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Bhajan Sandhya
เข้าร่วมเมื่อ 10 ม.ค. 2024
"ईश्वर की आराधना: संपूर्ण कीर्तन" #kirtan @
"ईश्वर की आराधना: संपूर्ण कीर्तन"
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यह कीर्तन भक्ति और दिव्यता से भरपूर एक ऐसा आध्यात्मिक कार्यक्रम है जो भगवान के अलग-अलग स्वरूपों को समर्पित है। कीर्तन की शुरुआत मंगलाचरण से होती है, जिसमें भगवान जगदीश की आरती गाई जाती है। इसके बाद भगवान श्रीराम, श्रीकृष्ण, भोलेनाथ (शिव), माता दुर्गा, और संकटमोचन हनुमान जी के भजन और स्तुतियां प्रस्तुत की जाती हैं।
इस कीर्तन में हर भक्त की आस्था को प्रज्वलित करने के लिए मधुर भजनों और मंत्रों का चयन किया गया है। समापन सभी देवताओं की सामूहिक प्रार्थना और आरती के साथ होता है, जिससे वातावरण में शांति, भक्ति और आशीर्वाद की अनुभूति होती है।
कीर्तन के मुख्य आकर्षण:
1. श्रीराम की स्तुति: "श्री राम जय राम जय जय राम" और "रघुपति राघव राजा राम।"
2. कृष्ण भजन: "हरे कृष्ण हरे कृष्ण" और "गोविंद बोलो हरि गोपाल बोलो।"
3. शिव भजन: "बम बम भोले" और "ॐ नमः शिवाय।"
4. माँ दुर्गा भजन: "जय अम्बे गौरी" और "जगदंबा जय जय जगदंबा।"
5. हनुमान भजन: "संकट मोचन नाम तिहारो" और "जय जय हनुमान।"
6. समर्पण भजन: सभी देवताओं को समर्पित "जय गणेश" और "हरे रामा हरे कृष्णा।"
कीर्तन का समापन आरती कुंजबिहारी की और सामूहिक जाप के साथ होता है, जिसमें सभी भक्त प्रभु के प्रति अपनी भक्ति प्रकट करते हैं।
यह कीर्तन हर उम्र और हर आस्था के लोगों के लिए है, जो उन्हें भगवान के प्रेम और कृपा से जोड़ने का माध्यम बनता है।
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यह कीर्तन भक्ति और दिव्यता से भरपूर एक ऐसा आध्यात्मिक कार्यक्रम है जो भगवान के अलग-अलग स्वरूपों को समर्पित है। कीर्तन की शुरुआत मंगलाचरण से होती है, जिसमें भगवान जगदीश की आरती गाई जाती है। इसके बाद भगवान श्रीराम, श्रीकृष्ण, भोलेनाथ (शिव), माता दुर्गा, और संकटमोचन हनुमान जी के भजन और स्तुतियां प्रस्तुत की जाती हैं।
इस कीर्तन में हर भक्त की आस्था को प्रज्वलित करने के लिए मधुर भजनों और मंत्रों का चयन किया गया है। समापन सभी देवताओं की सामूहिक प्रार्थना और आरती के साथ होता है, जिससे वातावरण में शांति, भक्ति और आशीर्वाद की अनुभूति होती है।
कीर्तन के मुख्य आकर्षण:
1. श्रीराम की स्तुति: "श्री राम जय राम जय जय राम" और "रघुपति राघव राजा राम।"
2. कृष्ण भजन: "हरे कृष्ण हरे कृष्ण" और "गोविंद बोलो हरि गोपाल बोलो।"
3. शिव भजन: "बम बम भोले" और "ॐ नमः शिवाय।"
4. माँ दुर्गा भजन: "जय अम्बे गौरी" और "जगदंबा जय जय जगदंबा।"
5. हनुमान भजन: "संकट मोचन नाम तिहारो" और "जय जय हनुमान।"
6. समर्पण भजन: सभी देवताओं को समर्पित "जय गणेश" और "हरे रामा हरे कृष्णा।"
कीर्तन का समापन आरती कुंजबिहारी की और सामूहिक जाप के साथ होता है, जिसमें सभी भक्त प्रभु के प्रति अपनी भक्ति प्रकट करते हैं।
यह कीर्तन हर उम्र और हर आस्था के लोगों के लिए है, जो उन्हें भगवान के प्रेम और कृपा से जोड़ने का माध्यम बनता है।
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6 หลายเดือนก่อน
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