नए संवत्सर से सृष्टि रचना का 1 अरब 95 करोड़ 58 लाख 85 हजार123 वाँ वर्ष होगा प्रारम्भ

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  • เผยแพร่เมื่อ 18 ก.ย. 2024
  • इस वर्ष का हिन्दू नव वर्ष अर्थात नव संवत्सर 2079 की शुरुआत 02 अप्रैल 2022 से होगी। दूसरे शब्दों में भारतीय कालगणना के हिसाब से चैत्र शुक्ल-प्रतिपदा को सूर्योदय के समय सप्तम वैवस्वत मान्वंतर के 28वें महायुग में तीन युग सत, त्रेता और द्वापर बीत जाने के उपरांत कलियुग के इस प्रथम चरण में ब्रम्हा जी द्वारा रचित मौजूदा सृष्टि की उत्पत्ति का 1 अरब 95 करोड़ 58 लाख 85 हजार 123 वर्ष पूरा हो जाएगा तथा नया संवत्सर यानी नया वर्ष दस्तक देगा।
    इस वर्ष या संवत्सर परिवर्तन काल को भारतीय परम्परा के अनुसार एक महत्वपूर्ण पर्व उत्सव के रूप में मनाया जाता है। इसे #वर्षप्रतिपदा #नवसंवत्सर या #गुड़ीपड़वा भी कहा जाता है। शास्त्रों के अनुसार कहा जाता है इस दिन से ही ब्रह्माजी ने संसार की रचना की थी।
    इस काल गणना के प्रमुख विषय पर देश के मूर्धन्य विद्वान और उज्जैन से निकलने वाले सुप्रसिद्ध पंचांग के निर्माण कर्ता ज्योतिषाचार्य पं आनन्दशंकर व्यास जी महत्वपूर्ण जानकारी दे रहे हैं।
    नए संवत्सर से संसार निर्माण का 1 अरब 95 करोड़ 58 लाख 85 हजार 123 वाँ वर्ष होगा प्रारम्भ

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