर होने का ही वरदान मांगते थे लेकिन जब भगवान यह वरदान देने से मना कर देते थे तो अपनी पूरी बुद्धि लगाकर कुछ ऐसा वरदान मांगते थे जो कि लगभग अमर होने जैसा ही हो, यानी इनको मारना लगभग असंभव हो जाए ऐसे अद्भुत वरदान मिलने के बाद यह तीनों लोकों में हाहाकार मचा देते थे इनको लगता था कि अब इनको कोई मार ही नहीं सकता किंतु यह भूल जाते थे कि महादेव ,माता आदि शक्ति और श्रीमन नारायण के आगे किसी की नहीं चलती
तो आईए जानते हैं पांच ऐसे वरदानों के बारे में जो की राक्षसों द्वारा मांगे गए सबसे चतुर वरदान में से एक थे और आखिर इतने शक्तिशाली वरदान मांगते वक्त भी इन राक्षसों से कैसे कोई ना कोई भूल हो ही जाती थी।
Hiranyakashyap, Tarakasur, Raktabeeja, Ravana, Mahisasura, Meghnad, Vibhisana
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