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The Uncommon People
India
เข้าร่วมเมื่อ 10 พ.ย. 2022
श्री यतिन पंडित :देवसंस्कृति,देवसमाज ,कुल्लू के इतिहासऔर टांकरी लिपि पर विलक्षण शोध को समर्पित .
श्री यतिन पंडित हिमाचल प्रदेश के कुल्लू से सम्बंध रखते हैं।
लेखन विधा में 2014 के पश्चात रुचि उत्पन्न हुई जिसका आरंभ व्यंग्य और कविताओं से हुआ। इतिहास और पहाड़ी संस्कृति पर 2016 से कार्य करना आरंभ किया। वर्तमान में इनकी रुचि पहाड़ के इतिहास को जानने समझने पर केंद्रित है। विशेष रूप से पहाड़ों के प्राचीन कबीलाई समाज के देवताओं के उद्गम और उनकी रीति-नीति पर अध्ययनरत रहते हैं।
पहाड़ी लिपियों में टाकरी और शारदा की जानकारी रखते हैं। इसके अतिरिक्त पाबुचि, भोटी, ब्राह्मी और खरोष्ठी लिपि पर भी थोड़ा बहुत अध्ययन है। विशेष अध्ययन टाकरी पर है और लोगों को टाकरी लिपि सिखाते रहे हैं। विभिन्न कार्यशालाओं के माध्यम से बहुत से लोगों को टाकरी लिपि सिखा चुके हैं।
वर्तमान में कुछ विषयों पर लेखनरत हैं। जिनमे देव संस्कृति इनका मूल विषय है। पहाड़ों की देव संस्कृति में फैले हुए भ्रम को दूर करने के लिए बहुत सरल और सहज बोध के अनुसार उसे जानने समझने पर इनका ज़ोर रहता है।
इनका मानना है कि इनकी पीढ़ी के लोग अगली पीढ़ी के लिए वह माध्यम बन सकें जो पहाड़ी संस्कृति के अनछुए पहलुओं से उन्हें अवगत करवाने का प्रयत्न करें। ताकि पहाड़ की मौलिक संस्कृति और परम्पराओं को किसी ना किसी रूप में जिंदा रखा जा सके।
कुल्लू की संस्कृति, बोली, लिपि और निगूढ़ विद्याओं पर लेखनरत हैं और एक विद्यार्थी के रूप में यह क्रम निरन्तर चलता रहे ऐसी स्वयं से अपेक्षा रखते हैं।
Full Disclosure: Content on this channel is neither paid for nor sponsored.
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लेखन विधा में 2014 के पश्चात रुचि उत्पन्न हुई जिसका आरंभ व्यंग्य और कविताओं से हुआ। इतिहास और पहाड़ी संस्कृति पर 2016 से कार्य करना आरंभ किया। वर्तमान में इनकी रुचि पहाड़ के इतिहास को जानने समझने पर केंद्रित है। विशेष रूप से पहाड़ों के प्राचीन कबीलाई समाज के देवताओं के उद्गम और उनकी रीति-नीति पर अध्ययनरत रहते हैं।
पहाड़ी लिपियों में टाकरी और शारदा की जानकारी रखते हैं। इसके अतिरिक्त पाबुचि, भोटी, ब्राह्मी और खरोष्ठी लिपि पर भी थोड़ा बहुत अध्ययन है। विशेष अध्ययन टाकरी पर है और लोगों को टाकरी लिपि सिखाते रहे हैं। विभिन्न कार्यशालाओं के माध्यम से बहुत से लोगों को टाकरी लिपि सिखा चुके हैं।
वर्तमान में कुछ विषयों पर लेखनरत हैं। जिनमे देव संस्कृति इनका मूल विषय है। पहाड़ों की देव संस्कृति में फैले हुए भ्रम को दूर करने के लिए बहुत सरल और सहज बोध के अनुसार उसे जानने समझने पर इनका ज़ोर रहता है।
इनका मानना है कि इनकी पीढ़ी के लोग अगली पीढ़ी के लिए वह माध्यम बन सकें जो पहाड़ी संस्कृति के अनछुए पहलुओं से उन्हें अवगत करवाने का प्रयत्न करें। ताकि पहाड़ की मौलिक संस्कृति और परम्पराओं को किसी ना किसी रूप में जिंदा रखा जा सके।
कुल्लू की संस्कृति, बोली, लिपि और निगूढ़ विद्याओं पर लेखनरत हैं और एक विद्यार्थी के रूप में यह क्रम निरन्तर चलता रहे ऐसी स्वयं से अपेक्षा रखते हैं।
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มุมมอง: 1 017
วีดีโอ
विदुषी ईशिताआर.गिरीश, उपन्यासकार ,कवयित्री ,चित्रकार ,कहानियां बुनतीं हैं और चाव से सुनाती हैं
มุมมอง 1.3K16 ชั่วโมงที่ผ่านมา
ईशिता आर. गिरीश उनका परिचय उनके ही शब्दों में जीवन क्रम- घर में साहित्यिक वातावरण के चलते बचपन में पास पड़ोस के बच्चों को इकट्ठा कर कहानी रचने और कहने में विशेष रुचि, व कहानियां पढ़ने का चस्का था। कॉलेज के दिनों में कविता को नया मोड़, 1987 के पश्चात फिर से कहानी रचने की ओर रुझान। कुछ पत्रिकाओं के लिये अंग्रेजी से हिन्दी अनुवाद किये, स्केच बनाने में रुचि! तैलचित्र और फैबरिक आर्ट भी बनाती हैं। शि...
Dr. Niranjan Dev Sharma is committed to quality education & establishing an integrated study center.
มุมมอง 3.8K14 วันที่ผ่านมา
डॉ निरंजन देव शर्मा ,हिमाचल के जाने माने साहित्यकार ,राष्ट्रीय पत्र पत्रिकाओं में प्रकाशित कहानीकार , समीक्षक, आलोचक , विचारक ,आप एन सी इ आर टी की पाठ्यक्रम समिति से भी जुड़े रहे। और देश की प्रतिष्ठित युनिवर्सिटी , जवाहर लाल नेहरू विश्विद्यालय से पीएचडी हैं। आप भारत भारती स्कूल के प्रधानाचार्य हैं। क़्वालिटी एजुकेशन की ओर आपके प्रयास सराहनीय हैं। मेडिकल, इंजीनियरिंग एन डी ए जैसी महत्वपूर्ण प्रवेश...
दिन में कपड़े सिलनाऔर रात में चम्बा रुमाल में कढ़ाई करना।अध्भुत लग्न ,हमने दयावंती जी से बातचीत की
มุมมอง 1.9Kหลายเดือนก่อน
चम्बा रुमाल चम्बा रुमाल हिमाचल प्रदेश की एक विशेष कढ़ाई कला है, जो चम्बा जिले के स्थानीय पारंपरिक शिल्पकला का हिस्सा मानी जाती है। यह कढ़ाई, जो मुख्य रूप से शुद्ध ऊन और सूती कपड़े पर की जाती है, अपने बारीक और अद्वितीय डिजाइन के लिए प्रसिद्ध है। चम्बा रुमाल का इतिहास और परंपरा न केवल हिमाचल प्रदेश बल्कि पूरे भारत की सांस्कृतिक धरोहर में महत्वपूर्ण स्थान रखती है। चम्बा रुमाल का इतिहास चम्बा रुमाल...
In Search Of
มุมมอง 9Kหลายเดือนก่อน
आज अनकॉमन पीपल अनकट में हम आपकी मुलाक़ात एक ऐसे इंसान से करवा रहे हैं जो अपने कठिन समय से जूझ करनिकलना चाहता है। सवाल जवाब नहीं है। क़दमों की आहाट है रोहतांग से आती रूह को कंपा देने वाली सर्द हवा। त्वचा इतनी रूखी की माचिस की तीली से उस पर कविता लिखी जा सके। , परिवेश का रूखापन, दोस्तों और अपनों के कुछ शब्द , जो हाथ थामने जैसे लगते हैं। शुक्रिया जिंदगी खूबसूरत लगती है अगर , वह हमारी इच्छाओं आकांक्ष...
Kullu Dussehra : A Religious Symphony Unveiled
มุมมอง 2243 หลายเดือนก่อน
All Questions related to Kullu Dussehra, Answered by Jai Chand Thakur a man who is trying to conserve the traditions , devsanskriti , and his knowledge on Malana is unmatchable in a freewheeling interview with Ramesh Pathania here is a link to the complete interview . th-cam.com/video/aDeR2n9IyBE/w-d-xo.html
Kullu Dussehra : A Religious Symphony Unveiled -Jai Chand Thakur Addresses All Your Questions .
มุมมอง 11K3 หลายเดือนก่อน
दशहरा , हिमाचल का सबसे बड़ा उत्सव है , जो कुल्लू में बड़े स्तर पर मनाया जाता है। यहां रावण, मेघनाद, और कुम्भकर्ण के पुतले नहीं जलाये जाते , दशहरा जिसे विजय दशमी या विदा दसमी कहा जाता है , जब अन्य जगहों पर दहशरा समाप्त होता है तो यहां शुरू होता है, रघुनाथ जी की भव्य रथयात्रा से , जिसमें घाटी के समस्त देवी देवता भाग लेते हैं। यह दशहरा सात दिन तक चलता है। पूरी घाटी देवमयी हो जाती है दशहरा को लेकर बह...
Dr. Hem Raj Bhardwaj: A Professor and Alluring Singer.
มุมมอง 1.7K4 หลายเดือนก่อน
Dr. Hem Raj Bhardwaj , a village lad from Dyaar ,a multifaceted human being, Teaches Hindi at Government College Kullu, writes poetry, literature, and anchors various important events, and sings to his heart's content. This melodious voice has performed in more than 100 stage shows in Himachal. A sought-after singer and a professor of Hindi, a recipient of many awards and accolades, he is loved...
Dr.Sanju Paul :Hugely Talented Self Taught Painter, Determined to change the art scene in Himachal.
มุมมอง 2067 หลายเดือนก่อน
हिमाचल में अगर कला दीर्घाओं की बात की जाए तो सबसे पहले शिमला के माल रोड पर स्थित , गैटी थिएटर में बनी कला दीर्घाओं का नाम आता है , फिर कुल्लू जिले में नग्गर में विश्व प्रसिद्ध पेंटर रूसी आर्टिस्ट , कवि निकोलस रोरिक की कला दीर्घा का नाम आता है , जिसमें उनके हिमालय पर बनाये गए चित्र हैं जिनमें सूर्य की रौशनी की बेहतरीन स्टडी है। फिर कुछ निजी गैलरीज़ हैं। इसी साल हिमाचल की कुल्लू मनाली की खूबसूरत व...
Attaboy Khimi Ram Thakur , Everester at 19 , Is now a rescue Hero and mountaineering Entrepreneur
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माउंट एवेरेस्ट चोटी , विश्व की सबसे ऊँची पर्वत चोटी है , जिस पर विजय पताका फहराना हर पर्वतारोही का सपना होता है , सर' एंडमंड हिलेरी और नेपाल के पर्वतारोही शेरपा तेनजिंग नॉर्गे ने 29 मई 1953 में मांउट एवरेस्ट पर विजय प्राप्त की थी, उसके बाद यह सिलसिला शुरू हुआ। एक समय आया जब युवाओं में भी यह उत्साह बढ़ने लगा। हिमाचल पर्वतारोहियों की धरती हैं कर्नल प्रेम चंद जिन्हें हीरो आफ कंचन जंगा कहा जाता है ह...
Dhale Ram Suman, the exceptional trekking guide who has saved many lives.
มุมมอง 2007 หลายเดือนก่อน
ढाले राम सुमन ढाले राम सुमन उत्तरी भारत के जाने माने ट्रैकिंग गाईड हैं , हिमाचल में हर ट्रेकर की जुबाँ पर इनका नाम है। हिमाचल के लगभग सभी ट्रेक इन्होने आसानी से किये हैं। पर्यावरण के प्रति बहुत सजग हैं , अभी हाल ही में खीर गंगा में सफाई अभियान करके लौटे हैं आपदा के समय लोगों का साथ दिया , ट्रेक्किग में भटक गए कई ट्रॅक्करस को बचाया। वर्ड बुक आफ रिकॉर्ड ने इन्ह्ने और इनकी टीम को सम्मानित किया। दे...
Dr Satyavrat Vaidya healing drug addicts, in the state-of-the-art Drug De Addiction Centre Bhuntar.
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हिमाचल में नशीले पदार्थों का सेवन अपने चरम पर है , युवा वर्ग का एक बड़ा हिस्सा इसकी चपेट में है , सत्तर के दशक में हिप्पी कल्चर ने दस्तक दी उसके बाद यहां चरस गांजे का प्रयोग बढ़ने लगा ,अस्सी के दशक में स्मैक ने एक पीढ़ी को तबाह कर दिया , अब चरस गांजा अफीम , हेरोइन , चिट्टा हिमाचल के कुछ युवाओं में तेजी से फ़ैल रहा है । हिमाचल में कुल्लू में हिमाचल सरकार का एक बेहतरीन नशा मुक्ति केंद्र है , जो भुंतर...
Sudarshana Thakur; A lady on a mission, changing lives at RADHA
มุมมอง 1.5K8 หลายเดือนก่อน
"दी अनकॉमन पीपल अनकट" , में हम यदा कदा , समाज में काम कर रहे ऐसे असाधारण लोगों से बात करेंगे जो पारंपरिक मीडिया की नज़र में नहीं हैं। चुपचाप अपने स्तर पर समाज को बेहतर बना रहे हैं। पहली कड़ी में , हमने , खखनाल में सुदर्शना ठाकुर जी से बात की , RADHA ngo की संस्थापक हैं। Rural Association for Development and Helpful Assistance . अगर आप को भी लगे की आपके क्षेत्र में , कला , सेवा , पर्यावरण , या राष...
यतिन जी के देव संस्कृति पर दिए गए अपने साक्षात्कार में उन्होंने कई मुद्दों पर अपना प्रकाश डाला है। पठानिया जी द्वारा पूछे गए सवाल सराहनीय है, जो कि आम व्यक्ति के जहन में भी अक्सर आते हैं। साक्षात्कार के लिए बहुत 2 बधाई 🌹
बहुत आभार और शुक्रिया आपका। यतिन जी के पास ज्ञान का भंडार है।
दशहरे में जितने भी पुराने देवते है उन्हें जगह दशहरा में लिख कर दी गई है शायद माफीदार देवी देवता को। राजस्व रिकार्ड भी है
जी रिकार्ड्स तो हैं लेकिन शायद पूरे न हों
बहुत अच्छा साक्षात्कार। पठानिया जी को एक अच्छी बातचीत के लिए बधाई । यतिन को बधाई। आप दोनो का आभार इन तमाम जानकारियों के लिए । यतिन ने एक ज़िम्मेदारी और गम्भीरता से इन विषयों पर अध्ययन किया है, और कर रहे हैं। मुझे सबसे अच्छी बात यह लगती है कि वे एक खुले दृष्टिकोण को बढ़ावा देते हैं । स्थापित मान्यताओं से अलग सम्भावनाओं के होने को स्वीकारना, नए विचारों और तथ्यों को उजागर करता है। कुलांतपीठ के अर्थ को एक अलग तरह से समझने का अवसर मिला । ठारा शब्द को इस के शाब्दिक अर्थ से अलग देखने को मिला और इस की सम्भावना ही अधिक लगी। यह तमाम नई सम्भावनाएँ हमारी सोच को विस्तार देती हैं। आप दोनों को ही पुनः बधाई । और नए वीडियो का इंतज़ार रहेगा ।
बहुत शुक्रिया आपका ईशिता जी , बहुत सारी जानकारियाँ जिन से हम अनिभिज्ञ हैं उनके बारे में पता लगना सदैव ही अच्छा लगता है यतिन जी के पास ज्ञान का भंडार है और बड़ी शालीनता और विनम्रता से वह चीज़ों को सामने रखते हैं , यह गुण केवल ज्ञानी लोगों में ही होते हैं। बहुत आभार आपका टिप्पणी के लिए
" जिन खोजा तिन पाइयाँ "! श्री यतीन पंडित जी को प्रणाम और आपको साधुवाद ! बहुत अच्छी पकड़ है कुल्लू और वहाँ की सनातन परम्पराओं पर। आग्रह है कि कुल्लू से बाहर भी आइए और लोगों का ज्ञान वर्धन करिए !👍💐👌
बहुत आभार आपकी टिप्पणी के लिए , आऊंगा बनारस और आप ही मुझे मदद करेंगे , आप के पास अगर समय होगा तो आपसे बात करेंगे गंगा मैया के चरणों में। मुझे याद है जब करीब ३५ साल पहले बनारस आया था , तो आप ही ने राह दिखाई थी।
A true inspiration ❤ what a lovely interview. It's like listening to the water flow that doesn't need to be loud to express itself beautifully.
What a beautiful comment. Thank you so much, dear Tista for listening this and commenting. 🫶🏻
This is beautiful. Many congratulations for creating this 🙏
Thank you for your kind words . Please visit all the interviews if you have the time . Regards
bahut hi jagruk or gehra vishleshan bahut achhi charcha 🙏👍👍
Thank you so much for your kind words
Great session & thanks for the amazing knowledge sharing
Thank you so much .
ठारा करडू और इन सभी देव/देवी समूहों को लेकर कोई ऐतिहासिक साक्ष्य मिलते हैं क्या?
नमस्कार मैम ऐतिहासिक साक्ष्य मेरी नज़र में नहीं हैं। परंतु इस संख्या को लेकर कैस्पियन सागर से लेकर अरुणाचल तक, पहाड़ों की लोकपरम्परा में कुछ ना कुछ अवश्य मिलता है। वरयाम गुरु जी से वार्ता करते हुए एक चीज़ समझ आई इस विषय को लेकर। "भाषा और बोली के माध्यम से इतिहास की वो कड़ियाँ जुड़ सकती हैं, जो वास्तविकता के अधिक निकट है"
एक और बहुत अच्छे साक्षात्कार के लिए हार्दिक बधाई पठानिया जी और यतिन जी बातचीत बहुत रोचक ,ज्ञानवर्धक , तर्कशील और कई महत्वपूर्ण सवालों को उठाती है। Yatin,गंभीर शोधार्थी तो हैं ही एक बहुत अच्छे प्रशिक्षक भी हैं टांकरी लिपि के। लोकल देवताओं के नाम बदलने की कवायद कब शुरू हुई होगी,इस पर अध्ययन की जरूरत उठाती हुई बातचीत। लोक संस्कृति के पक्ष पर महत्वपूर्ण सवाल. नाग परम्परा और ब्यास कुंड . पहाड़ का देवता... परंपराएं इसी तरह से मुख्यधारा की अवधारणाओं से गढ़ी जाती हैं,गुम कर दी जाती हैं,कुछ पीढ़ियों के बाद खत्म सी होती प्रतीत होती हैं,लेकिन कोई यतिन आ ही जाते हैं। बहुत बधाई 🎉
हार्दिक आभार मैम 🙏 भविष्य में भी आपसे मार्गदर्शन अपेक्षित है 🙏
@@yatinpandit2788 हमें आपसे सीखना है यतिन, सचमुच।
बहुत आभार आपकी टिप्पणी के लिए , आप ने समय दिया , यतिन पंडित जी पर बहुत जिम्मेदारियां है , इस शोध को आगे बढ़ाने की। उनकी लग्न और गंभीरता मुझे यह भरोसा दिला गयी बातचीत के दौरान
Well done Yatin !! Keep going ahead!!🎉🎉🎉🎉
शुक्रिया भाई
Thank you so much 😄
वाह।
Thank you
gurudev yatin ji ko mera pranam🙏🌸
❤🙏
@ 🙏
❤🙏
Yatin Sir लिपि और संस्कृति के अन्वेषण में बहुत अच्छा कार्य कर रहे हैं 🙏🏻🙏🏻
His contribution is immense. Thank you for commenting.
शानदार
Thank you so much .
बहुत धन्यवाद आपका। 🙏🏻
आपको, आपके परिवेश को,आपकी साहित्यिक यात्रा व अपकी जीवन-दृष्टि को समझने में सहायक है यह साक्षात्कार..बधाई
समय निकाल कर देखने और टिप्पणी करने के लिए सादर धन्यवाद, सर! 🙏🏻
बचपन में दूरदर्शन पर कृषी दर्शन देखता था। अब social media पर बहुत से साहित्यिक संवाद देख रहा हूँ । तो महसूस होता है कि interview एक teamwork है, सवालों से पहले जिनसे सवाल पूछे जाने हैं उनपर उनका अध्ययन ज़रूरी है। आप दोनों व समस्त team को बधाई ।
आप ने बहुत सही कहा , इंटरव्यू से पहले थोड़ी जानकारी तो जरूरी है , टेलीविज़न या बड़े चैनल्स में एक रिसर्च टीम होती है जो यह काम करती है। pod cast अब आम बात हो गयी है। पॉडकास्ट रेडियो पॉडकास्ट होते थे , लेकिन अब ऑडियो के साथ विडिओ भी शामिल कर दिया। और यह आम हो गए। रेडियो संसार का सबसे महत्वपूर्ण सोर्स था कभी समाचारों और मनोरंजन के लिए। आधुनिक पॉडकास्ट मैंने 2009 में समझा। आपका बहुत बहुत शुक्रिया आपने यह देखा और सुना। ऐसे ही बनें रहें हमारे साथ , अभी और भी रोचक uncommon people आप से मिलवाएंगे. धन्यवाद
समय निकाल कर देखने, सराहने और कमेंट करने के लिए आभार 🙏🏻
विदुषी ईशिता जी और वरिष्ठ पत्रकार लेखक रमेश पठानिया जी की यह साहित्यिक - सामाजिक वार्ता बहुत से पहलुओं को उजागर करती है । इसमें पहाड़ों के घटते पहाड़पन की चिन्ता है ।पर्यावरण के प्रति संवेदनशीलता है ।कहानी और कहानीकारों से जुड़े अनेक सवाल-जवाब हैं । बच्चों एवम् टीनऐजर्स की अनुभवजनित समस्याओं के निदान के लिए ईशिता जी का पुस्तक लिखना ,भिन्न-भिन्न महिलाओं से संवाद करना,उनकी पीड़ा सुनना,उनका दर्द बाँटना उन्हें विशिष्ट बनाता है । सही कहा इशिता जी ने कि अतीत के प्रभाव खत्म नहीं होते हैं जब-जब वे आपके वर्तमान को प्रभावित करते हैं ।आपके ज़ख़्म अवश्य ताजा होते हैं लेकिन बीतते समय के साथ वे भरने लगते हैं । पुस्तकें हमारे जीवन को प्रभावित करती हैं ।वे हमें कभी अकेले नहीं होने देती हैं ।विभिन्न लेखकों की विविध विधाओं की पुस्तकें पढ़ना हमें जीवन ,समाज और अतीत को जाने -समझने और परखने की क्षमता प्रदान करता है ।साक्षात्कारकर्ता और लेखिका दोनों ही गंभीर पाठक भी हैं और अपने सहज लेकिन प्रभावी सवाल-जवाबी संवादों द्वारा स्वयं को सीधे दर्शकों ,श्रोताओं/पाठकों से जोड़ देते हैं ।आप दोनों का यह साहित्यिक संवाद अविस्मरणीय रहेगा।आप दोनों को साधुवाद …शुभकामनाएँ ।
डॉ पारुल तोमर जी आपने समय निकाल कर यह इंटरव्यू देखा , आपका बहुत -बहुत आभार। साहित्य लेखन और चित्रकला में आप की देश में अलग पहचान है। देश की सभी नामी गिरामी पत्र पत्रिकाओं में आपके , लेख , कवितायें , प्रकाशित होते रहते हैं। आपकी यह टिप्पणी मेरे लिए प्रेरणा स्रोत का काम करेगी। भविष्य में आपकी शुभकामनाएं मिलती रहेंगी ऐसा मेरा विश्वास है।
हार्दिक धन्यवाद, पारुल जी, पूरे साक्षात्कार को सुनने और और विस्तृत टिप्पणी के लिए! आपके शब्द प्रोत्साहित करते हैं!
बहुत ही दिलचस्प और जानकारी से परिपूर्ण साक्षात्कार। सधे हुए सवाल , मंझे हुए जवाब, एकदम धाराप्रवाह सा संवाद। आधुनिक पीढ़ी को सफल और संवेदनशील बनाने के लिए किताबों और कहानियों से प्रेरणा लेने की जरूरत है। बहुत अच्छा लगा, आपको बहुत बहुत बधाई एवं शुभकामनाएं इशिता जी ! इंदु पटियाल।
@@vijaypatiyal9483 जय देवा, बहुत शुक्रिया आपका पटियाल साहेब और इंदु जी । 🙏🙏
हार्दिक धन्यवाद आपका, इंदु जी! 🙏🏻🙏🏻
Ishita is talented . Her story was thought provoking and rendering beautiful . Wish her good luck in her future literary endevours
@@Malice-Towards-One-and-All It used to be my favorite column for years . Thank you for your comment. @malice-Towards-One-and -All.
Thank you so much for your appreciation and good wishes. 🙏🏻
It is such an engrossing dialogue between an insightful journalist and educationist with distinction.
Thank you so very much for your encouraging words .
Always love to hear you 👍👍❤❤❤❤❤
Thank you so much for taking out time to watch and comment, dear ma’am!
ईशिता जी और रमेश पठानियां का साहित्य संवाद बहुत सुंदर है। ईशिता जी आप ने इतना हिंदी साहित्यकारों को पढ़ा है ये जानकार बहुत अच्छा लगा। मुझे नहीं लगता आज के लेखक इतना पढ़ते हैं। बहुत ही सारगर्भित संवाद। रमेश पठानियां जी वरिष्ठ पत्रकार हैं। आप ने बहुत शिद्दत और संजीदगी से साहित्यकार और साहित्य पर चर्चा की। सुनने वाले दर्शक इस संवाद से निश्चय ही लाभान्वित होंगे।
भारती जी आप स्वयं एक चर्चित प्रकाशित कवि (कवयित्री ) और कहानीकार हैं , रंगकर्मी हैं , साहित्य में आपकी काफी पैठ है। आपकी टिप्पणी पढ़कर अच्छा लगा। आपने समय निकाला और यह इंटरव्यू देखा। बहुत आभार आपका।
आपका बहुत आभार प्रिय भारती मैम, समय निकाल कर देखने के लिए और इस प्रोत्साहित करते कमेंट के लिए! सादर अभिनन्दन । 🙏🏻
बहुत करीब से आपको जानता हूं, पहचानता हूं। इसलिए 🌹नहीं कि मेरी पत्नी हो। आपकी भाषा पर पकड़,सही समय पर सही शब्द उपयोग में लाना, आपकी कला और सोच को दर्शाता है।घर पर आपकी कई छोटी 2 कहानियां, कविताएं अक्सर सुनी और पढ़ी है। आपकी ग्रामीण परिवेश को लेकर जो पकड़ और सोच है, बहुत करीबी लगती है। जो अक्सर है भी। आगे खूब अच्छा करो और अच्छा 2 लेखन पढ़ने को मिले, आपको शुभकामनायें। साक्षात्कार के लिए पठानिया जी को साधुवाद। बहुत अच्छे 2 सवालों के जवाब के साथ इशिता जी को बधाई।
धन्यवाद गिरीश! सभी कुछ के लिए! 😊
आपका बहुत आभार गिरीश जी , आपसे मिलकर अच्छा लगा , आपके व्यक्तिव से प्रभावित हुए बिना नहीं रह पाया. झील सी शान्ति आपके चेहरे पर बिना कुछ कहे बहुत कुछ कह गयी । टिप्पणी के लिए आभार।
We are so proud of you ❤
Thank you so much for your love and support. 😊
Outstanding 👌🏻👌🏻👌🏻🥰🥰🥰 Proud to be your friend 🥰🥰🥰
Thank you so much for your love and support! 😊
Nice chachi
Thank you! 💐
अभी पूरा सुना । आनंद आ गया ❤
बहुत धन्यवाद सुनीता । सप्रेम! 💐
Many many Congratulations ma'am on this remarkable recognition! It’s such a joy to see your poetic brilliance and dedication celebrated so beautifully. What touched me most was the opportunity to glimpse your journey up close-the struggles, triumphs, and the deep passion that shapes your poetry. It felt like a window into the soul of an artist, and it made me admire you even more, not just as my teacher but as an incredible human being. Thank you for sharing this part of your world with me. It’s a gift to learn from someone who inspires through both their words and their life. May you always soar high❤️
Thank you so much Dear Ishita, for sparing time to watch this interview with such involvement and also for reflecting on this in detail..
The best compliment from a student. ,"It felt like a window into the soul of an artist, and it made me admire you even more, not just as my teacher but as an incredible human being. Thank you for sharing this part of your world with me. It’s a gift to learn from someone who inspires through both their words and their life. May you always soar high". Thank you for watching.
अभी इंटरव्यू पूरा सुना। बहुत बेहतर हर लिहाज़ से। सवाल भी अच्छे और जवाब भी सधे हुए। *कहानीकार के लिए स्वयं को कहानी से अलग रखना ज़रूरी है।* *कहानी के पात्र स्वयं अपनी भूमिका तय करते हैं* (कहानीकार के तौर पर इशिता के लिए) एक कथाकार के लिए यह जान लेना गहरी और ज़रूरी बातें हैं। प्रेमचंद की प्रासंगिकता और *लाले की नूह* को ले कर संपादक का जवाब ज़रूरी चर्चा को आगे बढ़ा सकते हैं । बहुत बधाई आप दोनों को। 💐💐 इस बरस ईशिता के कहानी संग्रह का इंतजार रहेगा। और पठानिया जी के अगले एपिसोड का।
ईशिता जी साहित्य की बारीकियों को खूब समझती हैं , उनसे बात करके बहुत कुछ सीखा मैंने। ओस की बूंदों की ताजगी लिए हुए उनके उत्तर कहानी पर चर्चा के लिए शायद एक और मौक़ा दें। आपसे साहित्य को लेकर चर्चा के लिए खुद को तैयार कर रहा हूँ। आपका बहुत आभार और शुक्रिया की आपने व्यस्तता के बावजूद समय निकाला डॉ साहेब
आपकी टिप्पणी का इन्तजार था निरंजन! आपसे और बात करना अच्छा लगेगा । बहुत धन्यवाद । 😊
superb story ishu
Thank you so much for your encouraging words.
Ma'am you are super talented ❤
undoubtedly
Great❤
Thank you so much! 😊
Bahut accha interview ! Ishita aapke paas shabdon ka bhandar hai.
सादर धन्यवाद आपका! 🙏🏻🙏🏻
Super enlightening
Thank you so much Divyanshu.
येस कहने के लिए रुकने की ज़रूरत नहीं, आप को लिखना होता है
अजेय सर बहुत शुक्रिया और आभार आपका , आपने देखा और टिप्पणी की ,सच," येस कहने के लिए रुकने की ज़रूरत नहीं, आप को लिखना होता है"
सुनने और कमेंट करने के लिए धन्यवाद, अजेय । चर्चा जारी रहेगी । 😊
The interview offers a profound insight into the world of literature, Congratulations dear Ishita mam.
Thank you so much Namita for taking out time and listening and appreciating the whole thing.
Thank you for watching.
Amazing video! 🙌
Thank you so much.
Thank you Radhika , we did mention Gurudev Rabindera Nath Tagore in the interview , Your favourite .
अद्भुत
धन्यवाद निशांत । 🙏🏻
एक सुंदर और रोचक बातचीत 😊
बहुत धन्यवाद रवि।
मुझे नहीं लगता कि बच्चे अब कहानियां सुन रहे हैं। गांव अब रहे नहीं उस तरह के। वहां टीवी,मोबाइल सब हैं (जो शहर मे भी है) यह दुखद है। ( हालांकि मैं चाहूंगी कि स्टूडेंट्स मेरी बात को गलत सिद्ध करें)
कहानियों की जरूरत को समझते हुए हमें बच्चों के साथ नये रिश्ते बनाने होंगे ।
जी कहानियों और बच्चों की बेड टाइम स्टोरीज को तो ज़िंदा रखना होगा। गाँव में अब भी रात का खाना सब लोग इकट्ठे खाते हैं , उस समय अगर घर के लोग यह कहदें की रसोई घर या खाने की जगह पर फ़ोन नहीं आएंगे , और सबको यह बताना होगा की उनका दिन कैसे बीता तो शायद परिवार के सदस्यों में बात चीत का सिलसिला शुरू हो फिर बुजुर्ग , कोई कहानी किस्सा सुना सकते हैं। वरना यह खत्म ही समझिये। लेकिन प्रयास जारी रहने चाहिए
She is really very talented. Loved watching her interview . Wish her good luck . 👍
@@neerasannoo, Thank you so very much for taking out time and adding an inspiring comment. 🙏🏻
बिल्कुल @@RPSHOW001
बहुत अच्छा सवाल किया है अतीत को लेकर। बहुत अच्छा उत्तर है इशिता का। प्रभाव रह गया तो दुःखी! छोटी बात याद रह जाना,बड़ी बातें भूल जाना। (प्रभाव पर निर्भर) सही बात।
बहुत शुक्रिया और आभार आपका डॉ उरसेम लता मैम , आपने समय निकाल कर देखा और टिप्पणी की।
बहुत धन्यवाद आपका, उरसेम! 🙏🏻
रोचक !! बहुत सुंदर साक्षात्कार!! दोनो की भाषा,समझ,कहानी लेखन की तकनीक,रचना प्रक्रिया पर बहुत सुंदर बातचीत 🎉❤ लेखक का पात्र ही बन जाना। (कालिदास सच - सच बतलाना - याद आया) साक्षात्कारकर्ता और साक्षात्कार देने वाले दोनों का स्तर एक जैसा हो तो और प्रभावी हो जाता है इंटरव्यू। बधाई आप दोनो को❤ रविन्द्र,शरतचंद्र,मंटो !!! Ishita का उत्तर शानदार!! आगे देखकर करूंगी बात
बहुत धन्यवाद उरसेम । मुझे भी इन विषयों पर बात करना बहुत अच्छा लगा ।
Your contribution is valuable in promoting literature and culture and discovering new hidden treasures Sir 🙏🏻🙏🏻
Thank you so much, we have a treasure of hugely talented people around us, ignored by the mainstream. My aim is to reach them and have a conversation. Thank you for watching and kind words.
Great
Great Sir, really nice interview...🙏
@@sarveshsharma9323 Thank you so much. Thank you for your time and encouraging comment 🙏
Very informative about bharat bharati and also about Niranjan dev sharma
Thank you very much for watching and commenting.
Very good interview
Thank you so much Dr. Saheb
Learnable and inspiring interview of Niranjan Dev Sir. My best wishes for his development. Nice video.👍💐👌
Thank you so much 💐