महोदय, कृपया मेरी समस्या का समाधान करने की कृपा करें। मेरी पीठ में बायी ओर, हृदय चक्र के पास रीड़ के बायी तरफ से ऐसा लगता है जैसे एक किरण चारों ओर को फैल रही है और इसका ऐहसास बहुत सुखद लगता है, ऐसा क्या है मुझे बताइए।
हर चक्र की शरीर में अपनी ऊर्जा है, प्रकाश है। आप ह्रदय चक्र पर आ पहुंचे हैं तो वहां अनुभूति हो सकती है प्रकाश की या आवाज की। इस सुखद अनुभूति को दृष्टा भाव से देखें, अपनी तरफ से कोई आलंबन न हो तो आप ऊपर की तरफ कंठ चक्र की तरफ बड़ेंगे... शरीर में एकाग्रता के बाद यह अनुभूतियां होती ही हैं क्योंकि आध्यात्मिक ऊर्जा का बहाव रीड की हड्डी से ही होता है इसलिए वहां यह ऊर्जा दौड़ती हुई महसूस होती है।आप को ह्रदय चक्र पर हुई, किसी को नाभि पर होती है किसी को मस्तक पर किसी को सिर की चोटी पर। ध्यान में मन लगाए रखें और इसका आनंद लें लेकिन आलंबन न हो, अहंकार न उठे, मैं कुछ खास हुआ यह भाव सब बर्बाद कर देता है इससे बचना चाहिए। Namo buddhay 👏👏🌄
विचारवान को असीम सुख मिलता है?| धम्मपद सूत्र -27| बुद्ध की अमृत वाणी| Buddha Teachings in Dhammpad
बहुत बहुत धन्यवाद प्रभू
Namo buddhay 👏👏🌄
Sabka Mangal ho 👏👏🌄
🙏🙏🙏🙏
👏👏👏🌄
❤🎉
👏👏👏🌄🌄
🌷🌷🙏🌷🌷💐
👏👏👏🌄🌄
Namo buddhay..🙏🙏
Sabka mangal ho..🌷🌷
Namo buddhay 👏
Sabka Mangal ho 👏
Sadhu Sadhu Sadhu 🙏
Sabka Mangal ho 🙏
👏👏👏🌄🌄
साधू साधू साधू
👏👏🌄
भगवानने दारूचिनीको जो उपदेश दिया था, "सुननेमे केवल सुनना रहे, देखनेमे केवल देखना रहे, इत्यादि" को कृपया detail मे समझाइए।
Ji, jarur yah bahut accha prashn he.
Is per video banata hun.
Thnx
Namo buddhay 👏👏🌄
महोदय, कृपया मेरी समस्या का समाधान करने की कृपा करें। मेरी पीठ में बायी ओर, हृदय चक्र के पास रीड़ के बायी तरफ से ऐसा लगता है जैसे एक किरण चारों ओर को फैल रही है और इसका ऐहसास बहुत सुखद लगता है, ऐसा क्या है मुझे बताइए।
हर चक्र की शरीर में अपनी ऊर्जा है, प्रकाश है। आप ह्रदय चक्र पर आ पहुंचे हैं तो वहां अनुभूति हो सकती है प्रकाश की या आवाज की।
इस सुखद अनुभूति को दृष्टा भाव से देखें, अपनी तरफ से कोई आलंबन न हो तो आप ऊपर की तरफ कंठ चक्र की तरफ बड़ेंगे...
शरीर में एकाग्रता के बाद यह अनुभूतियां होती ही हैं क्योंकि आध्यात्मिक ऊर्जा का बहाव रीड की हड्डी से ही होता है इसलिए वहां यह ऊर्जा दौड़ती हुई महसूस होती है।आप को ह्रदय चक्र पर हुई, किसी को नाभि पर होती है किसी को मस्तक पर किसी को सिर की चोटी पर।
ध्यान में मन लगाए रखें और इसका आनंद लें लेकिन आलंबन न हो, अहंकार न उठे, मैं कुछ खास हुआ यह भाव सब बर्बाद कर देता है इससे बचना चाहिए।
Namo buddhay 👏👏🌄