अबजोसाल बसाल,कीरोङोंआदमी,कच्चीउमरमेही मरजातेहें ओरःयहखयालकरनेकी-बातहे....

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  • เผยแพร่เมื่อ 20 ม.ค. 2025

ความคิดเห็น • 8

  • @ManjuPrajapatiManjuprajapat
    @ManjuPrajapatiManjuprajapat หลายเดือนก่อน

    जय धरती मां 👏😢😢😢

    • @jagathitkarni_274
      @jagathitkarni_274  หลายเดือนก่อน

      अज तसनीफ साध अनुपदास लीखी-
      कीताब - [ जगतहीतकारनी ] ( २७४ ) तमांम पढ़कर बंन्दोबस्त करो
      छावणी ऐरनपुरामें, शिवगंज - ३०७०२७ (राज.)
      ता १७ अप्रेल संन १९०९ झा बैसाष बुदी १२ सं॥ १९६५
      M. No. :- 8905653801
      www.jagathitkarnioriginal.org

  • @jagathitkarni_274
    @jagathitkarni_274  16 วันที่ผ่านมา

    जय परमेश्वर
    सोआपलोग ईसगरीबके लीखनेपर गोरफरमाकर ओर ऐकदीलहोकर ईनकेराक्षसी पापको छोडाईये देखोभाई हीन्दु मुसलमांन अंग्रेज ओर सातो आठो वलायतके बादशाह सब‌ऐक दील होकर लोभको छोङदो ओर ईनसोदागर महाजनांनके जालकी पहचांनकरो ओर ऐकदीलहोकर ईनहोंके राक्षसीपापको छोडाओ;जबतुमहारे बाल बच्चे बचेंगे न्हीतो यह;सोदागर महाजनऐसे हेकी सबको गारत करदेंगे सोईनहोंके ऐसेऐसेजालहें ईसगरजसे यह कीताब [ जगतहीतकारनी ] बनाईहे कीईनहोंके जालोंसे वाकीफ होकर‌ईसका!बंन्दोबस्त करो ताकी तमांम लोगोको सुखप्राप्तहो वरना यह जादुखोरा ऐसेहें कीसबकोआपुसमे लङाकर मारदेंगे..... ( ५ )
    अज तसनीफ साध अनुपदास लीखी-
    कीताब - [ जगतहीतकारनी ] ( २७४ ) तमांम पढ़कर बंन्दोबस्त करो
    छावणी ऐरनपुरामें, शिवगंज - ३०७०२७ (राज.)
    ता १७ अप्रेल संन १९०९ झा बैसाष बुदी १२ सं॥ १९६५
    M. No. :- 8905653801
    www.jagathitkarnioriginal.org

  • @jagathitkarni_274
    @jagathitkarni_274  18 วันที่ผ่านมา

    अज तसनीफ साध अनुपदास लीखी-
    कीताब - [ जगतहीतकारनी ] ( २७४ ) तमांम पढ़कर बंन्दोबस्त करो
    छावणी ऐरनपुरामें,

  • @govindbhandva6956
    @govindbhandva6956 หลายเดือนก่อน +1

    JAY DHARTI MATA JAGO BHAI JAGO SHURVIR BHAI JAGO

    • @jagathitkarni_274
      @jagathitkarni_274  หลายเดือนก่อน

      Jay Parmeshwar

    • @jagathitkarni_274
      @jagathitkarni_274  หลายเดือนก่อน

      किताब पढ़ें

    • @jagathitkarni_274
      @jagathitkarni_274  หลายเดือนก่อน

      जय परमेश्वर
      मेकहांतकलीखूं आपलोग गोरकरोतो बहोतसेरोग ईन महाजनांनने जमीनमाताको जादुसेकररख्खेहें कीजीससेपेदावार धांनवगेराकी न्हीहोतीहे!ओर ईनहोंने!बेशुमाररोग जमीनमाताको करदीयेहें?जीससेधांनवगेरा न्हीहोताहे ओर!मेनेतोऐक दोबात आपलोगोंके वाकीफकरनेको लीखीहें ओर जेसाकी?स्तजगमे रीजकहोताथा-वेसाअब न्हीहोताहे क्युंकी;जमीनमाताके!सरीरमे बारोमासही÷जादुसे रोगरखतेहें;ईससेस्तजगके!मुवाफीक रीजकन्हीहोताहे जीससे दुनीया दुखीहे!..... ( १८ )
      अज तसनीफ साध अनुपदास लीखी-
      कीताब - [ जगतहीतकारनी ] ( २७४ ) तमांम पढ़कर बंन्दोबस्त करो
      छावणी ऐरनपुरामें, शिवगंज - ३०७०२७ (राज.)
      ता १७ अप्रेल संन १९०९ झा बैसाष बुदी १२ सं॥ १९६५
      M. No. :- 8905653801
      www.jagathitkarnioriginal.org