Rainbow of Emotions with Rashmi
Rainbow of Emotions with Rashmi
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Panchayat Chunav |Jungle m Chunav|पंचायत चुनाव पर हास्य व्यंग्यात्मक कविता|छत्तीसगढ़ी भाषा में कविता
"जंगल मा पंचायत चुनाव के गजब महिमा भारी।
जनावर के हक ल दिलाय, खुलय नवा पिटारी।
जानवर मन घूमें, सरपंच बने के आस।
जंगल के पंचायत मा, सबला होय सुवास।
जंगल मा पंचायत लाए नवा उजियार
सहमति ले चलय राज, सब ला मिलय अधिकार।"
💐 मेरी आज की कविता समाज के अत्यंत ज्वलंत मुद्दे को लेकर है।
चुनाव आते ही राजनेताओं की सियासती दुकान चालू हो जाती है। तरह तरह के प्रलोभनों के लाली पाप से भोली भाली जनता को फंसाना शुरू हो जाता है ।
चुनाव और नेता का चोली दामन जैसा संबंध
चुनाव आते ही इन्हें जनता याद आती है साल भर अपनी कुर्सी पर ऐशो आराम करते है।
बस इन्हें तो मुफ्त की रोटी कपड़ा मकान चाहिए, आराम से अपने बीबी बच्चों के संग कही पिकनिक स्पॉट पर जाने का प्रोग्राम बनाते है और और आफिसर अपना काम छोड़कर इनकी सेवा भगत में लगते
ऐसे हे आजकल के नेता,
और किसी घोटाले में फंसते है तो अफसरों को फंसा देते है।जो अफसर उनकी बात माने तो ठीक वर्ना टांसफर करवा देगें या किसी केस में फंसा देगें।
अपना उल्लू सीधा करने हेतु कहीं भी किस हद तक भी नीचे गिर जाते है ऐसे नेताओं को बहिष्कार करो।
आजकल के नेताओं को जनता की चिंता न देश की चिंता अपनी कुर्सी से मतलब कुर्सी के चक्कर में यह पार्टी बदलते रहते अपने विचारों से मतलब ना अपनी गरिमा से मतलब होता है।
चुनाव आते यह गली मोहल्ले में मुखौटा लाव लश्कर के साथ दिखाने आते है पुराने वादे भूल कर नए वादे के साथ जनता के जख्मों पर नमक छिड़कते हैं।
जनता भी हाथ जोड़ जोड़ कर अभिनंदन कर उनके साथ फोटो खिंचवाने की होड़ में लग जाती है।
नेता के जाते ही उनको गालियों की बौछार करने लगते क्या किया साल भर, अरे जनता जनार्दन सब कुछ तुम्हारे हाथ में है इन झूठे नेताओं को वोट ना देने की ताकत तुम में है ऐसे नेता सिर्फ स्वयं इमानदारी का चोला ओढते है कोई भी पार्टी का हो सब मिलीभगत होते है अतः
धर्म जाति से उठकर देश को अगर बचाना है तोसही नेता को चुनो।
वोट उन्हें दो उस व्यक्ति को दो जो देश, तुम्हारे शहर,तुम्हारे मोहल्ले गली का ध्यान रखे तुम्हारे लिए लिए ईमानदार रहे।
ये सियासती दुकान वालों को अब तो परखो तुम्हारा वोट बहुत कीमती है इसको यू ही न गंवाए सोच समझकर नेता चुनना है यह हमारा अधिकार है।
Your zeal of listening always boosts my potency.
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วีดีโอ

MakarSankranti Poem in Hindi|मकर संक्रांति पर हिंदीकविता|मकरसंक्रांति क्योंमनायी जातीहै|हिन्दीकविता
มุมมอง 20619 ชั่วโมงที่ผ่านมา
"कहने को तो देश में अलग-अलग है प्रांत , कहीं इसे पोंगल कहें.. कहीं बिहू.. तो कहीं संक्रांत.. रेवड़ी गुड़ संग मिलीमूंगफली तो लोहड़ी कहलाता यह पंजाब में.. दक्षिण भारत इसे पोंगल कहता..सजा इसे मीठे ख्वाब में ..." मकर संक्रान्ति (मकर संक्रांति) भारत के प्रमु पर्वों में से एक है। मकर संक्रांति (संक्रान्ति) पूरे भारत और नेपाल में भिन्न रूपों में मनाया जाता है। पौष मास में जिस दिन सूर्य मकर राशि में प्...
आंग्ल नववर्ष और सनातन धर्म | नववर्ष पर कविता|New Year Poem in Hindi| हिन्दी कविता|अंग्रेजी नववर्ष
มุมมอง 18928 วันที่ผ่านมา
नववर्ष मनाएं हर्ष बढ़े, पर मूल सनातन भूल न हो। संस्कृति की गाथा गूंजे, हर मन में इसका शूल न हो। धर्म प्रथा की ज्योति जले, सन्मार्ग सदा उद्घाटित हो, नव चेतन हो, नव भाव जगे, पर धर्म हमारा क्षीण न हो... This composition explores the harmony between the celebration of the English New Year and the timeless values of Sanatan Dharma. It emphasizes the importance of embracing new beginnings while stayi...
Veer Bal Balidan Divas | Sikh Gurus|Guru Granth Saheb|सिख गुरुओं केयोगदान पर हिंदीकविता|राष्ट्रधर्म
มุมมอง 414หลายเดือนก่อน
"आओ मिलकर याद करें, नन्हे साहेबजादों के बलिदानों को .. देश धर्म की खातिर जिन्होंने किया था न्यौछावर अपने सुकोमल प्राणों को... देश भुला बैठा है आज चार पुत्रों के महादानी को नमन करो ऐसे दशमेश पिता परम बलिदानी को... देश धर्म की खातिर जिन्होंने अपना सबकुछ वार दिया ...आह तक न की और खुशी खुशी सबकुछ उच्छार दिया ... कैसे चुका पाएंगे हम सि गुरुओं की कुर्बानियों को... आओ मिलकर याद करें सि गुरुओं के बलिदा...
देव उठनी एकादशी| प्रबोधिनी एकादशी परहिंदी कविता|तुलसी विवाह|HindiPoem on Devotthan Ekadashi|पद्मनाभ
มุมมอง 2732 หลายเดือนก่อน
हे जगतपति..!! हे जगत श्रोता ..!! श्री हरि ..!!उठ योग निद्रा से अनुनय विनय को अब थामना.... हे दामोदर.. !! हे विश्वेश्वर ..!! उठ योग निद्रा से जागृत करो अब हर साधना.. जागृत करो अब हर आराधना.... प्रबोधिनी एकादशी जिसे देव उत्तान एकादशी के नाम से भी जाना जाता है, जो शुक्ल पक्ष में 11वां चंद्र दिवस ( एकादशी ) है। कार्तिक के हिंदू महीने की . यह चतुर्मास्य की चार महीने की अवधि के अंत का प्रतीक है , जब ...
Poem On Dipawali | Deepotsav Poem in Hindi | Festival Of Light| दीपावली पर हिंदी कविता|एकदीपकतुमजलाओ
มุมมอง 992 หลายเดือนก่อน
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Karva Chauth|करवा चौथ पर कविता|Best Poetry On Karva Chauth | Festival poem in Hindi | हिंदी कविता
มุมมอง 1183 หลายเดือนก่อน
पति-पत्नी के प्रेम का करवा है आधार .. त्याग ,समर्पण ,प्रेम का यह पावन त्यौहार.. करवाचौथ' शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है, 'करवा' यानी 'मिट्टी का बरतन' और 'चौथ' यानि 'चतुर्थी'। इस त्योहार पर मिट्टी के बरतन यानी करवे का विशेष महत्व माना गया है। सभी विवाहित स्त्रियां साल भर इस त्योहार का इंतजार करती हैं और इसकी सभी विधियों को बड़े श्रद्धा-भाव से पूरा करती हैं। करवाचौथ का त्योहार पति-पत्नी के मजबूत ...
Sharad Poornima|शरद पूर्णिमा परहिंदी कविता|Rass Poornima Poem|शरदोत्सव|कोजागरी पूर्णिमापरहिंदीकविता
มุมมอง 1163 หลายเดือนก่อน
भारत भूमि के कण-कण में रचा बसा सनातन धर्म.. संस्कृति भी इसकी पुनीत पावन ,अति मनभावन.. जिसके हर रीति रिवाज में छिपा हुआ कोई न कोई वैज्ञानिक आधार.. आइए संस्कृति के संरक्षण द्वारा भावी पीढ़ी को विरासत में दें एक सुदृढ़ आकार..2 शरद पूर्णिमा को 'कौमुदी व्रत', 'कोजागरी पूर्णिमा' और 'रास पूर्णिमा' के नाम से भी जाना जाता है। इसी दिन श्रीकृष्ण ने महारास रचाया था। कहते हैं शरद पूर्णिमा की रात को चांद की ...
Poem for Inauguration Event|Shri Shivam Wedding collection Inauguration|उद्घाटन अवसर हेतु हिंदीकविता
มุมมอง 1623 หลายเดือนก่อน
Wedding Collection Inauguration का यह दिन शुभ व मंगलकारी हो... प्रगति की दिशा में बढ़ता हर क्षण मनोहारी हो... हर क्षण मनोहारी हो... चहुं दिशा में आपके संस्थान का जय जयकारा हो ... आज के दिन सिर्फ यही शुभेच्छा हमारी हो ... Special Poetry /Poem for Inauguration event by Rashmi Agrawal in Hindi. A cozy corner on the internet where thoughts and feelings are woven into lyrical masterpieces. Come and ...
दशहरा पर हिंदीकविता|Hindi Poetry On Dassehra |इस विजयादशमी कुछ नया विचारें.|Vijayadashmi | HindiPoem
มุมมอง 1683 หลายเดือนก่อน
कागज के रावण मत फूंको गली-गली, द्वार -द्वार जिंदा रावण भरे पड़े हैं... न्याय व्यवस्था लचर हुई आतंक के स्वर बहुत तगड़े हैं ... अनाचार में घिरी नारी अब ना आते बचाने मुरारी .. जन जन धृतराष्ट्र सा अंधा ..भीष्म सा मूक.. समाज भी बांध आंखों में पट्टी ... दिखाए गांधारी सी लाचारी लोलुपता , अमानवीयता जैसे पापी पुतले अकड़े खड़े हैं... कागज के रावण मत फूंको जिंदा रावण पग- पग खड़े हैं... जिंदा रावण पग -पग ख...
'नवरात्रि' पर कविता|Poem On Navratri in Hindi |मां दुर्गा पर कविता|Hindi Kavita|DurgaPoeminHindi
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हृदय में बसा लो मां की भक्ति, रोम रोम में समा लो मां की शक्ति। अब आप आ जाओ मां होकर सिंह पर सवार, महिषासुरों का मर्दन करो, बढ़ता ही जा रहा धरती पर अनाचार ... बढ़ता ही जा रहा धरती पर अनाचार ... मां दुर्गा शाक्त संप्रदाय की मुख्य आराध्य देवी हैं जिन्हें आदि-शक्ति, प्रधान-प्रकृति, गुणवती-योगमाया, बुद्धितत्त्व की जननी और विकाररहित बताया गया है। उनके 108 नाम हैं। नवरात्रि के अवसर पर उनकी विशेष पूजा ...
Poem On AGRASEN MAHARAJA | Agrsen Jayanti per Hindi Kavita | अग्रोहा धाम पर हिंदी कविता
มุมมอง 1.8K3 หลายเดือนก่อน
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Shraddh Paksh per Kavita| Poem on Pitru Paksh|पितृ पक्ष का महत्व|पितृपक्ष और तर्पण|मर्मस्पर्शी कविता
มุมมอง 2004 หลายเดือนก่อน
"हमारी धमनियों में बहता, जिन पितरों का रक्त है। यह पितर पक्ष के 15 दिन, वही ऋण चुकाने का वक्त है ।।" पितृपक्ष या पितरपख, १६ दिन की वह अवधि (पक्ष/पख) है जिसमें हिन्दू लोग अपने पितरों को श्रद्धापूर्वक स्मरण करते हैं और उनके लिये पिण्डदान करते हैं। इसे 'सोलह श्राद्ध', 'महालय पक्ष', 'अपर पक्ष' आदि नामों से भी जाना जाता है। शास्त्रों के अनुसार यद्यपि हमारे पूर्वज देह में नहीं हैं, फिर भी वे पितृ लोक...
Haritalika Teej Poem in Hindi |तीजा पर कविता | तीजा त्यौहार पर प्यारी कविता|Poem on Hindu Festival
มุมมอง 1284 หลายเดือนก่อน
हरितालिका तीज का पर्व प्रतीक है शिव गौरा के दांपत्य प्यार का.. प्रतीक है दिल की श्रद्धा और एक दूजे के प्रति अटूट विश्वास का.. हरतालिका तीज का पर्व भगवान शिव और माता पार्वती के पुनर्मिलन की याद में मनाया जाता है. इसे खासकर विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी आयु और सुख-समृद्धि के लिए व्रत रखकर मनाती हैं. साथ ही, ये पर्व अविवाहित कन्याओं के लिए भी महत्वपूर्ण है. जो अच्छे वर की कामना के लिए ये व्रत र...
Teacher's day Special | Best Hindi poetry on Government Teachers | शिक्षक दिवस पर कविता | Hindi Poem
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मेरे कान्हा|Poem on Krishna Janmashtami in Hindi|मेरे कान्हा.. तेरे लिए क्या लिखूं|जन्माष्टमी विशेष
มุมมอง 1594 หลายเดือนก่อน
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रक्षाबंधन आज मनाऊं कैसे|नारी वीभत्सता पर कविता| एक और निर्भया|सुनो क्या कहती हैं बेटियां|Rakshaparv
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रक्षाबंधन आज मनाऊं कैसे|नारी वीभत्सता पर कविता| एक और निर्भया|सुनो क्या कहती हैं बेटियां|Rakshaparv
रक्षाबंधन पर सबसे अनोखी कविता|Poem on Raksha Bandhan in Hindi| एक राखी: देश.. प्रकृति व स्वयं के नाम
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एक पेड़ मां के नाम । PlantForMother । PMModi । वृक्षारोपण । Save Environment
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