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sanatanislam
India
เข้าร่วมเมื่อ 15 ก.พ. 2014
ईश्वर ने मानवता के लिए हर युग में संदेश भेजे है जिसकी पहली कड़ी सनातनी ग्रंथ जैसे वेद और उपनिषद है तो आखरी कड़ी कुरान और हदीस है . और इन दोनो के बीच में कई और आसमानी ग्रंथ भेजे गए कई संदेष्ठा के मध्यम से . मेरा एक प्रयास इस दिशा में है की इस धरती पर शांति प्रस्थापित करनी है तो इन दोनो धर्मो के अनुयायियों को एक साथ आना होगा , और बाकी सबको साथ मिलकर ईश्वर का असली संदेश जो आज भुला दिया जा चुका है वो याद दिलाए .
ईश्वर की कारीगरी का यह वैज्ञानिक प्रमाण आपके होश उड़ा देगा |कुरान में छिपा रहस्य
क्या आप जानते हैं कि इंसानी फिंगरप्रिंट्स न केवल विज्ञान के लिए महत्वपूर्ण हैं, बल्कि यह ईश्वर के अस्तित्व का प्रमाण भी हो सकते हैं?
इस वीडियो में हम फिंगरप्रिंट्स के वैज्ञानिक तथ्यों को समझते हैं और देखते हैं कि कुरान में इसका उल्लेख कैसे किया गया है।
फिंगरप्रिंट्स का हर इंसान में अलग-अलग होना ईश्वर की महान कारीगरी का प्रमाण है।
यह वीडियो आपके होश उड़ा देगी और आपको गहराई से सोचने पर मजबूर कर देगी।
देखिए, समझिए और साझा कीजिए।
**मुख्य बिंदु:**
1. फिंगरप्रिंट्स के अद्भुत वैज्ञानिक तथ्य।
2. कुरान में फिंगरप्रिंट्स का उल्लेख (सूरा अल-कियामा 75:3-4)।
3. ईश्वर के अस्तित्व पर यह कैसे प्रमाण है।
Mom
#fingerprints #Quran #Fingerprintsscientificfacts #EvidenceofGod #facts #existenceofgod #proofofgod
इस वीडियो में हम फिंगरप्रिंट्स के वैज्ञानिक तथ्यों को समझते हैं और देखते हैं कि कुरान में इसका उल्लेख कैसे किया गया है।
फिंगरप्रिंट्स का हर इंसान में अलग-अलग होना ईश्वर की महान कारीगरी का प्रमाण है।
यह वीडियो आपके होश उड़ा देगी और आपको गहराई से सोचने पर मजबूर कर देगी।
देखिए, समझिए और साझा कीजिए।
**मुख्य बिंदु:**
1. फिंगरप्रिंट्स के अद्भुत वैज्ञानिक तथ्य।
2. कुरान में फिंगरप्रिंट्स का उल्लेख (सूरा अल-कियामा 75:3-4)।
3. ईश्वर के अस्तित्व पर यह कैसे प्रमाण है।
Mom
#fingerprints #Quran #Fingerprintsscientificfacts #EvidenceofGod #facts #existenceofgod #proofofgod
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วีดีโอ
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Did you know that the Quran may have hinted at the concept of time dilation centuries before Einstein's theory of relativity? This video explores the profound connection between science and religion, analyzing Quranic verses that resonate with the modern scientific concept of time. Join us to uncover the wonders of the Quran and its relevance in today's scientific discoveries! #QuranAndScience ...
राजनीति में धार्मिक भावनाओं का खेल | राजनीति और धर्म पर एक नज़र
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इस वीडियो में हम राजनीति में धर्म के उपयोग का गहराई से विश्लेषण करेंगे। क्या धर्म का उपयोग राजनीति में उचित है? क्या इससे जनता का भला होता है या ये सिर्फ एक रणनीति है वोट पाने की? इस वीडियो में हम इसके लाभ, नुकसान और समाज पर प्रभाव की चर्चा करेंगे। राजनीति में धर्म के इस उपयोग के बारे में जानने के लिए वीडियो को अंत तक देखें और अपने विचार कमेंट्स में शेयर करें।"
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क्या Religion और Science एक-दूसरे से अलग हैं, या उनमें गहरा संबंध है? इस वीडियो में हम धर्म और विज्ञान की समानताओं को समझेंगे और यह जानेंगे कि कैसे दोनों मानवता को नई दिशा देते हैं। पुराने धार्मिक ग्रंथों में पाए गए वैज्ञानिक तथ्यों और आधुनिक वैज्ञानिक खोजों के बीच तालमेल की जानकारी दें। इस वीडियो में कुरआन, वेद, और अन्य धार्मिक ग्रंथों में पाए जाने वाले विज्ञान के उदाहरणों पर भी चर्चा करेंगे। ...
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Eid miladunnabi special |पैगम्बर इंसानियत का
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😂😂😂😂
Right bat hai
❤❤❤❤❤❤nais ji
Nice ❤❤❤
No never east aur south ka mail nhi
Ji haa eswar Allah ek hi h bs kuch neta h jo andbhagt peda krte h
Answer is not satisfied.
It is not the case that the answer is always satisfactory. Many times the answer is contrary to our thinking. For example, I will tell you an anecdote, once three friends were going somewhere on a bike, when they saw a traffic constable on the road far away. One of them got down from the bike and the other two went ahead and asked the constable if they could travel in triple seat. So they got the answer that they cannot. So they got the answer but they were not satisfied with the answer. Similarly, it is not necessary that you get satisfaction from every answer.
I have given this example only to explain that it is not necessary that you will be satisfied with the answer every time. The example is given only for reference, there is no need to give complete knowledge on that example
Yea video ankh Khulna kea kea hai
Very good information 😊
अल्लाह ने दुनिया के किसी चीज़ को पैदा नहीं किया है बल्कि अल्लाह ने कुदरत में उपलब्ध चीजों से कुदरत के कानून के हिसाब से चीजों का बदलाव यानी एवोलूशन किया है ,चुकी ये काम कुदरत के कानून के हिसाब से हुए इसलिए इसमें अरबो खरबों वर्ष का समय लगा
ईश्वर या अल्लाह यानी अदृश्य कुदरत या चेतना का समुद्र सिर्फ और सिर्फ निराकार रूप में मौजूद है , इस निराकार यानी गायब को सिर्फ दिमाग से समझा जा सकता है , और यह प्रक्रति में कुदरत के गुण और कानून के रूप में मौजूद है , और इसका काम सीधे किताब भेजना नहीं है , तो किताबे कौन भेजता है ? अदृश्य सता यानी अल्लाह या ईश्वर ने अपना एवोलूशन कर इस कुदरत को पैदा किया , उसमे धरती को जिंदगी के लिए चुना और उसके समुद्र के पानी में जिंदगी पैदा की यानी अल्लाह का एवोलूशन (अर्श) पानी की जिंदगी में (हूद 11:7 ), फिर ये पानी की जिंदगी जमीन पर फैली अब फिर एवोलूशन हुआ (इस्तवा अलल अर्श ) और ये जिंदगी आसमानों में नूरी इंसानों यानी फरिश्तो की शक्ल में धरती के ऑर्बिट ( 7 आसमान ) में पहुची ,इन्होने ही सभी किताबे अपने ज्ञान के हिसाब से भेजी है , भेजते रहते है ये कुरान में "हमने " है , कुरान में इन्होने बार बार कहा है की कुरान और प्रोफेट "हमने " भेजा है
महर्षि वसिष्ठ के विचार अनुसार आतातयी? 1- आग लगाकर नुकसान करने वाला, 2- विष देने वाला मिलावटखोर, 3- अनुचित हथियार रखने वाला, 4- धन का अपहरण करने वाला, 5- खेत खलिहान हरण करने वाला, 6- स्त्री का हरण करने वाला। इन छः आतातयी को दण्ड देने से दण्डाधिकारी को पाप नहीं लगता है । संस्कृत श्लोक विधिनियम- अग्नीदो गरदश्चव शस्त्राणिधनापह: क्षेत्रदारहश्चैव षडेते ह्याततायिन: ।। वसिष्ठ स्मृति धर्मनिति शास्त्र। सतयुग दक्षराज वर्णाश्रम सनातन संस्कार। जय विश्व राष्ट्र प्राजापत्य दक्ष धर्म सनातनम्। जय अखण्ड भारत जय वसुधैव कुटुम्बकम् ।।ॐ।।
चंद्रायण व्रत का भाग है करवाचौथ व्रत है । यह व्रत अनुष्ठान करना आचरण व्यवहार निर्माण करने में लाभदायक सहयोगी है, विवाद कम करने में सहायक है, फलस्वरूप आयु बढने में सहयोगी है। विवाद में तनाव में असमय जान चली जाती है विवाद रूकने में उसको रोकने में मदद करता है। व्यभिचार कम होता है। एक माह का चंद्रायण व्रत उपवास ही इस्लामिक मुस्लिम मत पन्थ वालो के रोजे रमजान व्रत-उपवास हैं।
पूर्वजो ऋषिओ देवताओ के चेहरे चरित्र बिगाङ कर मूर्ती चित्र बनाकर देखना दिखाना अनुचित सोच रखकर जीना होता है देखा देखी। जब खुद के परिवार के सदस्यों के चेहरे चरित्र सही देखना दिखाना चाहते हैं तो फिर अपने पूर्वजो ऋषिओ बहुदेवताओ के चेहरे चरित्र बिगाङ बिगाङ कर अनुचित कर्म क्यों करते हैं। शिक्षित विद्वान द्विजन ( स्त्री-पुरुष) को मूर्ती चित्र चलचित्र में सही चेहरे चरित्र देखने दिखाने चाहिए।
ईश्वर, अल्लाह गॉड को किसी की मदद की जरूरत नहीं होती है। दिमाग में सही विचार सबजन को श्रेष्ठ जीवन निर्वाह करवाते हैं।
@@budhprakash9200 ishwar ko kisi bhi chij ki jarurat nahi hoti . Man lijiye aap ek raja hai aur apani praja ko muft kmabal batna chhate hai to jo koi aapse kamabal leta hai wo apake is acche vichar me apaki madad hi kar raha hota hai kyu ki agar koi kambal le hi na to apaka maqsad adhura hai aur na lene wale ka hi nuksan hai paaka to koi nuksan nhi hai
सतयुग दक्षराज वर्णाश्रम सनातन धर्म संस्कार। धर्मगुरु /पुरोहित/ पन्थगुरु/ अध्यापक/ चिकित्सक/धर्माचार्य/ कविजन/ विप्रजन/ शिक्षक ( ब्रह्मण ) का सदाचार आचरण व्यवहार कैसा होना चाहिए ? जाने ! इस पोस्ट के विषय ज्ञान अनुसार उचित विचार संस्कार नियम पालन करते हुए अन्य सबजन को मानवीय मूल्य वाले संस्कार प्राप्त करवाते हुए अपराध मुक्त वातावरण बनवाते रहें। अध्यापक/ धर्माचार्य को - 1- सत्यवादी आचरण व्यवहार वाला होना चाहिए , 2 - शुद्ध चित आचरण रखने वाला होना चाहिए, 3 - सत्यवृतपरायण आचरण वाला होना चाहिए, 4 - नित्य सनातन दक्षधर्म में रत होना चाहिए, 5 - शान्त चित वाला बने रहने वाला होना चाहिए, 6 - व्यर्थ अनर्गल बातो से रहित होना चाहिए, 7- द्रोहरहित स्वभाव वाला होना चाहिए, 8 - चोरकर्म से रहित सही आदत वाला होना चाहिए, 9 - प्राणियो के हित में लगे रहने वाला होना चाहिए, 10 - अपनी स्त्री भार्या में रत रहने वाला होना चाहिए, 11- सविनय नर्म स्वभाव वाला होना चाहिए, 12- न्याय प्रिय सुरक्षक स्वभाव होना चाहिए, 13 - अकर्कश सरल स्वभाव वाला होना चाहिए, 14 - माता पिता का आज्ञाकारी होना चाहिए, 15 - गुरुओ का सम्मान करने वाला होना चाहिए, 16 - वृद्धो पर श्रद्धा रखने वाला होना चाहिए , 17- श्रद्घालु स्वभाव वाला होना चाहिए, 18ङ- वेदमंत्र दक्षधर्म शास्त्ररज्ञाता होना चाहिए, 19 - वैदिक धर्म संस्कार गुण क्रियावान होना चाहिए और 20- भिक्षा दान दक्षिणा वेतन से जीवन यावन करने वाला होना चाहिए। इन सभी बीस (20) मानवीय गुणों को विप्रजन/अध्यापक/ गुरूजन/ पुरोहित/ चिकित्सक /पन्थगुरु/अभिनयी/द्विजोत्तम/शिक्षक (ब्रह्मण) को अपनाकर जीना चाहिए ताकि इन्ही गुण स्वभाव वाले शिक्षको को देखकर इनसे प्रेरित होकर अन्य द्विजनों ( स्त्री-पुरुषो ) को आचरण व्यवहार निर्माण कर जीने में लाभ मिलता रहना चाहिए। पौराणिक वैदिक सतयुग संस्कृत भाषा श्लोक विधिनियम - ॐ सत्यवाक् शुद्धचेता यः सत्यव्रतपरायणः । नित्यं धर्मरतः शान्तः स भिन्नलापवर्जितः।। अद्रोहोऽस्तेयकर्मा च सर्वप्राणिहिते रतः। स्वस्त्रीरतः सविनया नयचक्षुरकर्कशः ।। पितृमातृवचः कर्ता गुरूवृद्धपराष्टि ( ति) कः । श्रध्दालुर्वेदशास्त्रज्ञः क्रियावान्भैक्ष्य जीवकः ।। जय विश्व राष्ट्र सनातन प्राजापत्य दक्ष धर्म। जय वर्णाश्रम संस्कार प्रबन्धन। श्रेष्ठतम जीवन प्रबंधन । जय अखण्ड भारत। जय वसुधैव कुटुम्बकम।। ॐ ।। विश्वराष्ट्र मित्रो! पौराणिक वैदिक पुरोहित संस्कार शिक्षको लिए बताए गए गुण नियम की तरह सभी साम्प्रदायिक पन्थी गुरुओ के बने नियमो को पोस्ट करना चाहिए, ताकि सबजन के विचार को तुलनात्मक रूप से विश्लेषण कर अध्ययन करना चाहिए और एक समान अवसर देने वाले मानवीय गुण क्रियावान कर संस्कार सुधार किये जाने चाहिएं । साम्प्रदायिक गुरुओ की निजी पन्थी सोच ने पौराणिक वैदिक सनातन प्रजापत्य दक्ष धर्म संस्कार विधि-विधान नियमों में क्या सुधार और क्या क्या बिगाङ किया है ? वह सबजन जानकर समझकर सुधार करना चाहिए सकें और अपने पूर्वजो बहुदेवो ऋषिओ की पौराणिक वैदिक श्रेष्ठ सनातन धर्म संस्कार विधि पहचान कर श्रेष्ठ जीवन निर्वाह करना चाहिए। जय विश्व राष्ट्र दक्षराज वर्णाश्रम सनातन धर्म संस्कार प्रबन्धन। श्रेष्ठतम जीवन प्रबंधन। जय अखण्ड भारत। जय वसुधैव कुटुम्बकम।। ॐ ।।
ब्राह्मण (अध्यापक) , क्षत्रिय ( सुरक्षक) और वैश्य ( वितरक) तीनो सेवकजन हैं और शूद्रण (उत्पादक शिल्पकार निर्माता उद्योगण) मालिक है लेकिन वेतनमान पर कार्यरत होने पर शूद्रन भी सेवकजन होता है और ब्राह्मण ( अध्यापक) ,क्षत्रिय ( सुरक्षक चौकीदार) और वैश्य ( वितरक वणिक) अपने खुद के कार्य करने पर मालिक होते हैं। अकाट्य सत्य सनातन शाश्वत ज्ञान प्राप्त कर अज्ञान मिटाई करवाओ। राजसेवक जनसेवक राजनेता भी वेतनमान पर कार्यरत होने पर जनसेवक नौकरजन दासजन राजसेवक होते हैं। चार वर्ण कर्म विभाग = राजसेवक/जनसेवक/ नौकरजन/दासजन/सेवकजन × ( अध्यापकजन ब्रह्मवर्णजन + सुरक्षकजन क्षत्रमवर्णजन + उत्पादकजन शूद्रमवर्णजन + वितरकजन वैशमवर्णजन) ।जैसे कार में चार पहिए होते हैं दो आगे और दो पीछे तथा पांचवे पहिए को स्टेपनी के रूप में रखते हैं जो चारो पहिए के स्थान पर प्रयोग करते रहते हैं। दो अगले ब्रह्म वर्ण और क्षत्रम वर्ण जैसे हैं और दो पिछले उत्पादन-शूद्रम और वितरण-वैशम वर्ण जैसे हैं और पांचवे वेतन पर कार्यरत चारो में सहयोगी हैं। चारो वर्ण कर्म विभागो ( शिक्षण-ब्रह्म, सुरक्षण-क्षत्रम, उत्पादन-शूद्रम और वितरण-वैशम) में अपने अपने कार्य करते हैं और पांचवेजन वेतनमान पर चारो वर्ण विभाग में कार्यरत होकर सहयोगी होते हैं। यही चारवर्ण पांचज़न सनातन शाश्वत जीविकोपार्जन प्रबन्धन विषय विधि-विधान नियम विधान है।ब्राह्मण (अध्यापक) , क्षत्रिय ( सुरक्षक) और वैश्य ( वितरक) तीनो सेवकजन हैं और शूद्रण (उत्पादक शिल्पकार निर्माता उद्योगण) मालिक है लेकिन वेतनमान पर कार्यरत होने पर शूद्रन भी सेवकजन होता है और ब्राह्मण ( अध्यापक) ,क्षत्रिय ( सुरक्षक चौकीदार) और वैश्य ( वितरक वणिक) अपने खुद के कार्य करने पर मालिक होते हैं। अकाट्य सत्य सनातन शाश्वत ज्ञान प्राप्त कर अज्ञान मिटाई करवाओ। राजसेवक जनसेवक राजनेता भी वेतनमान पर कार्यरत होने पर जनसेवक नौकरजन दासजन राजसेवक होते हैं। चार वर्ण कर्म विभाग = राजसेवक/जनसेवक/ नौकरजन/दासजन/सेवकजन × ( अध्यापकजन ब्रह्मवर्णजन + सुरक्षकजन क्षत्रमवर्णजन + उत्पादकजन शूद्रमवर्णजन + वितरकजन वैशमवर्णजन) ।
पौराणिक वैदिक वर्णाश्रम सनातनी संस्कार हिंदुत्व की मनुस्मृति धर्मशास्त्र - अनुसार - शूद्रन भी अपने कार्य बढ़ाने पर नौकर (दास) को रखता है l शूद्रण जन द्वारा दासी (नौकरानी) या दास (नौकर) की स्त्री में यदि संतान उत्पन्न की जाती है, तो वह पिता की औरस (अपनी पत्नी से उत्पन्न ) संतान के बराबर धन भाग लेगी, यही सनातन वैदिक धर्म व्यवस्था है l सनातन धर्म संस्कृति श्लोक - ॐ दास्यां वा दासदास्यां वा य: शूद्रस्य सुतो भवेत् l सोअनुज्ञातो हरेदंशमिति धर्मो व्यवस्थित: ll (वैदिक मनुस्मृति धर्मशास्त्र) l यंहा यह जानना चाहिए कि शूद्रम वर्ण एक उद्योग उत्पादन विभाग होता है और इस विभाग में कार्य करने वाले मानव जन शूद्रन (उत्पादक /शिल्पकार/उद्योगपति) होते हैँ l शूद्रन अपना उत्पादन उद्योग निर्माण कार्य बढ़ाने पर वेतन भोगी दासों (नौकरों /सेवकों) को रखते हैँ l शूद्रन जन को अपने पास रखे गए नौकरो/सेवको (दासों) के साथ मर्यादा पूर्ण व्यवहार आचरण करना चाहिए और दासी (सेविका/नौकरानी) के साथ योंन सम्बंध नहीँ बनाना चाहिए l चारो वर्णों (विभागों) के कार्य जैसे कि शिक्षन, शासन, उत्पादन और वितरन कर्म करने के लिए वेतन भोगी दासो (नौकरों /सेवकों) को रखना होता है l पेशाजाति कार्यों को करने वाले इंसानो के लिए पेशापदवि होती हैं l जो पेशाजाति कर्म करते हैं वो असली पेशाजाति वाले होते हैं लेकिन जो बिना पेशाजाति कर्म किए भी किसी पेशाजाति को मानते हैं तो वो मात्र नामधारी पेशाजाति वाले बने रहते हैं l सभी पेशाजाति को चार विभागों (वर्णों) में बांटकर कर चार वर्णिय कार्मिक वर्णाश्रम व्यवसायिक व्यव्स्था प्रबन्धन किया गया है l वर्ण वाला कर्म जो भी करते हैं वो असली वर्ण वाले होते हैं और जो बिना वर्ण कर्म किए किसी वर्ण को मानते हैं वो मात्र नामधारी वर्ण वाले बने रहते हैं l वंशज्ञातियों गोत्रों को विवाह सम्बन्ध बनाए रखने के लिए ऋषि संसद द्वारा निर्मित किया गया है l चार वर्ण विभाग व्यवस्था प्रबंधन अनुसार - 1. अध्यापक चिकित्सक संगीतज्ञ = ब्रह्मण 2. शासन रक्षक न्याय कर्ता = क्षत्रिय 3. उत्पादक निर्माता उद्योगण = शूद्रण 4. वितरण व्यापार कर्ता = वैश्य l चरण चलने से स्थान बदलने से ही व्यापार वितरण ट्रांसपोर्ट वाणिज्य आढ़त वित्त वैश्य वर्ण कार्य होता है इसलिए चरण समान वैश्य वर्ण विभाग होता है। 5 . पांचवे वेतन भोगी नौकर = दासजन /सेवकज़न चारो वर्ण (विभागों) में कार्यरत हैं l सरकार भी वेतन भोगी जन जनसेवक नौकर रूप में कार्यरत है। व्रात्य = अशिक्षित ज़न को कहा गया है I शूद्रं/ शूद्रन/ शूद्रण का मतलब उत्पादक निर्माता उद्योगण तपसेवी है चतुरवर्ण कर्म विभाग अनुसार। अशूद्र अब्राहण का मतलब अछूत व्यभीचारी नपुसंक जुआरी चाटुकार है। क्षुद्र का मतलब छोटी सोच पाशविक सोच रखकर अनर्गल प्रलाप करने वाला है।
लोकतांत्रिक युग में मुस्लिम ईसाई मत हासिल करने वाले सोच सुधार करवाएं। मुस्लिम मत परिवर्तन करने वाले कुरान कुराह के विचारो पर चलकर जीवनयापन करने वालो को सुधार करना करवाना चाहिए । शिक्षित मुस्लिमो को अपने मत परिवर्तन कर अपने पूर्वज बहुदेव ऋषिओ के पौराणिक वैदिक सनातन सोलह संस्कार अनुसार जीने की कोशिश कर सुधार करना करवाना चाहिए। 1- खतना कुकर्म बंद करना चाहिए मासूम बच्चो के गुप्तांग को काटना बंद करवाएं लोकतंत्र विधान युग में वेवजह हिंसात्मक कुकर्म करना अपराध है । 2- हलाला कुकर्म करवाना बंद करवाना चाहिए मात्र वाद विवाद होने पर औरतो को गैर मर्दो के साथ सुलाना बेइज्जत करवाना बंद करवाएं। 3- मस्जिदो मे औरतो को भी साथ लेकर जाना शुरुआत करवाएं । 4- चचेरी, ममेरी, फुफेरी और मौसेरी बहनो को घर में बीबी बनाकर पाप कर्म करना बंद करवाएं एसी सोच होना सेटिंग बचपन से ही कन्याओ के साथ व्यभीचार होने लगता है उस व्यभीचार कुकर्म को बंद करवाएं। 5- पुत्र वधुओ को घर मे कुकर्म कर बीबी बनाकर पुत्रो से अलग करवाना परिवार तोडना पाप कर्म करना बंद करवाएं। 6- मस्जिदो में हरएक हफ्ते अस्पताल जांच शुरुआत करवाना चाहिए। अपने पौराणिक वैदिक सनातन दक्षधर्म सोलह संस्कार अनुसार फिर से श्रेष्ठ जीवन निर्वाह करने की शुरूआत करनी चाहिए। अब लोकतंत्र विधान युग में खलिपाओ के आतंक का विरोध करना चाहिए। मुस्लिम इस्लाम पन्थ सम्प्रदाय अनुसार मत परिवर्तन कर अपनी संस्कृति बिगाङ कर जीने वालो के पूर्वज भी बहुदेव वादी वाले मानव जनो के पूर्वज ही हैं। गुरू बदल जाते हैं मत परिवर्तन हो जाते हैं लेकिन पूर्वज नहीं बदलते हैं।
सबसे अधिक कुरान कुराह और बाइबिल बबाल वालो ने हिसंक कुकर्म करवा कर संस्कार बिगाङ कर मत परिवर्तन करवा कर मानवता का नुकसान करवाया है और आजकल लोकतंत्र संविधान युग में कुरान कुराह और बाइबिल बबाल वाले रात-दिन मत परिवर्तन करवा कर संस्कार बिगाङ कर हिंसात्मक अमानवीय कुकर्म करवाते रहते हैं। बौद्धधम्म बुद्धुओ और नंगेजिन्न गुरुओ के फालोअर अंधभक्त होकर माइंड सेटिंग कर जीने वाले कुरान कुराह और बाइबिल बबाल पर मौन धारण कर समर्थन करते हुए मानवता इन्सानियत का नुकसान करवाते रहते हैं। खात लगाकर किसी भी समय हमला करना कुरान कुराह कुरितिओ अनुसार होता रहा है और षडयंत्र कर हमला बाइबिल बबाल अनुसार होता रहा है। पौराणिक वैदिक सनातनी हिंदूजन तो खुले क्षेत्र में मुकाबला कर सत्ता परिवर्तन करवाते थे और सबजन को समान अवसर उपलब्ध रहता था। सतता के लिए दिन दिन में मुकाबला होता था लेकिन प्रजा पर कोई आक्रमण नहीं करता था।
Good 👍❤
This guy is bluffing There is no similarity
@@shirishkane4043 I have cited Vedic mantras and verses from the Quran as proof. First read them and then blame anyone.
Allah, iswar, bhagwan ek hi naam hai, God Ko bnana galat hai, kyunki God ne humko bnaya hai na ki humne God ko, esliye hm Allah ki koie photo nhi bna sakte. Hindu dharm galat nhi hai sirf murti puja galat hai, yoni puja, naga baba puja, shiv ling puja dekho kya chiz ki puja kar rahe ho.
❤❤
Kya aap TF ho .DM -DF hi aisa neak kaam kar sakte hai.
@@firdouskhan368 mai tf dm df ye nahi janta kya hota hai
@sanatanislam ohh koie baat nhi, aise hi neak kaam Kate rho manjil mil jaayegi.
Allah khud chahta hai ki sab dharm rhe. Sab God ki marzi hai duniya par sabki ki zarurat hai.
Yha se positive vibes aa rahi hai mujhe sukriya brother.
7chakr hota hai jise hum arbi me Latif kahte hai. Third eye Shanker bhagwan ko hota hai jise hum arbi main batini ankh khate hai this is real. Meditation se hum khud ki bhi third eye open kar sakte hai maine apna kya hai. Third eye open hone se past persent aur future hme pata chalane lagta hai.❤❤ Mager katterpanthe logo ko samjh hi nhi aati ye sab baat. Islam mohabbat ka dharm hai na ki nafrat ka.
Aap daily video bnaye please, bhaut se log bhatak rhe hai
Inshallah. Mera ye pesha to nahi hai mai dusra karobar karta hu waqt nahi milta fir bhi mai koshish karunga . Aur meri koi team bhi nahi hai .
@sanatanislam team bna lo bhai apna QR code bhi lagaya Karo jinko achhi lagegi wo log support karenge aur waise bhi Allah hai na neak kaam karne walon ko God ka support mil hi jata hai. Rhi baat exmuslim ki, main uski band baja kar rhungi . Molana ko hra sakte hain mujhe nhi, mujhe bhi dono dharm ki acchi burai pata hai.
@sanatanislam exmuslim ki sari video ko report bhi kareye please wo log bahut baat galat bolte hai.
@firdouskhan368 jazakallah
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Meri dua hai ki aap bahut unchai per jao.bahut hi neak kaam kar rahe ho....
Bahut dino se aise video dhund rhi thi sukriya
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Hadis ki har baat sahi nhi hai, negative energy ki wajah se kuch galat likha gaya hai isko samjhna hoga aur sudhar karwana hoga.
Allah light hai, energy hai jisko hum mehsoos kar sakte aur pure universe me energy hai negative positive. Allah(God )ko hum nhi bna sakte kyuki Allah ne humko bnaya hai na ki humne God (Allah)ko isliye Allah ki koie photo nhi hai.
God ek hai sab ka bas dharm alag hai. Allah iswar tero naam......
@@firdouskhan368 bilkul sahi bat
Beautiful ❤️. आल्हा +मोहम्मद=ॐ
ye baat sirf Quran me nahi blki hindu scripture me bhi hai , earth par har creature ke liye time ek jaisa nahi hota, soul jo ki photons se bani hoti hai unke liye time hmaare mukable slow hota hai, yaani hmaara 1 minute unke liye lagbhag 13 minute jitna hota hai , farishte insaani soul hi hai
@@QuranBibleVed ho sakta hai maine inkar nahi kiya hai . Balki mai to mere channel par yahi bat batata hu ki har granth ek ishwar ki taraf se hi aya hai . Aur uname bahut si samantaye bhi hai . Aap mere aur bhi videos dekhalo aapko pata chal jayega
@@sanatanislam direct kitabe kyaanat ka Evolution karne waale ne nahi bheji hai, Quran me byan kiya gya hai arsh paani par tha , jiska istwa alal arsh huaa, yaani wah aasmano ki taraf gya, to jindagi ka Evolution paani me huaa phir jameen par Evolution huaa ye jindagi aasmano ki taraf rooh ya farishte bankar gayi, aur isi jindagi ne apne experience ke hisaab se insano ki bhalayi ke liye kitabe sndesh bheje aur iska silsila chal rha hai aur chaltaa rahega
EDUCATED PHILOSOPHIC POINTS for truth step or for scientific step ... basic universal existence or never ending existence in universe - 1. NIL - space, sky, blank, freedom or nothing in universe. field of nature. playground of nature. 2. ZERO - physical existence in universe. this is digital existence or raw material in universe. 3. TIME - universal energy. moving energy of nature. 4. SOUL + GOD - thinking, planning, feeling existence in universe. current step existence in universe. all by those. never god impossible but blindness head or blocked memory possible. nature have soul control and blocked by body system. if have step less memory problem so as a person. ॐ "A" is beginning sound or heart vibration. "M" is last sound. a will going to last m between a and m creating "O" sound. so A+O+M = ॐ is basic universal sound. other all letters in a to m or from a to m. never sound further a and never sound after m. normally a is meditation base or begin cosmic dimensions sound and ॐ is hello to almighty sound from anywhere.
Keep going🎉🎉🎉🎉📈📈📈
Shirk big sin. You cannot associate Allah with any other god , video promotes big lies. Support ex muslim Sahil, Adam seeker
Ek vyakti ko alag nam se pukarna or alag vyakti ko ek naam se pukarna dono alag alag baat h
@@ViJa-vb7zs ek hi hasti ko alag alag namo se pukara gaya hai . Ye bataya gaya hai ved me bhi aur Quran me bhi . Aur sath me ye bhi bataya hai ki ishwar ek hi hai aur wo ajanma hai nirakar hai iska bhi saboot vedo me bhi hai aur baki sabhi dharm grantho me bhi hai wo bhi mai dusari video me bataunga . Jis tarah pani ko alag alag bhasha me alag alag nam hai lekin pani to pani hi rahta hai har jagah koi water kahe ya koi jal kahe bat to ek hi hai . Usi tarah is srushti ko banane wala ek hi hai use aap ishwar kaho ya god kaho ya allah
@sanatanislam kya Quran ka allah bhi nirakar h?
@@ViJa-vb7zs bilkul. Physically uska koi akar nahi hai . Aur Quran ka Allah vedo ko parmatma parameshwar bible ka god sab ek hi hai . Quran me likha hai ki ye aakahri kitab hai isase pahale bhi usame kitabe bheji hai aur messanger bheje hai
@@sanatanislam yadi Maine allah ke hath aadi ke reference de diye to aap kya kroge?
@ViJa-vb7zs wo physically hath ki bat nahi hai . Vedo me aur Quran me sanketik arth me bat batane ka tareeka hai ye bhi maine dusare videos me bataya hai . Aksar log jaha shabdik arth lena hota hai waha shabdik arth nahi lete aur jaha sanketik arth hota hai waha shabdik arth ko le lete hai isi liye Quran me ye bhi likh hai ki isake zariye Allah bahut se logo ko margdarshan deta hai to bahut se log patbhrasht bhi ho jate hai aur patbhrasht wahi log hote hai jinake dilo me ghrina hoti hai . Quran ko bich me kahi se ek aayat padh kar bat puri kabhi nahi samajh sakte pura Quran padhoge tohi bat samajh me aayegi . Granth kavyatmak rup me hote hai jis tarah ek gitkar likhata hai ki ek aashik apani mashokha ke liye chand tare tod layega to waha kabhi bhi ye matlab nahi liya jata ki sach me chand tare tod ke layega .
Kuran m likha h murtipooja krne valo ko mar do
Sirf Allah he ibadat ke layak hai aur koi nhi sir jhukna chahiye to sirf aur sirf Allah ke samne he kisi aur ke samne nhi....! Kyu ki wahi hai jo sabhi ko banaya...!
Beshak.
Beshak
Allha hu akbar
Sabka Malik ek hai vah hai Allah❤❤💯☪️
Itna aapko Gyan hota to aap video na banate hain TH-cam per zahil kuchh nahin maloom aapko kuchh nahin maloom jahil gawar Allah Hu Akbar ☪️💯
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