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𝐒𝐡𝐮𝐝𝐡𝐚𝐭𝐚𝐦𝐚
India
เข้าร่วมเมื่อ 27 ธ.ค. 2018
इस चैनल का निर्माण प्रत्येक संसारी जीव अनादि से भ्रम से अपने आत्मस्वरूप को भूला हुआ है जिसके कारण दुःखी हो रहा है ।
आत्मा का सच्चा स्वरूप सरल सुबोध शैली में सर्वज्ञानुसार बताने का छोटा सा प्रयास है।
भव्य जीव अपने स्वरूप को समझकर अपना कल्याण करे ऐसी मंगल भावना है।🙏🏻
आत्मा का सच्चा स्वरूप सरल सुबोध शैली में सर्वज्ञानुसार बताने का छोटा सा प्रयास है।
भव्य जीव अपने स्वरूप को समझकर अपना कल्याण करे ऐसी मंगल भावना है।🙏🏻
ज्ञानी संसार के सर्व प्रपंच जालों से विरक्त होकर अंदर के सुधारस को पीता है--
ज्ञानी संसार के सर्व प्रपंच जालों से विरक्त होकर अंदर के सुधारस को पीता है--
श्री योगसार जी गाथा-64
दिनांक 05/01/2025
श्री योगसार जी गाथा-64
दिनांक 05/01/2025
มุมมอง: 40
วีดีโอ
जगत की सर्वोत्कृष्ट वस्तु "आत्मा" है--
มุมมอง 262 ชั่วโมงที่ผ่านมา
जगत की सर्वोत्कृष्ट वस्तु "आत्मा" है श्री योगसार जी गाथा-64 दिनांक 04/01/2025
असली-नकली की पहिचान करो जगत में सब डबल डबल है--
มุมมอง 344 ชั่วโมงที่ผ่านมา
असली-नकली की पहिचान करो जगत में सब डबल डबल है श्री योगसार जी गाथा-64 दिनांक 03/01/2025
मैं भव्य हूं या अभव्य इसकी पहिचान स्वयं कर सकते हैं--
มุมมอง 617 ชั่วโมงที่ผ่านมา
मैं भव्य हूं या अभव्य इसकी पहिचान स्वयं कर सकते हैं श्री योगसार जी गाथा-64 दिनांक 02/01/2025
तू काल नहीं महाकाल है--
มุมมอง 449 ชั่วโมงที่ผ่านมา
तू काल नहीं महाकाल है श्री योगसार जी गाथा-64 दिनांक 01/01/2025
हमें बाहर के नहीं अंदर के धर्मात्मा होना है--
มุมมอง 4612 ชั่วโมงที่ผ่านมา
हमें बाहर के नहीं अंदर के धर्मात्मा होना है श्री योगसार जी गाथा-64 दिनांक 31/12/2024
केवल एक बार पर से शून्य अपने से अशून्य अनुभव करते ही मोक्ष का द्वार खुल जाता है--
มุมมอง 5014 ชั่วโมงที่ผ่านมา
केवल एक बार पर से शून्य अपने से अशून्य अनुभव करते ही मोक्ष का द्वार खुल जाता है श्री योगसार जी गाथा-63 दिनांक 30/12/2024
ज्ञानी कहते हैं कि भगवान आत्मा अनंत आनंद का देश है वह हमारा स्वदेश है--
มุมมอง 9716 ชั่วโมงที่ผ่านมา
ज्ञानी कहते हैं कि भगवान आत्मा अनंत आनंद का देश है वह हमारा स्वदेश है श्री योगसार जी गाथा-63 दिनांक 29/12/2024
"शुद्धात्मा"का अनुभव होते ही एक समय में दो कार्य होते हैं-(1)अशुद्धता का नाश(2)शुद्धता की प्रगटता
มุมมอง 8019 ชั่วโมงที่ผ่านมา
"शुद्धात्मा" का अनुभव होते ही एक समय में दो कार्य होते हैं-(1)अशुद्धता का नाश(2)शुद्धता की प्रगटता श्री योगसार जी गाथा-63 दिनांक 28/12/2024
धर्म करने से पहले अपनी आत्मा में से मोटा मोटा कचरा साफ करो--
มุมมอง 13021 ชั่วโมงที่ผ่านมา
धर्म करने से पहले अपनी आत्मा में से मोटा मोटा कचरा साफ करो श्री योगसार जी गाथा-63 दिनांक 27/12/2024
मोह-राग-द्वेष भाव का त्याग ही वास्तविक त्याग है-
มุมมอง 47วันที่ผ่านมา
मोह-राग-द्वेष भाव का त्याग ही वास्तविक त्याग है- श्री योगसार जी गाथा-63 दिनांक 26/12/2024
भ्रम जनित दु:ख का उपाय भ्रम दूर करना ही है--
มุมมอง 77วันที่ผ่านมา
भ्रम जनित दु: का उपाय भ्रम दूर करना ही है श्री योगसार जी गाथा-63 दिनांक 25/12/2024
पर-भाव का त्याग,संसार-त्याग का कारण है--
มุมมอง 76วันที่ผ่านมา
पर-भाव का त्याग,संसार-त्याग का कारण है श्री योगसार जी गाथा-63 दिनांक 24/12/2024
आत्मा का ध्यान करते ही अनंत केवलज्ञान प्रगट करने की शक्ति खिल उठती है--
มุมมอง 68วันที่ผ่านมา
आत्मा का ध्यान करते ही अनंत केवलज्ञान प्रगट करने की शक्ति खिल उठती है श्री योगसार जी गाथा-62 दिनांक 23/12/2024
आत्मा की रुचि का फल मोक्ष,शुभभाव की रुचि का फल मनुष्य-देव और पंचइंद्रीयों के विषय-भोगों का फल नरक नि
มุมมอง 4214 วันที่ผ่านมา
आत्मा की रुचि का फल मोक्ष,शुभभाव की रुचि का फल मनुष्य-देव और पंचइंद्रीयों के विषय-भोगों का फल नरक निगोद श्री योगसार जी गाथा-62 दिनांक 20/12/2024
आत्मानुभव के फल में जीव परमात्मा हो जाता है--
มุมมอง 4114 วันที่ผ่านมา
आत्मानुभव के फल में जीव परमात्मा हो जाता है
आत्मानुभव होते ही पाप कर्म का अनुभाग घट जाता है और पुण्य कर्म का अनुभाग बढ़ जाता है--
มุมมอง 10114 วันที่ผ่านมา
आत्मानुभव होते ही पाप कर्म का अनुभाग घट जाता है और पुण्य कर्म का अनुभाग बढ़ जाता है
आत्मानुभव होते ही आत्मा की समस्त पर्याय में शुद्धि की वृद्धि होती है--
มุมมอง 5314 วันที่ผ่านมา
आत्मानुभव होते ही आत्मा की समस्त पर्याय में शुद्धि की वृद्धि होती है
निज आत्मा का अनुभव होते ही आत्मा के गुणों की पर्यायों में सुधार--
มุมมอง 12621 วันที่ผ่านมา
निज आत्मा का अनुभव होते ही आत्मा के गुणों की पर्यायों में सुधार
निज "शुद्धात्मा" ही इस जगत का महिमावंत पदार्थ है-
มุมมอง 7821 วันที่ผ่านมา
निज "शुद्धात्मा" ही इस जगत का महिमावंत पदार्थ है-
ज्ञानी का वीर्य अल्पकाल में सिद्ध पद प्राप्त करूंगा ऐसा उछाला मारता है--
มุมมอง 4721 วันที่ผ่านมา
ज्ञानी का वीर्य अल्पकाल में सिद्ध पद प्राप्त करूंगा ऐसा उछाला मारता है
उल्लसित वीर्यवान ही केवलज्ञान का अधिकारी है--
มุมมอง 5321 วันที่ผ่านมา
उल्लसित वीर्यवान ही केवलज्ञान का अधिकारी है
अनुभव का प्रथम फल अतिइंद्रिय आनंद का वेदन तथा दूसरा फल वीर्य का उल्लसित-पना कहा है--
มุมมอง 5228 วันที่ผ่านมา
अनुभव का प्रथम फल अतिइंद्रिय आनंद का वेदन तथा दूसरा फल वीर्य का उल्लसित-पना कहा है
निज को निज मानते ही जीव मोक्ष का अधिकारी होता है--
มุมมอง 11128 วันที่ผ่านมา
निज को निज मानते ही जीव मोक्ष का अधिकारी होता है
जो वीर्य आत्मस्वरूप की रचना करें उसे वीर्य कहते हैं--
มุมมอง 8028 วันที่ผ่านมา
जो वीर्य आत्मस्वरूप की रचना करें उसे वीर्य कहते हैं
निज आत्मा का अनुभव होते ही प्रत्येक समय अनंत गुणों की अपनी-अपनी पर्यायों में शुद्धि की वृद्धि होती
มุมมอง 67หลายเดือนก่อน
निज आत्मा का अनुभव होते ही प्रत्येक समय अनंत गुणों की अपनी-अपनी पर्यायों में शुद्धि की वृद्धि होती
धर्म में स्वभावलंबन है,पुणभाव में परावलम्बन है। दोनों में जमीन आसमान का अंतर है।
มุมมอง 104หลายเดือนก่อน
धर्म में स्वभावलंबन है,पुणभाव में परावलम्बन है। दोनों में जमीन आसमान का अंतर है।
सर्वज्ञ स्वभावी आत्मा वीतरागी पर्याय द्वारा ही ज्ञात होता है--
มุมมอง 95หลายเดือนก่อน
सर्वज्ञ स्वभावी आत्मा वीतरागी पर्याय द्वारा ही ज्ञात होता है
आत्मा को आत्मा से जानना ही मोक्षमार्ग है--
มุมมอง 94หลายเดือนก่อน
आत्मा को आत्मा से जानना ही मोक्षमार्ग है
आत्मज्ञान के फल में केवलज्ञान और पूर्णसुख प्रगट होता है और पुण्य के फल में इंद्रपद और चक्रवर्ती पद म
มุมมอง 40หลายเดือนก่อน
आत्मज्ञान के फल में केवलज्ञान और पूर्णसु प्रगट होता है और पुण्य के फल में इंद्रपद और चक्रवर्ती पद म
जय हो
Bahut sunder Vivechan! Jai Bakliwal
Tilak Raj Babel from Bangalore
What is shrut gyan ki paryay
Bahut Badhiya, how can we ask you our questions
Jai Jinendra ! Shrutgyan ke upyog ka Vivechan bahut sunder Kiya hain. Dhanyawad ! Jai Bakliwal, Nanded. Krupaya ! Pravachan ke krumank ke sath sabhi ke liye uplabdh kare .
Jai Jinendra! Pahale YOGSAR ki anya do tikaonka swadhyay ki , aap ke dwara Jo vistar se Vivechan ho raha hai sunkar bhav vishudhi purvak BHEDGYAN ka abhyas ho raha hai . Bahut bahut DHANYAWAD !! Jai Bakliwal
Sunder vivachan 🙏🙏
Jai Jinendra ! Sunder Vivechan! ! Dhanyawad!!!... Jai Bakliwal
Shudhatma Vandan !! Bahut sundar aur Spasta vivechan . Dhanyawad !!! Yogsar Gatha 1 se leker sare pravachan , Gatha kramank ,Pravachan kramank ,aur pravachan ka vishay spasta likhkar TH-cam per prakashit kaneki Krupa kare. Jai Bakliwal, Nanded
प्रणाम गुरुदेव जी यें कौनसी पुस्तक हैं क्या नाम है पुस्तक का गुरूदेव जीं।।
Satbhwana Jain Chaitanya Chaitanya Chaitanya ❤❤❤
P0 pp 2 cc cc CD l 0:35 और
❤ Beautiful ❤love you guruji
Bahut Sundar
फिर तुम लोग अस्पताल kyo जाते यहां ज्ञान पेलते हो अमल करते नही
जयजिनेन्द्र जी . शुध्दोपयोग क्या है .कृपया मार्गदर्शन हो .
Mera channel ko subscribe kardo mai v aapko kar duga