विचारवान को असीम सुख मिलता है?| धम्मपद सूत्र -27| बुद्ध की अमृत वाणी| Buddha Teachings in Dhammpad

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  • เผยแพร่เมื่อ 14 พ.ย. 2024

ความคิดเห็น • 19

  • @TuraazSpiritual
    @TuraazSpiritual  หลายเดือนก่อน +1

    विचारवान को असीम सुख मिलता है?| धम्मपद सूत्र -27| बुद्ध की अमृत वाणी| Buddha Teachings in Dhammpad

  • @shravanjaiswal3695
    @shravanjaiswal3695 หลายเดือนก่อน +1

    बहुत बहुत धन्यवाद प्रभू

    • @TuraazSpiritual
      @TuraazSpiritual  หลายเดือนก่อน

      Namo buddhay 👏👏🌄
      Sabka Mangal ho 👏👏🌄

  • @anujrajput598
    @anujrajput598 หลายเดือนก่อน +1

    🙏🙏🙏🙏

  • @tenzinnams-w7x
    @tenzinnams-w7x หลายเดือนก่อน +1

    ❤🎉

  • @asmitbhagat3336
    @asmitbhagat3336 หลายเดือนก่อน +1

    🌷🌷🙏🌷🌷💐

  • @tribhuwankumar4478
    @tribhuwankumar4478 หลายเดือนก่อน +1

    Namo buddhay..🙏🙏
    Sabka mangal ho..🌷🌷

    • @TuraazSpiritual
      @TuraazSpiritual  หลายเดือนก่อน

      Namo buddhay 👏
      Sabka Mangal ho 👏

  • @anitakansal6405
    @anitakansal6405 หลายเดือนก่อน

    Sadhu Sadhu Sadhu 🙏
    Sabka Mangal ho 🙏

  • @dhammanandcreation7028
    @dhammanandcreation7028 หลายเดือนก่อน +1

    साधू साधू साधू

  • @xyz6452
    @xyz6452 หลายเดือนก่อน +2

    भगवानने दारूचिनीको जो उपदेश दिया था, "सुननेमे केवल सुनना रहे, देखनेमे केवल देखना रहे, इत्यादि" को कृपया detail मे समझाइए।

    • @TuraazSpiritual
      @TuraazSpiritual  หลายเดือนก่อน +1

      Ji, jarur yah bahut accha prashn he.
      Is per video banata hun.
      Thnx
      Namo buddhay 👏👏🌄

  • @gangaram9486
    @gangaram9486 หลายเดือนก่อน +2

    महोदय, कृपया मेरी समस्या का समाधान करने की कृपा करें। मेरी पीठ में बायी ओर, हृदय चक्र के पास रीड़ के बायी तरफ से ऐसा लगता है जैसे एक किरण चारों ओर को फैल रही है और इसका ऐहसास बहुत सुखद लगता है, ऐसा क्या है मुझे बताइए।

    • @TuraazSpiritual
      @TuraazSpiritual  หลายเดือนก่อน

      हर चक्र की शरीर में अपनी ऊर्जा है, प्रकाश है। आप ह्रदय चक्र पर आ पहुंचे हैं तो वहां अनुभूति हो सकती है प्रकाश की या आवाज की।
      इस सुखद अनुभूति को दृष्टा भाव से देखें, अपनी तरफ से कोई आलंबन न हो तो आप ऊपर की तरफ कंठ चक्र की तरफ बड़ेंगे...
      शरीर में एकाग्रता के बाद यह अनुभूतियां होती ही हैं क्योंकि आध्यात्मिक ऊर्जा का बहाव रीड की हड्डी से ही होता है इसलिए वहां यह ऊर्जा दौड़ती हुई महसूस होती है।आप को ह्रदय चक्र पर हुई, किसी को नाभि पर होती है किसी को मस्तक पर किसी को सिर की चोटी पर।
      ध्यान में मन लगाए रखें और इसका आनंद लें लेकिन आलंबन न हो, अहंकार न उठे, मैं कुछ खास हुआ यह भाव सब बर्बाद कर देता है इससे बचना चाहिए।
      Namo buddhay 👏👏🌄