गुरु जी के चरणों में प्रणाम आजभारतवर्ष के लोगों को ऐसे ही ज्ञान की आवश्यकताहै कि जिससे लोग दूसरों के मन माने ज्ञान से बचें शास्त्र के ज्ञान को जाने और अपने जीवन में उतारे
मैं स्वामी जी के वक्तव्य से सहमत हूं और धर्मशास्त्र की मर्यादा को बनाए रखना हम सब का कर्तव्य है मन मुखी ढंग से व्यास पीठ का संचालन धर्म शास्त्र के विपरीत है
हम भी स्वामी जी के साथ हैं। कोई तो है विशुद्ध बोलते है कलयुग में धर्म तो करना चाहते हैं किन्तु धर्म की मर्यादा नही मानना चाहते लोग धर्म के विषय में कहीं और के नियम भी नहीं लागू नही होंगे जय श्री राम। हम आपका समर्थन करते हैं
चारों वेदों से मर्मज्ञ श्रीमद जगद्गुरु रामानुजाचार्य डॉक्टर स्वामी श्री राघवाचार्य जी महाराज जो कहा वह बिल्कुल ठीक कहा है स्वामी जी के श्री चरणों में मेरा बारंबार प्रणाम आपकी जय हो
नमो राघवाय🙏 में एक महिला होते हुए महाराज जी के साथ हूँ॥ जब हम महिला होकर धर्म नहीं बचाये गे तो धर्म नहीं बचेगा॥ महाराज जी ने बहुत बहुत बहुत बहुत अच्छा कहा है🌻🌻
परम पूज्य राघवाचार्य जी को दंडवत प्रणाम जिन्होंने सप्रमाण के साथ शास्त्री लिखित बताया महिलाओं को इस प्रकार के कृत्य नहीं करना चाहिए जिससे उन्हें मोक्ष की प्राप्ति ना हो संतुष्टि ना हो ऐसे ज्ञानवान पुरुष को बार-बार प्रणाम प्रणाम . । पंडित चंद्र भूषण व्यास
इस बात को माताएँ- बहनें कृपया अन्यथा नही लें। सनातन धर्म पूर्णतया वैज्ञानिक धर्म है, जो स्वामीजी ने कहा है वह बिल्कुल ठीक है, क्योंकि इसके पीछे धार्मिक और वैज्ञानिक कारण दोनों है। महिलाओं को भी शास्त्र पढ़ने की अनुमति है,वें घर पर बैठकर पढ़ सकती है । सनातन धर्म में ही महिलाओं को पूर्ण आदर सम्मान प्राप्त है । ।। जय श्रीमन्न नारायण ।।
अखंड मंथन देखने के लिये आपका हृदय से आभार, कृपया हमारे चैनल को और बेहतर बनाने के लिये अपना सुझाव दें। आप अखंड मंथन में और क्या क्या देखना चाहते हैं, ये बताने के लिये हमें मेल करें ADMIN@AKHANDMANTHAN.COM
Akhand Manthan सनातन धर्म में आजकल जो कुछ भ्रांतियां पाखंडी लोगों द्वारा फैला दी गयी है, उनके बारे में लोगों को जागरूक कर सकते है। इसके अतिरिक्त महापुरूषो,संतो आदि के विचार और उनके वचन लोगों को दिखा सकते है। क्योंकि लोग जब जागरूक होकर धर्म और संतो से जुड़ेंगे तभी उनको वास्तविक ज्ञान मिलेगा और तभी समाज का कल्याण हो सकता है। भारत माता की जय
बिल्कुल सत्य है स्वामी जी स्त्री को व्यास गद्दी पर बैठने का अधिकार ना था ना है स्त्री को व्यास पीठ में बैठकर व्यास गद्दी का अपमान भगवान का ही अपमान है स्त्री को व्यास पीठ पर बिल्कुल नहीं बैठना चाहिए क्या पार्वती माता को ज्ञान नहीं था लक्ष्मी सरस्वती क्या यह महान स्त्रियां नहीं थी यह तो साक्षात देवियां थी इनको तो सारे संसार का ज्ञान था यह तो कभी व्यासपीठ में बैठकर पर वचन नहीं देती थी🙏🙏
मेरे गुरु जी बिल्कुल सत्य कह रहे हैं बिल्कुल सत्य इन्हें ज्ञान है इसलिए कह रहे जिन को ज्ञान नहीं है वह क्यों कहेंगे वह मूर्ख है जिनकी बातों को बुरा मान रहे हैं ऐसे गुरु जी को मैं प्रणाम करता हूं उनके चरणों में मैं शत-शत प्रणाम प्रणाम करता हूं
Those ladies got sad because they're not supporting pure rules told in scriptures I support pujya maharaj ji for spreading pure form of vaishnavism Ignore these ladies because they do litrally anything in the name of bhakti.
स्वामी जी को शादी करने की बात करनी नहीं चाहिए और करनी है तो फिर दोनों को शादी करनी चाहिए स्त्रियों शादी करें और पुरुष ही केवल सन्यास ले सकते हैं यह तो न्यायोचित बात नहीं है जी 🙏🙏🙏
स्वामी जी हम आपके वक्तव्य से आपके द्वारा बताये गये सत्मार्ग से पूरी तरह सहमत हैं , जब जब मनुष्यों ने अपने सुविधानुसार धर्म शास्त्रों में बताये गये मार्ग से हटकर कार्य किया , उसका दुष्परिणाम मिला है , प्रत्यक्ष प्रमाण जोसीमठ में निरन्तर देखने को मिल रहा है ,, हमे पूर्ण विश्वास है कि सनातन धर्म को मानने वाली हमारी मताये बहने , गुरु जी द्वारा धर्म शास्त्र के अनुसार जो भी बताया गया है उससे पूरी तरह संतुष्ट होंगी , हां यह जरूर है कि जिनकी दुकान गुरुदेव जी के विस्तार पूर्वक वर्णन के बाद बन्द होने वाली है वें दूषित प्रचार जरूर करेंगे परम् पूज्य गुरुदेव जी को सादर प्रणाम
swami ji upnisad and vedo me Anek vidwan stri a Akhyaan milta hai jo vedo ki mahan Vidushi thi (1) wachknvi ki putri Gargi and Yagwalkya ka shastarth bina vedo ke gyan ki bina nhi ker sakta ye Janak ke darbaar ke vidwano me shamil thi ye stri thi (2) Dirgatma rishi ki Mata Mamta ye bhi mahaan vidushi bramgyan sammpan thi ye agni ki upasak thi Rigved ke pratham mandal ke dasam sukta ki richa me milta hai ye bhi stri thi (3) maharishi Atri vans me vidushi Visswara ye mantradresta Rishika hai he bhi vedo ki marmak gyani thi ye bhi stri hai (4) Waak Ambren rishi ki kanya ye famous Brahmgyni thi rigved ke dasam mandal ke 125 ve sukt me" Devi sukt" ke naam jo 8 mantra hai ye enhi ke rache hai jo chandi paath ke saath en 8 mantro ka bada mahtm hai ::;;; Rigved me vidushi stri ke Anek naam hai jo mantradresta Rishika kahlayi gayi hai joAnek sukta ki bhi rache hai Rigwed sahinta :/134 ke 7ve manta ki.........rishika Godha6/10/ ke 2ve mantra ki .................... mamta8/1/ ke 34 ve mantra ki ..................Angira ki putri Asang ki stri Sasawti gi hai10/154 ki ..............................................................Visswan ki putri Yami8/91 ......................................................................... Atri putri Apala "ye sabhi stri hai ved Bidya ki Adhisdtri Devi Bhagwati Saraswati ye bhi stri hai Aour kya kaha Jay ye jitne ved ki Richaye hai ye sabhi stri hai jise padh padh ker log Brahmgyani AND jagadguru bante hai Bagwat katha me ye hi ved ki richye stri banker MahaRaas me Gayi thi 10/29,30,30,31,32 maharaas adyaay hai jisme ye hi stri bagwaan se kerm dher ke Anek updeso ko apne GYAN ki talwar se kata tha ye sabhi striya Bharatvarsh ki Amuly Ratn hai Aaj bhi unki jaisi Vidushi av Tapsawini Kumariyo per es desh ko Garv hai sawmi ji agar mujhse koi galti ho gayi ho to mujhe maaf ker digiyega jai shri radhey
@@jspatel7070 th-cam.com/video/5jKznEPyrB4/w-d-xo.html Pls watch this video till end... जिसको भी यह शंका है कि स्त्री को व्यास गद्दी पर नहीं बैठना चाहिए उन लोगों का मुंह बंद करने के लिए इस वीडियो को जरूर देखें...
आपने सच्च कहा आज कलयुग है। जो महात्मा भी कलयुग प्रभाव मे आकर अपनी व्यक्तिगत विचारो को रखकर मनगंडत विचारो को रखा है। आपने अभी जो श्लोक बोला उसका आप फिर से विचार करे
जय परम पूज्य सद्गुरु भगवान आपके श्री चरण कमलों में मेरा कोटि-कोटि प्रणाम जय श्रीमन्नारायण जय श्रीमन्नारायण जय श्रीमन्नारायण श्री हरि हरि जय श्री राम जय श्री राधे श्याम
Swami ji ne Ekdam Saty baat kahi aaj ke samay me bahut adharm ho raha hai. Esme ek mahapaap ye bhi hai mahilao ka vyaash banna Jo Dharm ke khilaaf hai.
कथा-व्यास के लक्षण > *विरक्तो वैष्णवो विप्रो, वेदशास्त्र विशुद्धिकृत्।* *दृष्टान्तकुशलो धीरो, वक्ता कार्योSतिनिःस्पृहः॥* *अनेकधर्मविभ्रान्ताः, स्त्रैणाः पाखण्डवादिनः।* *शुकशास्त्रकथोच्चारे, त्याज्यास्ते यदि पण्डिताः॥* _(स्वस्ति _*_श्रीपद्मपुराणे_*_ उत्तरखण्डे श्रीमद्भागवत माहात्म्ये _*_श्रवणविधिकथनं_*_ नाम षष्ठोSध्यायः॥)_ प्रथम लक्षण - वक्ता *'विरक्त'* हो। (संसार से अथवा मन से) द्वितीय लक्षण - *वैष्णव* हो। (वाह्य दृष्टि से अथवा आतंरिक दृष्टि से) तृतीय लक्षण - *विप्र* हो। (यह भी चर्चनीय है।) चतुर्थ लक्षण - *वेद-शास्त्रों का विशुद्ध ज्ञाता* हो। पञ्चम लक्षण - *दृष्टांत (शास्त्रीय) देने में कुशल* हो (अर्थात् ग्रन्थ की कथा में छिपे रहस्य को समझाने हेतु दिए गए छोटे दृष्टांत जिनसे प्रसंगान्तर प्रतीत न हो उनको सरल, सहज, सुगम बनाकर ऐसे समझाए जिससे खेत में कार्यरत कृषक अथवा पढ़े-लिखे लोगों को भी समझ में आ जाए।) षष्ठं लक्षण - *धीर* हो अर्थात् धैर्यवान हो। सप्तम लक्षण - *अति निःस्पृही* हो। (अर्थात् लोभी-लालची न हो, कथा की दक्षिणा तय न करे, मन धन में न हो, व्यास-गद्दी को भीख का कटोरा किसी भी प्रकार से न बनाये न ही व्यक्तिगत जीवन में लोभ की प्रवृत्ति हो, अर्थात् त्यागी हो) अष्टम लक्षण - *अनेक धर्मों में जिसका चित्त भ्रमित न हो*। (अर्थात् स्वयं जीवन के परम-चरम लक्ष्य उस अखंड सत्य सत्ता परमात्मा को एक पल भी न भूले) नवम लक्षण - *स्त्रीलोलुप* न हो तथा *'पुरुष'* ही हो। दशम लक्षण - *पाखंडी न हो* अर्थात् *'उच्चारण'* तथा *'आचरण'* में यथासंभव भेद न हो। हमारे शास्त्र ही हैं, जो हमें बताते हैं कि पवित्रतम *'व्यासपीठ'* का सच्चा अधिकारी कौन अथवा कैसा होना चाहिये। *अगर किसी साधक में उपर्युक्त प्रमुख १० लक्षणों में से एक भी लक्षण कम है तो उसे 'व्यासपीठ' पर बैठकर इसकी मर्यादा को खण्डित नहीं करना चाहिये।* यदि शास्त्रानुसार कोई साधक उपर्युक्त गुणों से युक्त होकर *'व्यासपीठ'* को ग्रहण करता है तो उसके द्वारा किये हुए उपदेश का प्रभाव श्रोताओं पर नि:संदेह होता है।
जिसको भी यह लगता है कि स्त्री को व्यास गद्दी पर नहीं बैठना चाहिए वह इस वीडियो को एक बार जरूर देखलें ।। th-cam.com/video/5jKznEPyrB4/w-d-xo.html जय सियाराम
गुरु जी के चरणों में प्रणाम आजभारतवर्ष के लोगों को ऐसे ही ज्ञान की आवश्यकताहै कि जिससे लोग दूसरों के मन माने ज्ञान से बचें शास्त्र के ज्ञान को जाने और अपने जीवन में उतारे
मैं स्वामी जी के वक्तव्य से सहमत हूं और धर्मशास्त्र की मर्यादा को बनाए रखना हम सब का कर्तव्य है मन मुखी ढंग से व्यास पीठ का संचालन धर्म शास्त्र के विपरीत है
जय जय श्री सीताराम जी 🙏
@@santokesang-raghunandandas4743 जय श्री राम
हम भी स्वामी जी के साथ हैं। कोई तो है विशुद्ध बोलते है कलयुग में धर्म तो करना चाहते हैं किन्तु धर्म की मर्यादा नही मानना चाहते लोग धर्म के विषय में कहीं और के नियम भी नहीं लागू नही होंगे जय श्री राम। हम आपका समर्थन करते हैं
औ
सबरी को भगवान का दर्शन एव मुक्ति मिली परन्तु विवाहित नही थी ।
नमो राघवाय🙏 में तो यही कहूगी कि धर्म को मानने वाली महिला महाराज जी का साथ दैगी॥
गुरू जी को कोटी कोटी नमन
हम सब नारियों को संतो के द्ववारा बताई गयी वेदो की बातो को मानना चाहिये यही हमारा धर्म है ।🙏🙏
राघवाचार्य महाराज भारत के सर्वश्रेष्ठ विद्वान है विश्व का एकमात्र विद्वान राघवाचार्य महाराज शत कोटि प्रणाम
गुरु जी मैं आपकी बात से 100 प्रतिशत सहमत हूं।आप महान हैं ।आप महा विद्वान और प्रकांड ज्ञानी है ।आज़कलियुगी लोग आपको परेसान करते है क्योंकि आज कलियुग है।
चारों वेदों से मर्मज्ञ श्रीमद जगद्गुरु रामानुजाचार्य डॉक्टर स्वामी श्री राघवाचार्य जी महाराज जो कहा वह बिल्कुल ठीक कहा है स्वामी जी के श्री चरणों में मेरा बारंबार प्रणाम आपकी जय हो
नमो राघवाय🙏 में एक महिला होते हुए महाराज जी के साथ हूँ॥ जब हम महिला होकर धर्म नहीं बचाये गे तो धर्म नहीं बचेगा॥ महाराज जी ने बहुत बहुत बहुत बहुत अच्छा कहा है🌻🌻
जय श्री सीताराम बहन 👍👍
आप जैसी महान नारी को कोटि कोटि नमन करता हूं।
रामानुज सम्प्रदाय के इस दास का पूज्य स्वामीजी के
चरणों मे दंडबत
adiyEn rAmAnuja dAsan 🙏🏻
Jai sriman Narayana 🙏🏻❤️🙏🏻
🙏🏻🙏🏻
महाराज जी ने धर्म संगत बात कही है सच्चा सन्त ही वास्तविक बात बोल सकते हैं आज तो सब रुपयों के दास है
जय जय श्री सीताराम जी 🙏
Jai ho jai ho
नमो राघवाय🙏🙏💐💐 जय श्री सीता राम🇮🇳🇮🇳👌👌
बैक ग्राउंड संगीत बन्द कर देँ 'स्वामी जी ने बहुत ही अच्छा उत्तर दिया है प्रणाम ।
Jai sitaram
Music sahi nahi hai
No constitution is allowed to interfere in dharmic matters
परम पूज्य राघवाचार्य जी को दंडवत प्रणाम जिन्होंने सप्रमाण के साथ शास्त्री लिखित बताया महिलाओं को इस प्रकार के कृत्य नहीं करना चाहिए जिससे उन्हें मोक्ष की प्राप्ति ना हो संतुष्टि ना हो ऐसे ज्ञानवान पुरुष को बार-बार प्रणाम प्रणाम . ।
पंडित चंद्र भूषण व्यास
देखिये भाई धर्म में कुछ नियम होते है उनको मानना चाहिए मै गुरु जी से सहमत हूँ
B
सनातन वैदिक हिंदू धर्म के प्रति आप जैसे कल्याणकारी विद्वानों का उपदेश लोकहित में श्रेष्ठ मार्ग होगा प्रणाम स्वामी जी
Maharaj ji aapne bilkul Satya Kaha
Stree Vyas gatiki adhikarini Nahin Hai
इस बात को माताएँ- बहनें कृपया अन्यथा नही लें।
सनातन धर्म पूर्णतया वैज्ञानिक धर्म है, जो स्वामीजी ने कहा है वह बिल्कुल ठीक है, क्योंकि इसके पीछे धार्मिक और वैज्ञानिक कारण दोनों है।
महिलाओं को भी शास्त्र पढ़ने की अनुमति है,वें घर पर बैठकर पढ़ सकती है । सनातन धर्म में ही महिलाओं को पूर्ण आदर सम्मान प्राप्त है ।
।। जय श्रीमन्न नारायण ।।
धर्म के नियम स्वयं भगवान ने बनाये हैं इसलिये इस पर चलना चाहिये
अखंड मंथन देखने के लिये आपका हृदय से आभार, कृपया हमारे चैनल को और बेहतर बनाने के लिये अपना सुझाव दें। आप अखंड मंथन में और क्या क्या देखना चाहते हैं, ये बताने के लिये हमें मेल करें ADMIN@AKHANDMANTHAN.COM
Akhand Manthan
सनातन धर्म में आजकल जो कुछ भ्रांतियां पाखंडी लोगों द्वारा फैला दी गयी है, उनके बारे में लोगों को जागरूक कर सकते है। इसके अतिरिक्त महापुरूषो,संतो आदि के विचार और उनके वचन लोगों को दिखा सकते है। क्योंकि लोग जब जागरूक होकर धर्म और संतो से जुड़ेंगे तभी उनको वास्तविक ज्ञान मिलेगा और तभी समाज का कल्याण हो सकता है।
भारत माता की जय
th-cam.com/video/5jKznEPyrB4/w-d-xo.html
Pls watch this video till end..
Jay Siya Ram 🙏🙏🙏
Mene bhi kuch pdha h.. Mujhe aisa khi nhi likha mila h ki vyaspith pr mhilao ko n bethna chahiye ye galat h..
Guru ji aapki baat mujhe bahut achi lagi
बिल्कुल सत्य है स्वामी जी स्त्री को व्यास गद्दी पर बैठने का अधिकार ना था ना है स्त्री को व्यास पीठ में बैठकर व्यास गद्दी का अपमान भगवान का ही अपमान है स्त्री को व्यास पीठ पर बिल्कुल नहीं बैठना चाहिए क्या पार्वती माता को ज्ञान नहीं था लक्ष्मी सरस्वती क्या यह महान स्त्रियां नहीं थी यह तो साक्षात देवियां थी इनको तो सारे संसार का ज्ञान था यह तो कभी व्यासपीठ में बैठकर पर वचन नहीं देती थी🙏🙏
महाराज श्री के कथन सत्य एवं अनुकरणीय है
महाराज जी ने तो ठीक ही कहा है, कोई महिला नाराज नही हुई। आप महिलाओ को नाराज कर रहे हो।
ये background म्यूसिक तो बन्द करो भाई। इसको बजाना जरूरी है क्या पूरे टाइम
ha bhai bohot annoying gai
आचार्य श्री को शत् शत् शत् नमन करते हैं आप ने बहुत सुंदर कहा है
मेरे गुरु जी बिल्कुल सत्य कह रहे हैं बिल्कुल सत्य इन्हें ज्ञान है इसलिए कह रहे जिन को ज्ञान नहीं है वह क्यों कहेंगे वह मूर्ख है जिनकी बातों को बुरा मान रहे हैं ऐसे गुरु जी को मैं प्रणाम करता हूं उनके चरणों में मैं शत-शत प्रणाम प्रणाम करता हूं
Maharaj ji puri tereh vedic katha kerte. He. mene to pahli baar itni satic katha suni he unhe sat sat pranaam
Those ladies got sad because they're not supporting pure rules told in scriptures
I support pujya maharaj ji for spreading pure form of vaishnavism
Ignore these ladies because they do litrally anything in the name of bhakti.
शास्त्र की जानकारी रखना गलत नहीं है लेकिन व्यास पीठ पर बैठ कर के अनुष्ठान अनुचित है
th-cam.com/video/5jKznEPyrB4/w-d-xo.html
Pls watch this video till end..
Jay Siya Ram 🙏🙏🙏
स्वामीजी के साथ बराबरी पर बेढकर इंटरव्यू लेना उचित नहीं है आप अलग से कुर्सी ले लेते
महापुरुष है यह भारत भूमि के
Bhot अच्छे bilkul सही कहा sath मै बैठ रहे है इतना नहीं पता
स्वामी जी को शादी करने की बात करनी नहीं चाहिए और करनी है तो फिर दोनों को शादी करनी चाहिए स्त्रियों शादी करें और पुरुष ही केवल सन्यास ले सकते हैं यह तो न्यायोचित बात नहीं है जी 🙏🙏🙏
श्री सीताराम 🌸 स्वामी राघवाचार्य जी महाराज के चरणों में प्रणाम 🌸🙏
Me AAP ke vichar se 100pratishat sahmat Hu Kyoki AAP Jese Brahaman hi Shastra ko janjante hai
Aap ekdam sahi hai mahilao ko bahutse adhikar nahi hai
Jai shree krishna 🙏🙏🙏
Shekharji - aap ka Interview atyant sundar . vishay par visleshan Swamiji ne vivaran pradhaan kiye. Dhanyawad.
जय श्री गुरुदेव जी
Bahut bahut sundar bachn
पूज्य चरणों में सादर प्रणाम सत्य कहा आपनें
जय हो
बहुत सुंदर महराज जी
श्रीराधे🙏
satya vktavya swami ji aapke jyese hi bichar sabhi dharm guruo ke ho jaye to dharm ki durgti ruk jayegi
आपकी जय हो गुरु जी,, मेरा सादर प्रणाम स्वीकार करें,,
जय श्रीराम। अच्छी जानकारी 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Swami Ji bahut Sundar Baat
स्वामी जी हम आपके वक्तव्य से आपके द्वारा बताये गये सत्मार्ग से पूरी तरह सहमत हैं ,
जब जब मनुष्यों ने अपने सुविधानुसार धर्म शास्त्रों में बताये गये मार्ग से हटकर कार्य किया ,
उसका दुष्परिणाम मिला है ,
प्रत्यक्ष प्रमाण जोसीमठ में निरन्तर देखने को मिल रहा है ,,
हमे पूर्ण विश्वास है कि सनातन धर्म को मानने वाली हमारी मताये बहने , गुरु जी द्वारा धर्म शास्त्र के अनुसार जो भी बताया गया है उससे पूरी तरह संतुष्ट होंगी ,
हां यह जरूर है कि जिनकी दुकान गुरुदेव जी के विस्तार पूर्वक वर्णन के बाद बन्द होने वाली है
वें दूषित प्रचार जरूर करेंगे
परम् पूज्य गुरुदेव जी को सादर प्रणाम
स्वामी राघवाचार्य जी परम सत्य वचन बोल रहे हैं मलिन बुद्धि जीवी उनके कथन को नही समझ सकते
राम राम जी
अतिसुंदर
स्वाम्जी को कौटि कौटि दण्डवत
बहूत सुन्दर धन्यबाद प्रणाम
Koti koti pranam🙏🙏🙏
Swamiji k Sri charano me dandvat pranam
bilkul sahe maharaj je mai sehmat hu
Jay Gurudev Bhagwan🙏
वर्तमान परिप्रेक्ष्य में प्रश्नों का सप्रमाण उत्तर देने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद जय श्रीमन्नारायण
bilkul shi kha swami ji apki chrno me mera parnaam
👌👌👍👍🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻attiuttam👍👍
guru gcharno mai koti koti pranam
Wonderful answers .swamiji
Maharaj g Ko sat sat naman
Shree sitaram.. guruji jo bole sahi bole..
Radhe Krishna
महाराज जी प्रणाम राधे राधे जय श्री
सीता राम हनुमान सीता राम हनुमान सीता राम हनुमान सीता राम हनुमान सीता राम हनुमान
सहि वात स्वामि जि अत्यन्त आवस्यक
राधे राधे
महाराज जी को प्रणाम
Radhe radhe
Pranam maharaj ji radhe radhe
Bhut sundar guruji ap ye sastra ke pranam se sahi jankari di jay jay siyaram ji
बहुत सुंदर महाराज जी 🙏🙏
बिल्कुल सही स्त्री को व्यास गददी पर नहीं बैठना चाहिये हम भी सहमत हैं।
swami ji upnisad and vedo me Anek vidwan stri a Akhyaan milta hai jo vedo ki mahan Vidushi thi (1) wachknvi ki putri Gargi and Yagwalkya ka shastarth bina vedo ke gyan ki bina nhi ker sakta ye Janak ke darbaar ke vidwano me shamil thi ye stri thi (2) Dirgatma rishi ki Mata Mamta ye bhi mahaan vidushi bramgyan sammpan thi ye agni ki upasak thi Rigved ke pratham mandal ke dasam sukta ki richa me milta hai ye bhi stri thi (3) maharishi Atri vans me vidushi Visswara ye mantradresta Rishika hai he bhi vedo ki marmak gyani thi ye bhi stri hai (4) Waak Ambren rishi ki kanya ye famous Brahmgyni thi rigved ke dasam mandal ke 125 ve sukt me" Devi sukt" ke naam jo 8 mantra hai ye enhi ke rache hai jo chandi paath ke saath en 8 mantro ka bada mahtm hai ::;;;
Rigved me vidushi stri ke Anek naam hai jo mantradresta Rishika kahlayi gayi hai joAnek sukta ki bhi rache hai Rigwed sahinta
:/134 ke 7ve manta ki.........rishika Godha6/10/ ke 2ve mantra ki .................... mamta8/1/ ke 34 ve mantra ki ..................Angira ki putri Asang ki stri Sasawti gi hai10/154 ki ..............................................................Visswan ki putri Yami8/91 ......................................................................... Atri putri Apala "ye sabhi stri hai ved Bidya ki Adhisdtri Devi Bhagwati Saraswati ye bhi stri hai
Aour kya kaha Jay ye jitne ved ki Richaye hai ye sabhi stri hai jise padh padh ker log Brahmgyani AND jagadguru bante hai Bagwat katha me ye hi ved ki richye stri banker MahaRaas me Gayi thi 10/29,30,30,31,32 maharaas adyaay hai jisme ye hi stri bagwaan se kerm dher ke Anek updeso ko apne GYAN ki talwar se kata tha ye sabhi striya Bharatvarsh ki Amuly Ratn hai Aaj bhi unki jaisi Vidushi av Tapsawini Kumariyo per es desh ko Garv hai sawmi ji agar mujhse koi galti ho gayi ho to mujhe maaf ker digiyega
jai shri radhey
सर्व प्रथम तो पहले आप मातृभाषा का प्रयोग करे ।
उसके बाद ही कोई शास्त्रीय चर्चा करे
th-cam.com/video/5jKznEPyrB4/w-d-xo.html
Pls watch this video till end..
Jay Siya Ram 🙏🙏🙏
क्यों किस पुराण में और कहाँ लिखा है ये प्रमाण दो मुझे आप
@@jspatel7070
th-cam.com/video/5jKznEPyrB4/w-d-xo.html
Pls watch this video till end...
जिसको भी यह शंका है कि स्त्री को व्यास गद्दी पर नहीं बैठना चाहिए उन लोगों का मुंह बंद करने के लिए इस वीडियो को जरूर देखें...
सत्य बात कही महाराज जी ने क्या गलत कहा है इन्होंने सत्य बात बोल रहे है
Guru ji bahut sundar balete ha guru ji jay ha bahut bahut sundar balte guru ji pranam
स्वामी जी ने एक एक प्रश्न का सटीक उत्तर दिया है।🙏🙏🙏
।।जय श्री राम।।
Pranam
स्वामी जी का कथन बिल्कुल सत्य है
आपने सच्च कहा आज कलयुग है। जो महात्मा भी कलयुग प्रभाव मे आकर अपनी व्यक्तिगत विचारो को रखकर मनगंडत विचारो को रखा है। आपने अभी जो श्लोक बोला उसका आप फिर से विचार करे
Bahut sundar Maharaj ji
स्वामी जी के बराबर में बैठकर क्या साबित करना चाहते हैं पत्रकार महोदय यह बिल्कुल ही आप के अनुशासन एवं संस्कार हीनता का प्रमाण है।
Bilkul shi bool hai guru ji aap dunya hai
Bahut bahut dhanyavad guruji
Mai puran roop se swami ji se sahmat hui.. Aap mahagyani hai aur Shashtro pat aadharit hai...
Dhanya h mahraj aapka updesh
Sarvopari h aapko koti-koti🙏
Aap jo bhi bole sahi hai aapko shat shat prnaam
जय परम पूज्य सद्गुरु भगवान आपके श्री चरण कमलों में मेरा कोटि-कोटि प्रणाम जय श्रीमन्नारायण जय श्रीमन्नारायण जय श्रीमन्नारायण श्री हरि हरि जय श्री राम जय श्री राधे श्याम
Pranam Prabhu Ji
Jai shree krishna
Ekdam thik or sehi kaha swamiji
Swami ji ne Ekdam Saty baat kahi aaj ke samay me bahut adharm ho raha hai. Esme ek mahapaap ye bhi hai mahilao ka vyaash banna Jo Dharm ke khilaaf hai.
अटल सत्य से परिचित कराया है महाराज श्री ने कोटिशः प्रणाम् हम सभी को बहुत ही गंभीर रूप से इन वचनों का पालन करना चाहिए जागो बंधुओ जागो । 🙏🙏🙇🙇
जय श्री सीताराम महाराज जी राधे राधे जय श्री कृष्ण।🙏 कोटि कोटि प्रणाम महाराज जी 🙏🙏🙏🙏🙏
Guruji ki vani Bilkul sahi hai
कथा-व्यास के लक्षण >
*विरक्तो वैष्णवो विप्रो, वेदशास्त्र विशुद्धिकृत्।*
*दृष्टान्तकुशलो धीरो, वक्ता कार्योSतिनिःस्पृहः॥*
*अनेकधर्मविभ्रान्ताः, स्त्रैणाः पाखण्डवादिनः।*
*शुकशास्त्रकथोच्चारे, त्याज्यास्ते यदि पण्डिताः॥*
_(स्वस्ति _*_श्रीपद्मपुराणे_*_ उत्तरखण्डे श्रीमद्भागवत माहात्म्ये _*_श्रवणविधिकथनं_*_ नाम षष्ठोSध्यायः॥)_
प्रथम लक्षण - वक्ता *'विरक्त'* हो। (संसार से अथवा मन से)
द्वितीय लक्षण - *वैष्णव* हो। (वाह्य दृष्टि से अथवा आतंरिक दृष्टि से)
तृतीय लक्षण - *विप्र* हो। (यह भी चर्चनीय है।)
चतुर्थ लक्षण - *वेद-शास्त्रों का विशुद्ध ज्ञाता* हो।
पञ्चम लक्षण - *दृष्टांत (शास्त्रीय) देने में कुशल* हो (अर्थात् ग्रन्थ की कथा में छिपे रहस्य को समझाने हेतु दिए गए छोटे दृष्टांत जिनसे प्रसंगान्तर प्रतीत न हो उनको सरल, सहज, सुगम बनाकर ऐसे समझाए जिससे खेत में कार्यरत कृषक अथवा पढ़े-लिखे लोगों को भी समझ में आ जाए।)
षष्ठं लक्षण - *धीर* हो अर्थात् धैर्यवान हो।
सप्तम लक्षण - *अति निःस्पृही* हो। (अर्थात् लोभी-लालची न हो, कथा की दक्षिणा तय न करे, मन धन में न हो, व्यास-गद्दी को भीख का कटोरा किसी भी प्रकार से न बनाये न ही व्यक्तिगत जीवन में लोभ की प्रवृत्ति हो, अर्थात् त्यागी हो)
अष्टम लक्षण - *अनेक धर्मों में जिसका चित्त भ्रमित न हो*। (अर्थात् स्वयं जीवन के परम-चरम लक्ष्य उस अखंड सत्य सत्ता परमात्मा को एक पल भी न भूले)
नवम लक्षण - *स्त्रीलोलुप* न हो तथा *'पुरुष'* ही हो।
दशम लक्षण - *पाखंडी न हो* अर्थात् *'उच्चारण'* तथा *'आचरण'* में यथासंभव भेद न हो।
हमारे शास्त्र ही हैं, जो हमें बताते हैं कि पवित्रतम *'व्यासपीठ'* का सच्चा अधिकारी कौन अथवा कैसा होना चाहिये।
*अगर किसी साधक में उपर्युक्त प्रमुख १० लक्षणों में से एक भी लक्षण कम है तो उसे 'व्यासपीठ' पर बैठकर इसकी मर्यादा को खण्डित नहीं करना चाहिये।*
यदि शास्त्रानुसार कोई साधक उपर्युक्त गुणों से युक्त होकर *'व्यासपीठ'* को ग्रहण करता है तो उसके द्वारा किये हुए उपदेश का प्रभाव श्रोताओं पर नि:संदेह होता है।
Janu
जिसको भी यह लगता है कि स्त्री को व्यास गद्दी पर नहीं बैठना चाहिए वह इस वीडियो को एक बार जरूर देखलें ।।
th-cam.com/video/5jKznEPyrB4/w-d-xo.html
जय सियाराम
समर्थन करता हूँ
जय हो जय हो जय हो स्वामी जी की जय हो जय जय श्री सीताराम की जय हो जय हो जय हो🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Swami ji ke sabhi uttar tarkyukt va nyay sangat hai.
Jai sri-man narayan!!
👌👌👌👌👌
Jayshree man Narayan.sashtronusarki satya bachan sunkar mujhe bahut aauxa laga aapko Mae ramanujdashi ki tarafse koti koti naman.
Swami ji Aap ke charno me parnam
Swami ji Aap bahut Aachha bat bole h
Aapka Raya bahut achha h
Jay shri ram
मै महाराजजी के कथन से पुर्ण सहमत हूँ। जय हो महाराजजी की 🙏🙏
I am agreed with gurudev, shashtro ke anusaran hi kary kiya Jay
कोटी कोटी प्रणाम
महराज जी अभिवादन बहुत सुंदर सत्य वचन
Achary ke jai ho.... you are very right... from kerala
ram ram jai sri ram ekdam uttam bat hai mahraj