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वैदिक विद्या केंद्र
India
เข้าร่วมเมื่อ 27 ก.ย. 2024
महर्षि दयानंद सरस्वती अपने जीवन काल में प्रचारार्थ दक्षिण भारत में नहीं आ सकें। वें उत्तर भारत में ही जन जागरण एवं धर्म प्रचार का कार्य करते रहे। बाद में स्वामी श्रद्धानंद का प्रवेश दक्षिण भारत में हुआ। चेन्नई में जयदेव आर्य द्वारा आर्य समाज एवं डी.ए.वी स्कूल की नींव रखी गई। अगली पीढ़ी के अथक प्रयास के कारण आज यह वृक्ष शाखाओं-प्रशाखों में विभक्त होकर एक विशाल वट वृक्ष का रूप धारण कर लिया है। समय के साथ और विस्तार रूप देने के लिए दक्षिण भारत में पुदुचेरी से 15 Km पहले PIMS के निकट वैदिक विद्या केंद्र स्थापित है। जिसका उद्देश्य चारों वर्णों एवं आश्रमों के लिए साधक आश्रम, आर्ष गुरुकुल,कौशल विकास योजना द्वारा आर्य युवतीयों एवं युवकों के लिए आत्मनिर्भर बनाने हेतु प्रकल्प प्रारंभ किया गया है। साथ ही यह वैदिक शास्त्रों पर अनुसंधान करने वाले आधुनिक एवं प्राच्य विषयों के शोधकर्ताओं के लिए यह केंद्र स्वस्थ वातावरण प्रदान करने के लिए संकल्पित है। संस्था द्वारा इस यूट्यूब चैनल का निर्माण वैदिक विद्या केंद्र में होने वाले छायांकित सभी चलचित्रों को समाज के सामने प्रस्तुत करने के लिए बनाया गया है।
วีดีโอ
स्वतंत्रता और आर्य समाज
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वैदिक विद्या केंद्र, पुदुचेरी के उद्घाटन समारोह ज्ञान ज्योति पर्व के रूप में विगत 15 सितंबर को प्रारंभ किया गया। जिसमें उत्तर प्रदेश आर्य प्रतिनिधि सभा के प्रधान डॉक्टर देवेंद्र पाल वर्मा जी अपना उद्बोधन व्यक्त कर रहे हैं ।
Bohot aachha initiative hai, Dhanyavad aap ke Prayas ke liya