🙏 अमराेहा वाले मींरा बाबा की आरती 🙏

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  • เผยแพร่เมื่อ 13 ก.ย. 2024
  • 🙏 JAI MEERA BABA KI 🙏
    🙏 JAI JANKHA BABA KI 🙏
    { MEERA JANKHA SARKAR AMROHA }
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    Title :- 🙏 अमराेहा वाले मींरा बाबा की आरती 🙏
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    Regards :- SUMIT
    अमरोहा। प्रसिद्ध वासुदेव तीर्थ स्थल परिसर मे स्थित मीरा जैनका सरकार अमराेहा के दरबार में उनके श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ता है। मंगलवार आधी रात से देर शाम तक लंबी लाइन में खड़े श्रद्धालु धक्का-मुक्की से जूझते हुए माथा टेकाते है और परशाद चढाते हुए सुखमय जीवन की प्रार्थना करते है ।
    बिजनौर रोड से कुछ फासले पर स्थित इस प्रसिद्ध स्थल पर हरसाल चैत्र, ज्येष्ठ-आषाढ़, आशिवन मास में हर बुधवार को श्रद्धालु माथा टेकने पहुंचते हैं। मान्यता है कि यहां सच्चे मन से मन्नतें मांगने पर पूरी होती है। यह चैत्र, ज्येष्ठ-आषाढ़, आशिवन मास के बुधवार को हर साल मेला लगता है । इसके लिए श्रद्धालु मंगलवार की शाम से ही पहुंचना शुरू हो गए थे। वहीं देर रात तक हजारों की तादात में पहुंचते है श्रद्धालुओं की कतार मंगलवार की आधी रात यानी 12 बजे से ही लगनी शुरु हो जाती है। माथा टेक कर परशाद चढ़ाने का सिलसिला भी शुरू हो जाता है , जो बुधवार की देर रात तक जारी रहता है। यहां महिला-पुरूष और बच्चे लाइन में लगकर माथ टेकने व परशाद चढ़ाने के लिए अपनी बारी का इंतजार करते। करीब पांच सौ मीटर से ज्यादा लंबी लाइन में खड़े श्रद्धालुओं का नंबर आने में पांच-पांच घंटे तक लगे। धक्का-मुक्की से जूझते हुए मीरा बाबा जैनका बाबा की चौखट तक पहुंचने वाले श्रद्धालु चादर, नारियल, इलाची दानों, बताशे,अगरबती व मीठे चावल श्रद्धा के साथ चढ़ाकर मन्नतें मांगते है। इन श्रद्धालुओं में नवविवाहित जोड़ों की भी संख्या दिखाई देती है। इस मौके पर लगे मेले में श्रद्धालु अटे रहते है। खेल तमाशे के साथ श्रद्धालु मिठाई, चाट पकौड़ी इत्यादि का भी आनन्द लेते है।
    वासुदेव मंदिर लगभग 500 ईसा पूर्व बनाया गया था और इसे बाबा बटुकेश्वर धाम भी कहा जाता है। यह उत्तर प्रदेश में पवित्र स्थानों में से एक है। इस मंदिर में 51 फीट लंबा शिवलिंग है जो पर्यटकों को आकर्षित करता है। यहां मंदिर मे गुरुद्वारा, स्कूल सभी भगवानाे की मूर्तियांं और मीरा बाबा जैनका बाबा का मंदिर है। एक तुलसी पार्क भी मौजूद है जो हरियाली से भरा हुआ है। ज्यादातर मंदिर सुबह और शाम को लोगों द्वारा दौरा किया जाता है। इस मंदिर की शांत और शांत प्रकृति इसे शहर में एक महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल बनाती है।
    मीरा बाबा की महिमा निराली है| यह 52 रूपी खिलाड़ी सरकार है। जिनके कब्ज़े मे जिन्नात रहते है इनकी महिमा निराली है हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई सब इनके अनुयायी थे| जगत की महिमा को देखकर लेखको की लेखनी से समय-समय पर अदृश्य शक्ति से मानव को आश्चर्य चकित कर देती है| जिनकी सच्चाई सिर्फ़ इनके सच्चे भक्त जानते है| कई वर्ष से अब तक इन्होने अजब शक्ति समय-समय पर दिखाई है| मुस्लिम मे नियाज़ लगाई जाती है, हिंदूो मे यह पूजा बताई जाती है, इनका मुख्या स्थान अजमेर शरीफ के उपर तारागढ़ मे स्थित है इनके अलावा दूसरा स्थान अमरोहा धाम, तीसरा स्थान जिला जलेसर मे, चौथा स्थान गांव खेरा अतरोली जिला अलीगढ़, पाँचवा स्थान गढ़रेती जिसको मीरा की रेती बोलते है इनका अतिरिक्त मैंन करामाती स्थान सददो का मुहल्ला अमरोहा मे स्थित है | मीरा बाबा के भक्त कुछ लोग मीरा बाबा की महिमाओ को नही जानते| बाबा की महिमा को पहले जानो फिर मानो| मामा भांजा दोनो सरकार एक ही है| दोनो की पूजा एक ही समान होती है हिंदू मे राम, मुस्लिम मे रहीम खुदा एक ही है|
    मीरा बाबा की जात लगती है| इस जात को लगाना न भूले| शादी के जोड़े की गाँठ बाँध कर जात लगाई जाती है| घर मे जन्म लेने वाले पहले बच्चे के बाल मुंडन किए जाते है| बाबा के दरबार मे बहुत से लोग सातिया काड के आते है, बाबा झोली भरते है| आप बाबा के दर्शन करने गये हो तो दर्शन करके घर पर आकर या .सवैया (कढ़ाई) करे|
    बाबा से मुराद पुरी हो जाने पर बाबा को ना भूले और न ही वादा खिलाफी करें| सरकार को झूठ बोलना पसंद नही है जो मन्नत बोले पुरा करें ऐसा न करने पर कोई भी नुकसान हो सकता है| यदि भूल से कभी कोई ग़लती हो जाए तो तुरंत बाबा के समक्ष प्रस्तूत होकर अपनी ग़लती स्वीकार कर माफी माँगे| बाबा बहुत अच्छे है| बाबा खुश हो जाएँगे, आपके बिगड़े काम फिर बन जाएँगे ।
    बाबा के भक्तो आप किसी के बहकावे में न आये| मीरा बाबा एक पाँच पीरो की तरह महापूज्यनीय है| यदि आपको कोई यह कहकर बहकाता है क़ि मीरा बाबा की पूजा करने से या चिरागी लगाने से किसी प्रकार का दुष्प्रभाव होता है| यह उनका कहना ग़लत है चिरागी लगाने से सभी भक्तों की पुकार लगती है और मन्नत पूरी होती है| श्र्दाभाव से जो कोई नर-नारी या बच्चे पूजा करते है| बाबा उनके साथ साये की तरह रहते है| उनकी हर मनोकामना पूरी हो जाती है तथा आश्रीवाद सदा के लिए बनाए रखते हैं| इनकी चिरागी बुधवार, शुक्रवार को लगाई जाती है| अगर भक्त रोज चिरागी लगाना चाहे तो वह लगा सकते है|
    (सड़क मार्ग)
    भारत के कई प्रमुख शहरों से सड़कमार्ग द्वारा आसानी से यहां पहुंचा जा सकता है। अमरोहा नेशनल हाईवे २४ पर दिल्ली से लगभग १३० किलोमीटर कि दूरी पर है। जोया से लगभग ८ किलोमीटर पहले दिल्ली से आते समय बाए हाथ पर अतरासी रोड पर मुड कर अमरोहा पहुंचा जा सकता है। जबकि मुरादाबाद कि तरफ से आते समय दाई हाथ पर जोया से मुड कर अमरोहा पहुंचा जा सकता है।
    🙏जय मीरा बाबा की🙏
    🙏जय जैनका बाबा की 🙏

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