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Krishna Kathaamrita
India
เข้าร่วมเมื่อ 4 ธ.ค. 2019
Dedicated to lectures of H.H.Vrindavan Chandra Das Goswami Maharaj
For more information or any help in providing videos please contact at mail id :- krishnakathaamrita@gmail.com
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CC Antya 15.70 || 17.10.24 || HH Vrindavan Chandra Das Goswami Maharaj
CC Antya 15.70
विक्षायलकवृत-मुखं तव कुंडल-श्री-
गण्ड-स्थलधर-सुधं हसितावलोकं
दत्तभयं च भुज-दंड-युगम विलोक्य
वक्ष: श्रीयिका-रमणम् च भवाम दास्यः
शब्दार्थ
वीक्ष्य - देखना; अलका - अवृत्त - बालों की घुंघराले लटों से सुशोभित; मुखम् - मुख; तव - आपका; कुंडल - श्री - बालियों की सुंदरता; गण्ड - स्थल - आपके गालों पर गिर रहा है; अधरा - सुधाम् - और आपके होठों का अमृत; हसिता - अवलोकम् - आपकी मुस्कुराती हुई दृष्टि; दत्त - अभयम् - जो अभय का आश्वासन देता है; सीए - और; भुज - दण्ड - युगम् - दो भुजाएँ; विलोक्य - देखकर; वक्षः - छाती; श्रिया - सौंदर्य से; एक - रामणम् - मुख्य रूप से दाम्पत्य आकर्षण उत्पन्न करने वाला; सीए - और; भवाम् - हम बन गये हैं; दास्यः - आपकी दासियाँ ।
अनुवाद
"'प्रिय कृष्ण, आपके सुन्दर मुख को, जो केशों से सुशोभित है, आपके कपोलों पर गिरते हुए कुण्डलों की सुन्दरता को देखकर, आपके होठों के रस को देखकर, आपकी मुस्कुराती हुई दृष्टि की सुन्दरता को देखकर, आपकी दोनों भुजाओं को, जो पूर्ण निर्भयता का आश्वासन देती हैं, तथा आपकी चौड़ी छाती को, जिसकी सुन्दरता दाम्पत्य आकर्षण को जगाती है, देखकर हमने स्वयं को आपकी दासियाँ बनने के लिए समर्पित कर दिया है।'"
तात्पर्य
श्रीमद्भागवतम् (१०.२९.३९) से उद्धृत यह श्लोक गोपियों द्वारा तब कहा गया था जब वे रास नृत्य के लिए कृष्ण के समक्ष पहुंची थीं ।
विक्षायलकवृत-मुखं तव कुंडल-श्री-
गण्ड-स्थलधर-सुधं हसितावलोकं
दत्तभयं च भुज-दंड-युगम विलोक्य
वक्ष: श्रीयिका-रमणम् च भवाम दास्यः
शब्दार्थ
वीक्ष्य - देखना; अलका - अवृत्त - बालों की घुंघराले लटों से सुशोभित; मुखम् - मुख; तव - आपका; कुंडल - श्री - बालियों की सुंदरता; गण्ड - स्थल - आपके गालों पर गिर रहा है; अधरा - सुधाम् - और आपके होठों का अमृत; हसिता - अवलोकम् - आपकी मुस्कुराती हुई दृष्टि; दत्त - अभयम् - जो अभय का आश्वासन देता है; सीए - और; भुज - दण्ड - युगम् - दो भुजाएँ; विलोक्य - देखकर; वक्षः - छाती; श्रिया - सौंदर्य से; एक - रामणम् - मुख्य रूप से दाम्पत्य आकर्षण उत्पन्न करने वाला; सीए - और; भवाम् - हम बन गये हैं; दास्यः - आपकी दासियाँ ।
अनुवाद
"'प्रिय कृष्ण, आपके सुन्दर मुख को, जो केशों से सुशोभित है, आपके कपोलों पर गिरते हुए कुण्डलों की सुन्दरता को देखकर, आपके होठों के रस को देखकर, आपकी मुस्कुराती हुई दृष्टि की सुन्दरता को देखकर, आपकी दोनों भुजाओं को, जो पूर्ण निर्भयता का आश्वासन देती हैं, तथा आपकी चौड़ी छाती को, जिसकी सुन्दरता दाम्पत्य आकर्षण को जगाती है, देखकर हमने स्वयं को आपकी दासियाँ बनने के लिए समर्पित कर दिया है।'"
तात्पर्य
श्रीमद्भागवतम् (१०.२९.३९) से उद्धृत यह श्लोक गोपियों द्वारा तब कहा गया था जब वे रास नृत्य के लिए कृष्ण के समक्ष पहुंची थीं ।
มุมมอง: 109
วีดีโอ
Sri Vrindavan Mahimamrita ||Day 5|| HH Vrindavan Chandra Das Goswami Maharaj || 17.10.2024 ||
มุมมอง 10619 ชั่วโมงที่ผ่านมา
Sri Vrindavan Mahimamrita ||Day 5|| HH Vrindavan Chandra Das Goswami Maharaj || 17.10.2024 ||
Sri Vrindavan Mahimamrita ||Day 4|| HH Vrindavan Chandra Das Goswami Maharaj || 16.10.2024 ||
มุมมอง 28314 วันที่ผ่านมา
Sri Vrindavan Mahimamrita ||Day 4|| HH Vrindavan Chandra Das Goswami Maharaj || 16.10.2024 ||
Sri Vrindavan Mahimamrita ||Day 3|| HH Vrindavan Chandra Das Goswami Maharaj || 15.10.2024 ||
มุมมอง 34214 วันที่ผ่านมา
Sri Vrindavan Mahimamrita ||Day 3|| HH Vrindavan Chandra Das Goswami Maharaj || 15.10.2024 ||
Sri Vrindavan Mahimamrita ||Day 2|| HH Vrindavan Chandra Das Goswami Maharaj || 14.10.2024 ||
มุมมอง 31914 วันที่ผ่านมา
Sri Vrindavan Mahimamrita ||Day 2|| HH Vrindavan Chandra Das Goswami Maharaj || 14.10.2024 ||
Sri Vrindavan Mahimamrita ||Day 1|| HH Vrindavan Chandra Das Goswami Maharaj || 13.10.2024 ||
มุมมอง 41214 วันที่ผ่านมา
Sri Vrindavan Mahimamrita ||Day 1|| HH Vrindavan Chandra Das Goswami Maharaj || 13.10.2024 ||
SB 1.5.20 By Vrindavan Chandra Das Goswami Maharaj at ISKCON Rukmani Vihar Vrindavan ||03.10.2024||
มุมมอง 34221 วันที่ผ่านมา
SB 1.5.20 इदं हि विश्वं भगवान्वेत्रो यतो जगत्स्थाननिरोधसम्भवा:। तद्धि स्वयं वेद भवनस्तथापि ते प्रदेशमात्रं भवति: चित्रम् शब्दार्थ इदम् - यह; हि - सब; विश्वम् - ब्रह्माण्ड; भगवान् - परमेश्वर; इव - लगभग समान; इतरः - इससे भिन्न; यतः - जिनसे; जगत् - लोक; स्थान - विद्यमान हैं; निरोध - प्रलय; सम्भवः - सृष्टि; तत् हि - सब कुछ; स्वयं - स्वयं; वेद - जानो; भवन् - अपने आप को; तथा अपि - फिर भी; ते - तुम्हे...
SB 1.8.21 By HH Vrindavan Chandra Das Goswami Maharaj
มุมมอง 27028 วันที่ผ่านมา
SB 1.8.21 कृष्णाय वासुदेवाय देवकीनन्दनाय च। नंदगोपकुमाराय गोविंदाय नमो नम:॥ शब्दार्थ कृष्णाय - परमेश्वर को; वासुदेवाय - वसुदेव के पुत्र को; देवकी - नन्दनाय - देवकी के पुत्र को; च - तथा; नन्द - गोप - नन्द तथा ग्वाल-बालों को; कुमाराय - उनके पुत्र को; गोविन्दाय - गौओं तथा इन्द्रियों को सजीव करने वाले भगवान को; नमः - सादर नमस्कार है; नमः - नमस्कार है। अनुवाद अतः मैं उन भगवान को सादर नमस्कार करता हू...
SB 11.3.30 by HH Vrindavan Chandra Maharaj at Govardhan ||30.09.2024||.
มุมมอง 1.9K28 วันที่ผ่านมา
SB 11.3.30 एकतानुकथनं पावनं भगवद्यश:। मिठो रतिर्मिथस्तुस्तिर्निवृत्तिर्मिथ आत्मनः॥ शब्दार्थ परस्पर - परस्पर; अनुकथानम् - चर्चा; पावनम् - पवित्र करने वाली; भगवत् - परमेश्वर की; यशः - महिमाएँ ; मिथः - परस्पर; रतिः - प्रेमपूर्ण आकर्षण; मिथः - परस्पर; तुष्टिः - संतुष्टि; निवृत्तिः - भौतिक दुःखों का निवारण; मिथः - परस्पर; आत्मनः - आत्मा की। अनुवाद भगवान के भक्तों के साथ मिलकर भगवान की महिमा का गुणगा...
SB 11.27.25-26 || By HH Vrindavan Chandra Das Goswami Maharaj
มุมมอง 280หลายเดือนก่อน
SB 11.27.25-26 पद्योपस्पर्शाहणादिनुपचरणं प्रकल्पयेत्। धर्मादिभिश्च नवभिः कल्पयितवासनं मम ॥ 25 ॥ पद्ममष्टदलं तत्र कर्णिकाकेसरोज्ज्वलम्। उभाभ्यां वेदतन्त्राभ्यां मह्यं तुभयसिद्धये ॥ 26 ॥ शब्दार्थ पाद्य - भगवान के चरण धोने के लिए जल; उपस्पर्श - भगवान के मु को धोने के लिए जल; अर्हण - अर्घ्य के रूप में प्रस्तुत जल; आदिन - तथा अन्य सामग्रियाँ; उपाचारण - नैवेद्य; प्रकल्पयेत् - करना चाहिए; धर्म - आदिभि...
भगवान की जन्म लीला का अद्भुत वर्णन (SB 10.8.4) (Manchester UK, House program)
มุมมอง 335หลายเดือนก่อน
भगवान की जन्म लीला का अद्भुत वर्णन (SB 10.8.4) (Manchester UK, House program)
Radhashtami Special Katha || (CC Adi 4.83) || HH Vrindavan Chandra Das Goswami Maharaj
มุมมอง 367หลายเดือนก่อน
सीसी आदि 4.83 देवी कृष्ण-मयी प्रोक्ता राधिका परा-देवता सर्व-लक्ष्मी-मयी सर्व- कांतिः सम्मोहिनी परा समानार्थी शब्द देवी - जो तेजोमय चमकती हैं; कृष्ण - मयि - भगवान कृष्ण से अभिन्न; प्रोक्ता - कहलाती हैं; राधिका - श्रीमती राधारानी; परा - देवता - परम पूजनीय; सर्व - लक्ष्मी - मयि - समस्त लक्ष्मीयों की अधिष्ठात्री; सर्व - कांति: - जिनमें समस्त तेज विद्यमान है; सम्मोहिनी - जिनका चरित्र भगवान कृष्ण को ...
Radhashtami Special Katha - Part 2 || By HH Vrindavan Chandra Das Goswami Maharaj || 08.09.2024
มุมมอง 280หลายเดือนก่อน
चैतन्य चरित्रामृत आदि लीला अध्याय 4 श्लोक 83 देवी कृष्णमयी प्रोक्ता राधिका पर-देवता सर्व-लक्ष्मी-मयी सर्व- कान्तिः सम्मोहिनी परा आगे आगे आस पास फैलती विमल बास पीछे पीछे भारी भीर भौरनि के गान की | ताते अति निकी किंकिनी की झणकार होती मोहिनी है मानो मन मोहन के-कान की || जगमग होति जात ज्योति नवयौवन की देखि गति भूली मति देवदेवतान की | समु है गलीके जू अली के संग भली भाती चली जाति देखो वह लली वृषभानुक...
Radhashtami Special Katha - Part 1 || By HH Vrindavan Chandra Das Goswami Maharaj || 07.09.2024
มุมมอง 517หลายเดือนก่อน
चैतन्य चरित्रामृत आदि लीला अध्याय 4 श्लोक 83 देवी कृष्णमयी प्रोक्ता राधिका पर-देवता सर्व-लक्ष्मी-मयी सर्व- कान्तिः सम्मोहिनी परा आगे आगे आस पास फैलती विमल बास पीछे पीछे भारी भीर भौरनि के गान की | ताते अति निकी किंकिनी की झणकार होती मोहिनी है मानो मन मोहन के-कान की || जगमग होति जात ज्योति नवयौवन की देखि गति भूली मति देवदेवतान की | समु है गलीके जू अली के संग भली भाती चली जाति देखो वह लली वृषभानुक...
Sri Krishna Janamashtami Katha (SB 1.8.35) By HH Vrindavan Chandra Goswami Maharaj |Day-7| JHANSI
มุมมอง 266หลายเดือนก่อน
SB 1.8.25 विपदः सन्तु ताः शश्वत्तत्र तत्र जगद्गुरो । भवतो दर्शनं यत्स्यादपुनर्भवदर्शनम् ॥ २५ ॥ शब्दार्थ विपदः - विपत्तियाँ; सन्तु आने दो; ताः सारी; शश्वत् पुनः पुनः; तत्र वहाँ; तत्र तथा वहाँ; जगत्-गुरो- हे जगत के स्वामी; भवतः आपकी; दर्शनम् भेंट; यत्- जो; स्यात् हो; अपुनः फिर नहीं; भव-दर्शनम् - जन्म- मृत्यु को बारम्बार देखना कर सकें, क्योंकि आपके दर्शन का अर्थ यह है कि हमें बारम्बार होने वाले ज...
Sri Krishna Janamashtami katha (SB 3.8.2) By HH Vrindavan Chandra Das Goswɑmi Maharaj |Day-6| JHANSI
มุมมอง 102หลายเดือนก่อน
Sri Krishna Janamashtami katha (SB 3.8.2) By HH Vrindavan Chandra Das Goswɑmi Maharaj |Day-6| JHANSI
Sri Krishna Janmashtami Katha (SB 10.43.31) By HH Vrindavan Chandra Maharaj |Day-5| ISKCON Jhansi
มุมมอง 332หลายเดือนก่อน
Sri Krishna Janmashtami Katha (SB 10.43.31) By HH Vrindavan Chandra Maharaj |Day-5| ISKCON Jhansi
Sri Krishna Janmashtami Katha (SB 4.30.19 ) By HH VRINDAVAN CHANDRA MAHARAJ |Day-4| ISKCON JHANSI
มุมมอง 1712 หลายเดือนก่อน
Sri Krishna Janmashtami Katha (SB 4.30.19 ) By HH VRINDAVAN CHANDRA MAHARAJ |Day-4| ISKCON JHANSI
Sri Krishna Janmashtami Katha (SB 4.18.3) By HH VRINDAVAN CHANDRA MAHARAJ |Day-3| ISKCON JHANSI
มุมมอง 1502 หลายเดือนก่อน
Sri Krishna Janmashtami Katha (SB 4.18.3) By HH VRINDAVAN CHANDRA MAHARAJ |Day-3| ISKCON JHANSI
Sri Krishna Janmashtami Katha (SB 4.8.19) By HH VRINDAVAN CHANDRA MAHARAJ |Day-2| ISKCON JHANSI
มุมมอง 2512 หลายเดือนก่อน
Sri Krishna Janmashtami Katha (SB 4.8.19) By HH VRINDAVAN CHANDRA MAHARAJ |Day-2| ISKCON JHANSI
Sri Krishna Janmashtami Katha By HH VRINDAVAN CHANDRA MAHARAJ |Day-1| ISKCON JHANSI
มุมมอง 1662 หลายเดือนก่อน
Sri Krishna Janmashtami Katha By HH VRINDAVAN CHANDRA MAHARAJ |Day-1| ISKCON JHANSI
Boat Festival Pastimes by HH Vrindavan Chandra Das Goswami Maharaj
มุมมอง 4452 หลายเดือนก่อน
Boat Festival Pastimes by HH Vrindavan Chandra Das Goswami Maharaj
Srila Rupa Goswami & Shri Gauridasa Pandita |Disappearance Day|By HH VRINDAVAN CHANDRA DAS GOSWAMI
มุมมอง 3182 หลายเดือนก่อน
Srila Rupa Goswami & Shri Gauridasa Pandita |Disappearance Day|By HH VRINDAVAN CHANDRA DAS GOSWAMI
BG 2.7 by Vrindavan Chandra Maharaj at Bhakti Centre Harrow London UK (28.07.2024)
มุมมอง 3092 หลายเดือนก่อน
BG 2.7 by Vrindavan Chandra Maharaj at Bhakti Centre Harrow London UK (28.07.2024)
SB 10.07.18 by HH Vrindavan Chandra Goswami at Bhaktivedanta Manor ||27.07.2024||
มุมมอง 2563 หลายเดือนก่อน
SB 10.07.18 by HH Vrindavan Chandra Goswami at Bhaktivedanta Manor ||27.07.2024||
SB 10.01.09 by HH Vrindavan Chandra Goswami at Bhaktivedanta Manor ||26.07.2024||
มุมมอง 5073 หลายเดือนก่อน
SB 10.01.09 by HH Vrindavan Chandra Goswami at Bhaktivedanta Manor ||26.07.2024||
SB 8.7.38 By HH Vrindavan Chandra Das Goswami Maharaj |House Program - Slough London| (20.07.2024)
มุมมอง 6453 หลายเดือนก่อน
SB 8.7.38 By HH Vrindavan Chandra Das Goswami Maharaj |House Program - Slough London| (20.07.2024)
CC Madhya Leela 11.88-89 by Vrindavan Chandra Das Goswami at Bhaktivedanta Manor, London (20.07.24)
มุมมอง 4153 หลายเดือนก่อน
CC Madhya Leela 11.88-89 by Vrindavan Chandra Das Goswami at Bhaktivedanta Manor, London (20.07.24)
Lecture by HH Radha Govind Das Goswami Maharaj & Vrindavan chandra Maharaj (CC Madhya Lila 13.79)
มุมมอง 3.7K3 หลายเดือนก่อน
Lecture by HH Radha Govind Das Goswami Maharaj & Vrindavan chandra Maharaj (CC Madhya Lila 13.79)
Bhagavad Gita Bhumika By HH Vrindavan Chandra Das Goswami Maharaj
มุมมอง 6654 หลายเดือนก่อน
Bhagavad Gita Bhumika By HH Vrindavan Chandra Das Goswami Maharaj
Can yo please tell how I can I join regular sessions of Maharaj l live on zoom ?
Hare krishna Maharaj ji Dandwat Gopi geet ki jay 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🙏🙏🙏🙏💐
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hare krishna hare krishna krishna krishna hare hare ! hare ram hare ram ram ram hare hare !!
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Hare krishna, महराज जी के चरणों मे सादर प्रणाम
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Hare Krishna maharaj ji Dandavat pranam ❤🎉
Hare Krishna 🙏
Hare krishna 🙏
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Hare Krishna maharaj ji Dandavat pranam ❤🎉
Are yhe to hai rapist patna
Hare Krishna Prabhu Ji Dandavat Pranaam 🙏 🙏🙏
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Hare Krishna Swami Maharaj ji dandwat pranam 🌹🙏
Hare Krishna Maharaj ji
ॐ नमो नारायण श्रीमते रामानुजय vijyate भव शंकर देशिक में शरणं शंकराचार्य स्वामी की जय।।
Hare Krishna Maharaj ji 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏💐💐💐🌹🌹💐💐💐💐💐💐💐💐🌹🌹💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐 Dandwat 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Hare Krishna
Hare Krishna 🎉
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हरे कृष्णा महाराज जी के चरणों मे सादर प्रणाम
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Hare Krishna prabhuji
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Radhe radhe
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❤ गोपीकृष्णको ❤
🙏 Hare 🙏 Krishna 🙏 Maharaj 🙏 ji 🙏 Dandwat 🙏🙏🙏💐💐💐🙏
Hare Krishna Maharaj ji Dandwat 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐
Radhe radhe
Kuch samj ni a rha maharaj ji kya bta re he
Hare Krishna Prabhu ji maharaj ji ke lecture ko voice thik se sunai nahi de rahi he
Sorry pr we will.update with clear voice
Hare Krishna Maharaj ji Dandwat 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🎉🌹🌹💐🌹🎉🎉🎉🌹💐🙏🙏🙏💐💐💐🌹🎉🎉🍰🎉🌹🌹💐💐🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
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Hare Krishna Maharaj ji Dandwat 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Beautiful descreption of Nauka Vihar Lila and Jhulan Yatra! All glories to HH Vrindavan Chandra Goswami Maharaj!
Hare krsna Dandvat pranam maharaj jee Bhut sundar ❤❤❤❤
हरे कृष्ण महाराज जी सादर प्रणाम 🙏🏻🌺🌹🌺🙏🏻
Hare krishna maharaj ji ke charanon me sadar pranam
Hare Krishna Dandvat pranam Maharaj ji
हरे कृष्ण 🙏🏻🌷🙏🏻
Hare Krishna Maharaj ji 🙏🌹🌹💐💐💐 Dandwat
हरे कृष्ण 🙏🌹🙏
Jai