AMIT JI SATSANG
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दान कैसे करें? मीरदाद Part 5
आध्यात्मिक गुरु स्वामी अमित जी ने "The Book of Mirdad" में दान के विषय पर प्रकाश डाला है। इस वीडियो में, स्वामी अमित जी हमें समझाते हैं कि दान का सही अर्थ क्या है और हम कैसे सही तरीके से दान कर सकते हैं।
दान - देने का एहसास रखते हुए कुछ भी देना, उधार लेना ही है। वातावरण में तुम्हारे पास कुछ ऐसा है ही नहीं जो तुम्हारा है। तुम लोगों को केवल वही देते हो जो तुम्हारे पास उनकी अमानत है। जो तुम्हारा है वो केवल तुम्हारा है, तुम उनको चाहो तब भी नहीं दे सकते।
दान - दान का सही अर्थ है त्याग करना, न कि देने का। जब हम किसी चीज को त्याग देते हैं, तब हम उस पर अधिकार छोड़ देते हैं।
इस वीडियो श्रृंखला में, आप निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर पा सकते हैं:
दान का सही अर्थ क्या है?
हम कैसे सही तरीके से दान कर सकते हैं?
दान करने से हमारा मन शांत क्यों होता है?
दान करने से आत्मिक उन्नति कैसे होती है?
इस वीडियो श्रृंखला को देखने के बाद, आप दान के बारे में गहराई से समझेंगे और अपने जीवन में दान का महत्व समझेंगे।
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วีดีโอ

पवित्र ह्रदय मीरदाद Part 4
มุมมอง 3902 ชั่วโมงที่ผ่านมา
स्वामी अमित जी ने इस वीडियो में "The Book of Mirdad" के महत्वपूर्ण विषय "पवित्र ह्रदय" पर गहराई से चर्चा की है। इस वीडियो में, स्वामी अमित जी हमें बताते हैं कि कैसे हम अपनी समस्याओं को खुद ही बढ़ा देते हैं और कैसे एक पवित्र हृदय हमें इन समस्याओं से मुक्त कर सकता है। पवित्र ह्रदय मीरदाद - स्वामी अमित जी इस वीडियो में बताते हैं कि सबसे बड़ी समस्या यह है कि हम हर छोटी-सी बात को समस्या समझ लेते हैं...
शब्द नहीं मौन | मीरदाद Part 3 |
มุมมอง 2864 ชั่วโมงที่ผ่านมา
स्वामी अमित जी ने इस वीडियो में "The Book of Mirdad" के महत्वपूर्ण विषय "शब्द नहीं मौन" पर प्रकाश डाला है। इस वीडियो में, स्वामी अमित जी हमें समझाते हैं कि कैसे शब्दों से भरा हुआ मन सत्य को समझने में बाधा डालता है और मौन के माध्यम से सत्य का अनुभव किया जा सकता है। शब्द नहीं मौन - स्वामी अमित जी इस वीडियो में बताते हैं कि शब्दों की सीमाएं हैं, जबकि मौन असीमित है। मौन हमें अपने भीतर के सत्य को स्...
मेरी देशना : प्रतीति, प्रीति और भक्ति
มุมมอง 6304 ชั่วโมงที่ผ่านมา
प्रतीति: आत्मज्ञान का आधार मैं की अवधारणा: स्वामी जी ने इस देशना में 'मैं' की अवधारणा को गहराई से समझाया है। उन्होंने बताया कि आत्मज्ञान के मार्ग पर चलते हुए हम अक्सर 'मैं' को लेकर भ्रम में पड़ जाते हैं। भ्रम का प्रभाव: इस भ्रम के कारण ही हम आत्मज्ञान से दूर रह जाते हैं। स्वामी जी ने 'मैं' को समझने के लिए रामचरित मानस के एक चौपाई का उदाहरण दिया है। प्रेम का शाश्वत स्वरूप दाैहिक प्रेम और आध्यात्...
विवाद से बचो | मीरदाद part 2
มุมมอง 3957 ชั่วโมงที่ผ่านมา
आध्यात्मिक जागरण की यात्रा पर निकले हर व्यक्ति के लिए "The Book of Mirdad" एक अनमूल्य रत्न है। इस पुस्तक में जीवन के गूढ़ रहस्यों को उजागर किया गया है, जो हमें आत्म-साक्षात्कार के मार्ग पर ले जाता है। इस वीडियो श्रृंखला में, हम "The Book of Mirdad" के महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा करेंगे और इसके संदेशों को समझने का प्रयास करेंगे। इस भाग में, हम विवाद से बचने के विषय पर ध्यान देंगे। आध्यात्मिक गुरु...
कभी ना खत्म होने वाला महारास
มุมมอง 2.2K12 ชั่วโมงที่ผ่านมา
कभी ना खत्म होने वाला महारास: अमित जी की अद्भुत व्याख्या क्या आप जानना चाहते हैं कि प्रेम कितना शक्तिशाली है? अमित जी के इस लाइव सत्संग में, आप राधा, कृष्ण और गोपियों के महारास के माध्यम से आत्मा और परमात्मा के जटिल संबंध को समझेंगे। अमित जी ने इस वीडियो में प्रेम रस की अत्यंत सुंदर व्याख्या की है। उन्होंने बताया है कि दिव्य प्रेम से ही सम्पूर्ण अस्तित्व का संचालन हो रहा है। सम्पूर्ण अस्तित्व म...
अद्वैत दर्शन के दृष्टिकोण से ओम जय जगदीश हरे आरती | प्रार्थना परमात्मा से एक होकर |
มุมมอง 1.9K19 ชั่วโมงที่ผ่านมา
अद्वैत दर्शन के दृष्टिकोण से ओम जय जगदीश हरे आरती का गहरा विश्लेषण Om Jai Jagdish hare aarti Amit Ji कहते हैं कि प्रार्थना का सबसे मासूम और पवित्र तरीका वही है, जिसमें हम अपने भीतर की सच्ची भावनाओं से परमेश्वर को पुकारते हैं। प्रार्थना को किसी दिखावे या विधि-विधान की आवश्यकता नहीं होती, बल्कि यह उस अंतर्निहित भावना की पुकार है, जिसमें 'मैं' और 'तू' की सीमाएं मिट जाती हैं। जब हम यह समझते हैं कि ...
प्रेम प्रभु का विधान है | प्रेम का सम्पूर्ण शास्त्र | किताब ए मीरदाद | book of mirdad Part 1 |
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प्रेम में मोह रूपी विष है अब प्रेम के साथ अमृत स्वरूप परमात्मा भी है अमृत स्वरूप परमात्मा को अनुभव कराया गया है इस सत्संग में प्रेम प्रभु का विधान है प्रेम का सम्पूर्ण शास्त्र किताब ए मीरदाद book of mirdad Part 1 यह सत्संग प्रेम की सम्पूर्ण महिमा को बतलाता है यह सत्संग किताब ए मीरदाद से लिया गया है और उसे बहुत ही गहनता से समझाया गया है समझने के साथ-साथ प्रेम का अनुभव भी कराया गया है सच्चा प्रेम...
भगवान विष्णु के मुंह से निकले चार श्लोक : चतुःश्लोकी भागवत
มุมมอง 1.7K14 วันที่ผ่านมา
"चतुःश्लोकी भागवत: भगवान विष्णु के मु से निकले चार श्लोक आपको इस मार्ग पर ले जा सकते हैं। इस वीडियो में हम चतुःश्लोकी भागवत के महत्व, इसके रहस्यों और इसके जाप के लाभों के बारे में विस्तार से जानेंगे। अब सोचिए, ब्रह्मा जी सृष्टि के निर्माता हैं। उनके पास सारी सृष्टि के निर्माण का उत्तरदायित्व है। लेकिन एक बार, उन्हें अपने ही अस्तित्व का प्रश्न सताने लगा-मैं कौन हूँ? किसने मुझे बनाया? और फिर वे ध...
दृष्टा और साक्षी का अंत | साक्षी भाव के परे |
มุมมอง 2.8K14 วันที่ผ่านมา
दृष्टा और साक्षी का अंत | Amit Ji का गहन व्याख्यान क्या आपने कभी अपने विचारों और भावनाओं को एक तटस्थ प्रेक्षक की तरह देखा है? यदि नहीं, तो यह वीडियो आपके लिए है। इस वीडियो में हम साक्षी भाव और दृष्टा भाव के बारे में गहराई से चर्चा करेंगे। इस वीडियो में आप जानेंगे: साक्षी भाव क्या है: हम आपको साक्षी भाव की अवधारणा को सरल भाषा में समझाएंगे। दृष्टा भाव क्या है: हम दृष्टा भाव और साक्षी भाव के बीच क...
सुंदरकांड की सुंदरता | अति दुर्लभ रामायण Part 2
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रामायण का गहरा रहस्य: भाग 2 रामायण के दूसरे भाग में, अमित जी ने सुपर्णखा का वर्णन इच्छा के रूप में किया है। साथ ही, उन्होंने स्वर्ण मृग की घटना को लोभ का प्रतीक बताया है। इस वीडियो में, अमित जी ने सती और महादेव की कहानी के माध्यम से इच्छा की विनाशकारी शक्ति को उजागर किया है। सती के संदेह के कारण उनकी मृत्यु हो गई, जिसके बाद शिव का विरह (शिव का सती के मृत शरीर के प्रति प्रेम) और शक्तिपीठ की उत्प...
महादेव के हृदय में बसने वाली रामायण | प्रेममय संपूर्ण रामायण | अति दुर्लभ रामायण Part 1 |
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महादेव के हृदय में बसने वाली रामायण प्रेममय रामायण अति दुर्लभ रामायण रामायण का गहरा रहस्य भाग 1 रामायण, भारत के महाकाव्य, में छिपे रहस्यों को उजागर करने के लिए तैयार हो जाइए। इस वीडियो में, हम रामायण के माध्यम से आत्म-साक्षात्कार की यात्रा पर निकलेंगे। मन से आत्मा राम तक अमित जी ने रामायण के माध्यम से मन को आत्मा राम में परिवर्तित करने की प्रक्रिया को सरल बनाया है। इस वीडियो में, वे बताते हैं क...
नवधा भक्ति | शबरी का धैर्य और राम का प्रेम | अमित जी सत्संग |
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नवधा भक्ति शबरी का धैर्य और राम का प्रेम अमित जी सत्संग जब मै परमात्मा ही हूँ तो ये जीवभाव आ कहाँ से गया? अरे भई, तो क्या होता है न, कई बार न चाहते हुए भी अपनी जीभ कट जाती है, बस यही है - जीव भाव ;) और असली हकीकत ये है कि: आप कभी जीव बने ही नहीं। कभी भी आप जीव हुए ही नहीं, हो सकते ही नहीं। केवल माना हुआ है माँ शबरी और मतंग मुनि के आश्रम में उनका जीवन और उनका धर्ये और भगवान राम का इंतज़ार शबरी दे...
हरि ध्यानम | नर से नारायण होने का ध्यान | My Real Being Meditation |
มุมมอง 3.3K21 วันที่ผ่านมา
हरि ध्यानम इस ध्यान के अंत में अमित जी कहते हैं की यह ध्यान प्रयोग करने जैसा नहीं है! होने जैसा है, और इसे जो भी निष्ठा से तीन महीने कर लेगा, वो तीन महीने से पहले ही जीवन मुक्त हो जाएगा यह मेरा वचन है! राम का वचन है! अस्तित्व का वचन है! प्राण जाए पर वचन ना जाए सभी को मेरा प्रेम प्रणाम सुझाव उपर से देखने जानने और सुनने से ये प्रतीत होता है कि ये ध्यान कुछ आत्म सम्मोहन जैसा है, स्वाभाविक है लगना,...
अचाह का आनंद | तृष्णा से मुक्ति कैसे हो | स्वामी अमित जी सत्संग |
มุมมอง 5K21 วันที่ผ่านมา
अचाह का आनंद तृष्णा से मुक्ति अवधूत का अर्थ (Avdhoot Meaning) अवधूत एक आध्यात्मिक अवस्था है, जो भारतीय अध्वैत दर्शन में वर्णित है। एक अवधूत वह है, जिसने अपने सभी सांसारिक बंधनों और इच्छाओं को त्याग दिया है, और जो ब्रह्म के पूर्ण ज्ञान में डूबे होते है। वे नियमों, मान्याताओ, और रूढ़ियों से मुक्त होते हैं, और केवल ब्रह्म के साथ एकाकार हैं। अवधूत का जीवन एक निरंतर ब्रह्ममय है। अचाह पद: एक उच्चतम अ...