कबीर जीवन सार
कबीर जीवन सार
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क्या शास्त्र, गुरु और परंपरा की सभी बाते सही होती है ?
มุมมอง 18หลายเดือนก่อน
कबीर जीवन सार ,क्या शास्त्र, गुरु और परंपरा की सभी बाते सही होती है ?
भ्रामिक शब्दो से बचाव # भ्रामिक शब्द ही पतन का करण है
มุมมอง 43หลายเดือนก่อน
कबीर जीवन सार, भ्रामिक शब्द ही पतन का करण है
शब्दो के जंजाल से कैसे बचे ?#बिना पारख के शब्द विनाशकारी होते है ।
มุมมอง 378หลายเดือนก่อน
कबीर जीवन सार, शब्दो के जंजाल से कैसे बचे ?#बिना पार के शब्द विनाशकारी होते है ।
मै सबसे भिन्न हूँ # क्या चेतन जीव ही सबसे भिन्न है ?
มุมมอง 90หลายเดือนก่อน
कबीर जीवन सार, मै कोन हूँ
शब्दो का महत्व ओर उनका मूल्यांकन # सार व असार शब्दो की पहचान
มุมมอง 40หลายเดือนก่อน
कबीर जीवन सार, शब्दो का महत्व ओर उनका मूल्यांकन # सार व असार शब्दो की पहचान
मानव जीवन ओर मन का महत्व
มุมมอง 41หลายเดือนก่อน
कबीर जीवन सार, मानव जीवन ओर मन का महत्व
जीवन की असावधानी # कबीर जीवन सार
มุมมอง 68หลายเดือนก่อน
कबीर जीवन पथ #motivation ।kabir jeevan saar
अज्ञानता ही सब दुखो का कारण है।
มุมมอง 32หลายเดือนก่อน
कबीर जीवन सार, अज्ञानता ही सब दुखो का कारण है।
मनुष्य के गुणो की विशेषता
มุมมอง 265หลายเดือนก่อน
कबीर जीवन सार, मनुष्य के गुणो की विशेषता
जीवन का सच्चा व्यापार # मनुष्य को आध्यात्म का सच्चा व्यापारी होना चाहिए।
มุมมอง 44หลายเดือนก่อน
कबीर जीवन सार, जीवन का सच्चा व्यापार # मनुष्य को आध्यात्म का सच्चा व्यापारी होना चाहिए।
तृष्णा का प्रालब्य # तृष्णा ही दुखो की जननी है ।
มุมมอง 89หลายเดือนก่อน
कबीर जीवन सार, तृष्णा का प्रालब्य # तृष्णा ही दुखो की जननी है ।
अज्ञान और मोह से ऊपर उठो # अज्ञान ही चिता है जिसमे मनुष्य का दाह होता है ।
มุมมอง 39หลายเดือนก่อน
कबीर जीवन सार, अज्ञान और मोह से ऊपर उठो # अज्ञान ही चिता है जिसमे मनुष्य का दाह होता है ।
क्या विनम्र होना जरुरी है ?# क्या विनम्रता से ही कल्याण होगा ?
มุมมอง 66หลายเดือนก่อน
कबीर जीवन सार, क्या विनम्र होना जरुरी है ?# क्या विनम्रता से ही कल्याण होगा ?
सुख तुमसे बाहर नही ।
มุมมอง 345หลายเดือนก่อน
कबीर जीवन सार, बाहरी प्रपंच के सु को छोड़कर आंतरिक सु की पहचान करो ।
जीवन क्षणभंगुर है समझकर पहले ही हो जाओ सावधान
มุมมอง 8612 หลายเดือนก่อน
जीवन क्षणभंगुर है समझकर पहले ही हो जाओ सावधान
ब्राह्मण कौन है ? । ब्राह्मण किसे कहते है ?। व्यक्ति गुणो से ब्राह्मण होता है या जाती से ।
มุมมอง 1.4K2 หลายเดือนก่อน
ब्राह्मण कौन है ? । ब्राह्मण किसे कहते है ?। व्यक्ति गुणो से ब्राह्मण होता है या जाती से ।
मानव का लक्ष्य बाहर नही भीतर है ।
มุมมอง 7242 หลายเดือนก่อน
मानव का लक्ष्य बाहर नही भीतर है ।
संदेहशील व्यक्ति साफ बाते नही कर सकता है ।
มุมมอง 472 หลายเดือนก่อน
संदेहशील व्यक्ति साफ बाते नही कर सकता है ।
स्वरूप राम में रमो # संसारिक राम को छोड़कर कर अंदर के चेतन्य राम में रमो
มุมมอง 1.9K2 หลายเดือนก่อน
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मन से संसार को कैसे निकाले ? # क्या संसार की आसक्ति में सुख है ?
มุมมอง 1.2K2 หลายเดือนก่อน
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मोह-माया पर कैसे विजय प्राप्त करे ? क्या ग्रहस्थ में रहकर मोह-माया का त्याग कर सकते है ?
มุมมอง 1K2 หลายเดือนก่อน
मोह-माया पर कैसे विजय प्राप्त करे ? क्या ग्रहस्थ में रहकर मोह-माया का त्याग कर सकते है ?
आचरण कैसा होना चाहिए ?# आचरण का सुधार कैसे करे ?
มุมมอง 9612 หลายเดือนก่อน
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भ्रम से जागो # कैसे भ्रम मे पडकर मनुष्य खुद का पतन कर रहा है
มุมมอง 1K2 หลายเดือนก่อน
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मोक्ष तुम्हे खुद लेना पडेगा ।
มุมมอง 9982 หลายเดือนก่อน
मोक्ष तुम्हे खुद लेना पडेगा ।
संसार ही दुखों का कारण है
มุมมอง 6342 หลายเดือนก่อน
संसार ही दुखों का कारण है
धर्म के नाम पर हिंसा मत करो
มุมมอง 662 หลายเดือนก่อน
धर्म के नाम पर हिंसा मत करो
जीवन का मूल लक्ष्य क्या है ? अपने लक्ष्य को पहचान कर उसकी ओर लोटो । उर्ध्वरेता बनो
มุมมอง 5572 หลายเดือนก่อน
जीवन का मूल लक्ष्य क्या है ? अपने लक्ष्य को पहचान कर उसकी ओर लोटो । उर्ध्वरेता बनो
समय को पहचानो
มุมมอง 6252 หลายเดือนก่อน
समय को पहचानो
ओम का जीवन मे महत्व है या नही
มุมมอง 1.5K2 หลายเดือนก่อน
ओम का जीवन मे महत्व है या नही

ความคิดเห็น

  • @kuwarpandit333
    @kuwarpandit333 2 หลายเดือนก่อน

    ब्रह्म को जानने वाले को ब्राह्मण कहते हैं ब्राह्मण जाति से नहीं बनते हैं कर्म से बनते हैं

    • @KabirJeevansaar567
      @KabirJeevansaar567 2 หลายเดือนก่อน

      @@kuwarpandit333 Shai bat

    • @KabirJeevansaar567
      @KabirJeevansaar567 2 หลายเดือนก่อน

      @@kuwarpandit333 ek bar jaror video sune

    • @KabirJeevansaar567
      @KabirJeevansaar567 2 หลายเดือนก่อน

      @@kuwarpandit333 aapke vichar bhot aache h pandit ji

  • @bhaveshkumarmarkande4422
    @bhaveshkumarmarkande4422 2 หลายเดือนก่อน

    ❤❤❤❤❤jai satguru ram ji❤❤❤❤❤❤❤❤

  • @ashokgupta1241
    @ashokgupta1241 2 หลายเดือนก่อน

    भ्रम और धोखे में पटककर आजकल इंसान नीच निकम्मा हो गया है कि लोगो का धन दौलत रुपए पैसे हड़पने के लिए हर हथकंडे अपना लेता है। भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी करना अपना संवैधानिक अधिकार समझता है।ठगी ब्लेकमेलिंग छलकपट धोखाधड़ी ब्लेकमेलिंग करना आम बात है और झूठी कसमें खाना भी एक परम्परा बन गई है। प्रवचन में लाखो लोगो की भीड़ इकट्ठी होती है किन्तु इस भीड़ में से कितने लोग जीवन यात्रा में सत्ता न्याय नीति दया धर्म सहयोग समर्पण ईमानदारी श्रृद्धा भक्ति विश्वास पर जीवन यात्रा व्यतीत करने वाले कितने लोग हैं अपनी आत्मा से पूछ्ना चाहिए

    • @KabirJeevansaar567
      @KabirJeevansaar567 2 หลายเดือนก่อน

      Thanks

    • @KabirJeevansaar567
      @KabirJeevansaar567 2 หลายเดือนก่อน

      इन सब से बचकर निकलना है

  • @jagdishprasadmeena7752
    @jagdishprasadmeena7752 2 หลายเดือนก่อน

    Sat Saheb 🙏🙏

  • @satyasanatan9329
    @satyasanatan9329 2 หลายเดือนก่อน

    हां भैया मोक्ष सबको अपनी खुद लेनी पड़ती है जिसका स्वभाव होगा मोक्ष लेने का वह स्वयंले लेगा

  • @Shailesh-zs1kl
    @Shailesh-zs1kl 2 หลายเดือนก่อน

    Kabir Swayam Ram thae, Sant Roop mei swayam Parmatma Satlok sae utar kar Dharti par aye aur Joe Geeta ka Sar log samaj nahi sakae usae badi Samanya bhasha mei hame Gyan sae prakashit kiya 🌻🌻🌻🌻🌼🌼

  • @user-hl1zj8ix3f
    @user-hl1zj8ix3f 2 หลายเดือนก่อน

    Write knowledge

  • @salikramsoni4560
    @salikramsoni4560 2 หลายเดือนก่อน

    ।।जय श्री सच्चिदानंद परमेश्वराय नमो नमः।।::-कहत साँई अरुण जी महाराज सुनो भाई सारशब्दी संतो::-पांच तत्वन,का पूतला, मानुष धरियो नाम। सारशब्द से बीछडे, जाये लखचौरासी की ठाम।।01।।मन मैला तन ऊजला, बगुला कपटी अंग। तासे तो कौआ भला, तन मन एक ही रंग।।02।।आया था किस काम को, तू सोया चादर तान। सुरति सम्भाल ऐ गाफिल, अपने आप को पहचान।।03।।रस्सी बंधी पांव मे, तू क्यो सोवे सुख चैन। ये स्वांस नगाडे मौत के, बाज रहे दिन रैन।।04।।आत्मा परमात्मा संगति सारशब्द की, जो कोई पूछे बात। जैसे कुंवारी कन्या से पूछे, पति प्रेम की बात।।05।।::-टीप::तन बिगाड़ने वाले खान-पान से, मन बिगाड़ने वाले विचारो से और मानसिकता बिगाड़ने वाले नकली ढोंगी गुरुओ से सदा दूर ही रहना चाहिए और सच्चे परम भेदी गुरु की तलाश करनी चाहिए।।01।।अपने हर दिन को अंतिम दिन मानकर अखंड सारशब्द रमैया राम नाम परमात्मा परमेश्वर प्रेम का हर पल सुमिरण करना चाहिए। यही मानव जीवन का मूल उद्देश्य है। हमारे संतो ने इसे परममोक्षदाई बतलाया है।।02।।जो देही गुरु, संत-साधू और सन्यासी अपनी आत्मा से परिचित नही है तथा अपनी आत्मा की शक्ती को नही जानते है। ऐसे सब गुरु साधू संत सन्यासी महन्त मनमुखी होते है। ऐसे गुरु साधू संत सन्यासी महन्त के शिष्य भी मनमुखी ही होते है, जिस कारण उनका इस भव जगत का जन्म मरण का बंधन नही टूट सकता।।03।।,,साँई अरुण जी महाराज नासिक महाराष्ट्र और सारशब्दीय संत परिवार को सादर समर्पित,,सालिकराम सोनी।।00।।

  • @shivbahadurverma6240
    @shivbahadurverma6240 2 หลายเดือนก่อน

    Saheb bandagi saheb ji with respectfully and with honour 🙏🙏

  • @munnalal-ui6lb
    @munnalal-ui6lb 3 หลายเดือนก่อน

    सतलोक में पूर्ण ब्रह्म नहीं है सतलोक में कबीर जी नहीं। सतलोक में अखंड मुक्ति नहीं है। सतलोक काल के गाल में है। जहां काल है वहां दयाल नहीं है और जहां दयाल है वहां काल नहीं है।

    • @KabirJeevansaar567
      @KabirJeevansaar567 3 หลายเดือนก่อน

      मै कौन हूँ ये जानना ह पहले

    • @KabirJeevansaar567
      @KabirJeevansaar567 3 หลายเดือนก่อน

      काल भी मनुष्य की अपनी मानंदी है

    • @munnalal-ui6lb
      @munnalal-ui6lb 2 หลายเดือนก่อน

      @@KabirJeevansaar567 काल भगवान है लेकिन पूर्ण ब्रह्म नहीं। वेद शिक्षा दे रहे हैं जो पांच तत्व तीन गुण प्रकृति जड़ संसार से अलग है उसे ही जानो उसे ही मानो उसे ही ग्रहण करो उसकी जगह दूसरे को नहीं। यह वेद ज्ञान है। लेकिन वह क्या है उसका वेदों को पता नहीं। यही बात गीता की है १५अधधाय१६वांशलोक। हे अर्जुन! दो पुरुष हैं क्षर अक्षर तीसरा उत्तम पुरुष अलग है। उनका पता नहीं। तभी तो कहा है। वेद थके ब्रह्मा थके थक गए शेष महेश। गीता को जहां ग़म नहीं वह सद्गुरु का देश।। अब जिस को परमात्मा की गम नहीं है राम पाल उसका प्रमाण देता है। और जो सारे शास्त्रों का सार है भागवत उसके बारे में एक शब्द नहीं आता। उल्टा निंदा करता है किराधे राधे श्याम मिला दे क्या है। ब्रज और रास लीला जो पूर्ण ब्रह्म सच्चिदानंद ने करी थी वह अक्षर ब्रह्म के चित में अखंड हो चुकी है। अब तीसरी जागनी लीला कलयुग की चल रही है। वह ब्रह्म आत्मा पहले ब्रज में आई फिर रास में आई अब तीसरी बार कलयुग में आई है उन्हें जगाने के लिए परम धाम का जागृत ज्ञान प्रगट हुआ है। इस के बाद पुरा क्षर ब्रह्मांड अक्षर ब्रह्म के मन में अखंड किया जाएगा।तब इस दुनिया को पता चलेगा कि ब्रज रास और कलयुग में पूर्ण ब्रह्म की लीला हुई थी उसके कारण हमें अखंड मुक्ति मिली।तब यह पूरा ब्रह्मांड जय जय कार करेगा। जिसे क़यामत कहते हैं।

    • @munnalal-ui6lb
      @munnalal-ui6lb 2 หลายเดือนก่อน

      @@KabirJeevansaar567 यह आपका प्रश्न बहुत उत्तम है। मैं कोन हु। और वह परमात्मा कहां है क्या है उनसे हमारा क्या रिश्ता है। वह कहां रहेता है। दुनिया परमात्मा को कण कण में मान रही है लेकिन ऐसा नहीं है। कबीर जी स्पष्ट शब्दों में कहें रहे हैं। पिंड में होता मरता न कोई ब्रह्मांड में होता देखता सब कोई। पिंड ब्रह्मांड दोऊ से न्यारा कहे कबीर सोई साईं हमारा।। यही बात वेद कह रहे हैं जो पांच तत्व तीन गुण प्रकृति जड़ संसार से अलग है उसे ही जानो उसे ही मानो उसे ही ग्रहण करो उसकी जगह दूसरे को नहीं। यह वेद की शिक्षा है लेकिन वह क्या है उसका वेद को भी पता नहीं। यही बात गीता कहे रही है।हे अर्जुन! दो पुरुष हैं क्षर और अक्षर तीसरा उत्तम पुरुष अलग है उसका गीता को भी पता नहीं। तभी तो कहा है। वेद थके ब्रह्मा थके थक गए शेष महेश। गीता को जहां ग़म नहीं वह सद्गुरु का देश।। अब जिस परमात्मा की वेदों को गीता को गम नहीं है। उसका राम पाल प्रमाण देता है। तो पूर्ण ब्रह्म की प्राप्ति कैसे होगी? ब्रह्म काल निरंजन की प्राप्ति हो जायेगी। लेकिन काल निरंजन आदि नारायण सतलोकबैकुंठ खुद काल के गाल में है। तो तुम्हें अखंड मुक्ति कहां से दे गें बस इस पर ही विचार किया जाए इतना ही काफी है।

  • @munnalal-ui6lb
    @munnalal-ui6lb 3 หลายเดือนก่อน

    अज्ञानता के कपाट सतलोक बैकुंठ से नहीं खुलते। सतलोक बैकुंठ प्राकृतिक पन्ना केअंदर है। सतलोक बैकुंठ में अखंड मुक्ति नहीं है। पूर्ण ब्रह्म सतलोक बैकुंठ के अंदर नहींहै। कबीर सब सतलोक बैकुंठ में नहीं है। कलयुग में जो सपनों में बैकुंठ से परे है और उसके भी परे है। कोशिका जागृत ज्ञान कलयुग बुद्ध शाखा में प्रकट हुआहै इसलिए कलयुग चारों युगों में श्रेष्ठ है।

    • @KabirJeevansaar567
      @KabirJeevansaar567 3 หลายเดือนก่อน

      साहेब बंदगी कलयुग को मानना मेरा अपना विचार है यही तो बाणी जाल मे गुरुवा लोग फसाते है इसी से बचना है

    • @munnalal-ui6lb
      @munnalal-ui6lb 3 หลายเดือนก่อน

      @@KabirJeevansaar567 प्रमाण के साथ बात करने चाहिए। बिना प्रमाण के कोई भी चीज सत्य नहीं हो ती।

    • @KabirJeevansaar567
      @KabirJeevansaar567 3 หลายเดือนก่อน

      ठीक है महाराज जी

    • @KabirJeevansaar567
      @KabirJeevansaar567 3 หลายเดือนก่อน

      पहले आप कलयुग सतयुग से बाहर निकलो

    • @KabirJeevansaar567
      @KabirJeevansaar567 3 หลายเดือนก่อน

      अभी तक इन्ही बाणी जाल मे फसे हो

  • @surendratak6536
    @surendratak6536 3 หลายเดือนก่อน

    Saheb bandagi saheb ji

  • @user-ig8sv9is4i
    @user-ig8sv9is4i 3 หลายเดือนก่อน

    Sat saheb ji ❤❤❤❤❤❤

  • @user-ue5mz6ve5t
    @user-ue5mz6ve5t 5 หลายเดือนก่อน

    केअबीर पंथी भीमठ होते है हिंदू केअबीर ऐंठी से दूर रहें जय सिया राम

  • @shivsahay2920
    @shivsahay2920 5 หลายเดือนก่อน

    Sahib Bandagi bahut Sundar vichar ki prastuti

  • @nandlalpatel9472
    @nandlalpatel9472 5 หลายเดือนก่อน

    श्रीमन नारायण नारायण नारायण लक्ष्मी नारायण नारायण नारायण गुरु नारायण नारायण नारायण जय श्री राम जय श्री कृष्ण

  • @user-yh6fe4lu3q
    @user-yh6fe4lu3q 5 หลายเดือนก่อน

    💯💯💯💯