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Ram Satsang
India
เข้าร่วมเมื่อ 6 พ.ค. 2020
जय सियाराम जी सभी भक्तों को
हमारा उद्देश्य केवल और केवल आपको भगवान श्री राम जी के नाम से जोड़ना है।इस कलिकाल में हर जगह केवल राग,द्वेष,स्वार्थ,क्रोध,इर्ष्या, पाप ही पाप फैला हुआ है।इन सबसे बचने की हमारी अपनी सामर्थ्य नहीं है।पर राम नाम में यह सामर्थ्य है।क्योंकि कलिकाल में केवल नाम से ही सभी साधन सुलभ हो जाते हैं।
नहि कलि कर्म न भगति विवेकु,राम नाम अवलंबन एकु
हो सकता है कि प्रारंभ में आपको यह सब थोड़ा कठिन लगे पर वास्तव में यह कठिन है नहीं।
आप राम नाम पर भरोसा रखिये।हम और आप सभी श्री राम जी की कृपा प्रसाद को अवश्य ही प्राप्त करेंगे।और यह संभव होगा श्री रामचरितमानस के मनन से।
इस चैनल पर आपको वही मिलेगा,जो आपको सीधा श्री राम से जोड़ेगा।
हमारा एक ही उद्देश्य है कि आप सभी को राम जी के नाम से जोड़ा जाए।
क्योंकि कलिकाल में राम नाम के सिवा और कोई उपाय है ही नहीं।
चहुँ जुग चहुँ श्रुति नाम प्रभाउ,कलि विशेष नहीं आन उपाऊ
आप सभी श्रद्धा पूर्वक श्री राम कथा का रसास्वादन कीजिये और कोई भी भूल चूक हो तो कृपा कर हमें जरूर बताइए।जिससे कि हम उसमें सुधार कर सकें।
जय सियाराम सभी भक्तों को
हमारा उद्देश्य केवल और केवल आपको भगवान श्री राम जी के नाम से जोड़ना है।इस कलिकाल में हर जगह केवल राग,द्वेष,स्वार्थ,क्रोध,इर्ष्या, पाप ही पाप फैला हुआ है।इन सबसे बचने की हमारी अपनी सामर्थ्य नहीं है।पर राम नाम में यह सामर्थ्य है।क्योंकि कलिकाल में केवल नाम से ही सभी साधन सुलभ हो जाते हैं।
नहि कलि कर्म न भगति विवेकु,राम नाम अवलंबन एकु
हो सकता है कि प्रारंभ में आपको यह सब थोड़ा कठिन लगे पर वास्तव में यह कठिन है नहीं।
आप राम नाम पर भरोसा रखिये।हम और आप सभी श्री राम जी की कृपा प्रसाद को अवश्य ही प्राप्त करेंगे।और यह संभव होगा श्री रामचरितमानस के मनन से।
इस चैनल पर आपको वही मिलेगा,जो आपको सीधा श्री राम से जोड़ेगा।
हमारा एक ही उद्देश्य है कि आप सभी को राम जी के नाम से जोड़ा जाए।
क्योंकि कलिकाल में राम नाम के सिवा और कोई उपाय है ही नहीं।
चहुँ जुग चहुँ श्रुति नाम प्रभाउ,कलि विशेष नहीं आन उपाऊ
आप सभी श्रद्धा पूर्वक श्री राम कथा का रसास्वादन कीजिये और कोई भी भूल चूक हो तो कृपा कर हमें जरूर बताइए।जिससे कि हम उसमें सुधार कर सकें।
जय सियाराम सभी भक्तों को
हमें सत्संग की आवश्यकता क्यों है,क्यों नहीं लगता भजन में मन @RamSatsangAyodhya
अन्तकाले च मामेव स्मरन्मुक्त्वा कलेवरम् । यः प्रयाति स मद्भावं याति नास्त्यत्र संशयः ॥
अर्थ : जो जीव अन्तकालमें मुझको ही स्मरण करता हुआ शरीरको त्याग कर जाता है, वह मेरे साक्षात् स्वरूपको प्राप्त होता है - इसमें संशय नहीं है ।बड़ा आसान सा तरीका बता दिया है भगवान ने। अंत समय जब आये तब मुझे याद करलो आप मुझको प्राप्त कर लोगे। इसलिए कुछ लोग सोचते हैं की हम अंत समय में ही भगवान को याद करेंगे। जबकि किसी को नही पता की अंत समय कब आएगा। ये सब जानते है की अंत समय सबका आएगा, पर कब आएगा ये कोई नही जानता है। इसके लिए ही तो संतो ने बताया है। यदि तुमने जीवन भर परमात्मा को याद किया होगा तभी तो वो अंत समय याद आएगा। नही तो जिन विषयों में मन अटका हुआ है वही याद आएंगे। इसलिए जब भी समय मिले भगवान को जरूर याद करना। कभी भी कोई भी समय खाली न जा पाये। अच्छे कर्म करते रहो और भगवान का नाम जपते रहो। बस यही एक मन्त्र है उन तक पहुंचने का।
अर्थ : जो जीव अन्तकालमें मुझको ही स्मरण करता हुआ शरीरको त्याग कर जाता है, वह मेरे साक्षात् स्वरूपको प्राप्त होता है - इसमें संशय नहीं है ।बड़ा आसान सा तरीका बता दिया है भगवान ने। अंत समय जब आये तब मुझे याद करलो आप मुझको प्राप्त कर लोगे। इसलिए कुछ लोग सोचते हैं की हम अंत समय में ही भगवान को याद करेंगे। जबकि किसी को नही पता की अंत समय कब आएगा। ये सब जानते है की अंत समय सबका आएगा, पर कब आएगा ये कोई नही जानता है। इसके लिए ही तो संतो ने बताया है। यदि तुमने जीवन भर परमात्मा को याद किया होगा तभी तो वो अंत समय याद आएगा। नही तो जिन विषयों में मन अटका हुआ है वही याद आएंगे। इसलिए जब भी समय मिले भगवान को जरूर याद करना। कभी भी कोई भी समय खाली न जा पाये। अच्छे कर्म करते रहो और भगवान का नाम जपते रहो। बस यही एक मन्त्र है उन तक पहुंचने का।
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วีดีโอ
मानव देह की महिमा देवताओं से भी बढ़कर है। @RamSatsangAyodhya
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अन्तकाले च मामेव स्मरन्मुक्त्वा कलेवरम् । यः प्रयाति स मद्भावं याति नास्त्यत्र संशयः ॥ अर्थ : जो जीव अन्तकालमें मुझको ही स्मरण करता हुआ शरीरको त्याग कर जाता है, वह मेरे साक्षात् स्वरूपको प्राप्त होता है - इसमें संशय नहीं है ।बड़ा आसान सा तरीका बता दिया है भगवान ने। अंत समय जब आये तब मुझे याद करलो आप मुझको प्राप्त कर लोगे। इसलिए कुछ लोग सोचते हैं की हम अंत समय में ही भगवान को याद करेंगे। जबकि किस...
संत श्री धनुरदास जी महाराज @RamSatsangAyodhya
มุมมอง 52912 ชั่วโมงที่ผ่านมา
अन्तकाले च मामेव स्मरन्मुक्त्वा कलेवरम् । यः प्रयाति स मद्भावं याति नास्त्यत्र संशयः ॥ अर्थ : जो जीव अन्तकालमें मुझको ही स्मरण करता हुआ शरीरको त्याग कर जाता है, वह मेरे साक्षात् स्वरूपको प्राप्त होता है - इसमें संशय नहीं है ।बड़ा आसान सा तरीका बता दिया है भगवान ने। अंत समय जब आये तब मुझे याद करलो आप मुझको प्राप्त कर लोगे। इसलिए कुछ लोग सोचते हैं की हम अंत समय में ही भगवान को याद करेंगे। जबकि किस...
ऐसे होते हैं भगवान के भक्त,क्या हम इसका एक अंश भी हैं।@RamSatsangAyodhya
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अन्तकाले च मामेव स्मरन्मुक्त्वा कलेवरम् । यः प्रयाति स मद्भावं याति नास्त्यत्र संशयः ॥ अर्थ : जो जीव अन्तकालमें मुझको ही स्मरण करता हुआ शरीरको त्याग कर जाता है, वह मेरे साक्षात् स्वरूपको प्राप्त होता है - इसमें संशय नहीं है ।बड़ा आसान सा तरीका बता दिया है भगवान ने। अंत समय जब आये तब मुझे याद करलो आप मुझको प्राप्त कर लोगे। इसलिए कुछ लोग सोचते हैं की हम अंत समय में ही भगवान को याद करेंगे। जबकि किस...
कोई भी साधन भजन नहीं बन रहा,भगवान कैसे मिलेंगे @RamSatsangAyodhya
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अन्तकाले च मामेव स्मरन्मुक्त्वा कलेवरम् । यः प्रयाति स मद्भावं याति नास्त्यत्र संशयः ॥ अर्थ : जो जीव अन्तकालमें मुझको ही स्मरण करता हुआ शरीरको त्याग कर जाता है, वह मेरे साक्षात् स्वरूपको प्राप्त होता है - इसमें संशय नहीं है ।बड़ा आसान सा तरीका बता दिया है भगवान ने। अंत समय जब आये तब मुझे याद करलो आप मुझको प्राप्त कर लोगे। इसलिए कुछ लोग सोचते हैं की हम अंत समय में ही भगवान को याद करेंगे। जबकि किस...
नियम पूर्वक नाम जप के लाभ @RamSatsangAyodhya
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अन्तकाले च मामेव स्मरन्मुक्त्वा कलेवरम् । यः प्रयाति स मद्भावं याति नास्त्यत्र संशयः ॥ अर्थ : जो जीव अन्तकालमें मुझको ही स्मरण करता हुआ शरीरको त्याग कर जाता है, वह मेरे साक्षात् स्वरूपको प्राप्त होता है - इसमें संशय नहीं है ।बड़ा आसान सा तरीका बता दिया है भगवान ने। अंत समय जब आये तब मुझे याद करलो आप मुझको प्राप्त कर लोगे। इसलिए कुछ लोग सोचते हैं की हम अंत समय में ही भगवान को याद करेंगे। जबकि किस...
नाम जप और चिंतन को दृढ़ कैसे करें @RamSatsangAyodhya
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अन्तकाले च मामेव स्मरन्मुक्त्वा कलेवरम् । यः प्रयाति स मद्भावं याति नास्त्यत्र संशयः ॥ अर्थ : जो जीव अन्तकालमें मुझको ही स्मरण करता हुआ शरीरको त्याग कर जाता है, वह मेरे साक्षात् स्वरूपको प्राप्त होता है - इसमें संशय नहीं है ।बड़ा आसान सा तरीका बता दिया है भगवान ने। अंत समय जब आये तब मुझे याद करलो आप मुझको प्राप्त कर लोगे। इसलिए कुछ लोग सोचते हैं की हम अंत समय में ही भगवान को याद करेंगे। जबकि किस...
"राम नाम सत्य है" इस महावाक्य का सार तत्व क्या है।जीवन में कितना उपयोगी है यह @RamSatsangAyodhya
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अन्तकाले च मामेव स्मरन्मुक्त्वा कलेवरम् । यः प्रयाति स मद्भावं याति नास्त्यत्र संशयः ॥ अर्थ : जो जीव अन्तकालमें मुझको ही स्मरण करता हुआ शरीरको त्याग कर जाता है, वह मेरे साक्षात् स्वरूपको प्राप्त होता है - इसमें संशय नहीं है ।बड़ा आसान सा तरीका बता दिया है भगवान ने। अंत समय जब आये तब मुझे याद करलो आप मुझको प्राप्त कर लोगे। इसलिए कुछ लोग सोचते हैं की हम अंत समय में ही भगवान को याद करेंगे। जबकि किस...
नामजप का सुख चाहते हैं तो नाम रूपी धन को पाप और लोभ से बचाओ @RamSatsangAyodhya
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अंत समय काम केवल राम ही आएंगे।सब छोड़ो राम राम करो @RamSatsangAyodhya
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एक ऐसे भक्त,जिन्होंने अपनी भक्ति राम जी के जन्म के पूर्व ही प्रारंभ कर दी। @RamSatsangAyodhya
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बिना नाम में पूर्ण विश्वास हुए भगवत प्रेम की प्राप्ति कभी नहीं हो सकती @RamSatsangAyodhya
มุมมอง 1Kหลายเดือนก่อน
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भगवान को भी मनुष्य बनाने की सामर्थ्य केवल प्रेम में है। @RamSatsangAyodhya
มุมมอง 555หลายเดือนก่อน
अन्तकाले च मामेव स्मरन्मुक्त्वा कलेवरम् । यः प्रयाति स मद्भावं याति नास्त्यत्र संशयः ॥ अर्थ : जो जीव अन्तकालमें मुझको ही स्मरण करता हुआ शरीरको त्याग कर जाता है, वह मेरे साक्षात् स्वरूपको प्राप्त होता है - इसमें संशय नहीं है । बड़ा आसान सा तरीका बता दिया है भगवान ने। अंत समय जब आये तब मुझे याद करलो आप मुझको प्राप्त कर लोगे। इसलिए कुछ लोग सोचते हैं की हम अंत समय में ही भगवान को याद करेंगे। जबकि कि...
चित्रकूट में भरत जी और रामजी का अद्भुत प्रेम मिलन//भाग-01 @RamSatsangAyodhya
มุมมอง 464หลายเดือนก่อน
अन्तकाले च मामेव स्मरन्मुक्त्वा कलेवरम् । यः प्रयाति स मद्भावं याति नास्त्यत्र संशयः ॥ अर्थ : जो जीव अन्तकालमें मुझको ही स्मरण करता हुआ शरीरको त्याग कर जाता है, वह मेरे साक्षात् स्वरूपको प्राप्त होता है - इसमें संशय नहीं है । बड़ा आसान सा तरीका बता दिया है भगवान ने। अंत समय जब आये तब मुझे याद करलो आप मुझको प्राप्त कर लोगे। इसलिए कुछ लोग सोचते हैं की हम अंत समय में ही भगवान को याद करेंगे। जबकि कि...
जीवन पर्यंत पाप में रत दो मित्रों को हुई भगवत प्राप्ति //कुरुक्षेत्र की घटना @RamSatsangAyodhya
มุมมอง 812หลายเดือนก่อน
अन्तकाले च मामेव स्मरन्मुक्त्वा कलेवरम् । यः प्रयाति स मद्भावं याति नास्त्यत्र संशयः ॥ अर्थ : जो जीव अन्तकालमें मुझको ही स्मरण करता हुआ शरीरको त्याग कर जाता है, वह मेरे साक्षात् स्वरूपको प्राप्त होता है - इसमें संशय नहीं है । बड़ा आसान सा तरीका बता दिया है भगवान ने। अंत समय जब आये तब मुझे याद करलो आप मुझको प्राप्त कर लोगे। इसलिए कुछ लोग सोचते हैं की हम अंत समय में ही भगवान को याद करेंगे। जबकि कि...
यदि अब भी सावधान नहीं हुए,तो बहुत पछताना पड़ेगा @RamSatsangAyodhya
มุมมอง 1Kหลายเดือนก่อน
यदि अब भी सावधान नहीं हुए,तो बहुत पछताना पड़ेगा @RamSatsangAyodhya
सनमुख होइ जीव मोहि जबहीं, कोटि जनम अघ नासहिं तबहीं @RamSatsangAyodhya
มุมมอง 808หลายเดือนก่อน
सनमु होइ जीव मोहि जबहीं, कोटि जनम अघ नासहिं तबहीं @RamSatsangAyodhya
जितना जल्दी हो सके,भजन करके अपना काम बना लेना चाहिए। @RamSatsangAyodhya
มุมมอง 1.2Kหลายเดือนก่อน
जितना जल्दी हो सके,भजन करके अपना काम बना लेना चाहिए। @RamSatsangAyodhya
रामचरितमानस में रामजी का गुप्त भक्त लंकापति रावण @RamSatsangAyodhya
มุมมอง 1.1Kหลายเดือนก่อน
रामचरितमानस में रामजी का गुप्त भक्त लंकापति रावण @RamSatsangAyodhya
हमारी अपनी भक्ति की सच्चाई। हम भक्त कहलाने के योग्य भी हैं या नहीं?? @RamSatsangAyodhya
มุมมอง 1.4Kหลายเดือนก่อน
हमारी अपनी भक्ति की सच्चाई। हम भक्त कहलाने के योग्य भी हैं या नहीं?? @RamSatsangAyodhya
रामजी और बाली का संवाद // बाली ने अंगद को किष्किंधा का राजा क्यों नहीं बनाया @RamSatsangAyodhya
มุมมอง 714หลายเดือนก่อน
रामजी और बाली का संवाद // बाली ने अंगद को किष्किंधा का राजा क्यों नहीं बनाया @RamSatsangAyodhya
आओ सारा प्रपंच छोड़कर हमारे रामजी के पास चलें @RamSatsangAyodhya
มุมมอง 862หลายเดือนก่อน
आओ सारा प्रपंच छोड़कर हमारे रामजी के पास चलें @RamSatsangAyodhya
एक बार राम नाम बोलने की महिमा @RamSatsangAyodhya
มุมมอง 8522 หลายเดือนก่อน
एक बार राम नाम बोलने की महिमा @RamSatsangAyodhya
श्री हनुमानजी की अनन्य शरणागति का रामचरितमानस से संक्षिप्त वर्णन @RamSatsangAyodhya
มุมมอง 9792 หลายเดือนก่อน
श्री हनुमानजी की अनन्य शरणागति का रामचरितमानस से संक्षिप्त वर्णन @RamSatsangAyodhya
जब तक राम नाम नहीं लोगे,तुम मनुष्य नहीं,पशु ही रहोगे @RamSatsangAyodhya
มุมมอง 1.3K2 หลายเดือนก่อน
जब तक राम नाम नहीं लोगे,तुम मनुष्य नहीं,पशु ही रहोगे @RamSatsangAyodhya
संख्या में नाम जप की तीन विधियां @RamSatsangAyodhya
มุมมอง 1.3K2 หลายเดือนก่อน
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मुझे राम नाम को छोड़कर किसी अन्य साधन का भरोसा ही नहीं है। @RamSatsangAyodhya
มุมมอง 1.6K2 หลายเดือนก่อน
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भूखे मर जाना,लेकिन तुम नाम को बेचना नहीं। @RamSatsangAyodhya
มุมมอง 1.5K2 หลายเดือนก่อน
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एक बार ऐसा भी हुआ,जब विभीषण जी द्वारा हत्या का प्रायश्चित रामजी को करना पड़ा @RamSatsangAyodhya
มุมมอง 4382 หลายเดือนก่อน
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काल दिन प्रतिदिन आपको निगल रहा है और आपको पता भी नहीं। @RamSatsangAyodhya
มุมมอง 6552 หลายเดือนก่อน
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सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम 🙏💐
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Jai shri sitaram Maharaj ji 🙏🙏🙇♀️🙇♀️🙇♀️🙇♀️🙇♀️jai jai shri sitaram parabhu ji 🙏🙏🙏🙇♀️🙇♀️🙇♀️🙇♀️🙇♀️🙇♀️
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Maharaj g 22.jan ko bhi deewali hogi n ram mamdir ko ek saal poora ho jaayega
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Mirabai ne vale hi Ramanand sampraday me diksha lia parantu unone Shri Krishna ko hi prapti kia.Or antim satya kebal Shri Krishna hay.Ak Krishna nam=3Ram nam.Shri Krishna Gita me bhi bola tha may hi Ram hu or kai bar bola tha may hi treta ka Ram hu.or treta me Mata Shita ne Shri Krishna ka puja kia tha.or refarance dena bhi thik se nahi ati.Krisha upanisad ka praman bhi to bol nahi paya.or mul bat a hay partatva kebal Shri Krishna ji hi hay
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