यम-नियम+शंका समाधान

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  • เผยแพร่เมื่อ 24 ธ.ค. 2024

ความคิดเห็น • 78

  • @kkulshresth6139
    @kkulshresth6139 2 ปีที่แล้ว +8

    हर धर्म में पाप करने के लिए क्षमा का विधान बना दिया। ईश्वर कभी भी माफ /क्षमा नही करता है ।दंड सिर्फ दंडाधिकारी दे सकते हैं। किंतु कुछ पंथो में दंड देने के लिए कोई व्यवस्था नही होती है वहां कोई भी व्यक्ति दंडाधिकारी बन जाता है। भीड़ भी कानून को अपने हाथ में लेती है। इससे अराजकता आती है। मनुस्मृति में राजा मंत्री पुरोहित नगर की व्यवस्था अपने हाथो में रखते थे जिसके कारण अन्याय नही हो पाता था। यह वैश्विक वैदिक धर्म है।

    • @mithleshk2491
      @mithleshk2491 6 หลายเดือนก่อน

      ❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤

  • @sreejicornerpatel1477
    @sreejicornerpatel1477 ปีที่แล้ว +1

    Jay shree gurudev koti koti pranam

  • @NrusinghaMahapatro
    @NrusinghaMahapatro 9 หลายเดือนก่อน +1

    Namasteji swamiji dhanyabad om

  • @RajeshKumar-og3ov
    @RajeshKumar-og3ov ปีที่แล้ว +1

    Dhanyawaad Swami jee

  • @baijayantimalabrahma3711
    @baijayantimalabrahma3711 2 ปีที่แล้ว +3

    Baijayanti sadare namastey Swamiji

  • @shitalaprasad9396
    @shitalaprasad9396 2 ปีที่แล้ว +2

    अति सुन्दर!साधुवाद।

  • @RajeshKumar-og3ov
    @RajeshKumar-og3ov 2 ปีที่แล้ว +1

    Koti koti Dhanyawaad

  • @rajendrapatidar6032
    @rajendrapatidar6032 2 ปีที่แล้ว +1

    Dhanyavad svamiji 🙏

  • @gyandeepkitchen9525
    @gyandeepkitchen9525 11 หลายเดือนก่อน

    Parnaam Acharya ji. Marag darshan ke liye Aseem aabhaar

  • @arjundhindsa3083
    @arjundhindsa3083 2 ปีที่แล้ว +1

    ओ३म् सादर नमस्ते स्वामी जी।🙏

  • @anilraval7294
    @anilraval7294 3 ปีที่แล้ว +2

    स्वामी जी नमस्ते, आपको शत शत प्रणाम और बहुत बहुत धन्यवाद lबहुत अच्छी तरह सरल करके समझाया गया l

  • @satyaprakashsahu3251
    @satyaprakashsahu3251 2 ปีที่แล้ว +1

    स्वामी जी सादर नमस्ते!

  • @satyaprakashmohapatra8109
    @satyaprakashmohapatra8109 ปีที่แล้ว +1

    Namaste swamiji... very beautiful message

  • @dungarsain5465
    @dungarsain5465 ปีที่แล้ว +1

    प्रणाम

  • @RajeshKumar-og3ov
    @RajeshKumar-og3ov ปีที่แล้ว +1

    Namaste 🙏

  • @sushiladhaka6900
    @sushiladhaka6900 3 ปีที่แล้ว +3

    सादर प्रणाम आचार्य जी

  • @nimaiarya8247
    @nimaiarya8247 2 ปีที่แล้ว +3

    🙏 अति उत्तम 🙏 जन जन तक पहुंचाने योग्य।

  • @santoshnandwani832
    @santoshnandwani832 3 ปีที่แล้ว +2

    आचार्यश्री नमस्त्ते जी,यम नियम _ बहुत ही सुन्दर व्याख्या ,धन्यवाद जी

  • @VedParkash-su1ci
    @VedParkash-su1ci 3 ปีที่แล้ว +2

    आदरणीय स्वामी जी सादर नमस्ते आपका सरल कर के समझाने का ढंग अति उत्तम है धन्यवाद।

  • @sarikagavande2254
    @sarikagavande2254 2 ปีที่แล้ว +1

    Very nice

  • @arjundhindsa3083
    @arjundhindsa3083 8 หลายเดือนก่อน

    आदरणीय सादर नमस्ते स्वामी जी।🙏

  • @ushapadhy9947
    @ushapadhy9947 2 ปีที่แล้ว +2

    सादर नमस्ते स्वामी जी, बहुत सुन्दर व्याख्या ,बहुत अच्छा लगता है। बर्णन बहुत सरल,व्याख्या में कोई शंकाए नहीं।

  • @amrutlalparmar6756
    @amrutlalparmar6756 4 ปีที่แล้ว +2

    बहुत अच्छा उदाहरण के साथ समजाया गया है

  • @KrishanKumar-bx1xe
    @KrishanKumar-bx1xe 4 ปีที่แล้ว +5

  • @nrusinghamahapatro7393
    @nrusinghamahapatro7393 3 ปีที่แล้ว +2

    Namasteji swamiji dhanyabad

  • @vijaykapoor7845
    @vijaykapoor7845 2 ปีที่แล้ว

    Bahut acha vishleshan

  • @swarnkantakhanna7596
    @swarnkantakhanna7596 3 ปีที่แล้ว +1

    ओम नमस्ते स्वामी जी

  • @minakshisahu3271
    @minakshisahu3271 2 ปีที่แล้ว +2

    Namaste swamijee.

  • @psgurav3171
    @psgurav3171 2 ปีที่แล้ว +2

    अतिसुंदर...🙏 प्रश्नोत्तर के रुप मे बहुत अच्छा निरुपण/ विश्लेषण किया है!
    अहिंसा और सत्य- अष्टांग योग का पहला योगअंग-यम के पहले दो उपअंग "अहिंसा और सत्य" इनका वास्तविक, सरलतम और मनोभावक दर्शन हो गया! कोटी कोटी धन्यवाद...!
    इसी तरहसे अस्तेय, ब्रह्मचर्य, अपरिग्रह और नियम, आसन, प्राणायाम -प्रत्याहार- धारणा, ध्यान, समाधी इन बाकी योगअंगोंका भी सविस्तर विश्लेषण/दर्शन मिल गया तो बहुत कृपा होगी. 🙏

  • @dasarathiswaro1841
    @dasarathiswaro1841 4 ปีที่แล้ว +2

    SWAMIJEE NAMASTEA.VERY NICE AND CLEAR EXPLANATION ON YAMA AND NIYAM.

  • @brieftechnosolutions1771
    @brieftechnosolutions1771 4 ปีที่แล้ว +2

    om nameste ji

  • @angulooriprakasharya612
    @angulooriprakasharya612 4 ปีที่แล้ว +3

    SWAMI JI PRANAM SHANKA SAMADHAN SE BOHAT BOHAT JANKARI MILI HYE DHANYAWAD NAMASKAR JI

  • @UnstoppableVoice
    @UnstoppableVoice 4 ปีที่แล้ว +3

    Om Namaste Swamiji

  • @amitachoudhary3050
    @amitachoudhary3050 4 ปีที่แล้ว +2

    नमस्ते स्वामी जी 👏👏👏👏👏🌺🌺🌺🌺🌺

  • @sataynaryansingh9906
    @sataynaryansingh9906 7 หลายเดือนก่อน

    Thanks for excellent explanation by maharajji

    • @darshanyog2
      @darshanyog2  7 หลายเดือนก่อน

      So nice of you

  • @आर्यआर्यावर्त्त
    @आर्यआर्यावर्त्त 4 ปีที่แล้ว +2

    बहुत खूब ,
    ओ३म् नमस्ते

  • @sanjeevsaini7651
    @sanjeevsaini7651 3 ปีที่แล้ว +1

    सादर नमस्ते जी

  • @sarvatantrasiddhanta
    @sarvatantrasiddhanta 2 ปีที่แล้ว +2

    [यम-नियमों का सब सेवन करें]
    यमान् सेवेत सततं न नियमान् केवलान् बुधः।
    यमान्पतत्यकुर्वाणो नियमान् केवलान् भजन्॥
    यह मनुस्मृति का श्लोक है [४। २०४] ॥
    यम पाँच प्रकार के होते हैं-
    अहिंसासत्यास्तेयब्रह्मचर्यापरिग्रहा यमाः॥
    यह योगदर्शन का वचन है [२।३०] ।
    अर्थात (अहिंसा) वैरत्याग, (सत्य) सत्य ही मानना, सत्य ही बोलना और सत्य ही करना, (अस्तेय) अर्थात् मन-वचन-कर्म से चोरी-त्याग, (ब्रह्मचर्य) अर्थात् उपस्थेन्द्रिय का संयम, (अपरिग्रहः) अत्यन्त लोलुपता-स्वत्वाभिमान-रहित होना; [यमाः] इन पाँच यमों का सेवन सदा करें।
    नियम-
    शौचसन्तोषतपःस्वाध्यायेश्वरप्रणिधानानि नियमाः॥
    यह योगशास्त्र का वचन है [२।३२] ।
    (शौच) अर्थात् स्नानादि से पवित्रता, (सन्तोष) सम्यक् प्रसन्न होकर निरुद्यम रहना सन्तोष नहीं, किन्तु पुरुषार्थ जितना हो सके उतना करना; हानि-लाभ में हर्ष वा शोक न करना, (तपः) अर्थात् कष्टसेवन से भी धर्मयुक्त कर्मों का अनुष्ठान [करना], (स्वाध्याय) पढ़ना-पढ़ाना, (ईश्वरप्रणिधानानि) ईश्वर की भक्तिविशेष से आत्मा को [उसके] अर्पित रखना; [नियमाः] ये पाँच नियम कहाते हैं।
    यमों के विना, केवल इन नियमों का सेवन न करे, किन्तु इन दोनों का ही सेवन किया करे। जो यमों का सेवन छोड़के, केवल नियमों का सेवन करता है, वह उन्नति को प्राप्त नहीं होता, किन्तु अधोगति अर्थात् संसार में गिरा रहता है।
    शेष.…...निशुल्क
    सत्यार्थप्रकाश तृतीय समुल्लास
    व्हाट्सएप 94 130 20 130

  • @girjabhawsar3710
    @girjabhawsar3710 ปีที่แล้ว

    Om ji

  • @sushiladhaka6900
    @sushiladhaka6900 2 ปีที่แล้ว

    Sader namaste Swami ji

  • @aryaas.g.2677
    @aryaas.g.2677 3 ปีที่แล้ว +1

    O3m. Namaste swamiji

  • @novatlal8864
    @novatlal8864 4 ปีที่แล้ว +3

    नमस्ते स्वामी जी कृपया अष्टांगयोग के सभी अंगों का पूरा विश्लेषण कर ज्ञानामृत का प्रसाद सभी को बांटने की कोशिश करें। धन्यवाद

  • @deepeshprajapati3572
    @deepeshprajapati3572 3 ปีที่แล้ว +2

    🙏🙏❤

  • @KrishanKumar-bx1xe
    @KrishanKumar-bx1xe 4 ปีที่แล้ว +4

    🙏👏👏

  • @harshmathankar7746
    @harshmathankar7746 4 ปีที่แล้ว +3

    🕉🙏

  • @balrajgoutam7232
    @balrajgoutam7232 3 ปีที่แล้ว +2

    🙏🧘‍♂️🇮🇳

  • @aaloksahu1330
    @aaloksahu1330 4 ปีที่แล้ว +2

    Namaste swami ji. 🙏🕉🙏

  • @AshokChoudhary-wz1xn
    @AshokChoudhary-wz1xn 3 ปีที่แล้ว +1

    Om Namesta ji

  • @anilsavaliya9989
    @anilsavaliya9989 4 ปีที่แล้ว +2

    O...m

  • @dhiramantandi550
    @dhiramantandi550 4 ปีที่แล้ว +1

    Om guruji namaste Titilagarh aur ek aiye

  • @rajinderkashyapkashyap1889
    @rajinderkashyapkashyap1889 หลายเดือนก่อน

    Namsty ji

  • @ayushdubey8690
    @ayushdubey8690 4 ปีที่แล้ว +1

    Om namastey 🙏

  • @kkulshresth6139
    @kkulshresth6139 2 ปีที่แล้ว +1

    हर धर्म में पाप करने के लिए क्षमा का विधान बना दिया। ईश्वर कभी भी माफ /क्षमा नही करता है ।दंड सिर्फ दंडाधिकारी दे सकते हैं। किंतु कुछ पंथो में दंड देने के लिए कोई व्यवस्था नही होती है वहां कोई भी व्यक्ति दंडाधिकारी बन जाता है। भीड़ भी कानून को अपने हाथ में लेती है। इससे अराजकता आती है। मनुस्मृति में राजा मंत्री पुरोहित नगर की व्यवस्था अपने हाथो में रखते थे जिसके कारण अन्याय नही हो पाता था। यह वैश्विक वैदिक धर्म है।

  • @basudevkumar444
    @basudevkumar444 4 ปีที่แล้ว +1

    शिव जी के बारे में कुछ बताइए

  • @आर्यआर्यावर्त्त
    @आर्यआर्यावर्त्त 4 ปีที่แล้ว +2

    और ये बताये क्या ये सही है कि आत्मा ससीम निराकार और ईश्वर असीम निराकार।
    ओ३म् नमस्ते

    • @darshanyog2
      @darshanyog2  4 ปีที่แล้ว +2

      नमस्ते जी,
      जीवत्मा को सीमित कहते ही धार अर्थात आरम्भ अतिंम एड्ज आजायेगा । जीवत्मा एक स्थान में रहने वाली, दर्शन भाषा में अल्प परिमाण वाली कहते है । जैसे एक बेलून में हवा है अब उस हवा के बोध करते रहना है बेलून को हटा कर । अर्थात जो बेलून के जो हवा था वह अभी भी है एक सीमित स्थान में है परंतु उस के कोई आकर नहीं है । वैसे ही जीव अल्प परिमाण वाली ईश्वर बृहत परिमाण वाली दोनो निराकार चेतन है।
      अधिक जानकारी के लिए 7027026175 में सम्पर्क कर सकते है ।~ आ प्रियेश

    • @आर्यआर्यावर्त्त
      @आर्यआर्यावर्त्त 4 ปีที่แล้ว +2

      @@darshanyog2 प्रियेश जी ,ये तो एड है आपका नं. दो या तीन न. है मेरे पास ,पर किस समय करू आपको फोन??
      ओ३म् नमस्ते

  • @maheshagarwal4534
    @maheshagarwal4534 7 หลายเดือนก่อน +1

    भगवान जो बलवान हो बुद्धिमान हो धनवान हो भगवान उसके लिए भी कहा गया

  • @maheshagarwal4534
    @maheshagarwal4534 7 หลายเดือนก่อน

    🎉 8 मूर्तियों का वर्णन आता है पृथ्वी जल अग्नि वायु आकाश सूर्य चंद्रमा और यजमान

  • @lalchandrenwal384
    @lalchandrenwal384 ปีที่แล้ว

    यजुर्वेद अध्या 8/13 में लिखा है
    *सर्वस्व एनस्य अव्यवजन्म असी*
    6 प्रकार से पाप कर्मों का नाश करता है।
    यजुर्वेद अध्या 5/32 में भी विवरण है।

  • @gangaram9486
    @gangaram9486 6 หลายเดือนก่อน

    कानून तो सही है लेकिन वकील केस खत्म करना नही चाहते हैं इसलिए केस लम्बित रहते हैं

  • @TusharZambare
    @TusharZambare 4 ปีที่แล้ว +1

    31:00

  • @rajatbose1290
    @rajatbose1290 3 ปีที่แล้ว +2

    Agar issor maf nahi karega to maf karega kon agar ya nahi hota To proyascheeta name ka koi cheez nahi rahta
    Balmiki dhyan ka duara , parsuram Sam or dam ka duara apne pap ko maf karbvayatha
    Issorka saranma jao to bramha srap or bramha hattyaka pap vee maf hojata ha
    Issor he maf karnevala ha agar vo na hota to dusra chance nam ka koy cheez nahi hota

  • @RAMRATANARYAMob
    @RAMRATANARYAMob 4 ปีที่แล้ว +2

    Ram Ratan Lect GGHS Aherwan Palwal welcome to you

  • @rajatbose1290
    @rajatbose1290 3 ปีที่แล้ว +1

    Or isko chor kar ( ka issor kathor duand da danavala ha) apne jo vee kaha vo akdam such ha akdam such ha vo akdom such ha

  • @brieftechnosolutions1771
    @brieftechnosolutions1771 4 ปีที่แล้ว +1

    hello

  • @shitalaprasad9396
    @shitalaprasad9396 2 ปีที่แล้ว +1

    अति सुन्दर, साधुवाद!

  • @kkulshresth6139
    @kkulshresth6139 2 ปีที่แล้ว +3

    हर धर्म में पाप करने के लिए क्षमा का विधान बना दिया। ईश्वर कभी भी माफ /क्षमा नही करता है ।दंड सिर्फ दंडाधिकारी दे सकते हैं। किंतु कुछ पंथो में दंड देने के लिए कोई व्यवस्था नही होती है वहां कोई भी व्यक्ति दंडाधिकारी बन जाता है। भीड़ भी कानून को अपने हाथ में लेती है। इससे अराजकता आती है। मनुस्मृति में राजा मंत्री पुरोहित नगर की व्यवस्था अपने हाथो में रखते थे जिसके कारण अन्याय नही हो पाता था। यह वैश्विक वैदिक धर्म है।