दुनिया में लोग प्रेम की भाषा, परिभाषा बतलाने वाले को भी भूत-प्रेत परिभाषित करते हैं, उन्हें अपने अंदर झांक कर देखना चाहिए कि कहीं मेरे अंदर भूत तो नहीं है।
Baba madhuban me hi ayenge to ap behad ke baap ko had ke madhuban me dal rahe ho.Apka knowledge hi wrong he ... Baba ne tisra rath le lia he Devki maiya hi mumma ki soul he...n ap kya Devki maiya ko nikaloge vo to Jagadamba he ap bina soche samje kisi ke bare me is tarah se agyan mat felao. Islie Baba ne kaha he muje koto me koi n koi me b koi pehchanega. Vinash kale viprit buddhi to apki hui he.
Baba apka pati ha Hindu dharam k liye khatra haan ye bks Moti😂 ye dikhayegi moti Wahh kya philosophy ha Nahate nahate doob gye Bahut bareeek cheez ha 😂😂😂 Baba ha kon Yaha se bolte haan only sole Waha se ye baba inka pati beech mai kyu aata ha Ye dil pe he beethti ha Brain wash
सनातन धर्म जिन्हें सनातन धर्म की, ए,बी,सी नहीं मालूम, वह भी चैनलों पर आकर, सनातन धर्म पर अपना राग अलापते हैं, प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय को, सनातन धर्म का विरोधी बताते हैं, जबकि सच्चे व पक्के ब्रह्माकुमार कुमारी, यह जानती हैं कि, परमात्मा शिव का अवतरण ही आदि सनातन देवी देवता धर्म की, पुनर्स्थापना के लिए हुआ है, सत्य धर्म की स्थापना के लिए हुआ है, सनातन धर्म का संबंध चरित्र से है, मानवीय मूल्यों से है, वास्तव में राम का चरित्र ही, सनातन धर्म है, त्याग अनुशासन, आदर्श और मर्यादा को अपनाना सनातन धर्म है, सच्चाई, सफाई, ईमानदारी और वफादारी पर चलना सनातन धर्म है, सादा जीवन उच्च विचार, कम खर्च बालानशी, और मांगने से मरना भला यह सनातन धर्म है, प्राण जाए पर वचन न जाए, यह सनातन धर्म का गौरव है, मानवीय मूल्य है। ईश्वर चित्र में नहीं, चरित्र में बसता है, दूसरों का चरित्र हनन करने वाले, चरित्र हनन की आड़ में, अपनी कमजोरी को छुपाते हैं, क्या यह सत्य नहीं है। शास्त्र शास्त्रों को प्रमाणित बताने वाले, और उनका गुणगान करने वाले, बताएं कि, शास्त्र मानव ने, लिखे हैं या, भगवान ने, यदि शास्त्र ही सत्य है, तो परमात्मा को अवतरण होने की, आवश्यकता ही क्या है? जब भगवान एक है, तो शास्त्र अनेक क्यों हैं?इतने शास्त्रों और उनके उपदेशको के रहते, मानव पतन को क्यों प्राप्त है? किसी भी महापुरुष का चरित्र हनन करना, झूठ फैलाना यह कौन से शास्त्र का ज्ञान है? सृष्टि चक्र जैसे 24 घंटे के चक्र का एक दिन होता है, जैसे 365 दिनों के चक्र का एक साल होता है, जैसे साल का चक्र दिसंबर में पूरा होकर, हर बार जनवरी से शुरू होता है, ठीक उसी प्रकार सृष्टि का चक्र, अपने 5000 साल पूरे कर, फिर से रिपीट होता है, यदि आपको इस पर विश्वास नहीं है, तो इसमें उलझते क्यों हो? इसमें उलझने के बजाय, बाबा ने जो फॉलो फादर का लक्ष्य दिया है, उस पर अपना ध्यान केंद्रित करो, और अपने जीवन को सफल बनाओ। योनियां परमात्मा कहते हैं, 84 लाख योनियां नहीं, 84 जन्म होते हैं, मानव मरने के बाद, मानव ही बनता है, इस बात पर खुश होने के बजाय, कहते हैं कि, यह तो शास्त्र विरोधी है, चलो मान लेते हैं, हम विरोधी हैं, तो आप ही 84 लाख को छोड़ो, 84 योनियों के ही नाम बता दो? नहीं बता सकते तो फिर, 84 लाख योनियों का राग अलापना बंद कर दो ,पहले से ही कीड़े ,मकोड़े और जानवरों से भी बद्तर जीवन जीने वाला मानव, स्वयं से पूछे, और बताएं कि वह फिर से जानवर क्यों बनना चाहता है? क्या इसका जवाब कोई देना चाहेगा?विरोध चाहे शंकर पार्टी हो, ओम मंडली हो, या परम शांति वाले, बापू जी हो, इन सभी ने, कभी ना कभी, प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के माध्यम से, परमात्मा शिव से ज्ञान लिया है, पालना ली है, बाबा बाबा कहा है, जिस बाबा को, प्रत्यक्ष करना था, उसे प्रत्यक्ष करने के बजाय, अलग-अलग अखाड़े खड़े कर, स्वयं बाबा बन बैठे, इन्हें नहीं पता कि जब ज्ञान सूर्य परमात्मा शिव प्रकट होंगे, तो ऐसे नकली बाबे और यज्ञ में रहकर गलतियों पर गलतियां करने वाले, ब्रह्माकुमार कुमारिया थर-थर कांपेगी , साथ ही झूठ का प्रॉपोगंडा करने वाले चैनल, और इन चैनलों पर आकर भ्रमित करने वालों का भी भूत उतर जाएगा। अच्छा ओम शांति शिव शक्ति पांडव सेना
आदरणीय ऐंकर व दीदी जी और आप जैसे सभी भाई-बहनों के लिए शान्तिवन के सामने 20 अक्टूबर 2024 को बाप दादा मिलन होगा । दीदी जी आपने हमारी मैया को उनके लौकिक नाम से सम्बोधित करते हुए द्वारका भैया के साथ जिस तरह के चारित्रिक आरोप लगाए हैं, आपको थोङी तो शर्म आनी चाहिए थी । आप लोग यदि बाप दादा और ममा मातेश्वरी जगदम्बा को नहीं पहचान रहे हैं तो यह पेपर आप लोगों का है , पास या फेल होना ,भाग्य आपका । आप लोगों को पास या फेल होने का एक मौका 20 अक्टूबर को बाबा फिर दे रहे हैं।
परमात्मा आपका सहयोग चाहते है प्रिय आत्माओं बहनो और भाईयों हो सकता है, आप विश्वास न कर पाए, लेकिन यह अकाट्य सत्य है कि, इस धर्म की अति ग्लानि के अवसर पर, परमात्मा शिव अपने वादे अनुसार, अवतरित हो कर, अधर्म नाश और सत्य धर्म की, स्थापना का कार्ये, करना चाहते है, करवा रहे हैं। लेकिन परमात्मा के सामने, समस्या यह है कि, दैवी शक्तिया, बिखरी होने के कारण, कमजोर पड़ रही है, आसुरी शक्तियों से, धरती को मुक्त कराने के लिए, परमात्मा आपका सहयोग चाहते है, या यूँ कहिये कि ईश्वर, अल्लाह अथवा गॉड के नाम का, दम भरने वालो की, परीक्षा लेना चाहते है, वर्ना तो परमात्मा क्या नहीं कर सकते, लेकिन मर्यादा से बाहर जाकर, वे कोई कार्ये नहीं करते, उन्ही मर्यादाओ का पालन करते हुए, विश्व आत्माओं के सामने, भाग्य बनाने का, अवसर प्रदान कर रहे है, ताकि किसी को भी, यह शिकायत ना रहे कि, परमात्मा आये, विश्वकल्याणार्थ यज्ञ रचा, यज्ञ में आसुरी शक्तियों ने विघ्न उपस्थित किए, और हम अपना फर्ज अदा नहीं कर सके, अपनी आहुति नहीं डाल सके ! एक सत्य और जिसे हम सभी को, स्वीकार करना होगा, वो यह कि, परमात्मा का, हिन्दू, मुस्लिम, सिख, ईसाई आदि दैहिक धर्मों से, कोई सरोकार नहीं है, परमात्मा हम सर्वआत्माओं के परमपिता है, आत्मा के नाते हम सभी, भाई-भाई है, आत्माओं का धर्म एक ही है, वो है दिव्य गुणों की धारणा ! हम सभी आत्माओं से, परमात्मा की यही चाहना है कि, बिखरी दैवी शक्ति, नैतिक शक्ति, सात्विक शक्ति, संगठित होकर अध्यात्मिक पार्लियामेंट का गठन करे, जो पूरे विश्व के लिए लाइट हाउस का कार्य करे, जिसमे विश्व स्तर के, नैतिक सम्पन बहन भाइयो की, भागीदारी हो, सर्व की राय से, ईश्वरीय मर्यादाओ के अनुरूप, मूल धर्म पर आधारित, सविधान बने, आचार सहिंता के साथ, नियम और उनकी पालना इस प्रकार से हो, जिनके सामने कुरीतिया, अधर्म, और पाखण्ड अपना सर ना उठा सके, फिर आप देखेंगे कि, दैवी शक्तियों के, इस विराट रूप के सामने, कोई भी आसुरी शक्ति टिक नहीं सकेगी, टिक नहीं पायेगी, हमें इतना ही करना है, शेष विनाश के लिए परमाणु शक्ति, और प्रकृति ने, अपनी तैयारी पूरी कर रखी है! हमारा काम आप तक, उपरोक्त ईश्वरीय संदेश पहुंचाना था, पहुंचा दिया, यह आप पर निर्भर है कि, आप इस ईश्वरीय संदेश को, किस रूप में लेते हैं, और आगे कितने लोगों तक पहुंचाते हैं, साथ ही इस पत्र को बार-बार पढ़ने के बाद, संभाल कर जरूर रखना, क्योंकि जब चारों ओर संकट के बादल मंडराएंगे, तब यह पत्र आपको ईश्वरीय संदेश और आपके कर्तव्यों की याद दिलाएगा, कि परमात्मा ने आपसे क्या उम्मीद रखी थी, क्या चाहते थे। वर्तमान समय, चारों ओर धर्म युद्ध चल रहा है, यह युद्ध हिंसक नहीं है, ज्ञान युद्ध है, धर्म युद्ध है, सत्य-असत्य की लड़ाई है, आप किस पक्ष में खड़ा होना चाहते हैं, यह निर्णय आपको स्वयं ही करना है, साथ ही परमात्मा से प्यार का प्रमाण देना है, क्योंकि प्यार प्रमाण मांगता है, जो नहीं देंगे, उनका प्यार मात्र दिखावा अथवा छलावा समझा जाएगा, यह भी ध्यान रहे की, मौत केवल शरीरों की नहीं होती, भाग्य की भी मौत होती है, भाग्य बनाने का अवसर, हम सबके परमपिता परमात्मा शिव ने, हम सभी को दिया है, इस अवसर का लाभ हम कितना उठाते हैं, यह हम पर निर्भर है, आप सहयोग देंगे तो भी ठीक, नहीं देंगे तो भी ठीक, ईश्वरीय कार्य न तो कभी रुका है, और ना ही रुकेगा, ऐसे में जो करेगा सो पाएगा, सोचने वाला, सोचता ही रह जाएगा, अच्छा!!!! ईश्वरीय मधुर याद सहित। शिव शक्ति पांडव सेना 92133 24134 8586 94147 2
OM namah Shivaya
Shreemant sahoo ki friend❤❤
👌👍❤❤❤❤💚💚💚💚💙💙💙💚💙💙💟❣❣❣
OM namah Shivaya OM Vande Matram mera baba para baba aagya mai
Badal fad ke suraj aa jayega😂
Satyug me jab jhooth hai hi nahi to or der bhi nahi hai Tum kiyo jhooth bol rahi ho
Beti acting choro. Fayda kus nahi.
❤❤❤❤❤❤❤
Mera baba ,mitha baba , Piyara baba,❤om namah shivay ❤❤❤
कौन सी प्रेत आत्मा आ रही है इसके अंदर
दुनिया में लोग प्रेम की भाषा, परिभाषा बतलाने वाले को भी भूत-प्रेत परिभाषित करते हैं, उन्हें अपने अंदर झांक कर देखना चाहिए कि कहीं मेरे अंदर भूत तो नहीं है।
❤❤❤❤❤❤
Baba madhuban me hi ayenge to ap behad ke baap ko had ke madhuban me dal rahe ho.Apka knowledge hi wrong he ... Baba ne tisra rath le lia he Devki maiya hi mumma ki soul he...n ap kya Devki maiya ko nikaloge vo to Jagadamba he ap bina soche samje kisi ke bare me is tarah se agyan mat felao. Islie Baba ne kaha he muje koto me koi n koi me b koi pehchanega. Vinash kale viprit buddhi to apki hui he.
Om namah shivaya baba ji
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❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤
🕉 ❤से शुक्रिया बाबा
Om Shanti Mera baba Mitha baba pyarababa Good morning bapdada om nomo shivya Bandha Mataram 💗💥💗🕉🙏💗🕉🙏💗🕉🙏💗🔱💗
Wonderful Drama में वंडरफुल ड्रामा😊
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ओम नमः शिवाय वंदेमातरम मेरा शिव बाबाआया है
मेरे प्यारे बाबा मीठे बाबा शुक्रिया बाबा शुक्रिया ओम नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ ❤❤❤❤
Om namah shivaya ❤❤❤
Om namah shivay mithe baba pyare baba sukriya baba
Baba ne sbka hisab lena h
❤❤❤❤❤❤❤❤
ओम श्री शिव शक्ति वंदे मातरम
Om namah shivaya shiv baba 2:46
Om namah shivay shiv baba
OM namah Shivai namah Shivai
Faltu....
Dekhte ho Q?
Dikhati q ho
Om namah shivaya mere meethe baba sukriya ❤
Mara baba
Om namah shivaye ❤
Kaha se aate haan ye log,ye itni daravi kyu ha.psycopath ki tooli
Baba apka pati ha Hindu dharam k liye khatra haan ye bks Moti😂 ye dikhayegi moti Wahh kya philosophy ha Nahate nahate doob gye Bahut bareeek cheez ha 😂😂😂 Baba ha kon Yaha se bolte haan only sole Waha se ye baba inka pati beech mai kyu aata ha Ye dil pe he beethti ha Brain wash
In Gita Krishna says those who are born will die and who will die will take birth
सनातन धर्म जिन्हें सनातन धर्म की, ए,बी,सी नहीं मालूम, वह भी चैनलों पर आकर, सनातन धर्म पर अपना राग अलापते हैं, प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय को, सनातन धर्म का विरोधी बताते हैं, जबकि सच्चे व पक्के ब्रह्माकुमार कुमारी, यह जानती हैं कि, परमात्मा शिव का अवतरण ही आदि सनातन देवी देवता धर्म की, पुनर्स्थापना के लिए हुआ है, सत्य धर्म की स्थापना के लिए हुआ है, सनातन धर्म का संबंध चरित्र से है, मानवीय मूल्यों से है, वास्तव में राम का चरित्र ही, सनातन धर्म है, त्याग अनुशासन, आदर्श और मर्यादा को अपनाना सनातन धर्म है, सच्चाई, सफाई, ईमानदारी और वफादारी पर चलना सनातन धर्म है, सादा जीवन उच्च विचार, कम खर्च बालानशी, और मांगने से मरना भला यह सनातन धर्म है, प्राण जाए पर वचन न जाए, यह सनातन धर्म का गौरव है, मानवीय मूल्य है। ईश्वर चित्र में नहीं, चरित्र में बसता है, दूसरों का चरित्र हनन करने वाले, चरित्र हनन की आड़ में, अपनी कमजोरी को छुपाते हैं, क्या यह सत्य नहीं है। शास्त्र शास्त्रों को प्रमाणित बताने वाले, और उनका गुणगान करने वाले, बताएं कि, शास्त्र मानव ने, लिखे हैं या, भगवान ने, यदि शास्त्र ही सत्य है, तो परमात्मा को अवतरण होने की, आवश्यकता ही क्या है? जब भगवान एक है, तो शास्त्र अनेक क्यों हैं?इतने शास्त्रों और उनके उपदेशको के रहते, मानव पतन को क्यों प्राप्त है? किसी भी महापुरुष का चरित्र हनन करना, झूठ फैलाना यह कौन से शास्त्र का ज्ञान है? सृष्टि चक्र जैसे 24 घंटे के चक्र का एक दिन होता है, जैसे 365 दिनों के चक्र का एक साल होता है, जैसे साल का चक्र दिसंबर में पूरा होकर, हर बार जनवरी से शुरू होता है, ठीक उसी प्रकार सृष्टि का चक्र, अपने 5000 साल पूरे कर, फिर से रिपीट होता है, यदि आपको इस पर विश्वास नहीं है, तो इसमें उलझते क्यों हो? इसमें उलझने के बजाय, बाबा ने जो फॉलो फादर का लक्ष्य दिया है, उस पर अपना ध्यान केंद्रित करो, और अपने जीवन को सफल बनाओ। योनियां परमात्मा कहते हैं, 84 लाख योनियां नहीं, 84 जन्म होते हैं, मानव मरने के बाद, मानव ही बनता है, इस बात पर खुश होने के बजाय, कहते हैं कि, यह तो शास्त्र विरोधी है, चलो मान लेते हैं, हम विरोधी हैं, तो आप ही 84 लाख को छोड़ो, 84 योनियों के ही नाम बता दो? नहीं बता सकते तो फिर, 84 लाख योनियों का राग अलापना बंद कर दो ,पहले से ही कीड़े ,मकोड़े और जानवरों से भी बद्तर जीवन जीने वाला मानव, स्वयं से पूछे, और बताएं कि वह फिर से जानवर क्यों बनना चाहता है? क्या इसका जवाब कोई देना चाहेगा?विरोध चाहे शंकर पार्टी हो, ओम मंडली हो, या परम शांति वाले, बापू जी हो, इन सभी ने, कभी ना कभी, प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के माध्यम से, परमात्मा शिव से ज्ञान लिया है, पालना ली है, बाबा बाबा कहा है, जिस बाबा को, प्रत्यक्ष करना था, उसे प्रत्यक्ष करने के बजाय, अलग-अलग अखाड़े खड़े कर, स्वयं बाबा बन बैठे, इन्हें नहीं पता कि जब ज्ञान सूर्य परमात्मा शिव प्रकट होंगे, तो ऐसे नकली बाबे और यज्ञ में रहकर गलतियों पर गलतियां करने वाले, ब्रह्माकुमार कुमारिया थर-थर कांपेगी , साथ ही झूठ का प्रॉपोगंडा करने वाले चैनल, और इन चैनलों पर आकर भ्रमित करने वालों का भी भूत उतर जाएगा। अच्छा ओम शांति शिव शक्ति पांडव सेना
wah wah ji wah
❤❤❤❤❤❤
ॐ नमः शिवाय ❤❤❤❤❤
आदरणीय ऐंकर व दीदी जी और आप जैसे सभी भाई-बहनों के लिए शान्तिवन के सामने 20 अक्टूबर 2024 को बाप दादा मिलन होगा । दीदी जी आपने हमारी मैया को उनके लौकिक नाम से सम्बोधित करते हुए द्वारका भैया के साथ जिस तरह के चारित्रिक आरोप लगाए हैं, आपको थोङी तो शर्म आनी चाहिए थी । आप लोग यदि बाप दादा और ममा मातेश्वरी जगदम्बा को नहीं पहचान रहे हैं तो यह पेपर आप लोगों का है , पास या फेल होना ,भाग्य आपका । आप लोगों को पास या फेल होने का एक मौका 20 अक्टूबर को बाबा फिर दे रहे हैं।
Agar aap sahi he to madhubn kiu nehi jate
Galat kar rahe ho vol bolker kitna din ssalega
परमात्मा आपका सहयोग चाहते है प्रिय आत्माओं बहनो और भाईयों हो सकता है, आप विश्वास न कर पाए, लेकिन यह अकाट्य सत्य है कि, इस धर्म की अति ग्लानि के अवसर पर, परमात्मा शिव अपने वादे अनुसार, अवतरित हो कर, अधर्म नाश और सत्य धर्म की, स्थापना का कार्ये, करना चाहते है, करवा रहे हैं। लेकिन परमात्मा के सामने, समस्या यह है कि, दैवी शक्तिया, बिखरी होने के कारण, कमजोर पड़ रही है, आसुरी शक्तियों से, धरती को मुक्त कराने के लिए, परमात्मा आपका सहयोग चाहते है, या यूँ कहिये कि ईश्वर, अल्लाह अथवा गॉड के नाम का, दम भरने वालो की, परीक्षा लेना चाहते है, वर्ना तो परमात्मा क्या नहीं कर सकते, लेकिन मर्यादा से बाहर जाकर, वे कोई कार्ये नहीं करते, उन्ही मर्यादाओ का पालन करते हुए, विश्व आत्माओं के सामने, भाग्य बनाने का, अवसर प्रदान कर रहे है, ताकि किसी को भी, यह शिकायत ना रहे कि, परमात्मा आये, विश्वकल्याणार्थ यज्ञ रचा, यज्ञ में आसुरी शक्तियों ने विघ्न उपस्थित किए, और हम अपना फर्ज अदा नहीं कर सके, अपनी आहुति नहीं डाल सके ! एक सत्य और जिसे हम सभी को, स्वीकार करना होगा, वो यह कि, परमात्मा का, हिन्दू, मुस्लिम, सिख, ईसाई आदि दैहिक धर्मों से, कोई सरोकार नहीं है, परमात्मा हम सर्वआत्माओं के परमपिता है, आत्मा के नाते हम सभी, भाई-भाई है, आत्माओं का धर्म एक ही है, वो है दिव्य गुणों की धारणा ! हम सभी आत्माओं से, परमात्मा की यही चाहना है कि, बिखरी दैवी शक्ति, नैतिक शक्ति, सात्विक शक्ति, संगठित होकर अध्यात्मिक पार्लियामेंट का गठन करे, जो पूरे विश्व के लिए लाइट हाउस का कार्य करे, जिसमे विश्व स्तर के, नैतिक सम्पन बहन भाइयो की, भागीदारी हो, सर्व की राय से, ईश्वरीय मर्यादाओ के अनुरूप, मूल धर्म पर आधारित, सविधान बने, आचार सहिंता के साथ, नियम और उनकी पालना इस प्रकार से हो, जिनके सामने कुरीतिया, अधर्म, और पाखण्ड अपना सर ना उठा सके, फिर आप देखेंगे कि, दैवी शक्तियों के, इस विराट रूप के सामने, कोई भी आसुरी शक्ति टिक नहीं सकेगी, टिक नहीं पायेगी, हमें इतना ही करना है, शेष विनाश के लिए परमाणु शक्ति, और प्रकृति ने, अपनी तैयारी पूरी कर रखी है! हमारा काम आप तक, उपरोक्त ईश्वरीय संदेश पहुंचाना था, पहुंचा दिया, यह आप पर निर्भर है कि, आप इस ईश्वरीय संदेश को, किस रूप में लेते हैं, और आगे कितने लोगों तक पहुंचाते हैं, साथ ही इस पत्र को बार-बार पढ़ने के बाद, संभाल कर जरूर रखना, क्योंकि जब चारों ओर संकट के बादल मंडराएंगे, तब यह पत्र आपको ईश्वरीय संदेश और आपके कर्तव्यों की याद दिलाएगा, कि परमात्मा ने आपसे क्या उम्मीद रखी थी, क्या चाहते थे। वर्तमान समय, चारों ओर धर्म युद्ध चल रहा है, यह युद्ध हिंसक नहीं है, ज्ञान युद्ध है, धर्म युद्ध है, सत्य-असत्य की लड़ाई है, आप किस पक्ष में खड़ा होना चाहते हैं, यह निर्णय आपको स्वयं ही करना है, साथ ही परमात्मा से प्यार का प्रमाण देना है, क्योंकि प्यार प्रमाण मांगता है, जो नहीं देंगे, उनका प्यार मात्र दिखावा अथवा छलावा समझा जाएगा, यह भी ध्यान रहे की, मौत केवल शरीरों की नहीं होती, भाग्य की भी मौत होती है, भाग्य बनाने का अवसर, हम सबके परमपिता परमात्मा शिव ने, हम सभी को दिया है, इस अवसर का लाभ हम कितना उठाते हैं, यह हम पर निर्भर है, आप सहयोग देंगे तो भी ठीक, नहीं देंगे तो भी ठीक, ईश्वरीय कार्य न तो कभी रुका है, और ना ही रुकेगा, ऐसे में जो करेगा सो पाएगा, सोचने वाला, सोचता ही रह जाएगा, अच्छा!!!! ईश्वरीय मधुर याद सहित। शिव शक्ति पांडव सेना 92133 24134 8586 94147 2
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