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เข้าร่วมเมื่อ 10 มี.ค. 2013
विश्व धरोहर सप्ताह के अंतर्गत सोनभद्र में कार्यक्रम।
सांस्कृतिक धरोहरों का संरक्षण हमारा दायित्व है।
- दीपक केसरवानी
सोनभद्र-क्षेत्रीय पुरातत्व इकाई वाराणसी, उत्तर प्रदेश राज्य पुरातत्व विभाग लखनऊ, मीडिया सेंटर ऑफ़ इंडिया के संयुक्त तत्वाधान में विश्व धरोहर सप्ताह के अंतर्गत राजा बलदेव दास बिडला सोनघाटी इंटरमीडिएट कॉलेज पटवध, चोपन मे आयोजित तीन दिवसीय कार्यक्रम के प्रथम दिन आयोजित व्याख्यानमाला के अंतर्गत सोनभद्र के सांस्कृतिक विरासत का संरक्षण, संवर्धन, पर्यटन विकास विषय पर कार्यक्रम के मुख्य अतिथि इतिहासकार दीपक कुमार केसरवानी ने अपना विचार व्यक्त करते हुए कहा कि-संस्कृत धनवारों का संरक्षण हमारा दायित्व है,पौराणिक शोण महानद के किनारे अवस्थित सोनभद्र जनपद के 160 करोड़ वर्ष प्राचीन विश्व का प्राचीन सलखन फॉसिल्स पार्क सोनभद्र में समुद्र के अस्तित्व को प्रमाणित करता हैं, यहां के जंगलों में अवस्थित गुफाओं, कंदराओं, पहाड़ों, मे आदिम मानव द्वारा चित्रांकित गुफाचित्र मानव के सामाजिक, सांस्कृतिक, धार्मिक, आर्थिक विकास की कहानी चलचित्र की तरह बया करते हैं, आदिमानव के वंशधर आदिवासी जातियां आज भी अपने पुरातन, सांस्कृतिक, सामाजिक, धार्मिक परंपरा को कायम रखे हुए हैं। सोनभद्र की यही विशेषता इसे विश्व स्तरीय श्रेणी प्रदान करती है। ऐतिहासिक काल के मौर्य, वर्धन, प्रतिहार, गुर्जर, चालुक्य, गहरवार, चंदेल आदि राजवंशों द्वारा निर्मित किले, गढ़ी, तालाब मंदिर आदि वास्तुकला, स्थापत्य कला के उत्कृष्ट नमूने सोनभद्र के ऐतिहासिक काल की व्याख्या करते हैं। इतिहास के इन प्रमाणिक ऐतिहासिक विरासतों का संरक्षण संवर्धन पर्यटन विकास ऐतिहासिक साक्षी को सुरक्षित रखने के लिए आवश्यक है, जो अब तक नहीं हो पाया है। यद्यपि सरकार द्वारा उत्तर प्रदेश राज्य पुरातत्व विभाग, पर्यटन विभाग द्वारा इन ऐतिहासिक स्मारकों के संरक्षण का प्रयास जारी है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे महान देशभक्त, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, गोपाल कृष्ण गोखले द्वारा स्थापित सर्वेंट्स आफ इंडिया सोसाइटी के मंत्री आत्मानंद मिश्र ने कहा कि-"इस जनपद की आदिकाल से आधुनिक काल तक की आदिकालीन, पौराणिक, धार्मिक, ऐतिहासिक महत्व कायम रही है, जटिल भौगोलिक बनावट, प्राकृतिक सौंदर्य के कारण सोनभद्र जनपद को पूरे भारतवर्ष में विशिष्ट स्थान प्राप्त है, आधुनिक तीर्थ की संज्ञा से विभूषित इस जनपद में स्थापित कल- कारखाने इस क्षेत्र को विशेषता प्रदान करते हैं एवं बिहार, झारखंड, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ राज्यों की भौगोलिक, राजनीतिक सीमाओं से घिरा यह जनपद भारत का एकमात्र जनपद है एवं क्षेत्रफल की दृष्टि से उत्तर प्रदेश का सबसे बड़ा जनपद है, यह हमारे लिए गर्व का विषय है।
मुख्य वक्ता कठपुतली कला विशेषज्ञ, राष्ट्रपति शिक्षक पुरस्कार से पुरस्कृत रंगकर्मी हरिशंकर शुक्ल ने कहा कि-"खनिज पदार्थों, प्राकृतिक संपदाओं, ऐतिहासिक अवशेषों से भरपूर, भगवान शिव की तपोभूमि होने के कारण यहां के कण-कण में शिवत्व, देवत्व व्याप्त है, जिसकी अनुभूति हमें इस क्षेत्र के पर्यटन से होता है। प्राकृतिक सुषमाओ के कारण इसे भारत का स्विट्जरलैंड एवं गोवा की संज्ञा से विभूषित किया है विश्व के सैलानियों ने। अघोर संतो, नागपंथियों की तपोभूमि आदिवासी राजा मदन शाह की राजधानी अघोरी मे अवस्थित ऐतिहासिक विरासत समय कालखंड के परिवर्तन एवं इतिहास की व्याख्या करते हैं।
गुप्तकाशी सेवा ट्रस्ट के संस्थापक रवि प्रकाश चौबे ने कार्यक्रम के आयोजन पर हर्ष व्यक्त करते हुए कहा कि-" इस तरह के कार्यक्रम का आयोजन ऐतिहासिक विरासतों के संरक्षण के दिशा में जन जागरूकता के लिए एक सार्थक पहल है और इस पर हम सभी को अमल करना चाहिए। सांस्कृतिक विरासतो का संरक्षण हमारा प्रथम दायित्व है। हमे इन्हें नष्ट होने से स्वयं बचाना चाहिए और आम जनता को जागरूक करना चाहिए, ताकि हमारी धरोहर सुरक्षित रहे और हम इसके बारे में अपने भावी पिढियो को बत सकें।
कार्यक्रम में दिल्ली दूरदर्शन केंद्र के ईसहाक खान सोनभद्र के ऐतिहासिक एस्लो एवं भाषा विज्ञान पर विस्तृत प्रकाश डाला। आकाशवाणी केंद्र ओबरा के हेमंत मोहन ने जनपद की विरासतों पर चर्चा किया। कार्यक्रम में मंचासीन अतिथियों को अंगवस्त्रम,मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम में पधारे हुए अतिथियों का स्वागत क्षेत्रीय पुरातत्व अधिकारी वाराणसी डॉक्टर रामनरेश पाल, अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापन कॉलेज के प्रधानाचार्य आर०डी०सिंह, कार्यक्रम का संचालन उदय प्रतापधर दुबे, ने किया।
कार्यक्रम में पुरातत्व विभाग के अभिषेक सिंह, रवि कुमार, दिनेश गुप्ता, हर्षवर्धन,उमेश कुमार, रविंद्र नाथ मौर्या, बृजेश चतुर्वेदी, शारद, धनंजय सिंह, नीरज सिंह, इशरत परवीन, आनंद कुमार, राजेंद्र प्रसाद त्रिपाठी सहित अन्य लोगों उपस्थित रहे।
कार्यक्रम का शुभारंभ अतिथियों द्वारा उत्तर प्रदेश के संस्कृतिट विरासतों पर आधारित छायाचित्र प्रदर्शनी का उद्घाटन एवं मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण, दीप प्रज्वलन, स्कूल की छात्राओं द्वारा सरस्वती वंदना से हुआ।
- दीपक केसरवानी
सोनभद्र-क्षेत्रीय पुरातत्व इकाई वाराणसी, उत्तर प्रदेश राज्य पुरातत्व विभाग लखनऊ, मीडिया सेंटर ऑफ़ इंडिया के संयुक्त तत्वाधान में विश्व धरोहर सप्ताह के अंतर्गत राजा बलदेव दास बिडला सोनघाटी इंटरमीडिएट कॉलेज पटवध, चोपन मे आयोजित तीन दिवसीय कार्यक्रम के प्रथम दिन आयोजित व्याख्यानमाला के अंतर्गत सोनभद्र के सांस्कृतिक विरासत का संरक्षण, संवर्धन, पर्यटन विकास विषय पर कार्यक्रम के मुख्य अतिथि इतिहासकार दीपक कुमार केसरवानी ने अपना विचार व्यक्त करते हुए कहा कि-संस्कृत धनवारों का संरक्षण हमारा दायित्व है,पौराणिक शोण महानद के किनारे अवस्थित सोनभद्र जनपद के 160 करोड़ वर्ष प्राचीन विश्व का प्राचीन सलखन फॉसिल्स पार्क सोनभद्र में समुद्र के अस्तित्व को प्रमाणित करता हैं, यहां के जंगलों में अवस्थित गुफाओं, कंदराओं, पहाड़ों, मे आदिम मानव द्वारा चित्रांकित गुफाचित्र मानव के सामाजिक, सांस्कृतिक, धार्मिक, आर्थिक विकास की कहानी चलचित्र की तरह बया करते हैं, आदिमानव के वंशधर आदिवासी जातियां आज भी अपने पुरातन, सांस्कृतिक, सामाजिक, धार्मिक परंपरा को कायम रखे हुए हैं। सोनभद्र की यही विशेषता इसे विश्व स्तरीय श्रेणी प्रदान करती है। ऐतिहासिक काल के मौर्य, वर्धन, प्रतिहार, गुर्जर, चालुक्य, गहरवार, चंदेल आदि राजवंशों द्वारा निर्मित किले, गढ़ी, तालाब मंदिर आदि वास्तुकला, स्थापत्य कला के उत्कृष्ट नमूने सोनभद्र के ऐतिहासिक काल की व्याख्या करते हैं। इतिहास के इन प्रमाणिक ऐतिहासिक विरासतों का संरक्षण संवर्धन पर्यटन विकास ऐतिहासिक साक्षी को सुरक्षित रखने के लिए आवश्यक है, जो अब तक नहीं हो पाया है। यद्यपि सरकार द्वारा उत्तर प्रदेश राज्य पुरातत्व विभाग, पर्यटन विभाग द्वारा इन ऐतिहासिक स्मारकों के संरक्षण का प्रयास जारी है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे महान देशभक्त, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, गोपाल कृष्ण गोखले द्वारा स्थापित सर्वेंट्स आफ इंडिया सोसाइटी के मंत्री आत्मानंद मिश्र ने कहा कि-"इस जनपद की आदिकाल से आधुनिक काल तक की आदिकालीन, पौराणिक, धार्मिक, ऐतिहासिक महत्व कायम रही है, जटिल भौगोलिक बनावट, प्राकृतिक सौंदर्य के कारण सोनभद्र जनपद को पूरे भारतवर्ष में विशिष्ट स्थान प्राप्त है, आधुनिक तीर्थ की संज्ञा से विभूषित इस जनपद में स्थापित कल- कारखाने इस क्षेत्र को विशेषता प्रदान करते हैं एवं बिहार, झारखंड, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ राज्यों की भौगोलिक, राजनीतिक सीमाओं से घिरा यह जनपद भारत का एकमात्र जनपद है एवं क्षेत्रफल की दृष्टि से उत्तर प्रदेश का सबसे बड़ा जनपद है, यह हमारे लिए गर्व का विषय है।
मुख्य वक्ता कठपुतली कला विशेषज्ञ, राष्ट्रपति शिक्षक पुरस्कार से पुरस्कृत रंगकर्मी हरिशंकर शुक्ल ने कहा कि-"खनिज पदार्थों, प्राकृतिक संपदाओं, ऐतिहासिक अवशेषों से भरपूर, भगवान शिव की तपोभूमि होने के कारण यहां के कण-कण में शिवत्व, देवत्व व्याप्त है, जिसकी अनुभूति हमें इस क्षेत्र के पर्यटन से होता है। प्राकृतिक सुषमाओ के कारण इसे भारत का स्विट्जरलैंड एवं गोवा की संज्ञा से विभूषित किया है विश्व के सैलानियों ने। अघोर संतो, नागपंथियों की तपोभूमि आदिवासी राजा मदन शाह की राजधानी अघोरी मे अवस्थित ऐतिहासिक विरासत समय कालखंड के परिवर्तन एवं इतिहास की व्याख्या करते हैं।
गुप्तकाशी सेवा ट्रस्ट के संस्थापक रवि प्रकाश चौबे ने कार्यक्रम के आयोजन पर हर्ष व्यक्त करते हुए कहा कि-" इस तरह के कार्यक्रम का आयोजन ऐतिहासिक विरासतों के संरक्षण के दिशा में जन जागरूकता के लिए एक सार्थक पहल है और इस पर हम सभी को अमल करना चाहिए। सांस्कृतिक विरासतो का संरक्षण हमारा प्रथम दायित्व है। हमे इन्हें नष्ट होने से स्वयं बचाना चाहिए और आम जनता को जागरूक करना चाहिए, ताकि हमारी धरोहर सुरक्षित रहे और हम इसके बारे में अपने भावी पिढियो को बत सकें।
कार्यक्रम में दिल्ली दूरदर्शन केंद्र के ईसहाक खान सोनभद्र के ऐतिहासिक एस्लो एवं भाषा विज्ञान पर विस्तृत प्रकाश डाला। आकाशवाणी केंद्र ओबरा के हेमंत मोहन ने जनपद की विरासतों पर चर्चा किया। कार्यक्रम में मंचासीन अतिथियों को अंगवस्त्रम,मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम में पधारे हुए अतिथियों का स्वागत क्षेत्रीय पुरातत्व अधिकारी वाराणसी डॉक्टर रामनरेश पाल, अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापन कॉलेज के प्रधानाचार्य आर०डी०सिंह, कार्यक्रम का संचालन उदय प्रतापधर दुबे, ने किया।
कार्यक्रम में पुरातत्व विभाग के अभिषेक सिंह, रवि कुमार, दिनेश गुप्ता, हर्षवर्धन,उमेश कुमार, रविंद्र नाथ मौर्या, बृजेश चतुर्वेदी, शारद, धनंजय सिंह, नीरज सिंह, इशरत परवीन, आनंद कुमार, राजेंद्र प्रसाद त्रिपाठी सहित अन्य लोगों उपस्थित रहे।
कार्यक्रम का शुभारंभ अतिथियों द्वारा उत्तर प्रदेश के संस्कृतिट विरासतों पर आधारित छायाचित्र प्रदर्शनी का उद्घाटन एवं मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण, दीप प्रज्वलन, स्कूल की छात्राओं द्वारा सरस्वती वंदना से हुआ।
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गर्ग परिवार द्वारा माता का जागरण।
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श्री ठाकुर प्रसाद सिंह स्मृति सम्मान 2024
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सोन साहित्य संगम द्वारा आयोजित कार्यक्रम में विचार व्यक्त करते हुए।
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विचार गोष्ठी आलम स्मृति सम्मान कार्यक्रम में।
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सोनभद्र के वीर लोरिक पत्थर पर आयोजित गोवर्धन पूजा के बारे में जानकारी।
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प्रकाश पर्व दीपावली की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं।
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आलम स्मृति सम्मान में विचार व्यक्त करते वक्तगण।
มุมมอง 121 วันที่ผ่านมา
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आलम स्मृति सम्मान कार्यक्रम में विचार गोष्ठी एवं कवि गोष्ठी।
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श्री आलम स्मृति सम्मान कार्यक्रम मे विचार व्यक्त करते हुए।
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स्वतंत्रता संग्राम सेनानी मंगल वियार की 75 वी पुण्यतिथि पर आयोजित कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए।
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महर्षिवाल्मीकि जयंती 2024
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มุมมอง 165 หลายเดือนก่อน
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अच्छी जानकारी
दीपोत्सव की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं ❤
Super 🎉
जय हो 🙏
🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻
❤💥🕉🙏
Congratulations
क् जय गायत्री माता भैया
जय मां
जय मां 🙏🌹
जय गुरुदेव माताजी 🙏🌹
😊😊😊
जय श्री कृष्ण 🙏
जय हिंद ❤
Very informative sir
Nice collection sir
बधाई आप सभी को
Subscribe kar diye
बहुत अच्छा संग्रह सर
❤
बहुत सुन्दर
❤❤❤
बहुत सुंदर प्रस्तुति 👏👏
बहुत सुंदर 👏👏
Jai gurudev Mata ji koti koti naman 🙏
जय हिंद ❤
बहुत बहुत बधाई एवं शुभकामनाएं, Deepak Keshawani ji,
जय श्री कृष्ण ❤