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3K Geeta
India
เข้าร่วมเมื่อ 20 ก.พ. 2018
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Geeta Shloka- 3.3 with Gurumaa श्रीमद् भगवद् गीता- Learn & भावार्थ | Daily Gita | 3kgeeta | 3kgenz
*श्रीमद्भगवद् गीता*
अध्याय 3- कर्मयोग योग
श्रीभगवानुवाच।
लोकेऽस्मिन्द्विविधा निष्ठा पुरा प्रोक्ता मयानघ ।
ज्ञानयोगेन साङ्ख्यानां कर्मयोगेन योगिनाम् ॥3॥
अर्थ- श्रीभगवान् उवाच-परम कृपालु भगवान ने कहा; लोके-संसार में; अस्मिन्-इस; द्वि-विधा-दो प्रकार की; निष्ठा-श्रद्धा; पुरा-पहले; प्रोक्ता-वर्णित; मया मेरे द्वारा, श्रीकृष्ण; अनघ-निष्पाप; ज्ञानयोगेन-ज्ञानयोग के मार्ग द्वारा; सांख्यानाम्-वे जो चिन्तन में रुचि रखते हैं; कर्मयोगेन-कर्म योग के द्वारा; योगिनाम्-योगियों का।
भावार्थ:-
परम कृपालु भगवान ने कहा, हे निष्पाप अर्जुन! मैं पहले ही ज्ञानोदय की प्राप्ति के दो मार्गों का वर्णन कर चुका हूँ। ज्ञानयोग उन मनुष्यों के लिए है जिनकी रुचि चिन्तन में होती है और कर्मयोग उनके लिए है जिनकी रुचि कर्म करने में होती है।
श्लोक-2.39 में भगवान श्रीकृष्ण द्वारा आध्यात्मिक परिपूर्णता की ओर जाने वाले दो मार्गों का वर्णन किया गया। जिनमें से प्रथम मार्ग विश्लेषणात्मक अध्ययन द्वारा आत्मा की प्रकृति और शरीर से उसके भेद को जानने का ज्ञान प्राप्त करना है। श्रीकृष्ण ने इसे सांख्य योग कहा है, दार्शनिक मनोवृत्ति वाले लोगों की रुचि बौद्धिक विश्लेषण द्वारा आत्मा को जानने के लिए ज्ञानमार्ग की ओर होती है। दूसरे प्रकार के लोग अपने समस्त कर्म भगवान को समर्पित करने की भावना के साथ कार्य अर्थात 'कर्मयोग' करते हैं। पिछले श्लोक में किए गए वर्णन के अनुसार श्रीकृष्ण इसे बुद्धि योग भी कहते हैं। ऐसी पद्धति के अनुसार कार्य करने से अन्त:करण की शुद्धि होती है और शुद्ध अन्तःकरण में स्वाभाविक रूप से ज्ञान प्रकट होता है। अतः यह मार्ग ज्ञानोदय की ओर प्रवृत्त करता है।
आध्यात्मिक मार्ग में रुचि रखने वालों में ऐसे लोग भी सम्मिलित होते हैं जो चिन्तन एवं मनन में रुचि रखते हैं और कुछ ऐसे लोग भी सम्मिलित होते हैं जो कर्म करने में रुचि रखते हैं। इस प्रकार से इन दोनों मार्गों का अस्तित्व तब तक बना रहता है जब तक आत्मा की भगवद्प्राप्ति की अभिलाषा विद्यमान रहती है। श्रीकृष्ण इन दोनों पद्धतियों का अनुसरण करने वालों को द्रवीभूत करते हैं क्योंकि उनका संदेश सभी प्रकार की मनोवृत्ति और रुचि रखने वाले लोगों के कल्याण के लिए है।
- गोविंद गीता सत्संग समिति
th-cam.com/video/USbhCH2tW2I/w-d-xo.html
अध्याय 3- कर्मयोग योग
श्रीभगवानुवाच।
लोकेऽस्मिन्द्विविधा निष्ठा पुरा प्रोक्ता मयानघ ।
ज्ञानयोगेन साङ्ख्यानां कर्मयोगेन योगिनाम् ॥3॥
अर्थ- श्रीभगवान् उवाच-परम कृपालु भगवान ने कहा; लोके-संसार में; अस्मिन्-इस; द्वि-विधा-दो प्रकार की; निष्ठा-श्रद्धा; पुरा-पहले; प्रोक्ता-वर्णित; मया मेरे द्वारा, श्रीकृष्ण; अनघ-निष्पाप; ज्ञानयोगेन-ज्ञानयोग के मार्ग द्वारा; सांख्यानाम्-वे जो चिन्तन में रुचि रखते हैं; कर्मयोगेन-कर्म योग के द्वारा; योगिनाम्-योगियों का।
भावार्थ:-
परम कृपालु भगवान ने कहा, हे निष्पाप अर्जुन! मैं पहले ही ज्ञानोदय की प्राप्ति के दो मार्गों का वर्णन कर चुका हूँ। ज्ञानयोग उन मनुष्यों के लिए है जिनकी रुचि चिन्तन में होती है और कर्मयोग उनके लिए है जिनकी रुचि कर्म करने में होती है।
श्लोक-2.39 में भगवान श्रीकृष्ण द्वारा आध्यात्मिक परिपूर्णता की ओर जाने वाले दो मार्गों का वर्णन किया गया। जिनमें से प्रथम मार्ग विश्लेषणात्मक अध्ययन द्वारा आत्मा की प्रकृति और शरीर से उसके भेद को जानने का ज्ञान प्राप्त करना है। श्रीकृष्ण ने इसे सांख्य योग कहा है, दार्शनिक मनोवृत्ति वाले लोगों की रुचि बौद्धिक विश्लेषण द्वारा आत्मा को जानने के लिए ज्ञानमार्ग की ओर होती है। दूसरे प्रकार के लोग अपने समस्त कर्म भगवान को समर्पित करने की भावना के साथ कार्य अर्थात 'कर्मयोग' करते हैं। पिछले श्लोक में किए गए वर्णन के अनुसार श्रीकृष्ण इसे बुद्धि योग भी कहते हैं। ऐसी पद्धति के अनुसार कार्य करने से अन्त:करण की शुद्धि होती है और शुद्ध अन्तःकरण में स्वाभाविक रूप से ज्ञान प्रकट होता है। अतः यह मार्ग ज्ञानोदय की ओर प्रवृत्त करता है।
आध्यात्मिक मार्ग में रुचि रखने वालों में ऐसे लोग भी सम्मिलित होते हैं जो चिन्तन एवं मनन में रुचि रखते हैं और कुछ ऐसे लोग भी सम्मिलित होते हैं जो कर्म करने में रुचि रखते हैं। इस प्रकार से इन दोनों मार्गों का अस्तित्व तब तक बना रहता है जब तक आत्मा की भगवद्प्राप्ति की अभिलाषा विद्यमान रहती है। श्रीकृष्ण इन दोनों पद्धतियों का अनुसरण करने वालों को द्रवीभूत करते हैं क्योंकि उनका संदेश सभी प्रकार की मनोवृत्ति और रुचि रखने वाले लोगों के कल्याण के लिए है।
- गोविंद गीता सत्संग समिति
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มุมมอง: 96
วีดีโอ
Geeta Shloka- 3.2 with Gurumaa श्रीमद् भगवद् गीता- Learn & भावार्थ | Daily Gita | 3kgeeta | 3kgenz
มุมมอง 1102 หลายเดือนก่อน
*श्रीमद्भगवद् गीता* अध्याय 3- कर्मयोग योग व्यामिश्रेणेव वाक्येन बुद्धिं मोहयसीव मे | तदेकं वद निश्चित्य येन श्रेयोऽहमाप्नुयाम् || 2|| अर्थ- व्यामिश्रेण-तुम्हारे अनेकार्थक शब्दों का; इव-मानो; वाक्येन-वचनों से; बुद्धिम् बुद्धि; मोहयसि-मैं मोहित हो रहा हूँ; इव-मानो; मे मेरी; तत्-उस; एकम्-एकमात्र; वद-अवगत कराए; निश्चित्य-निश्चित रूप से; येन-जिससे; श्रेयः-अति श्रेष्ठ, अहम्-मैं; आप्नुयाम्-प्राप्त कर ...
राम रक्षा स्तोत्र 3.10.2024.- Recording
มุมมอง 1582 หลายเดือนก่อน
Ram Raksha Strotra - 3 October 2024 Recording
राधाष्टमी विशेष September 11, 2024. श्री राधिका सहस्रनाम स्तोत्र एवं celebration.
มุมมอง 2113 หลายเดือนก่อน
Radha Ashtmi
Geeta Shloka- Samapan Shloka with Gurumaa श्रीमद् भगवद् गीता- Learn & भावार्थ | Daily Gita| 3kgeeta
มุมมอง 684 หลายเดือนก่อน
श्रीमद्भगवद् गीता अध्याय 2- सांख्य योग ॐ तत्सदिति श्रीमद्भगवद्गीतासूपनिषत्सु ब्रह्मविद्यायां योगशास्त्रे श्रीकृष्णार्जुनसंवादे सांख्ययोगो नाम द्वितीयोऽध्यायः ॥2॥ - गोविंद गीता सत्संग समिति th-cam.com/video/SgE2iux5NzE/w-d-xo.html
Geeta Shloka- 2.72 with Gurumaa श्रीमद् भगवद् गीता- Learn & भावार्थ | Daily Gita | 3kgeeta | 3kgenz
มุมมอง 684 หลายเดือนก่อน
श्रीमद्भगवद् गीता अध्याय 2- सांख्य योग एषा ब्राह्मी स्थितिः पार्थ नैनां प्राप्य विमुह्यति । स्थित्वास्यामन्तकालेऽपि ब्रह्मनिर्वाणमृच्छति ॥72॥ अर्थ- एषा-ऐसे; ब्राह्मी-स्थितिः-भगवदप्राप्ति की अवस्थाः पार्थ-पृथापुत्र, अर्जुन; न कभी नहीं; एनाम्-इसको;प्राप्य-प्राप्त करके; विमुह्यति-मोहित होता है; स्थित्वा-स्थित होकर; अस्याम्-इसमें; अन्तकाले-मृत्यु के समय; अपि-भी; ब्रह्म-निवाणम्-माया से मुक्ति; ऋच्छत...
Geeta Shloka- 2.71 with Gurumaa श्रीमद् भगवद् गीता- Learn & भावार्थ | Daily Gita | 3kgeeta | 3kgenz
มุมมอง 954 หลายเดือนก่อน
श्रीमद्भगवद् गीता अध्याय 2- सांख्य योग विहाय कामान्यः सर्वान्पुमांश्चरति निःस्पृहः निर्ममो निरहङ्कारः स शान्तिमधिगच्छति ॥71॥ अर्थ- विहाय-त्याग कर; कामान्-भौतिक इच्छाएँ; यः-जो; सर्वान्-समस्त; पुमान्-पुरुष; चरति-रहता है; निःस्पृहः-कामना रहित; निर्ममाः-स्वामित्व की भावना से रहित; निरहंकारः-अहंकार रहित; सः-वह; शान्तिम्-पूर्ण शान्ति को; अधिगच्छति-प्राप्त करता है। भावार्थ:- जिस मुनष्य ने अपनी सभी भौत...
Geeta Shloka- 2.70 with Gurumaa श्रीमद् भगवद् गीता- Learn & भावार्थ | Daily Gita | 3kgeeta | 3kgenz
มุมมอง 904 หลายเดือนก่อน
श्रीमद्भगवद् गीता अध्याय 2- सांख्य योग आपूर्यमाणमचलप्रतिष्ठं समुद्रमाप: प्रविशन्ति यद्वत् | तद्वत्कामा यं प्रविशन्ति सर्वे स शान्तिमाप्नोति न कामकामी || 70|| अर्थ- आपूर्यमाणम्-सभी ओर से जलमग्न; अचल-प्रतिष्ठम्-विक्षुब्ध न होना; समुद्रम् समुद्र में; आपः-जलः प्रविशन्ति-प्रवेश करती हैं; यद्वत्-जिस प्रकार; तद्वत्-उसी प्रकार; काम-कामनाएँ यम्-जिसमें; प्रविशन्ति-प्रवेश करती हैं; सर्वे सभी; सः-वह व्यक्त...
Geeta Shloka- 2.69 with Gurumaa श्रीमद् भगवद् गीता- Learn & भावार्थ | Daily Gita | 3kgeeta | 3kgenz
มุมมอง 1574 หลายเดือนก่อน
श्रीमद्भगवद् गीता अध्याय 2- सांख्य योग या निशा सर्वभूतानां तस्यां जागर्ति संयमी। यस्यां जाग्रति भूतानि सा निशा पश्यतो मुनेः ॥69॥ अर्थ- या-जिसे; निशा-रात्रि; सर्व-सब; भूतानाम्-सभी जीवः तस्याम्-उसमें; जागर्ति-जागता रहता है; संयमी-आत्मसंयमी; यस्याम्-जिसमें; जाग्रति-जागते हैं; भूतानि-सभी जीव; सा-वह; निशा-रात्रि; पश्यतः-देखना; मुनेः-मुनि। भावार्थ:- जिसे सब लोग दिन समझते हैं वह आत्मसंयमी के लिए अज्ञा...
Geeta Shloka- 2.68 with Gurumaa श्रीमद् भगवद् गीता- Learn & भावार्थ | Daily Gita | 3kgeeta | 3kgenz
มุมมอง 555 หลายเดือนก่อน
श्रीमद्भगवद् गीता अध्याय 2- सांख्य योग तस्माद्यस्य महाबाहो निगृहीतानि सर्वश: | इन्द्रियाणीन्द्रियार्थेभ्यस्तस्य प्रज्ञा प्रतिष्ठिता || 68|| अर्थ- तस्मात्-इसलिए; यस्य-जिसकी; महाबाहो-महाबलशाली; निगृहीतानि-विरक्त; सर्वशः-सब प्रकार से; इन्द्रियाणि-इन्द्रियाँ इन्द्रिय-अर्थेभ्यः-इन्द्रिय विषयों से; तस्य-उस व्यक्ति की; प्रज्ञा-दिव्य ज्ञान; प्रतिष्ठिता-स्थिर रहना। भावार्थ:- इसलिए हे महाबाहु। जो मनुष्य ...
Geeta Shloka- 2.67 with Gurumaa श्रीमद् भगवद् गीता- Learn & भावार्थ | Daily Gita | 3kgeeta | 3kgenz
มุมมอง 645 หลายเดือนก่อน
*श्रीमद्भगवद् गीता* *अध्याय 2- सांख्य योग* इन्द्रियाणां हि चरतां यन्मनोऽनुविधीयते। तदस्य हरति प्रज्ञां वायु वमिवाम्भसि ॥67॥ अर्थ- इन्द्रियाणाम् इन्द्रियों के हि-वास्तव में; चरताम्-चिन्तन करते हुए; यत्-जिसके; मन:-मन; अनुविधीयते-निरन्तर रत रहता है। तत्-वह; अस्य-इसकी; हरति-वश मे करना; प्रज्ञाम्-बुद्धि के; वायुः-वायु; नावम्-नाव को; इव-जैसे; अम्भसि-जल पर। भावार्थ:- जिस प्रकार प्रचंड वायु अपने तीव्र ...
Geeta Shloka- 2.66 with Gurumaa श्रीमद् भगवद् गीता- Learn & भावार्थ | Daily Gita | 3kgeeta | 3kgenz
มุมมอง 865 หลายเดือนก่อน
*श्रीमद्भगवद् गीता* *अध्याय 2- सांख्य योग* नास्ति बुद्धिरयुक्तस्य न चायुक्तस्य भावना। न चाभावयतः शान्तिरशान्तस्य कुतः सुखम् ॥66॥ अर्थ- न-नहीं; अस्ति-है; बुद्धिः-बुद्धि; अयुक्तस्य-भगवान में स्थित न होना; न-नहीं; च-और; अयुक्तस्य भगवान में स्थित न रहने वाले; भावना-चिन्तन; न नहीं; च-और; अभावयतः-जो स्थिर नहीं है उसके; शान्तिः शान्ति; अशान्तस्य-अशान्त; कृतः-कहाँ है; सुखम्-सुख। भावार्थ:- लेकिन असंयमी ...
Geeta Shloka- 2.65 with Gurumaa श्रीमद् भगवद् गीता- Learn & भावार्थ | Daily Gita | 3kgeeta | 3kgenz
มุมมอง 526 หลายเดือนก่อน
श्रीमद्भगवद् गीता अध्याय 2- सांख्य योग प्रसादे सर्वदुःखानां हानिरस्योपजायते। प्रसन्नचेतसो ह्याशु बुद्धिः पर्यवतिष्ठते ॥65॥ अर्थ- प्रसादे भगवान की दिव्य कृपा द्वारा; सर्व-सभी; दुःखनाम्-दुखों का; हानि:-क्षय, अस्य-उसके; उपजायते-होता है। प्रसन्न-चेतसः-शांत मन के साथ; हि-वास्तव में आशु-शीघ्र; बुद्धि-बुद्धि; परि-अवतिष्ठते-दृढ़ता से स्थित। भावार्थ:- भगवान की दिव्य कृपा से शांति प्राप्त होती है जिससे स...
Geeta Shloka- 2.64 with Gurumaa श्रीमद् भगवद् गीता- Learn & भावार्थ | Daily Gita | 3kgeeta | 3kgenz
มุมมอง 787 หลายเดือนก่อน
Geeta Shloka- 2.64 with Gurumaa श्रीमद् भगवद् गीता- Learn & भावार्थ | Daily Gita | 3kgeeta | 3kgenz
Geeta Shloka- 2.63 with Gurumaa श्रीमद् भगवद् गीता- Learn & भावार्थ | Daily Gita | 3kgeeta | 3kgenz
มุมมอง 727 หลายเดือนก่อน
Geeta Shloka- 2.63 with Gurumaa श्रीमद् भगवद् गीता- Learn & भावार्थ | Daily Gita | 3kgeeta | 3kgenz
Geeta Shloka- 2.62 with Gurumaa श्रीमद् भगवद् गीता- Learn & भावार्थ | Daily Gita | 3kgeeta | 3kgenz
มุมมอง 628 หลายเดือนก่อน
Geeta Shloka- 2.62 with Gurumaa श्रीमद् भगवद् गीता- Learn & भावार्थ | Daily Gita | 3kgeeta | 3kgenz
Geeta Shloka- 2.61 with Gurumaa श्रीमद् भगवद् गीता- Learn & भावार्थ | Daily Gita | 3kgeeta | 3kgenz
มุมมอง 928 หลายเดือนก่อน
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Geeta Shloka- 2.60 with Gurumaa श्रीमद् भगवद् गीता- Learn & भावार्थ | Daily Gita | 3kgeeta | 3kgenz
มุมมอง 1409 หลายเดือนก่อน
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Geeta Shloka- 2.59 with Gurumaa श्रीमद् भगवद् गीता- Learn & भावार्थ | Daily Gita | 3kgeeta | 3kgenz
มุมมอง 999 หลายเดือนก่อน
Geeta Shloka- 2.59 with Gurumaa श्रीमद् भगवद् गीता- Learn & भावार्थ | Daily Gita | 3kgeeta | 3kgenz
Geeta Shloka- 2.58 with Gurumaa श्रीमद् भगवद् गीता- Learn & भावार्थ | Daily Gita | 3kgeeta | 3kgenz
มุมมอง 939 หลายเดือนก่อน
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Geeta Shloka- 2.57 with Gurumaa श्रीमद् भगवद् गीता- Learn & भावार्थ | Daily Gita | 3kgeeta | 3kgenz
มุมมอง 629 หลายเดือนก่อน
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มุมมอง 649 หลายเดือนก่อน
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มุมมอง 699 หลายเดือนก่อน
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Geeta Shloka- 2.54 with Gurumaa श्रीमद् भगवद् गीता- Learn & भावार्थ | Daily Gita | 3kgeeta | 3kgenz
มุมมอง 859 หลายเดือนก่อน
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มุมมอง 9410 หลายเดือนก่อน
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มุมมอง 12210 หลายเดือนก่อน
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มุมมอง 8810 หลายเดือนก่อน
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มุมมอง 5510 หลายเดือนก่อน
Geeta Shloka- 2.50 with Gurumaa श्रीमद् भगवद् गीता- Learn & भावार्थ | Daily Gita | 3kgeeta | 3kgenz
Geeta Shloka- 2.49 with Gurumaa श्रीमद् भगवद् गीता- Learn & भावार्थ | Daily Gita | 3kgeeta | 3kgenz
มุมมอง 12010 หลายเดือนก่อน
Geeta Shloka- 2.49 with Gurumaa श्रीमद् भगवद् गीता- Learn & भावार्थ | Daily Gita | 3kgeeta | 3kgenz
Geeta Shloka- 2.48 with Gurumaa श्रीमद् भगवद् गीता- Learn & भावार्थ | Daily Gita | 3kgeeta | 3kgenz
มุมมอง 5810 หลายเดือนก่อน
Geeta Shloka- 2.48 with Gurumaa श्रीमद् भगवद् गीता- Learn & भावार्थ | Daily Gita | 3kgeeta | 3kgenz
Jai Jay shree Ram ☸️🔯🔯🐏🐏🐏🔯🔯🐏 Jay jay shree Ram ji ki jai ho 🏵️🚩🌹🌹🌹🌹 Jay jay shree hanuman dada ki jai ho 🔯🕉️🕉️🕉️🕉️😊😊😊😊😮😮😮😮😮😮
Jai Jay shree Ram ☸️🔯🔯🔯🔯🔯🔯🐏 Jay jay shree hanuman dada ki jai ho 😮😮😮😮😮😮😮😮😮😮😮😮😮😮😮😮😮😮😮😮😮
❤️🌻🙏जय जय सियाराम। जय जय हनुमान। जय रघुनन्दन जय सियाराम। ❤।।
❤jai Shri Ram ❤
Jay shree hanuman jiii 🙏🙏🙏🙏
Jai baba ke
Jay shree Ram Jay shree hanuman
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Jai shree ram ji ki jay 🙏 Jai hanuman ji jay🙏😂😂😂😂😂😂😂😂😂❤😂😂😂😂😂😂😂
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❤❤❤❤❤जय श्री राम राम राम जय श्री बजरंगबली हनुमान जी 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
🙏🌻❤️જય જય સિયારામ જય જય હનુમાન...❤
Jai shree shree shree shree shree hanuman
Jai Jay shree hanuman dada ki jai ho 🏵️🏵️🌻🌻🚩🚩😂🎉🎉🎉🎉😢😢😮😮😮😅😅😅😊😮😮🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉
Jai Jay shree Ram Ram Ram Ram Ram Ram Ram Ram Ram Ram Ram Ram Ram Ram Ram Ram ☸️🔯🔯🔯🐏🐏🐏🐏🐏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🐏🐏🐏🐏🙏🙏🐏🐏🐏🙏🐏🐏🐏🐏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Meri parbhu ram Jay Jay 🙏❤😂😂😂😂😂😂😂😂😂🕯😂😂😂😂😂😂
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Om hanuman nesa raga hore 😂 Kosta dura kora ❤🙏😂😂😂😂😂😂😂😂
Meri ram Jay Jay ram 🙏❤😂😂😂😂😂😂
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Om hanuman Jay jai❤🙏😂😂😂😂😂
जय श्रीराम ❤❤❤❤❤
Jau shri hanuman
Jay shri ram
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Om Jaya Shree Rama Krishna DevechaYe HanumanThaye Namaha
Jeyhanoma ji
Jay shree ram
Jay shri ram
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Hanuman ji ki jay
Tum rakshak kahe ko darna... 🙏🙏
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Jai shree Ram
❤️🙏🌻જય જય સિયારામ. જય જય હનુમાન. જય રઘુનંદન જય સિયારામ. ❤
🌻🙏❤️जय रघुनन्दन जय सियाराम। जय जय सियाराम, जय जय हनुमान ❤
🙏🌻❤️जय सियाराम। जय हनुमान। जय रघुनन्दन जय सियाराम। ।❤
Jay shree ram