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साहित्य लोकमंगल - Sahitya Lokmangal
เข้าร่วมเมื่อ 13 ก.พ. 2023
लाल पान की बेगम - (कहानी) - फणीश्वर नाथ रेणु - वाचन ( Important highlights)
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มุมมอง: 13
วีดีโอ
उसने कहा था (कहानी) - चंद्रधर शर्मा गुलेरी - वाचन ( Important highlights)
มุมมอง 424 ชั่วโมงที่ผ่านมา
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परीक्षा गुरु - लाला श्रीनिवास दास - 1882 - भाग 13 - वाचन
มุมมอง 52วันที่ผ่านมา
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प्रथम रश्मि (कविता) - सुमित्रानंदन पंत - [ * काव्य संग्रह वीणा ] - कविता पाठ
มุมมอง 3814 วันที่ผ่านมา
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परीक्षा गुरु - लाला श्रीनिवास दास - 1882 - भाग 12 - वाचन
มุมมอง 3614 วันที่ผ่านมา
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परीक्षा गुरु - लाला श्रीनिवास दास - 1882 - भाग 11 - वाचन
มุมมอง 3314 วันที่ผ่านมา
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परीक्षा गुरु - लाला श्रीनिवास दास - 1882 - भाग 10 - वाचन
มุมมอง 4914 วันที่ผ่านมา
परीक्षा गुरु - लाला श्रीनिवास दास - 1882 - भाग 10 - वाचन
परीक्षा गुरु - लाला श्रीनिवास दास - 1882 - भाग 9 - वाचन
มุมมอง 8414 วันที่ผ่านมา
परीक्षा गुरु - लाला श्रीनिवास दास - 1882 - भाग 9 - वाचन
परीक्षा गुरु - लाला श्रीनिवास दास - 1882 - भाग 8 - वाचन
มุมมอง 13014 วันที่ผ่านมา
परीक्षा गुरु - लाला श्रीनिवास दास - 1882 - भाग 8 - वाचन
परीक्षा गुरु - लाला श्रीनिवास दास - 1882 - भाग 7 - वाचन
มุมมอง 5314 วันที่ผ่านมา
परीक्षा गुरु - लाला श्रीनिवास दास - 1882 - भाग 7 - वाचन
ब्रह्मराक्षस (कविता) - गजानन माधव मुक्तिबोध - कविता पाठ
มุมมอง 21221 วันที่ผ่านมา
ब्रह्मराक्षस (कविता) - गजानन माधव मुक्तिबोध - कविता पाठ
परीक्षा गुरु (उपन्यास) - लाला श्रीनिवास दास - 1882 - वाचन - भाग 6
มุมมอง 11221 วันที่ผ่านมา
परीक्षा गुरु (उपन्यास) - लाला श्रीनिवास दास - 1882 - वाचन - भाग 6
मैला आंचल - फणीश्वर नाथ रेणु - 1954 - भाग 24 - वाचन [अंतिम भाग]
มุมมอง 2021 วันที่ผ่านมา
मैला आंचल - फणीश्वर नाथ रेणु - 1954 - भाग 24 - वाचन [अंतिम भाग]
मोचीराम (कविता) - सुदामा पांडे 'धुमिल' - वाचन - [काव्य संग्रह] संसद से सड़क तक
มุมมอง 7021 วันที่ผ่านมา
मोचीराम (कविता) - सुदामा पांडे 'धुमिल' - वाचन - [काव्य संग्रह] संसद से सड़क तक
मैला आंचल - फणीश्वर नाथ रेणु - 1954 - भाग 23 - वाचन ( Audiobook)
มุมมอง 1721 วันที่ผ่านมา
मैला आंचल - फणीश्वर नाथ रेणु - 1954 - भाग 23 - वाचन ( Audiobook)
परीक्षा गुरु (उपन्यास) - लाला श्रीनिवास दास - भाग 5 - वाचन
มุมมอง 20621 วันที่ผ่านมา
परीक्षा गुरु (उपन्यास) - लाला श्रीनिवास दास - भाग 5 - वाचन
मैला आंचल - फणीश्वर नाथ रेणु - भाग 22 - वाचन ( Audiobook )
มุมมอง 4521 วันที่ผ่านมา
मैला आंचल - फणीश्वर नाथ रेणु - भाग 22 - वाचन ( Audiobook )
परीक्षा गुरु (उपन्यास) - लाला श्रीनिवास दास - 1882 - भाग 4 - वाचन
มุมมอง 7821 วันที่ผ่านมา
परीक्षा गुरु (उपन्यास) - लाला श्रीनिवास दास - 1882 - भाग 4 - वाचन
परीक्षा गुरु (उपन्यास) - लाला श्रीनिवास - 1882 - भाग 3 - वाचन
มุมมอง 8521 วันที่ผ่านมา
परीक्षा गुरु (उपन्यास) - लाला श्रीनिवास - 1882 - भाग 3 - वाचन
मैला आंचल - फणीश्वर नाथ रेणु - भाग 21 - वाचन ( Audiobook + Highlights)
มุมมอง 3621 วันที่ผ่านมา
मैला आंचल - फणीश्वर नाथ रेणु - भाग 21 - वाचन ( Audiobook Highlights)
एक और द्रोणाचार्य (नाटक) - डॉ शंकर शेष - भाग 3 (Audiobook + Highlights) Last part
มุมมอง 7621 วันที่ผ่านมา
एक और द्रोणाचार्य (नाटक) - डॉ शंकर शेष - भाग 3 (Audiobook Highlights) Last part
एक और द्रोणाचार्य (नाटक) - डॉ शंकर शेष - भाग 2
มุมมอง 15821 วันที่ผ่านมา
एक और द्रोणाचार्य (नाटक) - डॉ शंकर शेष - भाग 2
एक और द्रोणाचार्य (नाटक) - डॉ शंकर शेष - भाग 1 ( Audiobook + Important highlights)
มุมมอง 5521 วันที่ผ่านมา
एक और द्रोणाचार्य (नाटक) - डॉ शंकर शेष - भाग 1 ( Audiobook Important highlights)
मैला आंचल - फणीश्वर नाथ रेणु - भाग 20 - वाचन
มุมมอง 1721 วันที่ผ่านมา
मैला आंचल - फणीश्वर नाथ रेणु - भाग 20 - वाचन
मैला आंचल - फणीश्वर नाथ रेणु - भाग 19 - वाचन (Audiobook)
มุมมอง 3021 วันที่ผ่านมา
मैला आंचल - फणीश्वर नाथ रेणु - भाग 19 - वाचन (Audiobook)
परीक्षा गुरु (उपन्यास) - लाला श्रीनिवास दास - 1882 - भाग 2 - वाचन
มุมมอง 4121 วันที่ผ่านมา
परीक्षा गुरु (उपन्यास) - लाला श्रीनिवास दास - 1882 - भाग 2 - वाचन
परीक्षा गुरु (उपन्यास) - लाला श्रीनिवास दास - 1882 - भाग 1 - वाचन
มุมมอง 8321 วันที่ผ่านมา
परीक्षा गुरु (उपन्यास) - लाला श्रीनिवास दास - 1882 - भाग 1 - वाचन
चंद्रगुप्त (नाटक) - जयशंकर प्रसाद - भाग 7 - (Audiobook)
มุมมอง 6928 วันที่ผ่านมา
चंद्रगुप्त (नाटक) - जयशंकर प्रसाद - भाग 7 - (Audiobook)
चंद्रगुप्त(नाटक) - जयशंकर प्रसाद - भाग 6 (Audiobook)
มุมมอง 33หลายเดือนก่อน
चंद्रगुप्त(नाटक) - जयशंकर प्रसाद - भाग 6 (Audiobook)
चंद्रगुप्त - जयशंकर प्रसाद - भाग 5 - वाचन ( Audiobook)
มุมมอง 212หลายเดือนก่อน
चंद्रगुप्त - जयशंकर प्रसाद - भाग 5 - वाचन ( Audiobook)
भाद्र की पहली नक्षत्र : मघा रद्दी कंडम नक्षत्र / कीर्तिनाशा कर्मनाशा नक्षत्र : पूर्वा फाल्गुनी क्रोध, लोभ, काम : विद्रोह, प्रगति, नवलेखन उपंग : बाजा श्रृंगार हीन - शरद जिर्ण - हेमंत मृत्यु शीतल - शिशिर 13 वर्ष पूर्व चिंतन क्रांतिकारियों का पितामह लेनिन बंगाली मार्क्सवादी नरेंद्र नाथ राय : शेक्सपियर हिस ऑडियंस ( पुस्तक ) वन्याकाल : धार पथभ्रष्ट मन की पांच अवस्थाएं : शत प्रतिशत अस्वीकार का दर्शन : विमूढ
29- गौतम गृह त्याग 30- क्राइस्ट - सरमन ओंन दी माउंट 33- क्राइस्ट को सलीब पर चढ़ा दिया गया 27- रामचंद्र को वनवास 31- सीता हरण दोस्तीव्हिस्की - 40 के बाद जीवन को धिक्कार - नोट्स फ्रॉम अंडरग्राउंड
उत्तरा फाल्गुनी किस ऋतु का अंतिम नक्षत्र है? वर्षा ऋतु भाद्रपद के संकेत कब मिलने लगते हैं? 27वे के आते आते भाद्रपद का अंतिम नक्षत्र : उत्तरा फाल्गुनी कर्मठ जीवन : 30-40 के बीच उत्तरा फाल्गुनी काल : 40-45 जीवन की सार्थकता 25-45 इसके बाद निमीसिस / फलागम तीसोत्तरी : शाण पर चढ़ी तलवार दक्षिण भारत - ब्रह्मा - युवा मूर्ति
सभी अध्याय का चाहिए
सभी अध्याय का चाहिए
यू. जी. सी. नेट हिंदी की सभी कहानियाँ प्लेलिस्ट मे है |
नहीं मै board का छात्र हु मुझे NCERT हिन्दी class 12th ka पढ़ना hai exam नजदीक है और मैने उसको last me hi padhne ka सोचा था तो ये एक चैप्टर है बाकी नहीं है ऐसा ही चाहिए था कि कोई पढ़ के सुना दे जल्दी cover हो जाएगा 🎉🎉 Thanku 😊@@साहित्यलोकमंगल
ठीक है आप मुझे सलेबस भेज दीजिए| कौन-कौन सा पाठ आपको चाहिए |
बहुत सुंदर वाचन किया है आपने.......💐🙏
सुमित्रानंदन पंत 1900- 1977 "रूपाभ" नामक पत्र निकाला प्रमुख कृतियां :- पल्लव वीणा ग्रंथि गुंजन युगांत बूढ़ा चांद
❤
इस कविता में उस समय का वर्णन है, जब भारत अंग्रेजों के हाथों पराधीन था। इस कविता में कवि ने पराधीनता से निराश होकर भारतीय जन के लिये कुछ चिंतन किया है और सुप्त भारतीय जनता को उनके गौरवमयी अतीत की याद दिलाते हुए उन्हें जगाने का आह्वान किया है। कवि के अनुसार पराधीनता के उस युग में अनेक भारतीयों की अंतरात्मा सोई हुई थी।
Summary notes :- रोता नौटंकी कंपनी - मैनेजर से बात करके हीराबाई की भरती | हीरामन के गांव के लोग - लालमोहर धुन्नीराम - तेज बुखार हुआ घर चला गया पलट दास - हिराबाई सीता माई लगी लहसनवा - लालमोहर का नौकर नौटंकी कंपनी में भर्ती हुआ मथुरा मोहन कंपनी वालों ने झगड़ा करवाया | हीराबाई मथुरा मोहन कंपनी में चली गई तीसरी कसम - कंपनी की औरत की लदनी.....
Summary notes :- हिरामन - गाड़ीवान 20 साल से गाड़ी हाँकता क्रम से स्थान - विराट नगर फारबिसगंज चंपानगर (सर्कस कंपनी) मोरंग (बाघ ) सिंधिया गांव कानपुर छतापुर पचीरा मदनपुर ( मेला ) तेगछिया बिसनपुर सिरपुर बाजार ( डॉक्टरनी ) नननपुर पहली कसम - चोर बाजारी का माल नहीं लादेगा दूसरी कसम - बांस नहीं लादेगा ₹100 बाघ गाड़ी के लिए हीराबाई - मथुरा मोहन नौटंकी कंपनी बिदागी - ससुराल जाती लड़की नमलगर डयोढ़ी का जमाना महुआ घटवारिन
गजानन माधव मुक्तिबोध की कविता 'भूल गलती' में कवि ने बताया है कि हमारी गलतियां और भूलें हमारे दिल पर इस तरह राज करती हैं कि हमारे सभी अच्छे गुण खो जाते हैं | इस कविता में कवि ने श्रमिक वर्ग की कठिन परिस्थिति का चित्रण किया है | उन्होंने अतुकांत शैली में सामंतवाद और पूंजीवादी शोषण को दिखाया है | मुक्तिबोध मार्क्सवादी विचारधारा से प्रभावित थे और इसलिए वे दबे-कुचले और पीड़ित श्रमिक वर्ग का साथ देते थे | उनकी कविताओं में श्रमिक वर्ग की अहम भूमिका है |
Summary notes - पात्र :- लतिका सुधा (कमरा) करीमुदीन (हॉस्टल का नौकर) जूली हेमंती (गाने) डॉ मुखर्जी (बर्मी) ( हाइजीन फिजियोलॉजी पढ़ाते) (Private Practice) मि○ ह्यूबर्ट ( शोपा & चाइकोव्स्की composition) (तबीयत खराब) मिस वुड ( principal ) (old maid ) Father almond Major girish negi कमरा नं - 7 कुमाऊँ-रेजीमेण्ट बिला नागा क्लब
Mam pariksha guru upnyas krva dijiye
बड़ी बेटी - सोना , छोटी बेटी - रूपा *
जगदीश बाबू के प्रिय कवि = कबीर महत्वपूर्ण पंक्तियां माता बिन आदर कौन करें बरखा बिन सागर कौन भरे राम बिना दुख कौन हरे अपना दीप अपने आप अपना जिया अपना वेद अपने अनुभवों की राशि विपुल पुराण मां चंदन की गंध है मा रेशम का तार बंधा हुआ जिस तार में सारा ही घर द्वार यहां वहां सारा जहां नापे अपने पांव मां के आंचल सी नहीं और कहीं भी छाव अब अपना और पराया क्या आबाद रहे जीने वाला हम स्वयं बंधे थे और स्वयं ही सारा बंधन तोड़ चले
जगदीश बाबू रचनाकार को कौन समझने की गलती करते हैं? शरदचंद्र जी उनके विद्यालय के प्राचार्य जगदीश बाबू गांधीवादी चिंतक हैं पंक्तियों का क्रम :- मरिते चाहि ना आमि सुंदर भुवने मानवेर मांझे आमि बाची करे चाई.. पर विश्व जगतर माझ खने दाड़या बाजाइबी सौंदर्यर बंशी
जगदीश बाबू की आयु - 95 दिनकर की पंक्तियां :- जवानी संजय होती है बुढ़ापा दान होता है जवानी सुंदर होती है बुढ़ापा महान होता है
उठ जाग मुसाफिर (निबंध संग्रह) क्रम :- 1. मेरी दिनचर्या : कुछ आयाम 2. नमो वक्षेभय : 3. उठ जाग मुसाफिर 4. केना 5.ग्रीष्म बहार 6.तत किम 7. तीन डंडिया चोट से उभरा समय और सवाल 8.चिंता भारत के उजड़े गांव की 9. गांव पर बनाम गांव मे 10. सवाल जीवन का
पात्र जमींदार अनाथ विधवा ( पति,पुत्र, पतोहू - मृत ) पोती - 5 वर्ष उम्र आदर्शवादी शिक्षाप्रद कहानी
14 शीर्षक कविता क्या है? सभ्यता के आवरण और कविता कविता और सृष्टि प्रसार मार्मिक तथ्य काव्य और व्यवहार मनुष्यता के उच्च भूमि भावना या कल्पना मनोरंजन सौंदर्य चमत्कारवाद कविता की भाषा अलंकार कविता पर अत्याचार कविता की आवश्यकता
PYQ :- जोन ऑफ आर्क - भेड़े चराना टॉल्सटाय - जूते गांठना उमर खेयाम - तम्बू सिलना खलीफा उमर - चटाई बुनना
आठ उप-शीर्षक :- 1. हल चलाने वाले का जीवन 2. गडरिये का जीवन 3. मजदूर की मजदूरी 4. प्रेम मजदूरी 5.मजदूरी और कला 6. मजदूरी और फकीरी 7.समाज का पालन करने वाली दूध की धारा 8. पश्चिमी सभ्यता का एक नया आदर्श
Summary notes :- अंक 2 दृश्य 7:- जयमाला ( बंधु वर्मा की पत्नी) राज सिंहासन स्कंद गुप्त को देने को तैयार शर्वनाग को माफ किया जाता है ( अंतर्वेद के विषय पति बने ) अंक 3 स्थान- शिप्रा तट प्रपंचबुद्धि भटार्क को स्वतंत्र कर दिया गया विजया देवसेना से शत्रुता मोल लेती है दृश्य दो स्थान - शमशान स्कंद गुप्त वहां टहलता हुआ प्रपंच देवसेना की बलि देने जाता है लेकिन मातृगुप्त बचा लेता है दृश्य 3 स्थान मगध हूण स्कंधवार से चर सेनापति का समाचार लेकर आता राजधानी विलास का केंद्र( कुसुमपुर ) दृश्य 4 स्थान उपवन जयमाला और देवसेना देवसेना को शंका के लोग कहेंगे कि मालव देकर देवसेना का विवाह किया जा रहा है भीम वर्मा समाचार लाया कि गोविंद गुप्त की मृत्यु हो गई मातृगुप्त कश्मीर का शासक मुद्गल का विवाह हो चुका है दृश्य 5 स्थान गंधार की घाटी रण क्षेत्र बंधु वर्मा पूर्व गुप्त( +भटार्क )ने विश्वास घात किया स्कंद गुप्त वहां गया बंधु वर्मा की मृत्यु दृश्य 6 दुर्ग के सम्मुख कुम्भा का रण क्षेत्र चक्र - शत्रु को आगे बढ़ने का मौका दिया जा रहा मुझे लड़ने नहीं दिया जा रहा भटार्क ने धोखा दिया कुभा में जलस्तर बढ़ा सब बह गए
Summary notes प्रथम दृश्य: मालव में शिप्रा तट पर कुंज में देवसेना - बंधुवर्मा की बहन विजया - मालव के धन कुबेर की कन्या स्कंद गुप्त चक्रपालित - पर्णदत्त का पुत्र गीत - घने प्रेम तरु तले बंधुवर्मा दृश्य 2 :- मठ में प्रपंचबुद्धि, भटार्क और शर्वनाग महारानी देवकी ( बड़ी रानी) धातुसेन / कुमार दास ( सिहल का राजकुमार ) मुद्गल दृश्य 3:- देवकी के राज मंदिर का बाहरी भाग शर्वनाम रामा - शर्वनाम की पत्नी, महादेवी देवकी की हत्या करने से रोकती दृश्य 4 :- अनंतदेवी, प्रपंच बुद्धि और भटार्क का प्रवेश छोटी रानी (अनंतदेवी) दृश्य 5 :- बंदी गृह में देवकी और रामा गीत - पालना बने प्रलय की लहरे अनंत देवी भटार्क स्कंद गुप्त दृश्य 6: अवंती दुर्ग का एक भाग बंधु वर्मा भीम वर्मा जयमाला - राज्य समर्पण के हक में नहीं है चक्रपालित - बंधुवर्मा के निर्णय से प्रसन्न दृश्य 7- पथ में भटा र्क और उसकी माता( कमला ) विजया - मातृगुप्त ( कालिदास) मुद्गल गोविंद गुप्त( स्वर्गीय महाराज का भाई)
पृथ्वीसेन , महाप्रतिहार और दंडनायक ----- आत्मघात दृश्य 5 - अंत:पुर का द्वार दृश्य 6 - नगर प्रांत में पथ मुद्गल (कुसुमपुर से अवंती) - गोविंद गुप्त की खोज ( राजा का छोटा भाई) गीत- अवतार key word दृश्य 7 - अवंती का दुर्गा देवसेना ---- बंधु वर्मा की बहन विजया------ मालव धन कुबेर की कन्या जयमाला----बंधु वर्मा की रानी गीत रूप भीम वर्मा - बंधु वर्मा का छोटा भाई
भटार्क ( नवीनबलाधिकृत) मुद्गल अनंतदेवी (छोटी रानी) गीत 1 कोकिल - key word दृश्य 3 - पथ मे मातृगुप्त मुद्गल कुमारदास (सिहल) (मित्र) - श्रीलंका का रामकुमार प्रख्यातकीर्ति अवंती काश्मीर (birthplace मातृगुप्त) दृश्य 4 - अनंतदेवी का सुसज्जित प्रकोष्ठ जया ( दासी) भटार्क ( मगध का महाबलाधिकृत) प्रपंचबुध्दि शर्वनाग -रामा महादेवी देवकी (बड़ी रानी) पुरगुप्त (अनंतदेवी का पुत्र )
Summary notes :- कुल अंक 5 दृश्य 1 स्थान - उज्जयिनी में गुप्त साम्राज्य का स्कंधावार स्कन्दगुप्त पर्णदत्त ( नासीर सेना ) चक्रपालित (पर्णदत्त का पुत्र) राजा कुमारगुप्त महेन्द्रादित्य पुष्यमितरो का युद्ध दशपुर का दूत अयोध्या कुसुमपुर मालव ( old king dead विश्ववर्मा ) (new king his son बंधुवर्मा) दृश्य 2 स्थान - कुसुमपुर का राजमंदिर धातुसेन ( श्रीलंका का राजकुमार) पृथ्वीसेन
कालिदास :- पहली शताब्दी ई.पू. के संस्कृत भाषा के महान कवि और नाटककार थे। इंदुमती......अज कामदेव..... रति यक्ष / कालिदास
काव्य संग्रह - अर्चना प्रकाशन वर्ष - 1950
प्रकाशन वर्ष - 1913 (इंदु ) पात्र :- किरन - नायिका / योगीश्वर की पुत्री नरेंद्र - लेखक / किरन का पति योगीश्वर - नरेंद्र के गुरु / किरन के पिता जुही मोहन - मित्र किन्नरी - नाचनेवाली ऋषिकेश में कुटी एक जोड़ा पीतांबर , पांच स्वर्ण मुद्राएं , दो कनक कंगन |
आंगन के पार द्वार (काव्य संग्रह )1961 जापानी प्राचीन कथा पर आधारित कविता | वज्रकीर्ति नामक एक साधक ने किरीट वृक्ष की लकड़ी से एक वीणा का निर्माण किया है | जिसे केवल एक सच्चा साधक ही साध सकता है | वह सच्चा साधक राजा के अनुसार प्रियंवद है |