Old memories came flooding back....heard Awasthi Ji recite this poem many times on Doordarshan @mid, late '80s. You've done full justice to this masterpiece 🙏.
धुये का रंग एक का है ....... किसी का अलगाव क्या किसी का पछताव क्या बहुत सुंदर गीत है रमानाथ अवस्थी जी का ओम निश्चल जी अच्छी श्रृंखला है शुक्रिया अभिनंदन
आभार जितेंद्र जी। कभी अपना संस्मरण साहित्य पढ़वाइएगा। उनसे मेरी भी मुलाकातें रही हैं। एक बार पंडित नरेन्द्र शर्मा और ठाकुर प्रसाद सिंह जिनके साथ मिलना हुआ है।
Old memories came flooding back....heard Awasthi Ji recite this poem many times on Doordarshan @mid, late '80s. You've done full justice to this masterpiece 🙏.
सुंदर प्रस्तुति👌💐💐💐
Sadhuwad. Bilkul hoo bahoo aawaj. Wah
धुये का रंग एक का है ....... किसी का अलगाव क्या किसी का पछताव क्या बहुत सुंदर गीत है रमानाथ अवस्थी जी का ओम निश्चल जी अच्छी श्रृंखला है शुक्रिया अभिनंदन
आप की गीत पढ़ने की शैली, बहुत कुछ रमानाथ जी ,की स्मृति ताज़ा कर देती है, बहुत अच्छा लगा।
बहुत आभार आपका कि आपको पसंद आया।
मेरा पसंदीदा गीत जिसका ज़िक्र मैंने संस्मरण साहित्य और आलेखों में किया है।ओम जी बहुत बड़ा सेल्यूट।
आभार जितेंद्र जी। कभी अपना संस्मरण साहित्य पढ़वाइएगा। उनसे मेरी भी मुलाकातें रही हैं। एक बार पंडित नरेन्द्र शर्मा और ठाकुर प्रसाद सिंह जिनके साथ मिलना हुआ है।
अद्भुत 🙏🙏
आभार बंधुवर।
बहुत पुरानी यादें ताज़ा हो गई
Bahut aabhar aapka
मेरे पसंदीदा गीत कार हैं.
मेरे भी पसंदीदा कवि हैं वे।