- 878
- 4 103 301
पाणिनीयप्रवेशाय _Krishna gopal Pandey
India
เข้าร่วมเมื่อ 19 ก.พ. 2013
।।अध्येयं व्याकरणम्।।
"कौमुदी यदि आयाति वृथा भाष्ये परिश्रमः।
कौमुदी यदि नायाति वृथा भाष्ये परिश्रमः"।।
इस चैनल का उद्देश्य 'संस्कृत-व्याकरण' का परिचय संस्कृतछात्रों के साथ साथ अन्य विषय के छात्रों को कराना है। इसके लिए लघुसिद्धान्तकौमुदी ग्रन्थ का अध्ययन बहुत आवश्यक है । यद्यपि यह पारम्परिक-ग्रन्थ है तथापि अतिरिक्त प्रयास से अवगमन किया जा सकता है। इस ग्रन्थ का बोध करनेसे बौद्धिकस्तर में भी वृद्धि होगी अतः अवश्य लाभ लेवें।
विषय सम्बद्ध चर्चा व शंका समाधान हेतु रात्रि 9:30 से 10:30 तक यहां सम्पर्क कर सकते हैं-
मो-7987108039.
"कौमुदी यदि आयाति वृथा भाष्ये परिश्रमः।
कौमुदी यदि नायाति वृथा भाष्ये परिश्रमः"।।
इस चैनल का उद्देश्य 'संस्कृत-व्याकरण' का परिचय संस्कृतछात्रों के साथ साथ अन्य विषय के छात्रों को कराना है। इसके लिए लघुसिद्धान्तकौमुदी ग्रन्थ का अध्ययन बहुत आवश्यक है । यद्यपि यह पारम्परिक-ग्रन्थ है तथापि अतिरिक्त प्रयास से अवगमन किया जा सकता है। इस ग्रन्थ का बोध करनेसे बौद्धिकस्तर में भी वृद्धि होगी अतः अवश्य लाभ लेवें।
विषय सम्बद्ध चर्चा व शंका समाधान हेतु रात्रि 9:30 से 10:30 तक यहां सम्पर्क कर सकते हैं-
मो-7987108039.
काशी में मठ होने पर ही मठाधीश कहा जाता है ||श्रीगुरूदेवभगवान् ने किया स्मरण || SHRI RAJENDRA DAS JI
#shrirajendradasjimaharaj #shrirajendradasjimaharajji #rajendradasji @ht_bhakti @MahaKumbhLive #katha #malookpeeth #gurudev
มุมมอง: 36
วีดีโอ
श्रीआचार्य जयंती पर महाराज जी नें क्यों एवं कैसे किया व्रत ?
มุมมอง 13721 ชั่วโมงที่ผ่านมา
#shrirajendradasjimaharaj #katha #krishna #malookpeeth #ram #shrirajendradasjimaharajji #bhajan #rajendradasji #mahakumbh2025 #kumbh
भगवान् का अंश जीव दूर होकर कैसे भटकता रहता है || भजन ~ श्री मामाजी महाराज || SHRI RAJENDRA DAS JI
มุมมอง 588หลายเดือนก่อน
भगवान् का अंश जीव दूर होकर कैसे भटकता रहता है || भजन ~ श्री मामाजी महाराज || SHRI RAJENDRA DAS JI
हे प्रभो ! जैसा प्रेम आपसे होना चाहिये वैसा प्रेम नहीं है || SHRI RAJENDRA DAS JI MAHARAJ
มุมมอง 3.2Kหลายเดือนก่อน
हे प्रभो ! जैसा प्रेम आपसे होना चाहिये वैसा प्रेम नहीं है || SHRI RAJENDRA DAS JI MAHARAJ
शास्त्रीय शौचाचार साधकों के लिए अत्यन्त महत्वपूर्ण है || MAHABHARAT || SHRI RAJENDRA DAS JI MAHARAJ
มุมมอง 3.3Kหลายเดือนก่อน
शास्त्रीय शौचाचार साधकों के लिए अत्यन्त महत्वपूर्ण है || MAHABHARAT || SHRI RAJENDRA DAS JI MAHARAJ
महापुरुषों के निकट रहने पर इन दोषों से अवश्य बचें | महापुरुषों का संग || SHRI RAJENDRA DAS G MAHARAJ
มุมมอง 7Kหลายเดือนก่อน
महापुरुषों के निकट रहने पर इन दोषों से अवश्य बचें | महापुरुषों का संग || SHRI RAJENDRA DAS G MAHARAJ
सती बुद्धि से ही भगवान् की प्राप्ति हो सकती है || हमारी बुद्धि सती कैसे होगी ? SHRI RAJENDRA DAS JI
มุมมอง 3.7K2 หลายเดือนก่อน
सती बुद्धि से ही भगवान् की प्राप्ति हो सकती है || हमारी बुद्धि सती कैसे होगी ? SHRI RAJENDRA DAS JI
जो भगवान् हमारे सबसे ज्यादा निकट हैं उन्हीं को हमनें दूर कर दिया || SHRI RAJENDRA DAS JI MAHARAJ ||
มุมมอง 22K2 หลายเดือนก่อน
जो भगवान् हमारे सबसे ज्यादा निकट हैं उन्हीं को हमनें दूर कर दिया || SHRI RAJENDRA DAS JI MAHARAJ ||
पिता_माता_गुरु_मित्र वास्तव में हमारा सच्चा हितैषी कौन है ? SHRI RAJENDRA DAS JI MAHARAJ
มุมมอง 6K2 หลายเดือนก่อน
पिता_माता_गुरु_मित्र वास्तव में हमारा सच्चा हितैषी कौन है ? SHRI RAJENDRA DAS JI MAHARAJ
भगवान् के चरणों की शरणागति के विना जीव का कल्याण सम्भव नहीं है || SHRI RAJENDRA DAS JI MAHARAJ ||
มุมมอง 9K2 หลายเดือนก่อน
भगवान् के चरणों की शरणागति के विना जीव का कल्याण सम्भव नहीं है || SHRI RAJENDRA DAS JI MAHARAJ ||
हे प्रभो ! आपके जैसा दीनबन्धु और मेरे जैसा दीन-हीन संसार में कोई नहीं है || SHRI RAJENDRA DAS JI
มุมมอง 1.3K3 หลายเดือนก่อน
हे प्रभो ! आपके जैसा दीनबन्धु और मेरे जैसा दीन-हीन संसार में कोई नहीं है || SHRI RAJENDRA DAS JI
विनय पत्रिका में श्रीभरतचरित्र || भरतजी का श्रीरामजी के प्रति भाव || SHRI RAJENDRA DAS JI MAHARAJ
มุมมอง 4213 หลายเดือนก่อน
विनय पत्रिका में श्रीभरतचरित्र || भरतजी का श्रीरामजी के प्रति भाव || SHRI RAJENDRA DAS JI MAHARAJ
उद्देश्य के पवित्र होने पर ही कर्म पवित्र होता है अतः उद्देश्य पवित्र रखें || SHRI RAJENDRA DAS JI
มุมมอง 4.4K3 หลายเดือนก่อน
उद्देश्य के पवित्र होने पर ही कर्म पवित्र होता है अतः उद्देश्य पवित्र रखें || SHRI RAJENDRA DAS JI
भगवान् के लिये किया गया कर्म ही भक्ति है || सुकृत एवं दुष्कृत क्या है? SHRI RAJENDRA DAS JI MAHARAJ
มุมมอง 9K3 หลายเดือนก่อน
भगवान् के लिये किया गया कर्म ही भक्ति है || सुकृत एवं दुष्कृत क्या है? SHRI RAJENDRA DAS JI MAHARAJ
वाद_विवाद एवं स्वाद इनसे बचकर भगवान् का भजन करो || SHRI RAJENDRA DAS JI MAHARAJ
มุมมอง 9K4 หลายเดือนก่อน
वाद_विवाद एवं स्वाद इनसे बचकर भगवान् का भजन करो || SHRI RAJENDRA DAS JI MAHARAJ
श्रीमद्भागवतमहापुराण की प्रथम कथा श्रीउद्धवजी ने की थी || BHAKTA CHARITRA || SHRI RAJENDRA DAS JI
มุมมอง 2.6K4 หลายเดือนก่อน
श्रीमद्भागवतमहापुराण की प्रथम कथा श्रीउद्धवजी ने की थी || BHAKTA CHARITRA || SHRI RAJENDRA DAS JI
आते न वे श्रीराम जो गुरुदेव के आकार में || श्रीगुरुमहिमा भजन || BHAJAN GANGA || SHRI RAJENDRA DAS JI
มุมมอง 1.4K4 หลายเดือนก่อน
आते न वे श्रीराम जो गुरुदेव के आकार में || श्रीगुरुमहिमा भजन || BHAJAN GANGA || SHRI RAJENDRA DAS JI
गुरु स्मरण व भगवद् स्मरण में भेद नहीं है अतः गुरुनिष्ठा में भी अन्याश्रय सह्य नहीं है || MAHARAJ JI
มุมมอง 2.1K4 หลายเดือนก่อน
गुरु स्मरण व भगवद् स्मरण में भेद नहीं है अतः गुरुनिष्ठा में भी अन्याश्रय सह्य नहीं है || MAHARAJ JI
वैयाकरणसिद्धान्तकौमुदी (प्रथम भाग) पाठ 43 अच्सन्धि 11
มุมมอง 3224 หลายเดือนก่อน
वैयाकरणसिद्धान्तकौमुदी (प्रथम भाग) पाठ 43 अच्सन्धि 11
हे जीव! अतिसुलभ भगवान् के नाम एवं कथा का मन से आश्रय क्यों नहीं लेता|| RAM NAM ||SHRI RAJENDRA DAS G
มุมมอง 18K4 หลายเดือนก่อน
हे जीव! अतिसुलभ भगवान् के नाम एवं कथा का मन से आश्रय क्यों नहीं लेता|| RAM NAM ||SHRI RAJENDRA DAS G
काहे ना रसना रामहिं गावहिं ? || श्रीरामनाममहिमा || VINAY PATRIKA || SHRI RAJENDRA DAS JI MAHARAJ
มุมมอง 1.2K4 หลายเดือนก่อน
काहे ना रसना रामहिं गावहिं ? || श्रीरामनाममहिमा || VINAY PATRIKA || SHRI RAJENDRA DAS JI MAHARAJ
क्या आप वर्तमान जीवन से सन्तुष्ट हैं ? क्या अपने जीवन का सदुपयोग कर रहें हैं || SHRI RAJENDRA DAS JI
มุมมอง 11K4 หลายเดือนก่อน
क्या आप वर्तमान जीवन से सन्तुष्ट हैं ? क्या अपने जीवन का सदुपयोग कर रहें हैं || SHRI RAJENDRA DAS JI
हे जीव !निज मन की व्यथा भगवान् को छोडकर किसी से मत कहो || SHRI RAJENDRA DAS JI MAHARAJ
มุมมอง 27K4 หลายเดือนก่อน
हे जीव !निज मन की व्यथा भगवान् को छोडकर किसी से मत कहो || SHRI RAJENDRA DAS JI MAHARAJ
हे नाथ! यद्यपि मैं महान् दोषी हूं पर जैसा हूँ आपका ही हूँ || SHRI RAJENDRA DAS JI MAHARAJ
มุมมอง 22K4 หลายเดือนก่อน
हे नाथ! यद्यपि मैं महान् दोषी हूं पर जैसा हूँ आपका ही हूँ || SHRI RAJENDRA DAS JI MAHARAJ
अकारण हित करने वाले तो श्री रामजी ही हैं || SHRI RAJENDRA DAS JI MAHARAJ JI
มุมมอง 15K4 หลายเดือนก่อน
अकारण हित करने वाले तो श्री रामजी ही हैं || SHRI RAJENDRA DAS JI MAHARAJ JI
बनो इतने ना निर्मोही दयासागर कहाते हो || सन्त श्री हरेराम बाबा का पद || SHRI RAJENDRA DAS JI MAHARAJ
มุมมอง 1.7K4 หลายเดือนก่อน
बनो इतने ना निर्मोही दयासागर कहाते हो || सन्त श्री हरेराम बाबा का पद || SHRI RAJENDRA DAS JI MAHARAJ
हरि गुरु सन्त इनसे कपट रहित व्यवहार करते हुये इन्हीं का आश्रय लेवें ||
มุมมอง 2.2K4 หลายเดือนก่อน
हरि गुरु सन्त इनसे कपट रहित व्यवहार करते हुये इन्हीं का आश्रय लेवें ||
शरणागति में अन्याश्रय सबसे बडी बाधा है व अनन्याश्रय विना नाम के सम्भव नहीं || SHRI RAJENDRA DAS JI
มุมมอง 20K4 หลายเดือนก่อน
शरणागति में अन्याश्रय सबसे बडी बाधा है व अनन्याश्रय विना नाम के सम्भव नहीं || SHRI RAJENDRA DAS JI
नाम के आश्रय से अहंकार_लोभ_मोह सहज में नष्ट हो जाते हैं || श्रीरामनाम महिमा || SHRI RAJENDRA DAS JI
มุมมอง 58K4 หลายเดือนก่อน
नाम के आश्रय से अहंकार_लोभ_मोह सहज में नष्ट हो जाते हैं || श्रीरामनाम महिमा || SHRI RAJENDRA DAS JI