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เข้าร่วมเมื่อ 19 ก.ค. 2022
ambakona church history/अम्बकोना चर्च का इतिहास
ambakona church history/अम्बकोना चर्च का इतिहास##jashpurambakona #tapkara#oraon#ambikapur#kunkuri
अम्बाकोना
29 नवम्बर 1906 - को फादर वानडेर लिंडन, ये.सं. और फादर जोसेफ ब्रेसर्स, ये.सं. ने पहली बार जशपुर धर्मप्रान्त की भूमि खईड़कोना गाँव में ख्रीस्तया अर्थात मिस्सा चढ़ाया।
इस अवसर पर फादर ब्रेसर्स ने 56 व्यक्तियों को बपतिस्मा दिया इन सबके धर्मपिता कटकाही के मारकुस तिग्गा थे।
सन् 1907 ईसवीं के सितम्बर माह में खईड़कोना, तालासिली, बेलडीह, सारडीह, कुम्हारटोली और तलोरा के 12 लोगों ने बपतिस्मा लिया।
सन् 1908 ई. में फादर ब्रेसर्स ने अन्य गाँवों के विश्वस्नियों को बपतिस्मा दिया।
सन् 1909 ई. के आरम्भ में फा. ब्रेसर्स और फा. वानडेर लिंडन की प्रेरितिक और सेवाकार्य से प्रभावित होकर जशपुर डपरघाट के सैकड़ों लोगो ने बपतिस्मा लिया और मसीही बने। इस दौरान जशपुर में बहुतायत से लोग मसीही विश्वास में आने लगे। उस वक्त यहां कोई चर्च/प्रार्थनालय नहीं था और प्रार्थनालय बनाने की अनुमति भी नहीं थी।
पेड़ों के नीचे ही बिनती, प्रार्थना की जाती थी।
अत्यधिक वर्षा, गर्मी व ठंड से बचने के लिए गिरजाघर अर्थात् प्रार्थनालय की आवश्यकता महसूस की गई।
फरवरी 1910 में अम्बाकोना के प्रचारक ने आस्ता क्षेत्र के सभी परिवार के प्रमुख व्यक्तियों के साथ जशपुर आया और राजा बहादुर विष्णु प्रसाद सिंहदेव से आस्ता में एक छोटा गिरजाघर (प्रार्थनालय) बनाने हेतु अनुमति माँगा परन्तु राजा ने अनुमति नहीं दिया
आस्ता में गिरजाघर बनाने की अनुमति मांगने के दुःसाहस के परिणाम स्वरूप को नाराज गाँव के प्रत्येक परिवार से एक-एक व्यक्तियों को जशपुर नगर लाया गया और उनको सजा के तौर पर 15 दिनों तक सख्त बेठ-बेगारी कराया गया।
काथलिक धर्म के प्रति जशपुर के उराँव आदिवासियों के बढ़ते रूझान को देखकर यहाँ के शासक वर्ग सकते में पड़ गया और इस पर अंकुश (शेक) लगाने हेतु उन्होनें दमनकारी हथकंडा अपनाया।
खीस्तीयों का धर्म छोड़ने हेतु उन्हे गिरजा एवं मिशनरियों के संपर्क से यथासंभव दूर रखने का प्रयास किया एवं खीस्तीयों को प्रताडित भी किया गया।
सन् 1910 ई. तक धार्मिक उत्पीड़न अपने चरम सीमा पर थी
दिसम्बर 1912 मंे फादर वानडेर लिंडन नवाडीह आये और अम्बाकोना इलाके के इंचार्ज बनाये गये।
जनवरी 1915 में फादर वानडेर लिंडन ने अपने इलाके अर्थात् अम्बाकोना का दौरा किया।
इस वक्त भी यहां उत्पीडन का साम्राज्य था।
मनोरा का ठेकेदार चाहता था कि लोग उसके लिए अपनी जमीन छोड़ दे।
एक काथलिक व्यक्ति जिसका नाम जगा था, ठेकेदार उसकी 2 अन्नास जमीन फ्री में लेना चाहता था।
फादर लिंडन ने उक्त हेतु मुकदमा दायर करने के लिए जगा को नगर भेजा परन्तु ठेकेदार ने जगा को डराया-धमकाया जिससे डरकर जगा गाँव छोड़कर ही भाग गया।
इस पर जमींदार ने 41/2 अन्नास जमीन हड़प लिया और जगा की पत्नी हेतु मात्र 1 अन्नास जमीन छोड़ा।
उसी वर्ष के दिसम्बर माह में जगा लौटकर आया, इस बार उसने हिम्मत दिखाई और मुकदमा किया जससे उसे कुछ सफलता मिली।
सन् 1916- इस समय फादर वानडेर लिंडन बारंबार जशपुर का दौरा करते रहे। वर्ष के जुलाई में वे अंधला गये। दिसम्बर 1916 में फादर वानडेर लिंडन का तबादला महुआडँाड़ हो गया।
अपने तबादले के बाद फादर वानडेर लिंडन अम्बाकोना इलाके की आत्मिक देख-रेख का दायित्व अपने सहायक फादर अल्बर्ट डेमोन्सो, यें.सं. को सौंपा।
फादर डेमोन्सो ने राजा को एक आवेदन-पत्र लिखकर जशपुर राज्य के उत्तरी भाग में ख्रीस्तीयों के लिए एक गिरजाघर बनाने की अनुमति माँगी।
आस्ता और लितिम के ख्रीस्तीय गिरजा के लिए एक जगह जमा होते थे। इसलिए फादर डेमोन्सो का विचार दोनों गाँव के बीच, अम्बाकोनो में एक गिरजाघर बनाने का था इसके लिए उन्होने 2430 (90ग्27) वर्ग फुट जगह माँगी।
फादर द्वारा दिये आवेदन पत्र में दीवान ने हिन्दी में एक टीप लिखकर राजा को दिया, जो इस प्रकार था - ”वे 60ग्20 हाथ का गिरजा और लकड़ी चाहते है।“
श्राजा ने इस पर एक दूसरा टीप इस प्रकार जोड़ दिया - “दरोगा को पता लगाने दो कि इस जंगल में कितनी लकड़ियाँ है और कितना काटा जाना है।”
इसी बीच जगह का निरीक्षण कर दरोगा प्रतिनियुक्त किया गया।
8 अक्टूबर 1918 को दीवान द्वारा जंगल से लकड़ी काटने की अनुमति का प्रतिवेदन फादर डेमोन्सो के लिए भेजा गया।
इसके उपरान्त अविलम्ब निर्माण कार्य आरंभ किया गया और सन् 1919 ई. के अंत तक गिरजाघर दो कमरो के साथ बनकर तैयार हो गया।
परन्तु फादर डेमोन्सो वहाँ लगातार नहीं रह सकें, क्योंकि उनका असली निवास 18 मील दूर नवाडीह में था।
सन् 1923 ईसवीं से फादर डेमोन्सो नवाडीह से अम्बाकोना आकर स्थायी रूप् से रहने लगे और मिशनरी कार्य में जुट गए।
अम्बाकोना
29 नवम्बर 1906 - को फादर वानडेर लिंडन, ये.सं. और फादर जोसेफ ब्रेसर्स, ये.सं. ने पहली बार जशपुर धर्मप्रान्त की भूमि खईड़कोना गाँव में ख्रीस्तया अर्थात मिस्सा चढ़ाया।
इस अवसर पर फादर ब्रेसर्स ने 56 व्यक्तियों को बपतिस्मा दिया इन सबके धर्मपिता कटकाही के मारकुस तिग्गा थे।
सन् 1907 ईसवीं के सितम्बर माह में खईड़कोना, तालासिली, बेलडीह, सारडीह, कुम्हारटोली और तलोरा के 12 लोगों ने बपतिस्मा लिया।
सन् 1908 ई. में फादर ब्रेसर्स ने अन्य गाँवों के विश्वस्नियों को बपतिस्मा दिया।
सन् 1909 ई. के आरम्भ में फा. ब्रेसर्स और फा. वानडेर लिंडन की प्रेरितिक और सेवाकार्य से प्रभावित होकर जशपुर डपरघाट के सैकड़ों लोगो ने बपतिस्मा लिया और मसीही बने। इस दौरान जशपुर में बहुतायत से लोग मसीही विश्वास में आने लगे। उस वक्त यहां कोई चर्च/प्रार्थनालय नहीं था और प्रार्थनालय बनाने की अनुमति भी नहीं थी।
पेड़ों के नीचे ही बिनती, प्रार्थना की जाती थी।
अत्यधिक वर्षा, गर्मी व ठंड से बचने के लिए गिरजाघर अर्थात् प्रार्थनालय की आवश्यकता महसूस की गई।
फरवरी 1910 में अम्बाकोना के प्रचारक ने आस्ता क्षेत्र के सभी परिवार के प्रमुख व्यक्तियों के साथ जशपुर आया और राजा बहादुर विष्णु प्रसाद सिंहदेव से आस्ता में एक छोटा गिरजाघर (प्रार्थनालय) बनाने हेतु अनुमति माँगा परन्तु राजा ने अनुमति नहीं दिया
आस्ता में गिरजाघर बनाने की अनुमति मांगने के दुःसाहस के परिणाम स्वरूप को नाराज गाँव के प्रत्येक परिवार से एक-एक व्यक्तियों को जशपुर नगर लाया गया और उनको सजा के तौर पर 15 दिनों तक सख्त बेठ-बेगारी कराया गया।
काथलिक धर्म के प्रति जशपुर के उराँव आदिवासियों के बढ़ते रूझान को देखकर यहाँ के शासक वर्ग सकते में पड़ गया और इस पर अंकुश (शेक) लगाने हेतु उन्होनें दमनकारी हथकंडा अपनाया।
खीस्तीयों का धर्म छोड़ने हेतु उन्हे गिरजा एवं मिशनरियों के संपर्क से यथासंभव दूर रखने का प्रयास किया एवं खीस्तीयों को प्रताडित भी किया गया।
सन् 1910 ई. तक धार्मिक उत्पीड़न अपने चरम सीमा पर थी
दिसम्बर 1912 मंे फादर वानडेर लिंडन नवाडीह आये और अम्बाकोना इलाके के इंचार्ज बनाये गये।
जनवरी 1915 में फादर वानडेर लिंडन ने अपने इलाके अर्थात् अम्बाकोना का दौरा किया।
इस वक्त भी यहां उत्पीडन का साम्राज्य था।
मनोरा का ठेकेदार चाहता था कि लोग उसके लिए अपनी जमीन छोड़ दे।
एक काथलिक व्यक्ति जिसका नाम जगा था, ठेकेदार उसकी 2 अन्नास जमीन फ्री में लेना चाहता था।
फादर लिंडन ने उक्त हेतु मुकदमा दायर करने के लिए जगा को नगर भेजा परन्तु ठेकेदार ने जगा को डराया-धमकाया जिससे डरकर जगा गाँव छोड़कर ही भाग गया।
इस पर जमींदार ने 41/2 अन्नास जमीन हड़प लिया और जगा की पत्नी हेतु मात्र 1 अन्नास जमीन छोड़ा।
उसी वर्ष के दिसम्बर माह में जगा लौटकर आया, इस बार उसने हिम्मत दिखाई और मुकदमा किया जससे उसे कुछ सफलता मिली।
सन् 1916- इस समय फादर वानडेर लिंडन बारंबार जशपुर का दौरा करते रहे। वर्ष के जुलाई में वे अंधला गये। दिसम्बर 1916 में फादर वानडेर लिंडन का तबादला महुआडँाड़ हो गया।
अपने तबादले के बाद फादर वानडेर लिंडन अम्बाकोना इलाके की आत्मिक देख-रेख का दायित्व अपने सहायक फादर अल्बर्ट डेमोन्सो, यें.सं. को सौंपा।
फादर डेमोन्सो ने राजा को एक आवेदन-पत्र लिखकर जशपुर राज्य के उत्तरी भाग में ख्रीस्तीयों के लिए एक गिरजाघर बनाने की अनुमति माँगी।
आस्ता और लितिम के ख्रीस्तीय गिरजा के लिए एक जगह जमा होते थे। इसलिए फादर डेमोन्सो का विचार दोनों गाँव के बीच, अम्बाकोनो में एक गिरजाघर बनाने का था इसके लिए उन्होने 2430 (90ग्27) वर्ग फुट जगह माँगी।
फादर द्वारा दिये आवेदन पत्र में दीवान ने हिन्दी में एक टीप लिखकर राजा को दिया, जो इस प्रकार था - ”वे 60ग्20 हाथ का गिरजा और लकड़ी चाहते है।“
श्राजा ने इस पर एक दूसरा टीप इस प्रकार जोड़ दिया - “दरोगा को पता लगाने दो कि इस जंगल में कितनी लकड़ियाँ है और कितना काटा जाना है।”
इसी बीच जगह का निरीक्षण कर दरोगा प्रतिनियुक्त किया गया।
8 अक्टूबर 1918 को दीवान द्वारा जंगल से लकड़ी काटने की अनुमति का प्रतिवेदन फादर डेमोन्सो के लिए भेजा गया।
इसके उपरान्त अविलम्ब निर्माण कार्य आरंभ किया गया और सन् 1919 ई. के अंत तक गिरजाघर दो कमरो के साथ बनकर तैयार हो गया।
परन्तु फादर डेमोन्सो वहाँ लगातार नहीं रह सकें, क्योंकि उनका असली निवास 18 मील दूर नवाडीह में था।
सन् 1923 ईसवीं से फादर डेमोन्सो नवाडीह से अम्बाकोना आकर स्थायी रूप् से रहने लगे और मिशनरी कार्य में जुट गए।
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วีดีโอ
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बिशप के 10 प्रतीक christ hindi christian song church #jesusstatus #jesusstatusforwhatsapp #jesusstatussong #jesusstatushindi #jesusstatussadri #jesussong #jesusprayerinhindi #jesusvachaninhindi #jesuslovesme #jesussongsinhindi alpha and omega,Bara,Barwa,oraon,Beck,Ekka,Kiro,Kerketta,Khakha,Xaxa,Khalkho,Xalxo,Khess,Xess,Kujur,Lakra,Minz,Panna,Tirkey,Toppo,Tigga,Kispotta,Linda,Bando,jashpur,kunku...
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कटकाही मेरा पारिश का भी नाम हुआ इस विडियो में।
Gond Suryavanshi 🦶🦶🦶🦶🦶🦶🦶🦶🦶🦶🦶🦶🦶🦶🦶🦶🦶🦶🦶
Gond suryavanshi🦶🦶🦶🦶🦶🦶🦶🦶🦶🦶🦶🦶🦶🦶🦶🦶🦶🦶chor kahika adivashi chor hua suryavanshi🦶🦶🦶🦶🦶🦶🦶🦶🦶🦶🦶🦶🦶🦶🦶🦶🦶🦶🦶🦶🦶🦶🦶🦶🦶🦶🦶🦶🦶🦶🦶🦶🦶🦶🦶🦶🦶🦶🦶🦶🦶🦶🦶🦶
डोम राजा के पुत्र के वंशज है ,जो गाड़ा जाति चौहान वाध्यकार,, एशा प्रतीत होता है ।।
डोम राजाओं की राजधानी बगीचा के निकट थी और उनका वंश खत्म हो गया है बेहतर जानकारी के लिए झारखंड झनकार किताब का अध्ययन करें
माफी मांगती हूं अति प्रिय गुरुजनों फैमिली मेंबर्स दोस्तों बच्चों से आज ❤❤❤
Arya bhagao desh bachao
फालतू बकवास क्यों करते हो भाई।इसका इतिहास हमें मालूम है हमें पूछो।
❤❤❤❤❤❤
faltu video h
Mera gaw semartal hai
aapki kahani ka adhar kya hai? koi atihasik ya anya sakshya bhi nhi diye
Hamara bhi itihaas tha , Jo humse loota jaya Cheena jaya , par ab nai , jaago bhai
Bilkul study Kro government joab bussiness
बस्तर में भी माहरा आदिवासी जनजाति का राज्य था जिनके नाम से जगदलपुर शहर बसा है जगतु माहरा जी के नाम का।
Jay Dom jay bhim
My bhi jashpur ka Dom hu ji
Ky Ye jaati rajsthan m thi
Iisme baar baar uchi jaati nichi jaati kyu bol re hho bhaai
Me dom raja ka vansj hu jamu kasnir se
Sach m Aap kahaa rahate hai
Sach m Aap kahaa rahate hai
Sach m Aap kahaa rahate hai
Bahut hi accha laga Ambakona church ka ithas sun ke. ❤❤sabko Jai yeshu hallelujah hallelujah hallelujah ✝️✝️✝️
Dil se aabhar bhaii
धन्यवाद, हमारे, डोम, राजा, की, जानकारी, देने, के, लिए
welcome
surguja ke raja rajput chandrawanshi raksel hai na ki gond 😂
@@vishvarajsinghdeorawoh Mainpuri chauhan hai
@@Rudrapratap94077 aap jashpur se hai??
Before 1600 gond ka raj tha gazetteer khol ke dekh lo sarguja me rakhsel 1600 ke baad aye hai
@@vishvarajsinghdeora Chouhan rajput se pahle dom log ka raj tha
@@swastika923 okk...
glat jankari hai
Sari jankari galat h ye video banane wale ko chahiye ki jakar church me bewajah hone wale sabha sammelan k bare me badha chadha k video banay kisi bhart k gauravshali rajvansh per tippni karne k layak ye nai h ..
Jashpur Dom Rajgharane Ke Itihas ke Gyanvardhn ke liye Aap ko Bahut bahut Dhanyawad.......... SHUKRAWAR..............,,09///02///2024........
welcome.....................
डोम राजा के नेम से मेरे शहर का नाम पड़ा domariya Gunj जो जिला सिद्धार्थ नगर में है ❤
Me dom hu Jai hindu dharm om maa
आप डोम है और जय हिन्दू का नारा लगा रहे हो,हिन्दू में आपकी क्या स्थिति है बता है कि नहीं ।
Mai jashpur dom raaja ke gad se hu
❤❤ Ram Ram
ऐसा कुछ नही सारा इतिहास हम जशपुर के डोम समाज वाले जानते हैं वर्तमान राज परिवार के लिखे हुए किताब हमारे पास है
वर्तमान राज परिवार के पहले जशपुर रियासत डोम राजा का रियासत ही था ,ये बात खुद राजपुतो की ही जुबानी है । सर जी राजाओं के बीच ऊंच नीच,छूआ छूत कब से थी ,क्या यह हिन्दू वर्ण व्यवस्था के तहत थी या हिन्दू वर्ण व्यवस्था आने से पहले से ही था ।
क्या डोम जाति/ प्रजाति का कोई इतिहास भी प्रमाणिक तौर पर जशपुर मे पाया जाता है।
Ni y
🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🕊️🕊️🕊️🕊️🕊️🕊️🕊️🕊️🕊️🎉⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐✨✨✨✨✨✨✨✨✨✨✨🕊️🕊️🕊️🕊️🕊️🕊️🕊️🕊️🕊️🕊️🕊️❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐🌄🌄🌄🌄🌄🌄🌄🌄🌄🌄🌄🌄🌄🌄🌄🌄🌄🌄🌄🌄🌄🌄🌄🌄🌄🌄🌄🌄🌄🌄🌄🌄🌄🌄🌄🌄🌄🌄🌄🌄🌄🌄🌄🌄🌄🌄🌄🌄🌄🌄🌄🌄🌄🌄🌄🌄🌄🌄🌄🌄🌄🌄🌄🌄🌄🌄⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐✨✨✨✨✨✨✨✨✨💕💕💕💕💕💕💕💕💕💕💕✨✨✨
Daw katha tenkayee👏👍
dhanywaad
डोम राजा भी बहुत अत्याचारी थे, इसलिए षड्यंत्र द्वारा उनका शासन खत्म किया गया।
Ap ne sach kaha dom samj jinda bad jai hindu dharm om maa
@@Tushar_A_vlogs_ tere hindu hi unch nich krte hain 😂😂😂
डोम राजा के बारे में जानकारी देने के लिए बहुत -2धन्यवाद आप को मै बचपन में सुना था किसी एक राजा का नाम हंसराज पाल था इसमे सच्चाई कितना है ये मै कह नहीं सकता आपने जो भी विडियो बनायें है बहुत ही सार्थक है आप को ढे़र सारा बधाई हो ❤
dhanywaad sir
मैं भी सहमत हूँ लेकिन कब जागेगा सरगुजा और जशपुर😂😂
Sir aaj in Ki family kha h
Jay banakar dumb samaj❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤
सर जी किस किस सन् में ऐसे घटना हुआ और डोम राजा कब से कब ता की जानकारी भी देते तो और बढ़िया रहता
ok sir
I am sun of king DoM
Khaa se ho ku ki hm bhi doom h
Jai dom Raja aap ki Jai Jai kar ho jo bhai es video ko suna Raha hai usko bahut bahut dhanyawad deti hun
जय येशु सभी को 🙏🙏🙏🙏
जय येशु
Waw bhut acha video ke rup me jashpur ki etihash ko btaye ho bhaiya.....
Hallelujah❤
Ma rog si Va iubesc Maica Sfinta Feciora Maria si Fiul Isus Hristos SLAVA SI INCHINACIUNE RECUNOSTINTA RESPECT IUBIRE INFINITA NECONDITIONATA IN VECII VECILOR AMIN ❤❤❤ ❤❤❤ ❤❤❤
PREASFINTA NASCATORE DE DUMNEZEU FECIORA MARIA DEAPURUREA FERICITASI PREANEVINOVATACEA CE ESTI MAI CINTITA DECIT SERAFIM8 SI MAI MARITA FARA ASEMANARE DECÎT CEROVIMI CU ATEVARAT TE MARIM SI TE SLAVIM ÎN VECII VECILOR AMIN ❤❤❤ ❤❤❤ ❤❤❤
Oh Ll 9oooo
अजम दौ कत्था तिंगकाय बाबू 🙏
सूरस लग्गिया चू
Very beautiful village, Lovely people, congratulations sisters, nice n informative video 🌹
thanks
Wonderful... This one is very informative... Congrats for your hard work...
thanks sir
Very nice information
British भारत मे लोगों को उनका धर्म बदले उनकी सेवा तो कि ही नहीं जा सकती हैं ना
But in the recent times some of the bishops in India are indulging themselves in shameful act .