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गीत गाछ
เข้าร่วมเมื่อ 5 พ.ค. 2023
प्यारे दर्शकों,
पिछले एक दशक से ऐसा प्रतीत होता है जैसे शास्त्रीय संगीत तथा लोकगीतों की हमारी लंबी परंपरा हमसे छूटती जा रही है और हम अपने मूल से अलग होते जा रहे हैं। समय के साथ परिवर्तन तो आवश्यक होता है मित्रों,लेकिन परिवर्तन ऐसा होना चाहिए जिसमें हमारे परंपरा की अमूल्य चीजें ना छूट जाए इन्ही से विश्व में हमारी पहचान और पृथकता उजागर होती है। इसी आशा के साथ मैंने इस चैनल का निर्माण किया है ताकि बहुतायत में शास्त्रीय संगीत तथा लोकगीतों पर पुनः चर्चा आरंभ हो और चैनल के माध्यम से मैं आप तक सबसे सुंदर और पुराने से पुराना लोकगीत-संगीत आप तक पहुंचा सकूं। आशा है आपको मेरा यह प्रयास अच्छा लगेगा। यदि अच्छा लगे तो लाइक और सब्सक्राइब करके हौसला जरूर बढ़ाएं।
सादर
संगीता सिंह
पिछले एक दशक से ऐसा प्रतीत होता है जैसे शास्त्रीय संगीत तथा लोकगीतों की हमारी लंबी परंपरा हमसे छूटती जा रही है और हम अपने मूल से अलग होते जा रहे हैं। समय के साथ परिवर्तन तो आवश्यक होता है मित्रों,लेकिन परिवर्तन ऐसा होना चाहिए जिसमें हमारे परंपरा की अमूल्य चीजें ना छूट जाए इन्ही से विश्व में हमारी पहचान और पृथकता उजागर होती है। इसी आशा के साथ मैंने इस चैनल का निर्माण किया है ताकि बहुतायत में शास्त्रीय संगीत तथा लोकगीतों पर पुनः चर्चा आरंभ हो और चैनल के माध्यम से मैं आप तक सबसे सुंदर और पुराने से पुराना लोकगीत-संगीत आप तक पहुंचा सकूं। आशा है आपको मेरा यह प्रयास अच्छा लगेगा। यदि अच्छा लगे तो लाइक और सब्सक्राइब करके हौसला जरूर बढ़ाएं।
सादर
संगीता सिंह
प्रथम मास आषाढ़ बरीसे गहरे घटा घनघोर हे । बारहमासा । लोकगीत । स्वर : कुंदन कुमार । आकाशवाणी पटना ।
@geetgachh
@ShardaSinhaOfficial
@bhojpurilokgeet_Wave
@ChandanTiwari
@AakharBhojpuri
@BhojpuriLokgeetSong
@bhikharithakurmkoficial6303
@TheBidesiaProject
विशेष आभार : आकाशवाणी पटना
प्रथम मास आषाढ़ बरीसे गहरे घटा घनघोर हे शीर्षक का यह बारहमासा शैली में गाया गया लोकगीत है जिसको स्वर कुंदन कुमार ने।
बारहमासा (पंजाबी में बारहमाहा) मूलतः विरह प्रधान लोकसंगीत है। वह पद्य या गीत जिसमें बारह महीनों की प्राकृतिक विशेषताओं का वर्णन किसी विरही या विरहनी के मुँह से कराया गया हो। मलिक मुहम्मद जायसी द्वारा रचित पद्मावत में वर्णित बारहमासा हिन्दी का सम्भवतः प्रथम बारहमासा है (Note-बीसलदेव रासो वह रचना है जिसमें बारहमासा का सर्वप्रथम वर्णन मिलता है )।
वर्ष भर के बारह मास में नायक-नायिका की शृंगारिक विरह एवं मिलन की क्रियाओं के चित्रण को बारहमासा नाम से सम्बोधित किया जाता है। श्रावण मास में हरे-भरे वातावरण में नायक-नायिका के काम-भावों को वर्षा के भींगते हुए रुपों में, ग्रीष्म के वैशाख एवं जयेष्ठ मास की गर्मी में पंखों से नायिका को हवा करते हुए नायक-नायिकाओं के स्वरुप आदि उल्लेखनीय है।
जब किसी स्त्री का पति परदेश चला जाता है और वह दुखी मन से अपने सखी को बारह महीने की चर्चा करती हुई कहती है कि पति के बिना हर मौसम व्यर्थ है। इस गीत में वह अपनी दशा को हर महीने की विशेषता के साथ पिरोकर रखती है।
ऐतिहासिक दृष्टि से बारहमासा, संस्कृत साहित्य का षडऋतु वर्णन की राह का काव्य है। कालिदास का ऋतुसंहार षडऋतुवर्णन ही है।
गीत का आनंद ले,यदि आप भी साहित्य के सच्चे प्रेमी हैं तो फिर हमारे इस चैनल को सब्सक्राइब ज़रूर कर लें क्योंकि हम साहित्य से संबंधित गुणवत्तापूर्ण विडियोज बनाने के लिए कटिबद्ध हैं।
#barahmasi
#lokgeet
#lokgeetonkisugandh
#bhojpurilokgeet
#maithililokgeet
#parampariklokgeet
#bhojpurilokgeet2m
#magahilokgeet
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विशेष आभार : आकाशवाणी पटना
प्रथम मास आषाढ़ बरीसे गहरे घटा घनघोर हे शीर्षक का यह बारहमासा शैली में गाया गया लोकगीत है जिसको स्वर कुंदन कुमार ने।
बारहमासा (पंजाबी में बारहमाहा) मूलतः विरह प्रधान लोकसंगीत है। वह पद्य या गीत जिसमें बारह महीनों की प्राकृतिक विशेषताओं का वर्णन किसी विरही या विरहनी के मुँह से कराया गया हो। मलिक मुहम्मद जायसी द्वारा रचित पद्मावत में वर्णित बारहमासा हिन्दी का सम्भवतः प्रथम बारहमासा है (Note-बीसलदेव रासो वह रचना है जिसमें बारहमासा का सर्वप्रथम वर्णन मिलता है )।
वर्ष भर के बारह मास में नायक-नायिका की शृंगारिक विरह एवं मिलन की क्रियाओं के चित्रण को बारहमासा नाम से सम्बोधित किया जाता है। श्रावण मास में हरे-भरे वातावरण में नायक-नायिका के काम-भावों को वर्षा के भींगते हुए रुपों में, ग्रीष्म के वैशाख एवं जयेष्ठ मास की गर्मी में पंखों से नायिका को हवा करते हुए नायक-नायिकाओं के स्वरुप आदि उल्लेखनीय है।
जब किसी स्त्री का पति परदेश चला जाता है और वह दुखी मन से अपने सखी को बारह महीने की चर्चा करती हुई कहती है कि पति के बिना हर मौसम व्यर्थ है। इस गीत में वह अपनी दशा को हर महीने की विशेषता के साथ पिरोकर रखती है।
ऐतिहासिक दृष्टि से बारहमासा, संस्कृत साहित्य का षडऋतु वर्णन की राह का काव्य है। कालिदास का ऋतुसंहार षडऋतुवर्णन ही है।
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วีดีโอ
A Collection of Bhikhari Thakur's Natak Bidesiya and Others.
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Administrative Source Indira Gandhi National Centre for the Arts, Delhi ( IGNCA ) Identifier 766-767 B Title A Collection of Mr. Rajanʼs Films and Natakas: 1. Bhikhari Thakur, 2. Bidesia, 3. Gabar Ghee Chor, 4. Beti Bechawa (Vol. II) Alternative IGNCA-766_767_B-VHS Medium Video Home System ExtentOriginal 01:41:33 Spatial IGNCA, New Delhi Temporal Documentary Films Relation 2 of 2 Rights IGNCA D...
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Ustad Bismillah Khan ~ A Documentary By Film Division of India Without Bismillah Khan, we wouldn’t have realized the true potential of a humble wind instrument known as Shehnai. Such was his impact in popularizing Shehnai, a subcontinental instrument belonging to the oboe class. What was regarded as a mere folk instrument went on to be recognized as a classical instrument. What more, it not onl...
Rare Jhoomar[Maithili,Magahi, Bhojpuri]By Bindhyabasini Devi. झूमर लोकगीत ~ बिंध्याबासिनी देवी
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Rare Jhoomar(Maithili,Magahi, Bhojpuri)By Bindhyabasini Devi. झूमर लोकगीत ~ बिंध्याबासिनी देवी पद्मश्री बिंध्याबासिनी देवी लोकगीत गायन के क्षेत्र में एक युग का नाम है। वो लोकगीतों की मानव इनसाइक्लोपीडिया थीं। लोकगीतों का इतना अनेकांगी और बहुविध ज्ञान शायद हीं किसी और गायिका के पास हो।सुश्री शारदा सिन्हा जी से पूर्व लोकगीत गायन को अपने शीर्ष पर पहुंचाने का श्रेय उन्हें हीं जाता है।वो आकाशवाणी पट...
शिव हो उतरब पार कवन विधि।शारदा सिन्हा Shiv Ho Utarab Paar Kavan Vidhi Nachari Vidyapati Sharda Sinha
มุมมอง 14Kปีที่แล้ว
शिव हो उतरब पार कवन विधि। विद्यापति गीत। नचारी। विदुषी शारदा सिन्हा।Nachari Vidyapati Sharda Sinha शिव हो उतरब पार कवन विधि। शारदा सिन्हाShiv Ho Utarab Paar Kavan Vidhi Nachari Vidyapati Sharda Sinha शारदा सिन्हा जी ने मैथिली, मगही, भोजपुरी के अलावे हिंदी गीत गाये हैं। मैंने प्यार किया, हम आपके हैं कौन तथा गैंग्स ऑफ वासेपुर जैसी फिल्मों में इनके द्वारा गाये गीत काफी प्रचलित हुए हैं। इनके गाये ग...
सेहोदलपुर से मलियवा जे आयल। लोकगीत।पद्मश्री बिंध्यबासिनी देवी।Folk Song Padmshri Bindhyabasini Devi
มุมมอง 11Kปีที่แล้ว
पद्मश्री बिंध्याबासिनी देवी लोकगीत गायन के क्षेत्र में एक युग का नाम है। वो लोकगीतों की ग्रंथाकार थीं। लोकगीतों का इतना अनेकांगी और बहुविध ज्ञान शायद हीं किसी और गायिका के पास हो। उन्होंने स्वयं कई गीत लिखें थें। मैथिली की सुप्रसिद्ध प्रथम फिल्म "कन्यादान" में उन्होंने संगीत निर्देशन किया था।सुश्री शारदा सिन्हा जी से पूर्व लोकगीत गायन को अपने शीर्ष पर पहुंचाने का श्रेय उन्हें हीं जाता है।वो आका...
एके तलौआ में हंस चुगे।विवाह लोकगीत।पद्मश्री बिंध्याबासिनी देवी।Folk Song Padmshri Bindhyabasini Devi
มุมมอง 15Kปีที่แล้ว
पद्मश्री बिंध्याबासिनी देवी लोकगीत गायन के क्षेत्र में एक युग का नाम है। वो लोकगीतों की मानव इनसाइक्लोपीडिया थीं। लोकगीतों का इतना अनेकांगी और बहुविध ज्ञान शायद हीं किसी और गायिका के पास हो।सुश्री शारदा सिन्हा जी से पूर्व लोकगीत गायन को अपने शीर्ष पर पहुंचाने का श्रेय उन्हें हीं जाता है।वो आकाशवाणी पटना में ए ग्रेड की आर्टिस्ट रह चुकीं हैं।एक लोकगीत गायिका से इतर वो एक साहित्य सर्जक भी रहीं हैं...
राधिका चललिन जलवा भरन को।लोकगीत।झूमर।गीत गाछ।Radhika Chalalin Jalawa Bharan Ko.Jhoomar.GeetGachh.
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इस भोजपुरी लोकगीत को मेरी दादी भी गाती हैं।
❤❤❤❤❤
इस वीडियो पर इतना सारा प्यार और समर्थन देने के लिए आप सभी दर्शकों का बहुत धन्यवाद। आपके इस अपार उपस्थिति से अपनी संस्कृति और सभ्यता,लोकगीतों और परंपराओं के प्रति आपका अगाध प्रेम दिखता है। हम सभी विंध्यवासिनी देवी जी के प्रशंसक हैं। उनका साक्षात्कार प्रसार भारती से दो अंकों में प्रसारित किया गया है। दोनों के लिंक यहां साझा कर रहा हूं प्रथम अंक: th-cam.com/video/_w4GyCg4UMg/w-d-xo.htmlsi=2M8Rmyz0p6Snsco4 द्वितीय अंक: th-cam.com/video/g9zahEqnu3E/w-d-xo.htmlsi=cB7HbIJHithYv6-P
सादर नमन
Charno mein sadar Pranam.
adbhut
2025❤
Please tell me the names of all songs, I am non speaker of these langauges so it was tough for me to catch words. Please write words, these are nice songs
❤❤❤❤❤
Ye dhun toh uga ho suruj dev wali lag rhi h , sayad❤
शुक्रिया❤ कई लोकगीत की धुन एक सी होती है।
Dadi ji You said a statement with that I do not agree with. "That Maithili is a Dialect " this is not Dialect This is a full Language with its own script ...Thank you Btw You sang nice ❤❤❤ I am Bhojpuri speaker ❤❤❤ I love Bhojpuri Maithili and Maghi !!! These are language not Dialect at all ❤❤
आपकी टिप्पणी के लिए धन्यवाद। शायद विंध्यवासिनी जी का मतलब मैथिली भाषा और छह प्रकारों से था।
💌
विंध्यवासिनी जी के चरणों में सादर प्रणाम करती हुं 🌹🙏🙏🌹🌹👍👌❤️♥️♥️💐🌺
हम 2025 में सुनाईछी. ठीक लगल,.
Kya baat hai bahut badhiya dadi ji❤❤❤❤
Veri nice bahut achcha❤❤❤
1999,me, aakashwani, patana,se, sunne, ko, milta, tha, ati, sundar,
Aati sundar
वर्ष २००१ मे जखन हम पटना पुनाईचक बीएसईबी डीएवी पब्लिक स्कूलमे कार्यरत रही तखन राज्य के धरोहर प्रख्यात लोक गायिका पद्मश्री विंध्यवासिनी देवी जी के दर्शन भेल छल। सादर नमन।।
अपनेक एहन महत्वपूर्ण टिप्पणी के लेल अनेक धन्यवाद।
Man prasann ho gaya. Aap gatee rahen hamare liye yahi prarthana hai.
Old is gold
Old is gold
सादर प्रणाम हे मैथिली मनीषी
कितना सुंदर कितना मधुर. ये है असली भारत. जीजी के चरणों में प्रणाम 🙏.
कृपया तबला वादक का नाम बताएं , इनमें बहुत लोगों को मैं जानती हूं , अल्पना
बांसुरी वादन भी अति सुंदर😍💓
अति सुंदर😍💓 अद्भुत अद्वितीय 🙏🙏
अद्भुत स्वर, सादर नमन!🙏
Instrument is louder than geet . But still खूब नीक ❤
Bahut sundar
Mitti Ki Shugandh
Vah vah mata ji
खूबसूरत ❤❤❤
Roots into our heart...🙏🪔 Lok geeton se hi Sanskriti chalti hai
🙏
🙏🙏🥰 मेरा सौभाग्य है मै बिहारी हूं
Bihar ki dharohar ❤❤
हमें अपने संस्कृति पे गर्व है ।। ❤️😍 जय बिहार है जय भारत ।।❤
ढोलक पर शायद जीवानन्द जी हैं।
विंध्यवासिनी देवी भोजपुरी और मैथिली गीतों की पुरखा अभिभावक हैं। अस्सी के दशक में जिस दिन पटना आकाशवाणी से विंध्यवासिनी जी का गीत आना होता था उस दिन रेडियो बाबा घर में छोड़ देते थे। बाकी दिनों दालान पर रहता था।🙏
I am from mithila region living in Kerala currently
सादर नमन 🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼
मिथिला ❤❤❤
Sound problem!
कैमरामैन की हरकतें😂
🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Mithila Ki sada Jay ho
Bhinar.ke.dharonar..hai,,🙏
पूर्ण बिहार धन्य है , शाश्वत नमन