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Kavita & katha Sar
เข้าร่วมเมื่อ 18 ม.ค. 2022
नमक का दारोगा - मुंशी प्रेमचंद की लिखी कहानी Namak ka Daroga - A Story by Munshi premchand
"नमक का दरोगा" मुंशी प्रेमचंद की एक प्रसिद्ध कहानी है, जो ईमानदारी और कर्तव्यनिष्ठा पर आधारित है। कहानी का मुख्य पात्र एक ईमानदार दरोगा, वंशीधर है, जिसे नमक विभाग में दरोगा के पद पर नियुक्त किया जाता है। वंशीधर अपने कर्तव्यों का पालन बड़ी ईमानदारी से करता है और भ्रष्टाचार से दूर रहता है। एक दिन वह एक बड़े व्यापारी, अलोपीदीन, को नमक की तस्करी करते हुए पकड़ता है।
अलोपीदीन उसे रिश्वत देने की कोशिश करता है, लेकिन वंशीधर अपने सिद्धांतों पर अडिग रहता है। कोर्ट में अलोपीदीन को छोड़ दिया जाता है। अंत में, अलोपीदीन वंशीधर की ईमानदारी से प्रभावित होकर उसे अपने व्यापार का प्रबंधक बना लेता है। कहानी में वंशीधर का चरित्र ईमानदारी और कर्तव्यनिष्ठा का प्रतीक है। वह किसी भी कीमत पर अपने कर्तव्यों से समझौता नहीं करता। कहानी में भ्रष्टाचार के खिलाफ संघर्ष और उसकी आलोचना की गई है। वंशीधर की ईमानदारी भ्रष्टाचार से लड़ने की प्रेरणा देती है। कोर्ट में वंशीधर की हार यह दर्शाती है कि सत्य परेशान होता है किन्तु विजय हमेशा सत्य की ही होती है।
कहानी में मुंशी प्रेमचंद की लेखन शैली सरल, सीधी और प्रभावशाली है। उनकी भाषा में ग्रामीण भारत की सजीव झलक मिलती है, जो पाठकों को कहानी से जोड़ देती है।
"नमक का दरोगा" न केवल एक रोचक और मनोरंजक कहानी है, बल्कि यह नैतिकता और कर्तव्यनिष्ठा का एक महत्वपूर्ण संदेश भी देती है। यह कहानी हमें सिखाती है कि जीवन में ईमानदारी और सत्यनिष्ठा की क्या अहमियत है।
#MunshiPremchand #HindiStory #PremchandKiKahani #HumanEmotions #Reconciliation #IndianLiterature #ClassicHindiStories #SocialValues #EmotionalStory
अलोपीदीन उसे रिश्वत देने की कोशिश करता है, लेकिन वंशीधर अपने सिद्धांतों पर अडिग रहता है। कोर्ट में अलोपीदीन को छोड़ दिया जाता है। अंत में, अलोपीदीन वंशीधर की ईमानदारी से प्रभावित होकर उसे अपने व्यापार का प्रबंधक बना लेता है। कहानी में वंशीधर का चरित्र ईमानदारी और कर्तव्यनिष्ठा का प्रतीक है। वह किसी भी कीमत पर अपने कर्तव्यों से समझौता नहीं करता। कहानी में भ्रष्टाचार के खिलाफ संघर्ष और उसकी आलोचना की गई है। वंशीधर की ईमानदारी भ्रष्टाचार से लड़ने की प्रेरणा देती है। कोर्ट में वंशीधर की हार यह दर्शाती है कि सत्य परेशान होता है किन्तु विजय हमेशा सत्य की ही होती है।
कहानी में मुंशी प्रेमचंद की लेखन शैली सरल, सीधी और प्रभावशाली है। उनकी भाषा में ग्रामीण भारत की सजीव झलक मिलती है, जो पाठकों को कहानी से जोड़ देती है।
"नमक का दरोगा" न केवल एक रोचक और मनोरंजक कहानी है, बल्कि यह नैतिकता और कर्तव्यनिष्ठा का एक महत्वपूर्ण संदेश भी देती है। यह कहानी हमें सिखाती है कि जीवन में ईमानदारी और सत्यनिष्ठा की क्या अहमियत है।
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วีดีโอ
गरीब की हाय - मुंशी प्रेमचंद की लिखी कहानी Garib ki hay - A Story by Munshi premchand
มุมมอง 42วันที่ผ่านมา
मुंशी प्रेमचंद की कहानी "गरीब की हाय" समाज के कमजोर तबके की व्यथा को बड़ी मार्मिकता से उजागर करती है। यह कहानी सिर्फ एक कहानी नहीं है, बल्कि समाज के उस हिस्से की आवाज है जो हमेशा दबा रहता है। कहानी में एक गरीब विधवा स्त्री की दुर्दशा को बड़ी मार्मिकता से चित्रित किया गया है। वह अपनी जमा पूंजी लेने के लिए हर संभव प्रयास करती है, और हार जाती है, लेकिन अंततः उसे अपनी मौत से ही इस पराजय का बदला चुक...
राजा हरदौल - मुंशी प्रेमचंद की लिखी कहानी Raja Hardaul - A Story by Munshi premchand
มุมมอง 42วันที่ผ่านมา
मुंशी प्रेमचंद जी हिंदी साहित्य के सबसे प्रतिष्ठित और लोकप्रिय लेखकों में से एक हैं। उनके उपन्यासों और कहानियों ने भारतीय समाज के विभिन्न पहलुओं को बड़ी ही खूबसूरती से उजागर किया है। उन्होंने भारतीय समाज की जटिलताओं को बड़ी ही खूबसूरती से चित्रित किया है। उन्होंने सामाजिक मुद्दों जैसे जातिवाद, गरीबी, अंधविश्वास पर खुलकर लिखा। उन्होंने किसानों के जीवन और संघर्ष को बड़ी संवेदनशीलता से चित्रित किय...
परीक्षा - मुंशी प्रेमचंद की लिखी कहानी Pariksha - A Story by Munshi premchand
มุมมอง 113วันที่ผ่านมา
मुंशी प्रेमचंद की कहानी "परीक्षा" एक ऐसी कहानी है जो नैतिक मूल्यों और मानवीय स्वभाव की गहराई में उतरती है। यह कहानी एक राजा और उसके दीवान के बीच हुई बातचीत के माध्यम से चलती है। कहानी हमें बताती है कि ईमानदारी सबसे बड़ा गुण है और लालच हमें बर्बाद कर सकता है। किसी भी पद के लिए योग्यता सबसे जरूरी होती है। कहानी की विशेषताएं: कहानी की भाषा बहुत ही सरल और सहज है। इसमें कई सामाजिक मुद्दों को उठाया ग...
बड़े घर की बेटी - मुंशी प्रेमचंद की लिखी कहानी। Bade ghar ki beti - A Story by Munshi premchand
มุมมอง 22วันที่ผ่านมา
मुंशी प्रेमचंद जी की कहानी "बड़े घर की बेटी" एक ऐसी कहानी है जो सामाजिक रूढ़ियों, महिलाओं की स्थिति और धन के महत्व को गहराई से उजागर करती है। यह कहानी एक बड़े घर की लड़की आनंदी के जीवन के इर्द-गिर्द घूमती है। कहानी में सामाजिक रूढ़ियों का व्यंग्य है। बड़े घरों की जीवनशैली, शादी-ब्याह की रस्में और रिश्तों के महत्व को व्यंग्यात्मक तरीके से दिखाया गया है। आनंदी के माध्यम से प्रेमचंद जी ने उस समय क...
रानी सारन्धा - मुंशी प्रेमचंद की लिखी कहानी। Rani Sarandha - A Story by Munshi premchand
มุมมอง 10214 วันที่ผ่านมา
मुंशी प्रेमचंद जी हिंदी साहित्य के सबसे प्रतिष्ठित और लोकप्रिय लेखकों में से एक हैं। उनके उपन्यासों और कहानियों ने भारतीय समाज के विभिन्न पहलुओं को बड़ी ही खूबसूरती से उजागर किया है। उन्होंने भारतीय समाज की जटिलताओं को बड़ी ही खूबसूरती से चित्रित किया है। उन्होंने सामाजिक मुद्दों जैसे जातिवाद, गरीबी, अंधविश्वास पर खुलकर लिखा। उन्होंने किसानों के जीवन और संघर्ष को बड़ी संवेदनशीलता से चित्रित किय...
माँ पर कविता
มุมมอง 27ปีที่แล้ว
दुनिया में माँ से बड़ा कोई भी रिश्ता मौजूद ही नहीं है ।माँ अगर जीते जी बच्चे के बीच है तो मरने के बाद भी बच्चे की यादों में, बातों में माँ का अस्तित्व कभी खत्म नहीं होता। वह जीवित ना होकर भी बच्चे के दिल में हमेशा के लिए समाई रहती है। छोटे से बच्चे के दिल में किस कदर माँ बसी होती है, यह कभी उस बच्चे की प्यारी प्यारी बाहों के घेरे में लिपटी हुई माँ को प्राप्त हो रहे असीम आनंद से पूछो। मां के लिए...
अगर आपका भी वास्ता किसी दफ़्तर से पड़ा है तो सुनें श्रुति गौर तोमर द्वारा रचित कविता दफ़्तर
มุมมอง 113ปีที่แล้ว
आपका भी कभी ना कभी कोई ना कोई काम किसी न किसी सरकारी दफ्तर में जरूर पड़ा होगा और यदि आप किसी खास वर्ग से ताल्लुक ना रखते हों तो यकीनन दफ़्तर में आपको विचित्र परिस्थितियों का सामना करना पड़ सकता है। विचारों की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता वाले इस देश में मुझे अपने यह विचार व्यक्त करने में तनिक भी संकोच नहीं है कि एक आम आदमी को काम कराने में बहुतेरे पापड़ बेलने पड़ सकते हैं। थक हार कर उसे उसी मुद्रा क...
वृक्ष विषय पर विश्व पर्यावरण दिवस पर आधारित कविता- श्रुति गौर तोमर
มุมมอง 35ปีที่แล้ว
जीवन में अब तक अच्छे मित्रों की भूमिका को आप पहचान चुके होंगे, तो यह भी जान लीजिए कि वृक्ष हमारे सबसे अच्छे मित्र होते हैं, जो जीवन भर हमारा साथ देते हैं। जीवन के हर क्षेत्र में वृक्षों का बहुत अधिक महत्व है। जिस तरह से आज हम भूमंडल के ऊष्मीकरण अर्थात ग्लोबल वार्मिंग में भीषण परिवर्तन दे रहे हैं उस दृष्टि से धरती पर वृक्षों की अत्यधिक आवश्यकता है। हमने सीमेंट के जंगल तो बना लिए लेकिन माटी की सो...
नशा कविता - विश्व तंबाकू निषेध -मद्य निषेध दिवस नशा मुक्ति अभियान से जुड़ी कविता नशा श्रुति गौर तोमर
มุมมอง 73ปีที่แล้ว
श्रुति गौर तोमर द्वारा रचित्त कविता नशा नशा व्यक्ति के लिए, परिवार के लिए, समाज के लिए और राष्ट्र के लिए कभी अच्छा हो ही नहीं सकता। नशे की लत ने देश को पीछे धकेल दिया है। वैसे तो कहते हैं कि जिस भी चीज का सेवन आवश्यकता से अधिक और शरीर की मांग के अनुसार बार-बार लगातार किया जाए वही नशा है,लेकिन अफीम, गांजा, चरस, भांग, सिगरेट, बीड़ी, जर्दा, शराब, स्मैक, तंबाकू, खैनी, गुटका, सुल्फा, कोकीन, हेरोइन, ...
माँ पर कविता - मदर्स डे पर माँ को समर्पित कविता - माँ श्रुति गौर तोमर
มุมมอง 115ปีที่แล้ว
माँ एक ऐसा शब्द है, एक ऐसी महिमा है, एक ऐसा जीवन सार है जिस पर अनंत लिखा जा सकता है। अभिव्यक्ति की सारी सीमाएं पार करने के पश्चात भी लिखने के लिए बहुत कुछ शेष रह जाता है। सौभाग्यशाली होते हैं वे लोग जिनके जीवन में माँ होती हैं। कविता सार चैनल पर लगातार विभिन्न विषयों पर आधारित कविताएं प्रेषित की जाती हैं। मातृ दिवस पर श्रीमती श्रुति गौर तोमर द्वारा रचित माँ को समर्पित कविता जिसका शीर्षक है माँ।
सत्ता कविता - श्रुति गौर तोमर -कविता सार
มุมมอง 98ปีที่แล้ว
विचारों की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता वाले इस देश में कलम पूर्णतः स्वतंत्र है और कलम कब क्या लि दे, किस दिशा में गतिमान हो जाए कवि (he/she ) को ज्ञात नहीं रहता। दरअसल कवि मन कभी सोचकर लि ही नहीं सकता। वो तो यकायक कुछ शब्द जुड़ते चले जाते हैं, और लिखा हुआ पठनीय बन जाता है। इस बार ऐसा प्रतीत होता है कि लेखनी ने जो लिखा है उसे व्यंग्य कहा जा सकता है। कविता का नाम तो देना ही था, इसलिए नाम दिया है सत्त...
श्रीकृष्ण भगवान पर कविता मोहन तुमको आना होगा श्रुति गौर तोमर
มุมมอง 117ปีที่แล้ว
श्रीकृष्ण भगवान पर कविता मोहन तुमको आना होगा श्रुति गौर तोमर
जीतने की ज़िद और जुनून के लिए सुनिए श्रुति गौर तोमर द्वारा रचित कविता विजेता
มุมมอง 84ปีที่แล้ว
जीतने की ज़िद और जुनून के लिए सुनिए श्रुति गौर तोमर द्वारा रचित कविता विजेता
जीवन में कुछ बनने की चाहत है सुनिए समय के महत्व पर श्रुति गौर तोमर द्वारा रचित कविता "समय और श्रम'
มุมมอง 70ปีที่แล้ว
जीवन में कुछ बनने की चाहत है सुनिए समय के महत्व पर श्रुति गौर तोमर द्वारा रचित कविता "समय और श्रम'
रंगों से है स्नेह तो रंगों के त्यौहार होली से जुड़ी श्रुति गौर तोमर द्वारा रचित कविता होली जरूर सुनें
มุมมอง 111ปีที่แล้ว
रंगों से है स्नेह तो रंगों के त्यौहार होली से जुड़ी श्रुति गौर तोमर द्वारा रचित कविता होली जरूर सुनें
इश्क में लफ्ज़ नहीं जज़्बात बोलते हैं-श्रुति गौर तोमर द्वारा रचित कविता ढ़हता मौन जरूर सुनिए
มุมมอง 872 ปีที่แล้ว
इश्क में लफ्ज़ नहीं जज़्बात बोलते हैं-श्रुति गौर तोमर द्वारा रचित कविता ढ़हता मौन जरूर सुनिए
क्या आप भी औरत हैं -औरत के जीवन को जीवंत करती कविता वो औरत आज सुन ही लें -रचना श्रुति गौर तोमर
มุมมอง 862 ปีที่แล้ว
क्या आप भी औरत हैं -औरत के जीवन को जीवंत करती कविता वो औरत आज सुन ही लें -रचना श्रुति गौर तोमर
आपने भी जिया होगा सुहाना बचपन- बचपन को ताजा करें- श्रुति गौर तोमर द्वारा रचित कविता बचपन के साथ
มุมมอง 1212 ปีที่แล้ว
आपने भी जिया होगा सुहाना बचपन- बचपन को ताजा करें- श्रुति गौर तोमर द्वारा रचित कविता बचपन के साथ
तेरे बिन --- प्यार की अधूरी दास्ताँ, जुदा होने का दर्द और प्रेम का हाले बयां..
มุมมอง 1052 ปีที่แล้ว
तेरे बिन प्यार की अधूरी दास्ताँ, जुदा होने का दर्द और प्रेम का हाले बयां..
मन को आल्हादित करने वाली बारिश आपको भी छूकर गुजरी न-तो सुनिए श्रुति गौर तोमर द्वारा लिखित सावन आया
มุมมอง 6942 ปีที่แล้ว
मन को आल्हादित करने वाली बारिश आपको भी छूकर गुजरी न-तो सुनिए श्रुति गौर तोमर द्वारा लिखित सावन आया
a poem on mothers day from Aishvary Raj Singh Tomar
มุมมอง 372 ปีที่แล้ว
a poem on mothers day from Aishvary Raj Singh Tomar
नारी नारी तुम तो नारी हो पुरुष कहां बन पाओगी
มุมมอง 1212 ปีที่แล้ว
नारी नारी तुम तो नारी हो पुरुष कहां बन पाओगी
नई भोर..... एक नई सुबह,एक नई शुरुआत,एक नया प्रारम्भ....भोर...उम्मीदों, आशाओं से भरी नई सुबह
มุมมอง 652 ปีที่แล้ว
नई भोर..... एक नई सुबह,एक नई शुरुआत,एक नया प्रारम्भ....भोर...उम्मीदों, आशाओं से भरी नई सुबह
15 अगस्त भारत की आजादी से जुड़ी स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों एवं देश प्रेम पर आधारित कविता आज़ादी
มุมมอง 1422 ปีที่แล้ว
15 अगस्त भारत की आजादी से जुड़ी स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों एवं देश प्रेम पर आधारित कविता आज़ादी
श्रुति गौर तोमर द्वारा रचित माता पिता विषय पर सम्पूर्ण कविता
มุมมอง 1182 ปีที่แล้ว
श्रुति गौर तोमर द्वारा रचित माता पिता विषय पर सम्पूर्ण कविता
श्रुति गौर तोमर द्वारा रचित माता पिता विषय पर कविता
มุมมอง 2162 ปีที่แล้ว
श्रुति गौर तोमर द्वारा रचित माता पिता विषय पर कविता
Video th-cam.com/video/LwZie_0kfbY/w-d-xo.htmlsi=nYu1Mnbc_LDkAiGY
बहुत ही सटीक ,, उम्दा ,,
Salute To U Mam.. प्रणाम मातृ शक्ति को
Heart touching ❤
Heart touching
Heart touching👌👌May God bless u and guide u throughout the years for writing idea's💐 Happy Mother's day😊💐
💐💐❤❤
❤❤
मातृ दिवस पर बच्चों की पहली शिक्षिका को कोटि कोटि नमन।
ऐसा लगता है तुमने इस कविता को स्वयं जिया हैं तुमने अपनी लेखनी को सार्थक कर दिया है बहुत सारा आशिर्वाद
Hats off to all the Mothers.. ❤
Bahut badhiya
Realistic👍👍🙌🙌
बहुत सटीक ।। सत्यार्थ
Nice one👍
bahut khub mam , bahut badhiya
बहुत सुंदर ❤❤❤❤
बहुत सुंदर वर्णन 👏
Bahut hi sundar kavita mam..
Bahut sundar
जय जय श्री राधे ।। हृदयस्पर्शी ।।। प्रणाम आपको
अति सुंदर कविता
Atisunder
Nice kavita
अद्भुत 🙏 जय श्री कृष्णा, राधे राधे 🙏🌹
Shandaar
bahut Sundar Kavita h keep it up
Super 👌
Very inspiring👍🙌🙌🙌
Bahut badhiya
Nice
Realistic msg
Super👍👍
Bahut hi badhiya Kavita bai 👌👌👌😊👍🙏
कर्मयोगी को प्रणाम अनुकरण करने योग्य सीख
होली का असली भावार्थ
Beautiful composition Mam
Superb
👌💯
Speechless🙌🙌😃great💐💐
Bohot sundar 👌👌👌
शानदार गहरी अभिव्यक्ति
P🙏🙏🙏
Wah ! Kya baat hai
👌👌
Outstanding mam👌👌👌very sensitive ,heart touching💐💐💐may God bless u Richly💐
हृदयस्पर्शी
Super👌👌,really filling of सावन की कशिश,झूले,बादल,हरियाली💐💐💐
वाह,
Bahut hi badhiya mam atisunder kavita nice sharing mam 👌👌👌😊🙏👍🤝💐🌿🌱☘️🍀
Nice
Out standing 😘😘 congratulations Mam🎉🎉🥳